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अन्ना पर कीचड़ उछालने वालों की फाइल होगी सार्वजनिक

अन्ना हजारे पर कीचड़ उछालने के मामले में वित्त मंत्रालय की पूरी फाइल अब जनता के सामने आ सकेगी। मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी के आदेश पर ही सरकारी वेबसाइट ने अन्ना हजारे को पागल बताया था। केंद्रीय सूचना आयोग ने अपने फैसले में कहा है कि इस मामले में अफसरों के आदेश सहित पूरी फाइल सार्वजनिक की जाए।


केंद्र सरकार की वेबसाइट पर अन्ना हजारे को पागल बताने वाली चिट्ठी लगाई गई है। यह चिट्ठी लोकपाल पर सरकार को मिली 15 हजार चिट्ठियों में से खास तौर पर चुन कर लगाई गई थी। लोकपाल कानून को लेकर बनी केंद्र सरकार की बहुचर्चित वेबसाइट यूं तो कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के जिम्मे थी। मगर इस पत्र को वेबसाइट पर लगाने का आदेश वित्त मंत्रालय के तब के शीर्ष अधिकारी ने जारी किया था।


विभाग ने यह तो माना कि यह आदेश वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी का ही था, मगर उनके आदेश की प्रति उपलब्ध नहीं करवाई।


अब केंद्रीय सूचना आयोग के प्रमुख सत्येंद्र मिश्र ने अपने आदेश में विभाग को अधिकारियों की ओर से जारी आदेशों और टिप्पणियों (नोटिंग) सहित पूरी फाइल उपलब्ध करवाने को कहा है।


अग्रवाल ने सूचना के अधिकार के तहत यह भी पूछा था कि जब यह वेबसाइट डीओपीटी चलाता है तो इस पूरे मामले में वित्त मंत्रालय ने कैसे दखलंदाजी की और कैसे आदेश जारी किए, लेकिन इस बारे में डीओपीटी ने कोई जानकारी नहीं दी है। लोकपाल पर टीम अन्ना के साथ बनाई गई सरकार की साझा मसौदा समिति के दौरान लोगों से सरकार ने सुझाव मागे थे।


इसके जवाब में 15 हजार से ज्यादा पत्र मिले थे, लेकिन देश भर से मिले इन सुझावों को अमल में लाना तो दूर, अब तक उन्हें पढ़ा तक नहीं गया है। अलबत्ता किसी सिरफिरे की ओर से भेजे गए अनर्गल पत्र को जरूर वेबसाइट पर डाल दिया।
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