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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

केजरीवाल पर हमले के लिए कांग्रेस ने छोड़ा 'सीडी बम'


लखनऊ. अरविंद केजरीवाल की फर्रुखाबाद की रैली  से ठीक पहले एक सीडी हंगामा मचा दिया है। इसमें इंडिया अंगेस्ट करप्शन के कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह और विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद की बातचीत की रिकार्डिंग का कांग्रेसियों ने दावा किया है। 

लक्षमण सिंह के नाम पर आईएसी ने जनसभा के लिए मैदान बुक कराया है। लुईस डा.जाकिर हुसैन मेमोरिल ट्रस्ट की प्रमोटर हैं। ट्रस्ट पर 17 जिलों में विकलांगों को उपकरण देने में गड़बड़ियों का आरोप है। आईएसी ने सीडी को फर्जी करार दिया है। लक्ष्मण सिंह का कहना है कि सभा के बाद मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

दावा किया जा रहा है इस सीडी में साफ़ तौर से लक्ष्मण सिंह को लुईस खुर्शीद से बात करते हुए सुना जा सकता है। जिस मे लुईस खुर्शीद लक्ष्मण सिंह से पूछती हैं कि वह दोनों एक ही शहर के है फिर विरोध का क्या मतलब है। इस पर लक्ष्मण सिंह कहते है कि वह अपने जिला अध्यक्ष को हटा कर उन्हे नया जिला अध्यक्ष बना दें, तो वह विरोध बंद कर देंगे। यह सीडी लक्ष्मण और लुईस खुर्शीद की फ़ोन पर हुई बात को रिकॉर्ड करके बनाई गई है। 

यह सीडी कितनी सही है कितनी गलत अभी इस की जांच बाकी है, लेकिन सभा से ठीक पहले आई इस सीडी ने ख़ासा हंगामा शुरू कर दिया है। हालांकि इस तरह के हंगामे की उम्मीद पहले से ही जताई जा रही थी। आज दिन मे 12 बजे अरविन्द केजरीवाल फर्रुखाबाद मे एक जनसभा को संबोधित करेंगे। 

खुर्शीद के गढ में केजरीवाल का हल्लाबोल आज

फर्रुखाबाद : केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले अरविंद केजरीवाल आज खुर्शीद के संसदीय क्षेत्र फर्रुखाबाद के लिए कूच कर चुके हैं। केजरीवाल ने सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी पर अपने एनजीओ के जरिये विकलांगों के लिए मिलने वाले सरकारी पैसे के गबन का आरोप लगाया है।


पक्ष-विपक्ष की धमकियों के बीच सरकार ने इस रैली में लाठी−डंडे और हथियार लाने पर रोक लगा दी है। केजरीवाल को 11 शर्तों के साथ रैली की इजाजत दी गई है। साथ ही यहां सुरक्षा के जबर्दस्त इंतजाम किए गए हैं।

ऐसा लग रहा है कि फर्रुखाबाद जंग का मैदान बन चुका है और यहां मामला भ्रष्टाचार से बढ़कर अब इज्जत के सवाल में तब्दील हो चुका है। सलमान खुर्शीद ने कुछ दिन पहले केजरीवाल को धमकी दी थी कि वह फर्रूखाबाद आएं, लेकिन यहां से लौटकर दिखाएं।


इसके बाद भारतीय किसान यूनियन केजरीवाल के समर्थन में उतर आई है और उसके लठैत केजरीवाल की सुरक्षा के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। यह सलमान खुर्शीद का पुश्तैनी इलाक़ा है और वहां पर आने वाले 'मेहमान' को पता चल जाए कि वे किसके घर आए हैं, इसलिए खुर्शीद के समर्थक अपने सलमान भाई के मुखौटे चेहरों पर लगाएंगे। साथ ही केजरीवाल की तर्ज पर सलमान खुर्शीद के नाम की टोपियां भी पहनेंगे।

केजरीवाल को पैसे का नहीं, सत्ता का लालच हो सकता है : अन्ना



नई दिल्ली: अन्ना हजारे को अपने सहयोगी अरविंद केजरीवाल के बारे में लगता है कि उनमें सत्ता का स्वार्थ हो सकता है। केजरीवाल पर सत्ता के लालच का आरोप सभी पार्टियां लगा चुकीं है लेकिन इस बार यह आरोप अन्ना हजारे ने लगाया है। 

अन्ना ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि केजरीवाल को पैसे का नहीं, लेकिन सत्ता का स्वार्थ जरूर हो सकता है। अन्ना की बातों से ऐसा लग रहा था कि वह कहना चाहते हों कि केजरीवाल अब पहले जैसे नहीं रहे वह बदल गये हैं। 


गौरतलब है कि अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल ने मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम शुरू की थी लेकिन, केजरीवाल ने अन्ना से अलग राजनीति पार्टी बनाने का निर्णय कर लिया था। जिसके बाद दोनो के रिश्तों में खट्टास आ गई।

देश को मुकेश अंबानी चला रहे हैं, मनमोहन नहीं: केजरीवाल



सामाजिक कार्यकर्ता से नेता बने आईएसी के सदस्य अरविंद केजरीवाल बुधवार को जब प्रेस के सामने आए तो पत्रकारों को किसी राजनेता के बारे में खुलासे की उम्मीद थी। लेकिन केजरीवाल ने एक बार फिर चौंकाया और निशाने पर लिया देश के सबसे बड़े बिजनेसमैन मुकेश अंबानी को। केजरीवाल ने अंबानी की कंपनी रिलायंस को मिले केजी बेसिन के ठेके और उसमें हुई कथित गड़बड़ियों का मामला उठाया और सरकार के कंपनी के सामने नतमस्तक होने का आरोप मढ़ा।

संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल और प्रशांत भूषण ने सबसे पहले नीरा राडिया टेप के कुछ हिस्से सुनाए। इसमें राडिया और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दामाद रंजन भट्टाचार्य के बीच बातचीत थी। टेप में रंजन भट्टाचार्य कहते सुने गए कि कांग्रेस तो अपनी दुकान है।

इससे बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रिलायंस को एनडीए सरकार ने केजी बेसिन का ठेका दिया था ताकि वह गैस निकालकर देश की जरूरतें पूरी कर सके। ये गैस रिलायंस को साल 2017 तक सवा दो डॉलर प्रति यूनिट बेचनी थी लेकिन 2006 में ही इसके लिए कंपनी ने सवा चार डॉलर प्रति यूनिट मांगे। तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर इसके लिए राजी नहीं थे इसलिए हटा दिए गए और रिलायंस के आदमी माने जाने वाले मुरली देवड़ा को ये मंत्रालय मिला।

इसके बाद वर्ष 2007 में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह ने रिलायंस के दबाव के आगे झुकते हुए 2014 तक 4.25 डॉलर प्रति युनिट के हिसाब से अनुमति दे दी। आज रिलायंस सरकार से इसके लिए सवा 14 डॉलर प्रति यूनिट मांग रही है। रिलायंस की इसी मांग का विरोध करने के चलते पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी को हटाकर वीरप्पा मोइली को मंत्री बनाया गया है।

केजरीवाल ने कहा कि अगर मोइली ने रिलायंस की सवा 14 डॉलर प्रति यूनिट गैस की मांग मान ली तो इस देश में बिजली सात रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से मिलेगी। देश को करीब 43 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। अगर जनता को ये मंजूर है तो ठीक है लेकिन अगर नहीं है तो वो इसके खिलाफ खड़ी हो ताकि सरकार मजबूर होकर रिलायंस की मांग ठुकरा दे।

केजरीवाल ने कहा कि केजी बेसिन का ठेका रिलायंस को मिला लेकिन रिलायंस ने जुलाई 2011 में इसका एक हिस्सा ब्रिटिश पेट्रोलियम को 35 हजार करोड़ रुपये में बेच दिया। लेकिन किसी ने सवाल नहीं उठाए और सरकार देखती रही। रिलायंस गैस की जमाखोरी कर रही है ताकि जब सरकार दाम बढ़ा दे तब वो उसे बेचे और फायदा कमाए।

रिलायंस को सरकार को 8 हजार करोड़ यूनिट गैस देनी थी लेकिन उसने दी महज 2 हजार करोड़ यूनिट। रिलायंस ने गैस प्रोडक्शन जानबूझकर घटा दी। उसने 2009 से गैस का उत्पादन तय सीमा से एक तिहाई कर दिया। केजरीवाल ने कहा कि इसकी वजह से गैस आधारित बिजली घरों को बंद करना पड़ा।

केजरीवाल ने कहा कि जब जयपाल रेड्डी ने रिलायंस की कारगुजारियों के खिलाफ आवाज उठाई और 7000 करोड़ रुपये के जुर्माने का नोटिस भेजा तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। मुकेश अंबानी के दबाव में रेड्डी को मंत्रालय से हटा दिया गया।

ऐसे थे लौह पुरुष 'सरदार वल्लभभाई पटेल

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सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता के अदभुत शिल्पी थे जिनके ह्रदय में भारत बसता था। वास्तव में वे भारतीय जनमानस अर्थात किसान की आत्मा थे। स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी एवं स्वतन्त्र भारत के प्रथम गृहमंत्री सरदार पटेल बर्फ से ढंके एक ज्वालामुखी थे। वे नवीन भारत के निर्माता थे। उन्हे भारत का ‘लौह पुरूष‘ भी कहा जाता है।

स्वतन्त्रता आन्दोलन में सरदार पटेल का सबसे पहला और बडा योगदान ‘खेडा संघर्ष’ में हुआ। गुजरात का खेडा खण्ड(डिविजन) उन दिनो भयंकर सूखे की चपेट में था। किसानों ने अंग्रेज सरकार से भारी कर में छूट की मांग की। जब यह स्वीकार नहीं किया गया तो सरदार पटेल ने किसानों का नेतृत्व किया और उन्हे कर न देने के लिये प्रेरित किया। अन्त में सरकार झुकी और उस वर्ष करों में राहत दी गयी। यह सरदार पटेल की पहली सफलता थी।

देशी रीयासतों को भारत में मिलाने का साहसिक कार्य सरदार पटेल के प्रयासों से ही संभव हो सका। जब पन्द्रह अगस्त उन्नीस सौ सैंतालीस को भारत परतन्त्रता की बेड़ियों से आजाद हुआ तो उस समय लगभग 562 देशी रियासतें थीं, जिन पर ब्रिटिश सरकार का हुकूमत नहीं था। उनमें से जूनागढ़, हैदराबाद और कश्मीर को छोडक़र अधिकतर रियासतों ने स्वेज्छा से भारत में अपने विलय की स्वीकृति दे दी। जूनागढ़ का नवाब जूनागढ़ का विलय पाकिस्तान में चाहता था। 

नवाब के इस निर्णय के कारण जूनागढ़ में जन विद्रोह हो गया जिसके परिणाम स्वरूप नवाब को पाकिस्तान भाग जाना पड़ा और जूनागढ़ पर भारत का अधिकार हो गया। हैदराबाद का निजाम हैदराबाद स्टेट को एक स्वतन्त्र देश का रूप देना चाहता था इसलिए उसने भारत में हैदराबाद के विलय कि स्वीकृति नहीं दी। यद्यपि भारत को 15 अगस्त 1947 के दिन स्वतन्त्रता मिल चुकी थी किन्तु 18 सितम्बर 1948 तक, हैदराबाद भारत से अलग ही रहा। इस पर तत्कालीन गृह मन्त्री सरदार पटेल ने हैदराबाद के नवाब की हेकड़ी दूर करने के लिए 13 सितम्बर 1948 को सैन्य कार्यवाही आरम्भ की जिसका नाम ‘ऑपरेशन पोलो’ रखा गया था। भारत की सेना के समक्ष निजाम की सेना टिक नहीं सकी और उन्होंने 18 सितम्बर 1948 को समर्पण कर दिया। हैदराबाद के निजाम को विवश होकर भारतीय संघ में शामिल होना पड़ा।

नि:संदेह सरदार पटेल द्वारा यह 562 रियासतों का एकीकरण विश्व इतिहास का एक आश्चर्य था क्योंकि भारत की यह रक्तहीन क्रांति थी।  गाँधी जी ने सरदार पटेल को इन रियासतों के बारे में लिखा था, “रियासतों की समस्या इतनी जटिल थी जिसे केवल तुम ही हल कर सकते थे।” ये कहना अतिश्योक्ती न होगी कि यदि काश्मीर का निर्णय नेहरू जी के बजाय पटेल के हाथ मे होता तो आज भारत में काश्मीर समस्या जैसी कोई समस्या नहीं होती।

भारतीय नागरिक सेवाओं (आई.सी.एस.) का भारतीयकरण कर इसे भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आई.ए.एस.) में परिवर्तित करना सरदार पटेल के प्रयासो का ही परिणाम है। यदि सरदार पटेल को कुछ समय और मिलता तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। उनके मन में किसानो एवं मजदूरों के लिये असीम श्रद्धा थी। वल्लभभाई पटेल ने किसानों एवं मजदूरों की कठिनाइयों पर अन्तर्वेदना प्रकट करते हुए कहा:-

 “दुनिया का आधार किसान और मजदूर पर हैं। फिर भी सबसे ज्यादा जुल्म कोई सहता है, तो यह दोनों ही सहते हैं। क्योंकि ये दोनों बेजुबान होकर अत्याचार सहन करते हैं। मैं किसान हूँ, किसानों के दिल में घुस सकता हूँ, इसलिए उन्हें समझता हूँ कि उनके दुख का कारण यही है कि वे हताश हो गये हैं। और यह मानने लगे हैं कि इतनी बड़ी हुकूमत के विरुद्ध क्या हो सकता है ? सरकार के नाम पर एक चपरासी आकर उन्हें धमका जाता है, गालियाँ दे जाता है और बेगार करा लेता है।” 

किसानों की दयनीय स्थिति से वे कितने दुखी थे इसका वर्णन करते हुए पटेल ने कहा: 

“किसान डरकर दुख उठाए और जालिम की लातें खाये, इससे मुझे शर्म आती है और मैं सोचता हूँ कि किसानों को गरीब और कमजोर न रहने देकर सीधे खड़े करूँ और ऊँचा सिर करके चलने वाला बना दूँ। इतना करके मरूँगा तो अपना जीवन सफल समझूँगा”

कहते हैं कि यदि सरदार बल्लभ भाई पटेल ने जिद्द नहीं की होती तो ‘रणछोड़’ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति पद के लिए तैयार ही नहीं होते। जब सरदार वल्‍लभभाई पटेल अहमदाबाद म्‍युनिसिपेलिटी के अध्‍यक्ष थे तब उन्‍होंने बाल गंगाघर तिलक का बुत अहमदाबाद के विक्‍टोरिया गार्डन में विक्‍टोरिया के स्‍तूप के समान्‍तर लगवाया था। जिस पर गाँधी जी ने कहा था कि- “सरदार पटेल के आने के साथ ही अहमदाबाद म्‍युनिसिपेलिटी में एक नयी ताकत आयी है। मैं सरदार पटेल को तिलक का बुत स्‍थापित करने की हिम्‍मत बताने के लिये उन्हे अभिनन्‍दन देता हूं।”

भारत के राष्ट्रीय स्वतन्त्रता संग्राम में अक्षम शक्ति स्तम्भ थे। आत्म-त्याग, अनवरत सेवा तथा दूसरों को दिव्य-शक्ति की चेतना देने वाला उनका जीवन सदैव प्रकाश-स्तम्भ की अमर ज्योति रहेगा। सरदार पटेल मितभाषी, अनुशासनप्रिय और कर्मठ व्यक्ति थे। उनके व्यक्तित्व में विस्मार्क जैसी संगठन कुशलता, कौटिल्य जैसी राजनीतिक सत्ता तथा राष्ट्रीय एकता के प्रति अब्राहम लिंकन जैसी अटूट निष्ठा थी। अपने अदम्य उत्साह, असीम शक्ति एवं मानवीय समस्याओं के प्रति व्यवहारिक दृष्टिकोण से उन्होंने निर्भय होकर स्वतंत्र राष्ट्र की प्रारम्भिक कठिनाइयों का समाधान अद्भुत सफलता से किया। राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं योगदान के ही कारण आज विश्व के श्रेष्ठ राजनीतिज्ञों की श्रेणी में सरदार पटेल को भी याद किया जाता है। विश्व मानचित्र में उनका अमिट स्थान है।

सरदार पटेल मन, वचन तथा कर्म से एक सच्चे देशभक्त थे। वे वर्ण-भेद तथा वर्ग-भेद के कट्टर विरोघी थे। वे अन्तःकरण से निर्भीक थे। अपूर्व संगठन-शक्ति एवं शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता रखने वाले सरदार पटेल, आज भी युवा पीढी के लिये प्रेरणा स्रोत हैं। कर्म और संघर्ष को वे जीवन का ही एक रूप समझते थे।

भारत के देशभक्तों में एक अमूल्य रत्न सरदार पटेल को भारत सरकार ने सन 1999 में ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया आज सरदार वल्लभ भाई पटेल हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उन्हें हमेशा याद किया जाता रहेगा। आज सरदार वल्लभभाई पटेल की 137वीं जयंती है।

अंबानी पर आरोप लगाते वक्‍त केजरीवाल पर उछाला गया जूता


नई दिल्ली. भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर सवाल खड़े करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रेसवार्ता कर भारत की दिग्गज कार्पोरेट कंपनी रिलायंस पर सवाल खड़े किए। 

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अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में नीरा राडिया के टेप भी सुनवाए। उन्होंने नीरा राडिया और रिश्ते में पूर्व प्रधानमंत्री के दामाद रंजन भट्टाचार्य के बीच हुई बातचीत का टेप सुनवाया। इस टेप में नीरा राडिया और रंजन यह बात कर रहे हैं कि मंत्री वही बनेगा जिसे अंबानी परिवार चाहेगा। भट्टाचार्य ने कांग्रेस के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा- कांग्रेस तो अपनी ही दुकान है। 

हालांकि अरविंद केजरीवाल ने सिर्फ कांग्रेस पर ही निशाना नहीं साधा बल्कि भाजपा को भी रिलायंस के हाथों बिका हुआ बताया। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा सरकार के वक्त अनुचित फायदा पहुंचाकर रिलायंस को गैस ब्लॉक दिए गए। गौरतलब है कि साल 2000 में रिलायसं को केजी बेसिन का ठेका मिला था। 

रिलायंस पर आरोप लगाते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए रिलायंस ने गैस का उत्पादन कम कर दिया। रिलायंस ने सरकार को मजबूर करके अपनी पसंद के लोगों को मंत्री बनवाया ताकि देश में गैस के दाम बढ़ाए जा सके।'

अरविंद केजरीवाल ने अपने आरोपों में कहा- 

'साल 2006 में मणिशंकर अय्यर को मंत्रीपद से हटाकर मुरली देवड़ा को मंत्री बनाया गया था ताकि रिलायंस की गैस की कीमत को 2.34 डॉलर प्रति ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) से बढ़ाकर 4.2 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू किया जा सके। 

साल 2012 में पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी को भी मंत्रीपद से हटा दिया गया ताकि एक बार फिर रिलायंस की मांग के आगे झुका जा सके क्योंकि जयपाल रेड्डी रिलायंस की ब्लैकमेलिंग के आगे नहीं झुक रहे थे। रिलायंस ने गैस का उत्पादन कम करके सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश भी की थी। रिलायंस ने 14.2 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की मांग की थी जबकि जयपाल रेड्डी ने मना कर दिया था। 

यदि अब सरकार रिलायंस की इस मांग के आगे झुक गई और कीमतों को बढ़ाकर 14.2 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दिया गया तो देश में खाद की कीमतें बढ़ जाएंगी और कई गैस चलित पॉवर प्लांट बंद हो जाएंगे। इससे रिलायंस को 43 हजार करोड़ रुपये का फायदा होगा। 

केजरीवाल ने आगे कहा- रिलायंस को गैस के फील्ड इसलिए नहीं दिए गए थे ताकि वो इन पर अपना मालिकाना हक जमा लें। बल्कि इसलिए दिए गए थे ताकि देश की गैस की जरूरतें पूरी हो सकें लेकिन पिछले साल ही रिलायंस ने गैस फील्ड का 30 प्रतिशत ब्रिटिश पेट्रोलियम को बेचकर 35 हजार करोड़ का मुनाफा कमाया। 

अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि देश को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नहीं बल्कि मुकेश अंबानी चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार मुकेश अंबानी की जेब में है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मुरली देवड़ा ने करीब एक लाख करोड़ रुपये का अनुचित फायदा रिलायंस को पहुंचाया।

केजरीवाल की प्रेस कांफ्रेंस में हुआ हंगामा
अरविंद केजरीवाल की प्रेस कांफ्रेंस में एक बार फिर हंगामा हुआ। कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने केजरीवाल से कुछ व्यक्तिगत सवाल पूछे और हंगामा किया। केजरीवाल पर जूते भी उछाले गए। केजरीवाल समर्थकों ने इन लोगों के साथ मारपीट की और उन्हें प्रेस कांफ्रेंस से बाहर निकाल दिया। अरविंद केजरीवाल  ने हंगामे पर कहा- जब हम कांग्रेस, भाजपा और कार्पोरेट जगत के खिलाफ आवाज उठाएंगे तो ऐसे हंगामा करके हमें रोकने की कोशिश भी की जाएगी लेकिन हमारी आवाज नहीं दबेगी। हम तमाम अरवोधों के बावजूद भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते रहेंगे। 

केजरीवाल की प्रेस कांफ्रेंस में हंगामा करने वाले लोगों ने कहा कि वो भी भारत के आम आदमी है और ईमानदार प्रधानमंत्री पर सवाल उठाए जाने का विरोध कर रहे थे। हंगामा करने वाले लोग कांग्रेस से जुड़े बताए जा रहे हैं। 

रिलायंस ने नहीं दी कोई सफाई
अरविंद केजरीवाल के आरोपों पर अभी तक रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से कोई सफाई नहीं आई है। कंपनी फिलहाल इस बात पर विचार कर रही है कि केजरीवाल को जवाब किस तरह से दिया जाए। हो सकता है कंपनी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मामला भी दर्ज करवा दे।

आरोपों की साप्ताहिक मंडी लगा रही है आईएसीः भाजपा
रिलायंस पर लगाए गए अरविंद केजरीवाल के आरोपों पर प्रतिक्रिया देने से इंकार करते हुए भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने आरोपों की साप्ताहिक मंडी लगा रखी है जिस पर रोज-रोज प्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती। उनके आरोप प्रतिक्रिया देने लायक नहीं है। 

कांग्रेस-बीजेपी रिलायंस की मुट्ठी में : केजरीवाल



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सोशल ऐक्टिविस्ट से नेता बने अरविंद केजरीवाल आज उद्योगपति मुकेश अंबानी और बीजेपी-कांग्रेस के रिश्तों पर बड़ा खुलासा किया। केजरीवाल ने 'रिलायंस को मुकेश अंबानी की दुकान' बताते हुए दावा किया कि सरकार ने रिलायंस को 45 हजार करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया। केजरीवाल की दिल्ली के कंस्टिट्यूशन क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी है। क्या-क्या खुलासे कर रहे हैं केजरीवाल आइए आपको बताते हैं...

कांग्रेस-बीजेपी रिलायंस की मुट्ठी में
केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में नीरा राडिया और अटल बिहारी वाजपेयी के दामाद रंजन भट्टाचार्य की बातचीत के दो ऑडियो क्लिप सुनाए और दावा किया कि किस तरह कांग्रेस और बीजेपी रिलायंस की मुट्ठी में हैं। केजरीवाल ने कहा कि इस देश को मनमोहन सिंह नहीं मुकेश अंबानी चला रहे हैं।


रिलायंस ने करवाई जयपाल रेड्डी की छुट्टी
केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने रिलायंस को फायदा पहुंचाया। पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी ने जब रिलायंस का विरोध किया तो उनकी छुट्टी कर दी गई। उन्होंने कहा कि रिलायंस की दादागिरी से गैस आधारित कई प्लांट बंद हुए।

मुरली देवड़ा रिलायंस के आदमी
केजरीवाल के मुताबिक मुरली देवड़ा रिलायंस के आदमी हैं। केजरीवाल ने दावा किया कि मुरली देवड़ा ने रिलायंस को 1 लाख करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया।

केजरीवाल के मुताबिक रिलायंस ब्लैकमेलिंग के लिए गैस का कम उत्पादन करती है।

प्रणब मुखर्जी ने NTPC को रिलायंस की गैस सवा 14 डॉलर में खरीदने के लिए मजबूर किया।

रिलायंस सवा 14 डॉलर में गैस खरीदने के लिए सरकार को ब्लैकमेल कर रही है। ऐसा हुआ तो बिजली के रेट बढ़ जाएंगे। 

रिलायंस पर सख्ती की वजह से मणिशंकर अय्यर की कुर्सी भी गई 

रिलायंस की मनमानी से देश को 45 हजार करोड़ का नुकसान हुआ

यूपीए ही नहीं एनडीए सरकार ने भी रिलायंस को फायदा पहुंचाया

केजरीवाल की मांग
केजी बेसिन में रिलायंस का ठेका रद्द किया जाए
रिलायंस की सीएजी से जांच करवाई जाए

गौरतलब है कि केजरीवाल इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी को लेकर खुलासे कर चुके हैं। केजरीवाल ने सावधानी बरतते हुए अपने इस खुलासे पर आखिरी समय तक सस्पेंस बनाए रखा। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले अभी तक महाराष्ट्र सिंचाई घोटाला, रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ डील, केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं।


भ्रष्टाचार पर आज नया 'खुलासा' करेंगे केजरीवाल


सोशल ऐक्टिविस्ट से राजनेता बने अरविंद केजरीवाल आज फिर करप्शन को लेकर नया खुलासा करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि यह खुलासा काफी बड़ा हो सकता है। बुधवार को केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'आज के खुलासे के लिए तैयार रहिए। यह काफी बड़ा हो सकता है।' 


रॉबर्ट वाड्रा और नितिन गडकरी के बाद अरविंद केजरीवाल का यह तीसरा खुलासा होगा। ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियों और उनके नेताओं की सांसें थम गई हैं, कि इस बार किसका नंबर आएगा। करप्शन के नए केस का खुलासा आज शाम 4 बजे कंस्टिट्यूशन क्लब में किया जाएगा। इस बार सावधानी बरतते हुए केजरीवाल ने यह नहीं बताया है कि उनके निशाने पर कौन होगा।

जब भी अरविंद केजरीवाल इस तरह का कोई खुलासा करते हैं, देश की राजनीति में भूचाल सा आ जाता है। ऐसे में इस बार भी सभी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं की सांसें थमी हुई हैं। हर किसी को यही फिक्र है कि इस बार वह क्या करने जा रहे हैं और उनके निशाने पर कौन होगा। पिछले दिनों से तमाम राजनीतिक दल केजरीवाल के खिलाफ 'एकजुट' नजर आ रहे हैं। सभी के सामने मुश्किल यह है कि अगर वे विरोधी दल या नेता के खुलासे पर केजरीवाल का समर्थन करते हैं, तो कल को उनका नंबर भी आ सकता है।

जब से अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में उतरने का फैसला किया है, तब से वह करप्शन के कई मामलों को सामने ला चुके हैं। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले अभी तक महाराष्ट्र सिंचाई घोटाला, रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ डील, केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। हर बार उन्होंने अपनी बात पूरे सबूतों के साथ रखी और उनके आरोपों पर किसी से कोई जवाब देते नहीं बना।

हालांकि इस बार अरविंद केजरीवाल के ऊपर भी दबाव होगा, क्योंकि पिछली बार जब उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर आरोप लगाए थे, तो इसे बीजेपी ने फ्लॉप शो करार दिया था। केजरीवाल की टीम के सदस्यों पर भी कुछ संगीन आरोप लगे थे, जिनकी जांच केजरीवाल ने 'आंतरिक लोकपाल' से कराने का ऐलान किया है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा, कि इस बार केजरीवाल के पिटारे में क्या खास है।

प्रॉपर्टी डीलरों के एजेंट है हरियाणा के CM हुड्डा : केजरीवाल

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गुड़गांव : भूमि अधिग्रहण के मसले पर मंगलवार को मानेसर स्थित बाबा नारायण दास मंदिर आश्रम में महापंचायत का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य रूप से इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण, मनीष सिसौदिया, गोपाल राय, योगेंद्र आदि मौजूद थे। इनके अलावा गुड़गांव, भिवानी, सोनीपत, रोहतक, झज्जर और फरीदाबाद जिलों के किसान बड़ी संख्या में पहुंचे। उधर, कुछ किसानों ने आईएसी के मेंबरों को बुलाने पर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि इन मेंबरों के आने से असल मुद्दा गौण हो गया।

इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार जमीन की दलाली में लिप्त है। 3 फरवरी 2011 को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सरकार को अपने निदर्ेेशों में कहा था कि ग्राम पंचायतों की अधिग्रहीत जमीन वापस लौटाई जाए। सरकार ने कोर्ट के आदेशों को अभी तक नहीं माना है। टीम के सदस्य एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा कि नोएडा से आगरा तक बनाए गए यमुना एक्सप्रेस वे के लिए अधिग्रहीत जमीन में किसानों के साथ धोखा किया गया है। गुड़गांव में राबर्ट वाड्रा ने 7 करोड़ की जमीन खरीदी और 58 करोड़ रुपये में डीएलएफ को बेच दी। वाड्र्रा ने लैंड यूज चेंज करा जमीन का यह व्यापार 2 महीने में ही किया।

अन्ना के समर्थन में उतरीं ममता


उन्होंने अन्ना के केंद्र सरकार को भंग करने की मांग का समर्थन करते हुए कहा, अब यूपीए सरकार अल्पमत में आ गई है.

बनर्जी ने कोलकता में कहा कि यह अल्पमत की सरकार है और मैं सोमवार को की गई हजारे की मांगों से पूरी तरह सहमत हूं, यूपीए सरकार हमारे समर्थन से सत्ता में आई.
छोड़ने के बाद हमने राष्ट्रपति को लिखा कि हमने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. अब यह यूपीए सरकार नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार है.
   
सत्ता में रहने का अधिकार नहीं : बनर्जी ने कहा कि उन्हें अब कोई अधिकार नहीं है क्योंकि यह अल्पमत की सरकार है.
    
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह के साथ हजारे ने सोमवार को संसद को तत्काल भंग करने की मांग की थी.


कांग्रेसी नेता बच्चे से कुकर्म की कोशिश करते पकडे गये


भाजपा पूरी तरह से बौखला गई है : अरविंद केजरीवाल


भारतीय जनता पार्टी के मुखपत्र 'कमल संदेश' द्वारा लगाए आरोपों के जवाब में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा पूरी तरह से बौखला गई है.

गौरतलब है कि 'कमल संदेश' ने अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कमल संदेश का कहना है कि केजरीवाल ने अन्ना से विश्वासघात किया है. मुखपत्र ने ये सवाल भी उठाया है कि केजरीवाल को विदेशी धन की मदद तो नहीं मिल रही?

आरोपों के जवाब में केजरीवाल ने कहा, 'भाजपा डरी हुई और वह पूरी तरह से बौखला गई है. उन्होंने हम पर विदेशी धन मिलने का आरोप लगाया है. हमारे आंदोलन को मिले सभी फंड का विवरण हमारी वेबसाइट पर मौजूद हैं. मैं भाजपा को चुनौती देता हूं कि अगर उनमें हिम्मत है तो वे पिछले 10 सालों में मिले चंदें का ब्यौरा वेबसाइट पर सार्वजनिक करें. जिससे यह पता चल जाएगा कि वे कोयला ब्लॉक आवंटन लाभार्थी और औद्योगिक लाभार्थी कौन-कौन हैं, जिन्हे भाजपा और भाजपा शासित राज्यों से फायदा मिला.'


उन्होंने कहा कि हमने आंदोलन को मिले सभी चंदें का ब्योरा सार्वजनिक किया है, भाजपा भी है ऐसा करके दिखाए. इसके अलावा उन्होंने भाजपा पर भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को संरक्षण देना का आरोप लगाया.

गौर करने वाली बात है कि पार्टी के मुखपत्र 'कमल संदेश' ने अपने संपादकीय में सवाल उठाया है कि केजरीवाल को कहीं विदेशी धन तो नहीं मिल रहा.

मुखपत्र का कहना है कि केजरीवाल का खेल करेंसी का हो सकता है. अब जानना ये है कि करेंसी भारत की है या भारत को कमजोर करने वाली शक्तियों की. मुखपत्र कहता है कि सुपारी किसने दी इसका पता मनमोहन सरकार को लगाना चाहिए.

कमल संदेश ने केजरीवाल पर अन्ना को धोखा देने का गंभीर आरोप भी मढ़ दिया है.


केजरीवाल फर्रुखाबाद की रैली में लाठियों पर प्रतिबंध


उत्तरप्रदेश के फर्रुखाबाद में अरविंद केजरीवाल की रैली में प्रशासन ने लाठियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के ट्रस्ट में गड़बड़ी के खिलाफ यह रैली होने वाली है। केजरीवाल को खुर्शीद की कथित धमकी के बाद भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने लठैत तैनात करने की घोषणा की थी। खुर्शीद ने कहा था कि केजरीवाल फर्रुखाबाद आएं। फिर वहां से लौटकर भी दिखाएं। हालांकि खुर्शीद ने बाद में इस तरह की धमकी देने की बात से इनकार किया था। 

कांग्रेस नेताओं ने जिला प्रशासन से मिलकर बीकेयू कार्यकर्ताओं को लाठी लेकर रैली में आने से रोकने की मांग की थी। उन्होंने आशंका जताई थी कि इससे कानून-व्यवस्था के लिए समस्या पैदा हो सकती है। हिंसा भड़काने वाले बयानों को लेकर बीकेयू के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की गई। बताया गया है कि किसान यूनियन ने अपने सदस्यों को लाठी का प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया था। अधिकारियों का कहना है कि रैली की अनुमति देते समय सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। हथियार लेकर आने पर मनाही है। भड़काऊ बयान न देने को कहा गया है। 

इंडिया अगेंस्ट करप्शन की ओर से एक नवंबर को होने वाली सभा में उसके नेता अरविंद केजरीवाल के भाषण को वेव कैमरे से इंटरनेट पर सीधे प्रसारण की व्यवस्था की गई है जिससे उनके भाषण को प्रत्येक चौथे मिनट पर दुनिया के हर कोने में सुना जा सकेगा। आईएसी के सूत्रों ने बताया है कि निर्धारित सोशल साइटों पर सोमवार से ही प्रचारित पोस्टर तथा पैम्फलेट के प्रसारण का सिलसिला जारी हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सभा की कार्रवाई को वेव कैमरे से कैप्चर कर लैपटाप के जरिए आईएसी लाइव डॉट कॉम साइट पर लोड किया जाएगा। 

इस बीच, आईएसी के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत केजरीवाल की सभा से पहले ही आईएसी और सलमान समर्थकों द्वारा पोस्टर बाजी का सिलसिला शुरू हो जाने से फर्रुखाबाद-फतेहगढ़ नगरों का माहौल गरम होने लगा है। जिला प्रशासन स्थिति पर नियंत्रण के लिए चौकस है। अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने कहा कि भ्रामक प्रचार कराने वालों की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट ने केजरीवाल के अभियान में अपनी भूमिका को फिलहाल केवल फर्रुखाबाद में पहली नवंबर को होने वाली उनकी जनसभा तक ही सीमित रखने की घोषणा की है। 

यूनियन के मंडल अध्यक्ष धर्मवीर सिंह यादव ने रविवार को यहां घोषणा की कि चूंकि केजरीवाल ने भविष्य में एक राजनैतिक दल के गठन की घोषणा कर दी है, इसलिए उनकी पार्टी की भूमिका मात्र केजरीवाल की एक नवंबर को आयोजित सभा तक ही सीमित है। 

अन्ना के नए केजरीवाल हैं जनरल वी. के. सिंह

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नई दिल्ली।सोमवार को एक बार फिर अन्ना हजारे की दहाड़ सुनाई दी। मुंबई में पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी. के सिंह के साथ मीडिया से मुखातिब हुए अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया। इस दौरान पूर्व सेना प्रमुख ठीक उसी अंदाज में अन्ना से किए जा रहे सवालों का जवाब दे रहे थे, जैसे कुछ वक्त पहले तक अरविंद केजरीवाल दिया करते थे। ऐसे में माना जा रहा है कि सिंह ने वह जगह भर दी है, जो अरविंद केजरीवाल के राजनीति में जाने के बाद खाली हो गई थी।

मुंबई में अन्ना हजारे और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में अन्ना से पूछे गए कई सवालों का जवाब पूर्व सेना प्रमुख ने दिया। उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की नई नीतियों के बारे में बताया। अन्ना से पूछे जा रहे टेढ़े सवालों का जवाब सिंह खुद ही दे रहे थे और अपनी तरफ से सफाई भी दे रहे थे। सिंह की यह भूमिका ठीक वैसी ही है, जैसी कि अन्ना के लिए अरविंद केजरीवाल की रही है। जन लोकपाल के लिए चलाए गए आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल ही खुद पहल करके अन्ना से पूछे जाने वाले सवालों के जवाब दिया करते थे।


अन्ना हजारे ने भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व सेना प्रमुख को पूरा सम्मान दिया। देश की यात्रा करने का ऐलान करते हुए अन्ना ने कहा, 'हम सिर्फ दो लोग नहीं हैं। हमारे आंदोलन के समर्थन में लाखों-करोड़ों लोग सड़कों पर उतर आएंगे।' इसके बाद वी. के. सिंह ने ही अन्ना की तरफ से मोर्चा संभाला। उन्होंने न सिर्फ आंदोलन को लेकर रणनीति का खुलासा किया, बल्कि मीडिया के सवालों का जवाब भी दिया। इस तरह से लग रहा है कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह ने मौजूदा टीम अन्ना में वही स्थान हासिल कर लिया है, जो पुरानी टीम अन्ना में अरविंद केजरीवाल का था।

संसद भंग कर तुरंत चुनाव कराया जाए : वीके सिंह


सोमवार को टीम अन्ना ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. टीम ने मांग की है कि मौजूदा संसद को भंग कर दिया जाए ताकि जनता नई संसद का फैसला कर सके.

पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने कहा, 'सरकार ने संविधान की आत्‍मा और उसकी भावनाओं को दरकिनार कर दिया है और वह जनता के खिलाफ काम कर रही है. सरकार के साथ विपक्ष भी इस मुद्दे पर चुप है. निजी कंपनियों के हितों के लिए नीतियां बनाई जा रही हैं और संसद में कोई इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा रहा.

वीके सिंह ने कहा, 'सभी दल अपना पक्ष जनता के सामने रखें और बताएं कि वो बाजारवाद के सिद्धांतों के साथ शासन करना चाहते हैं या संविधान की आत्‍मा के अनुसार. किसी के मुंह से निवाला और किसी के हाथ से काम छीनने का काम सरकार कर रही है. इसलिए इस सरकार के भंग किया जाए ताकि नई सरकार लोगों की उम्‍मीदों के अनुसार काम कर सके.

'कालाधन वापस आता है तो देश की हालत सुधरेगी'
वीके सिंह ने कहा, 'दुनियाभर के देश अपने यहां काला धन वापस लाकर अपनी हालत सुधारने में लगे हैं लकिन हमारे यहां तो लोगों को यह भी नहीं पता कि किसका कितना काला धन विदेशी बैंकों में जमा है. देश की जनता पर क‍ड़े फैसले थोपना क्‍या लोकतंत्र है? पहले सरकार फैसले नहीं ले रही थी लेकिन अब जब फैसले ले रही है तो आम जनता की मुसिबतें बढ़ाने वाले फैसले ले रही है. रिटेल में एफडीआई पर पीएम फैसला कैसे ले सकते हैं जबकि कांग्रेस अल्‍पमत में है.

अन्ना ने भी किया तीखा प्रहार
इस मौके पर अन्‍ना हजारे ने कहा, 'हमें इस देश को बदलना है. हम ना तो रिमोट कंट्रोल अपने हाथ में रखेंगे और ना ही व्‍यवस्‍था के अंदर शामिल होंगे. हम केवल लोगों को जगाएंगे और लोग जब जाग जाएंगे तब परिवर्तन आएगा.'

उन्‍होंने कहा कि कई लोगों को लगता है कि संसद भंग होनी चाहिए लेकिन उनके पास वो शक्ति नहीं है. इसलिए हम 30 जनवरी से पूरे देश में जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि ये क्‍या हो रहा है. अन्‍ना ने कहा कि इस देश के लिए कई लोगों ने कुर्बानी दी और इसका क्‍या हाल हो गया है. इसलिए लोगों को जगाना जरूरी है.

विदेश मंत्रालय के साथ ही एके की चुनौती साधने में जुटे सलमान


नई दिल्ली, प्रणय उपाध्याय। केंद्रीय मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभालने के साथ सलमान खुर्शीद फर्रुखाबाद में एक नवंबर को हो रहे इंडिया अगेंस्ट करप्शन [आइएसी] के धरने के खिलाफ अपनी मोर्चेबंदी को मजबूत करने में भी जुटे हैं। दिल्ली से सलमान के भरोसे के नुमाइंदे फर्रुखाबाद पहुंच रहे हैं। टीम केजरीवाल के हमले को उनकी ही तर्ज पर काटने का खाका भी तैयार किया गया है।

सोमवार को विदेश मंत्री के नुमाइंदे फर्रुखाबाद में बचाव का मोर्चा तैयार करने के लिए वहां पहुंच रहे हैं। आइएसी के धरने को नाकाम करने के लिए स्थानीय समर्थकों के साथ मिलकर जवाबी कार्रवाई का खाका भी तैयार कर लिया गया है। सलमान के एक करीबी सहयोगी फरीद चुगताई ने कहा, 'फर्रुखाबाद में बतौर हमलावर अरविंद केजरीवाल [एके] आ रहे हैं। लिहाजा हम लोग तो केवल शांतिपूर्ण तरीके से अपनी रक्षात्मक तैयारी कर रहे हैं। इस कड़ी में हम भी उनसे कई सवाल पूछेंगे।'

दिल्ली से फर्रुखाबाद जा रहे सलमान के एक सहयोगी के मुताबिक जवाबी रणनीति में टीम केजरीवाल के सदस्य जहां भी जाएंगे उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे। 'मैं हूं सलमान' के नारे वाली टोपियां पहन सलमान समर्थक टीम केजरीवार को घेरेंगे। फर्रुखाबाद में आइएसी के धरने में बांटने के लिए करीब डेढ़ दर्जन सवालों के पर्चे भी तैयार किए गए हैं। इन पर्चो में अरविंद केजरीवाल से पूछे गए सवाल लगभग वहीं हैं जो बीते दिनों कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अरविंद के आगे दागे थे।

बताया जा रहा है कि आइएसी के प्रदर्शन के दौरान सलमान खुर्शीद व उनकी पत्नी लुईस फर्रुखाबाद में नहीं होगी। बीते दिनों के एक समाचार चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन कर लुईस खुर्शीद की अगुआई वाले जाकिर हुसैन ट्रस्ट पर सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय से विकलांगों की सहायता के लिए मिले अनुदान में वित्तीय गड़बड़ी व धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। इसके बाद अरविंद केजरीवाल व आइएसी समर्थकों ने खुर्शीद के खिलाफ प्रधानमंत्री आवास पर भी धरना दिया था। साथ ही खुर्शीद के संसदीय क्षेत्र फर्रुखाबाद में धरने का भी एलान किया था।

कैबिनेट फेरबदल पर अन्ना ने ली चुटकी

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मंत्रिमंडल में फेरबदल भले ही कई कांग्रेसी नेताओं के लिए खुशखबरी लेकर आई हो पर वपक्षी पार्टी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है.

देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की अनदेखी समाजवादी पार्टी को खासी अखरी है. एसपी ने इसपर अपनी नाराजगी जता दी है. इसके अलावा एसपी नेता रामगोपाल यादव ने यूपीए सरकार में विवादित रहे मंत्री सलमान खुर्शीद और श्रीप्रकाश जायसवाल के बने रहने पर भी सवाल उठाए हैं.

कैबिनेट फेरबदल पर अन्ना की चुटकी
यूपीए सरकार के कैबिनेट फेरबदल पर अन्ना हजारे ने चुटकी ली है, अन्ना ने इस फेरबदल पर तीखी टिप्पणी करते हए कहा कि बैल वही हैं सिर्फ गाड़ीवान बदला है.

चेहरा नहीं, चरित्र बदलें-रामदेव
कैबिनेट फेरबदल पर रामदेव ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है, कांग्रेस को नसीहत देते हुए रामदेव ने कहा है कि कांग्रेस को चेहरा बदलने से ज्यादा चरित्र बदलने की जरुरत है.

रहमान खान का विरोध 
के रहमान खान को मंत्री बनाए जाने का कर्नाटक बीजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ पर विरोध जताया है, प्रकोष्ठ का कहना है कि मंत्री के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस में मामला चल रहा है.अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अनवर मनपाडी का दावा है कि रहमान के खिलाफ काफी सबूत हैं, और वो मामले को लोकायुक्त कोर्ट में ले जाएंगे.


मेरी वजह से गिरे मनमोहन सरकार के छह विकेट : अन्ना हजारे

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पुणे।। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अन्ना हजारे मनमोहन मंत्रिमंडल में हुए बदलाव में अपनी जीत देख रहे हैं। अन्ना ने कहा कि उन्होंने मनमोहन सरकार के छह विकेट गिराए।

पुणे में रविवार को अन्ना ने कहा, 'मेरे चरित्र पर कोई दाग नहीं है, इसलिए मैं इन गुंडों के खिलाफ अब तक लड़ पाया हूं। और देखिए, मैंने छह कैबिनेट मंत्रियों के विकेट ले लिए।'

रविवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल से पहले तीन कैबिनेट और चार राज्य मंत्रियों ने इस्तीफा दिया। इस्तीफा देने वाले मंत्री एसएम कृष्णा, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, सुबोध कांत सहाय, महादेव खंडेला, विन्सेंट पाल और अगाथा संगमा हैं। इनमें सुबोध कांत सहाय ही ऐसे हैं, जो कोयला घोटाले को लेकर विवादों में रहे थे।

हाल ही में आंख का ऑपरेशन कराने के बाद अन्ना हजारे आराम कर रहे हैं, लेकिन वह मैदान में उतरने को बेचैन हैं। उन्होंने कहा कि वह जल्दी ही देश की यात्रा पर निकलेंगे, जो करीब डेढ़ साल चलेगी।

अन्ना हजारे आज कर सकते हैं अपनी टीम का ऐलान


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मुंबई: सामाजिक कार्यकर्ता अन्‍ना हजारे सोमवार को अपनी नई टीम का ऐलान कर सकते हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि पूर्व थलसेना अध्‍यक्ष वीके सिंह और अभिनेता आमिर खान उनकी इस नई टीम में शामिल हो सकते हैं। अन्‍ना आज मुंबई में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करेंगे और इस दौरान नई रुपरेखा की योजना का खुलासा कर सकते हैं। 

गौर हो कि बीते माह टीम अन्‍ना को भंग कर दिया गया था। उस समय टीम के अहम सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने अलग राह पकड़ ली और राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान किया। केजरीवाल से अलग होने के बाद अन्ना हजारे भविष्य की रुपरेखा तय करने के लिए कुछ दिनों दिल्ली में अपने समर्थकों के साथ मुलाकात की थी। 

इससे पहले, गांधीवादी अन्ना हजारे ने अपने आंदोलन के नए चरण से अभिनेता आमिर खान को जोड़ने की इच्छा जताई है। अन्‍ना जनवरी से नए सिरे से अपनी भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम छेड़ सकते हैं। उन्‍होंने जनवरी माह से पटना से आंदोलन शुरुआत करने की घोषणा कर रखी हे। 


अन्‍ना हजारे के करीबी सूत्रों ने बताया कि वह आमिर के हज यात्रा से लौटने के बाद उनसे इस बाबत बातचीत करेंगे। गौर हो कि आमिर पिछले साल दिल्ली के रामलीला मैदान में हजारे के आंदोलन को समर्थन जता चुके हैं। सूत्रों के अनुसार संभवत: इन्हीं चीजों के चलते हजारे ने आमिर को अपने साथ जोड़ने की योजना बनाई होगी। गौरतलब है कि आमिर ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर मजबूत भ्रष्टाचार विरोधी प्रणाली लाने की मांग भी की थी।

टीम अन्ना के भंग होने के बाद से अन्‍ना हजारे अपने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के लिए नई टीम को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में जुटे हैं और उन्होंने इसके लिए कई पूर्व आईएएस अधिकारी, पूर्व सरकारी कर्मचारियों, पूर्व सैनिकों आदि से बात की है। 

भ्रष्टाचारियों को सरकार में किया गया पुरस्कृत: केजरीवाल


केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल पर इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि इस फेरबदल ने सरकार को बेनकाब कर दिया है। केजरीवाल के मुताबिक भ्रष्टाचार में लिप्त मंत्रियों को संरक्षण देने के साथ-साथ उन्हें पुरस्कृत किया गया है।

केजरीवाल ने माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा कि भ्रष्टाचारियों को न सिर्फ संरक्षण दिया गया है बल्कि उन्हें पुरस्कृत तक किया गया है। उन्होंने कहा कि यह फेरबदल म्यूजिकल चेयर की तरह है और इससे देश को कोई लाभ नहीं होने वाला है।

केजरीवाल ने ट्वीट किया कि सलमान खुर्शीद कानून मंत्री थे और उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया है। क्या इसका मतलब यह है कि वह कानून मंत्री के रूप में असफल रहे हैं या फिर उन्होंने बतौर कानून मंत्री इतना अच्छा काम किया है कि उन्हें विदेश मंत्री बना दिया गया। देश को इससे लाभ नहीं होने वाला है।

केजरीवाल ने कहा कि कपिल सिब्बल, पी. चिदंबरम, श्रीप्रकाश जायसवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। सिर्फ कुर्सी बदल गई है। इससे कुछ बदलनेवाला नहीं है। इस सरकार के लिए भ्रष्टाचार कभी कोई मुद्दा रहा ही नहीं है।
मंत्रिमंडल में युवा चेहरों को शामिल किए जाने के बारे में केजरीवाल ने जवाब दिया कि युवा चेहरों ने अभी तक कुछ करके नहीं दिखाया है। मालूम हो कि आईएसी ने पिछले दिनों खुर्शीद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

केजरीवाल जल्द करेंगे और खुलासे


नई दिल्ली : राजनीति के आंगन में खुलासे के पटाखों की आतिशबाजी अभी जारी रहेगी। अरविंद केजरीवाल  और 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' [आइएसी] के उनके सहयोगियों के पास इस लिहाज से अच्छा-खासा गोला बारूद भी हाथ लग गया है। हालांकि राजनीतिक रणनीति के लिहाज से वे सबसे पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और यहां के अन्य नेताओं को ही निशाना बनाना चाहते हैं।

सूत्रों के मुताबिक रॉबर्ट वाड्रा के साथ शुरू हुए इस सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए इंडिया अगेंस्ट करप्शन के हाथ पर्याप्त सामग्री लग चुकी है। इसमें वाड्रा मामले को आगे बढ़ाने के लिए भी कुछ तथ्य हैं। चुनावी मैदान में पार्टी की पहली परीक्षा दिल्ली में होनी है। लेकिन अब तक के खुलासे का यहां की शीला दीक्षित सरकार पर सीधा असर होता नहीं दिख रहा। इसलिए इनका जोर मुख्यमंत्री और उनके सांसद पुत्र संदीप दीक्षित पर है। बताते हैं कि दिल्ली से कांग्रेस के सांसद महाबल मिश्रा और कपिल सिब्बल के खिलाफ तो काफी सुबूत मिल भी चुके हैं। लेकिन प्राथमिकता राज्य सरकार के मंत्री और यहां की दोनों प्रमुख पार्टियों के विधायक हैं। दिल्ली में बिजली कंपनियों के साथ राज्य सरकार की साठगांठ का मुद्दा पहले से ही इनके एजेंडे में है।

आइएसी के मुंबई प्रमुख मयंक गांधी भी मानते हैं कि आने वाले समय में कई खुलासे और हो सकते हैं। वह कहते हैं, 'हमारे पास पूरे देश से नेताओं के भ्रष्टाचार के सुबूत आ रहे हैं। लेकिन इस समय तो वाड्रा और भाजपा अध्यक्ष गडकरी के मामले में मीडिया खुद लगातार खुलासे कर रहा है। ऐसे में ज्यादा जल्दबाजी नहीं की जा सकती। हम उचित समय पर इन तथ्यों को लोगों के सामने रखेंगे।' पहले से घोषित कार्यक्रमों की वजह से भी नए खुलासे में देरी हो सकती है। एक नवंबर को जहां आइएसी ने केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के गृह क्षेत्र फर्रुखाबाद में उनके खिलाफ रैली बुलाई है।

मंगलवार को हरियाणा में किसान रैली की जा रही है। इसी तरह दिल्ली में बिजली घोटाले के खिलाफ तीन नवंबर की शाम सात से आठ बजे तक लोगों से अपने घरों की बिजली बंद रखने की अपील की गई है। चार नवंबर को मुख्यमंत्री के घर का घेराव किया जाना है।

ओड़िशा में उम्मीदवार उतारेगी आईएसी

भुवनेश्वर: अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली इंडिया अगेन्स्ट करप्शन ने घोषणा की है कि वह ओड़िशा में सभी 147 विधानसभा सीटों और 21 लोकसभा सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी।

आईएसी के कोर कमेटी मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘चूंकि सत्तारूढ़ बीजद पूंजीवादियों की दलाल बन गई है और कांग्रेस तथा भाजपा उसका विरोध करने में असफल रहे हैं। आईएसी ओड़िशा के लोगों के समक्ष विकल्प बनकर उभरेगी।’ उन्होंने कहा कि आईएसी आगामी चुनाव में ओड़िशा में सभी 147 विधानसभा सीटों और 21 लोकसभा सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी।

जसपाल भट्टी साहब और उसके राजनीतिक व्यंग्य की अद्भुत शैली याद करें




यूपीए और एनडीए के राज में रो रहा है देश: केजरीवाल



नई दिल्ली: नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा कि देश संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) और नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) के विकल्प के लिए बेचैन है।

भाजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी के अपने व्यापार में वित्तीय अनियमितता के आरोपों के बाद उनके इस्तीफे मांग होने लगी। इस पर भाजपा के नेताओं ने अपने अध्यक्ष गडकरी के साथ खड़े होने के बाद केजरीवाल ने ट्विट किया कि देश यूपीए और एनडीए का विकल्प चाहती है। इसके अलावे गुरुवार को हरियाणा के चार नौकरशाहों ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को जमीन खरीद मामले में क्लीनचिट दे दी और कहा, यह डील पारदर्शी था।

इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता ने ट्विट किया कि भाजपा और कांग्रेस दोनों भ्रष्ट्राचार में शामिल है, वाड्रा को क्लीनचिट मिल जाती है और गडकरी को भाजपा का समर्थन मिल जाता है। भ्रष्टाचार मामले में भाजपा और कांग्रेस दोनों का चेहरा बेनकाब हो गया है। आम आदमी ठगा सा महसूस कर रहा है। देश यूपीए-एनडीए के विकल्प के लिए रो रहा है।

केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा था कि मुझे विश्वास है वाड्रा की तरह गडकरी को क्लीनचिट मिल जाएगी। 

केजरीवाल के मिली धरना-प्रदर्शन की अनुमति


फर्रुखाबाद।। फर्ऱुखाबाद जिला प्रशासन ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) को आखिर ना-नुकुर के बाद एक नंबवर को शहर के आवास विकास मैदान में रैली की इजाजत दे दी। इससे पहले प्रशासन ने आईएसी को रैली की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। आईएसी ने प्रशासन के इस रुख पर अपना कड़ा विरोध जताया था। आईएसी का कहना था कि दो दिन पहले स्थानीय प्रशासन ने लिखित रूप में उसे आवास विकास मैदान में जनसभा की इजाजत दे दी थी।

रैली की इजाजत न मिलने पर आईएसी के कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह के नेतृत्व में डीएम के घर के बाहर धरने पर बैठ गए थे। आईएसी कार्यकर्ता संजय सिंह के मुताबिक इस बारे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी चिट्ठी लिखी गई थी। शनिवार दोपहर आखिर प्रशासन ने आईएसी को रैली की इजाजत दे दी। 


गौरतलब है कि 23 अक्टूबर को आईएसी ने फर्रुखाबाद के पटेल पार्क में जनसभा की इजाजत मांगी थी, जिसे पुलिस ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पटेल पार्क के चारों तरफ घनी बस्ती है। प्रशासन ने खुद आवास विकास मैदान के लिए सुझाव दिया था। आईएसी ने 25 अक्टूबर को आवास विकास मैदान में जनसभा के लिए इजाजत मांगी और जिला प्रशासन ने लिखित में इजाजत दे दी। आईएसी के कार्यकर्ता कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के एनजीओ के कथित तौर पर विकलांगों के पैसे हजम करने के विरोध में उनके संसदीय क्षेत्र फर्रुखाबाद में प्रदर्शन कर रहे हैं।

अन्ना की नई टीम में शामिल होंगे आमिर


बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्ट यानी आमिर खान के बारे में कहा जा रहा है वो नई टीम अन्ना के सदस्य बन सकते हैं। ऐसी खबर आ रही है कि नवंबर में जब अन्ना हजारे अपनी नयी टीम का ऐलान करेंगे तो उसमें आमिर खान का भी नाम होगा।

सुनने में आया है कि आमिर खान के टीवी शो सत्यमेव जयते से अन्ना हजारे खासा प्रभावित हैं, उन्हें लगता है कि आमिर खान की बातों का असर लोगों पर होता है। लोग उन्हें सुनना, देखना पसंद करते हैं इसलिए वो आमिर खान को अपनी नयी टीम में शामिल कर सकते हैं।

वैसे अभी आमिर खान और अन्ना हजारे की ओर से कोई औपचारिक घोषणा इस बाबत नहीं हुई है। अन्ना ने कहा है कि 24 नंवबर से पहले अपनी नयी टीम के बारे में कुछ भी नहीं कहेंगे तो वहीं आमिर खान इन दिनों अपनी मां जीनत के साथ हज यात्रा पर है इसलिए उनका जवाब भी इस बारे में नहीं मिल पाया है।

आपको बता दें कि पिछले साल अन्ना हजारे के अनशन के दौरान आमिर खान अन्ना के मंच पर दिखायी दिये थे और वहां से ऐलान किया था कि सभी को अन्ना का सहयोग करना चाहिए क्योंकि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई केवल अन्ना हजारे की ही नहीं पूरे देश की है। इसलिए वो भी यहां पर अन्ना का साथ देने के लिए आये हैं। इसलिए यह चर्चा जोरों पर है कि अन्ना हजारे की टीम में आमिर खान शामिल हो सकते हैं।

बिजली के दाम घटाने वाला आदेश छुपाने में जुटी डीईआरसी और दिल्ली सरकार

इंडिया अगेंस्ट करप्शन(आईएसी) के वरिष्ठ कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने आज कौशांबी स्थित दफ्तर में पत्रकारों को बताया कि दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीआईआरसी), अपने विभाग के पूर्व अध्यक्ष श्री बरजिंदर सिंह द्वारा दिल्ली में बिजली के दाम 23 फीसदी तक घटाने वाला आदेश छुपा रही है. आईएसी कार्यकर्ता ने आरटीआई की अर्जी लगाकर श्री बरजिंदर सिंह का आदेश प्राप्त करने की कोशिश की लेकिन डीईआरसी ने तो ऐसा कोई आदेश जारी होने की बात तक से ही साफ इंकार कर दिया.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, “ हमने आरटीआई के माध्यम से डीईआरसी के पूर्व अध्यक्ष श्री बरजिंदर सिंह के दिल्ली में बिजली के दाम 23 फीसदी तक घटाने के आदेश की कॉपी मांगी थी लेकिन डीईआरसी ने ऐसा कोई आदेश जारी होने की बात से ही इंकार कर दिया. हम बताना चाहते हैं कि बरजिंदर सिंह के उस आदेश को लागू होने से रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने शीला सरकार को फटकार भी लगाई थी. उस आदेश की एक कॉपी भाजपा के पास भी है लेकिन हमें देने से मना कर दिया गया. डीईआरसी, निजी कंपनियों के साथ-साथ कांग्रेस और भाजपा के इशारों पर काम करती है.”

अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस को यह बताया कि एक आरटीआई में निराशा हाथ लगने के बाद आईएसी ने डीईआरसी दफ्तर में एक अन्य आरटीआई लगाया. जिसके बाद डीईआरसी, अपने रिकॉर्ड्स की फाइलें आईएसी को दिखाने के लिए तैयार हुई है और उसने 31 अक्टूबर को सुबह 11 बजे का समय दिया है.

लेकिन प्रेस वार्ता के कुछ देर बाद डीईआरसी ने 31 अक्टूबर को फाइलें दिखाने की बात से मना कर दिया. शाम 4.45 बजे डीईआरसी के लोक सूचना अधिकारी श्री राजशेखर देवगुप्ता ने आईएसी को फोन करके बताया कि डीईआरसी के रिकॉर्ड्स विभाग के सभी अधिकारी एक सप्ताह की छुट्टी पर चले गए हैं. इसलिए 31 अक्टूबर को फाइलें दिखाना संभव नहीं हो पाएगा. आईएसी को फाइलें कब दिखानी हैं, यह डीईआरसी बाद में तय करेगा और आईएसी को इसकी सूचना दे दी जाएगी.    

आईएसी, डीईआरसी से साल 2010 के उस आदेश की कॉपी मांग रहा है जो डीईआरसी अध्यक्ष बरजिंदर सिंह और एक अन्य सदस्य एसआर सेठी ने तैयार किया था. इसके अलावा आईएसी ने जनवरी 2010 से सितंबर 2010 के बीच डीईआरसी और दिल्ली सरकार के बीच हुए पत्राचार का ब्योरा मांगा था. अरविंद केजरीवाल ने प्रेस को बताया कि आईएसी ने अपना आरटीआई आवेदन तैयार करने से पहले श्री बरजिंदर से उस पर चर्चा भी की थी.

बहरहाल डीईआरसी ने यह कहते हुए आदेश की कॉपी मुहैया कराने से इंकार कर दिया कि विभाग के सभी आदेश वेबसाइट पर उपल्बध हैं. अगर वह आदेश वेबसाइट पर नहीं है, तो इसका मतलब है कि ऐसा कोई आदेश निकला ही नहीं होगा.

दिल्ली में आईएसी के बिजली-पानी सत्याग्रह के बारे में प्रेस को जानकारी देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, “दबाव में दिल्ली सरकार ने बिजली के दामों में नाममात्र की कमी की है. हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि बिजली और पानी के बढ़े दाम पूरी तरह वापस नहीं ले लिए जाते.”

आईएसी ने दिल्ली की जनता को बिजली-पानी सत्याग्रह में शामिल होने का अनुरोध करते हुए जनता से आह्वान किया कि वे बिजली के बढ़े दामों के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए 3 नवंबर को शाम 7 बजे से 8 बजे तक एक घंटे के लिए अपनी-अपनी बिजली बंद करें.   

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच पर सरकार के रुख की निंदा करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार जांच की बजाय मामले की लीपापोती में जुट गई है.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, “रॉबर्ट वाड्रा को हरियाणा सरकार ने क्लिन चिट दे दी. यह तो होना ही था. कॉरपोरेट मामलों के मंत्री वीरप्पा मोइली ने वाड्रा को बिना जांच कराए क्लिन चिट दे दी थी ऐसे में नीचे के अधिकारियों से क्या अपेक्षा रखी जाए? उसी तरह नितिन गडकरी के खिलाफ आईटी जांच कराने और एक महीने में रिपोर्ट देने की बात हो रही है. लेकिन किन प्रावधानों के तहत यह जांच होगी इस पर सरकार चुप है. यह तो जांच के नाम पर बस दिखावा है.”

अरविंद केजरीवाल ने मांग की कि सरकार देश की जनता को यह बताए कि रॉबर्ट वाड्रा ने कब और किस-किस व्यक्ति से कितनी ज़मीनें खरीदी हैं. उसी तरह नितिन गडकरी के सभी व्यवसायिक हितों की स्वतंत्र जांच कराके जानकारियां सार्वजनिक की जानी चाहिए.

गडकरी के खिलाफ जांच महज छलावा: अरविंद केजरीवाल


इंडिया एगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ आयकर विभाग की जांच कार्रवाई को खारिज करते हुए इसे महज छलावा करार दिया है। वहीं, मीडिया रिपोर्टों में बीजेपी अध्‍यक्ष को लेकर नए खुलासे सामने आ रहे हैं। 

गडकरी की कंपनी पूर्ति पावर एंड शुगर लिमिटेड और उसकी निवेशक कंपनी में कथित वित्‍तीय अनियमितताओं का खुलासा करने वाले केजरीवाल ने आज ट्वीट किया, "कंपनी मामलों के मंत्रालय और आयकर विभाग गडकरी की जांच कर रहे हैं? आयकर विभाग एक महीने में रिपोर्ट देगी। आयकर कानून में इस तरह के जांच का कोई प्रावधान नहीं है। सरकार लोगों को मूर्ख बना रही है? आईटी एक्‍ट के तहत आप छापा मार सकते हैं (सेक्‍शन 132) या सर्वे (सेक्‍शन 133ए) or पड़ताल (सेक्‍शन 143), ऐसे में सरकार यह क्‍या कर रही है?" 

केजरीवाल जो खुद भी पूर्व आयकर अधिकारी रह चुके हैं, ने आगे ट्वीट किया, "क्‍या आयकर महकमे को छापे या सर्वे में कुछ हासिल होगा? छापे की कार्रवाई गुप्‍त ढंग से होती है। जैसा कि सीबीआई करती है। क्‍या यह सभी जांच महज छलावा और धोखा है। यह जो समय बताएगा। जिससे आगे साबित होगा कि कांग्रेस और भाजपा भाई-भाई हैं। " 
केजरीवाल की यह प्रतिक्रिया उस वाकये के एक दिन के बाद आई जब आयकर विभाग और कंपनी मामलों के मंत्रालय ने गडकरी की कंपनी और उससे जुड़े 26 अन्‍य निवेशक कंपनियों के खिलाफ अलग-अलग जांच पड़ताल शुरू की है।

गौर हो कि कंपनी मामलों के मंत्रालय के बाद अब आयकर विभाग ने भी भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की कंपनी पूर्ति पावर एवं सुगर लिमिटेड (पीपीएसएल) में निवेश करने वाली विभिन्न कंपनियों के वित्तीय स्रोतों के बारे में पता लगाने के लिए जांच कार्य शुरू किया है। नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर आयकर विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि हम पूर्ति में निवेश करने वाली 18 कंपनियों समेत विभिन्न कंपनियों के कोष के स्रोतों का पता लगाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रथम द्रष्ट्या नाममात्र की कंपनियों (वित्तीय लेनदेन या भविष्य में किसी अन्य उद्देश्य के लिए निष्क्रिय कंपनी) ने पीपीएसएल में धन का निवेश किया।विभाग के सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड जल्द ही रिपोर्ट पेश करेगा।

इससे पहले, आईएसी ने कहा था कि नितिन गडकरी के खिलाफ ताजा आरोपों से इस बात की पुष्टि होती है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों भ्रष्टाचार में डूबी हुई हैं। उन्होंने कांग्रेस तथा राकांपा को भाजपा प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती। केजरीवाल ने पहले भी कहा था कि भाजपा-कांग्रेस भाई-भाई हैं। 
वहीं, कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने कल कहा कि वह भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी की कंपनियों में किए गए निवेश की जांच कर रहा है। गडकरी की कंपनियों में संदेहास्पद वित्त पोषण का आरोप है। कारपोरेट कार्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मामले पर गौर किया जा रहा है। उनसे यह पूछा गया था कि क्या मंत्रालय ने गडकरी की कंपनी में संदेहास्पद वित्त पोषण के आरोप जांच शुरू की है। 

इससे पहले, मंगलवार को कारपोरेट कार्य मंत्रालय वीरप्पा मोइली ने कहा था कि कंपनी पंजीयक आरोपों की जांच करेगा। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गडकरी की कंपनी पूर्ति पावर तथा शुगर में बड़ा निवेश निर्माण कंपनी आइडियल रोड बिल्डर्स (आईआरबी) समूह ने किया है। इस कंपनी को 1995 से 1999 के बीच कई ठेके मिले। उस अवधि में गडकरी महाराष्ट्र सरकार में लोक निर्माण मंत्री थे। उधर, भाजपा प्रमुख ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वे किसी भी प्रकार की जांच के लिए तैयार हैं। 

वाड्रा को क्लीन चिट मिलने पर केजरीवाल ने उठाए सवाल

कांग्रेस ने उस समय राहत की सांस ली जब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को हरियाणा में लैंड डील मामले की जांच में क्लीनचिट मिल गई। हालांकि केजरीवाल ने इस जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वाड्रा के खिलाफ जांच की हिम्मत किसकी है।

अरविंद केजरीवाल ने जांच को लीपापोती बताते हुए कहा कि सरकार गडकरी को भी बचाने का प्रयास कर रही है। वाड्रा और गडकरी को अपने व्यापार का ब्योरा देना चाहिए।

गुड़गांव, फरीदाबाद, पलवल और मेवात जिलों के डीसी की ओर से जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि इन जिलों में खरीदी गई जमीनों में वाड्रा ने स्टाम्प ड्यूटी की भुगतान किया है।

जांच में पता चला है कि वाड्रा ने 2005 के बाद हरियाणा के इन चार जिलों में 200 एकड़ जमीन खीदी थी। उन्होंने पलवल में 74, फरीदाबाद में 52, गुड़गांव में 47 और मेवात में 27 एकड़ जमीन खरीदी थी। 

सूत्रों के मुताबिक डीसी ने अपनी रिपोर्ट में वाड्रा की कंपनियों द्वारा तयशुदा से ज्यादा स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान की बात तो कही है, लेकिन वाड्रा ने अधिक स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान क्यों किया। इसकी वजह चारों जिलों के डीसी की रिपोर्ट में नहीं बताई गई है। जांच के बाद चार डिप्टी कमिश्नर के पैनल में वाड्रा को पूरी तरह से क्लीन चिट दी है।

बीते 12 अक्टूबर को आईएएस अफसर अशोक खेमका के आदेश के बाद चार डिप्टी कमिश्नरों को मामले की जांच सौंपी गई थी। आदेश के तुरंत बाद ही खेमका का तबादला कर दिया गया था जिस पर काफी हंगामा भी मचा था।

सत्याग्रह में अन्ना हजारे के किरदार में दिखेंगे अमिताभ

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बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन अन्ना हजारे से इतना प्रभावित हुए हैं कि वह अपनी आने वाली फिल्म में अन्ना हज़ारे बनने को तैयार हैं। खबरों की मानें, तो प्रकाश झा की फिल्म 'सत्याग्रह' में अमिताभ का किरदार अन्ना हजारे से प्रेरित होगा।

'गंगाजल', 'राजनीति', 'आरक्षण' और 'चक्रव्यूह' जैसी फिल्में बनाने के बाद प्रकाश झा की अगली फिल्म 'सत्याग्रह' में अमिताभ बच्चन आज के गांधी कहे जाने वाले अन्ना हजारे से मिलते-जुलते एक ऐसे आम आदमी के किरदार में नजर आएंगे, जो सच्चाई और ईमानदारी की राह पर चलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाता है।

फिल्म में राजनीति और समाज के बीच खींचतान के साथ भ्रष्टाचार से परेशान आम आदमी की मुश्किलों को दिखाया जाएगा। इस फिल्म में अजय देवगन और अर्जुन रामपाल के साथ मनोज वाजपेयी भी हैं, जो एक भ्रष्ट राजनीतिज्ञ के किरदार में सिस्टम के खिलाफ काम करते हैं। करीना कपूर फिल्म में एक पत्रकार बनी हैं। 'सत्याग्रह' अगले साल 15 अगस्त को रिलीज होगी।

इस बार जलायें भ्रष्टाचार का रावण ....

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कानपुर: 'आतंक' व 'भ्रष्टाचार' के प्रतीक रावण के पुतले 150 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक में बाजार में उपलब्ध हैं। जीटी रोड पर गोल चौराहा के पास पुतलों के खरीदारों की भीड़ भी लगने लगी है।

भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना हजारे, बाबा रामदेव और कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों द्वारा मुहिम चलायी जा रही है। भ्रष्टाचार का दायरा भी बढ़ता जा रहा है और आतंक का रावण भी फन फैलाये हुए है। ऐसे में आतंक और भ्रष्टाचार के रावण का दहन कराने को कारीगर भी पीछे नहीं हैं। उन्होंने एक फीट से लेकर 20 फीट तक के पुतले बनाये हैं। इसके साथ ही कुंभकरण और मेघनाद के पुतले भी बनाये गये हैं। इन पुतलों पर स्लोगन भी लिखे गये हैं। किसी पुतले पर लिखा है कि 'भ्रष्टाचार के रावण का दहन करें' तो किसी पर 'भ्रष्टाचार मिटाने को रावण का पुतला जलायें'। ऐसे पुतलों की मांग भी बहुत है। पुतला बनाने वाले रईस अहमद और रमेश ने बताया कि आज भ्रष्टाचार के घुन ने देश को खोखला कर दिया है। कोई भी काम बिना घूस दिये नहीं होता है। भ्रष्टाचार की तरह ही आतंक का दानव भी लोगों को डरा रहा है। यही सोचकर इस तरह के पुतले बनाये हैं।
पुतलों का कद छोटा, कीमत बढ़ी

महंगाई के दौर में पुतलों की कीमत बढ़ी है और कद छोटा हुआ है। इस बार एक फीट का पुतला भी है। गोल चौराहा के पास पूर्व के वर्षो में 25 से 30 फीट तक के पुतले बनते थे, लेकिन इस बार बीस फीट तक के ही पुतले बने हैं और उनकी कीमत पांच हजार रुपये तक है।
छोटे पुतलों का आकार देते बच्चे

गोल चौराहा पर छोटे पुतलों को आकार देने का कार्य 10 से 13 साल तक के बच्चे करते हैं। यहां नीलू, आशीष और रहमान ने तो दो से पांच फीट तक के दशानन बनाये हैं। उनका कहना है कि बिक्री नहीं होने पर पुतले को मुफ्त में ही बांट देंगे।

इस कीमत में बिक रहे पुतले
कद कीमत (रुपये में)
दो फीट 100- 150
तीन फीट 200- 250
पांच फीट 300- 400
आठ फीट 900 - 950
10 फीट 1000- 1200
20 फीट 5000

अन्ना हजारे ने उठाए केजरीवाल के काम के तरीकों पर सवाल

अन्ना हजारे ने अपने पूर्व सहयोगी अरविंद केजरीवाल को शुभकामनाएं तो दी हैं, लेकिन साथ ही उनके काम करने के तौर-तरीकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और कहा है कि वह अरविंद से पूछना चाहेंगे कि एक नेता पर आरोप लगाने के बाद जब तक उस पर ठोस कार्रवाई न हो जाए, आगे बढ़ने का क्या फायदा है।

एनडीटीवी से बातचीत के दौरान अन्ना ने किसी समय टीम अन्ना की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी रह चुके केजरीवाल की नई टीम के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि पुरानी टीम में से गए लोगों में से उन्हें केवल केजरीवाल के बारे में ही जानकारी है, किसी अन्य के बारे में नहीं। उन्होंने कहा कि उन्हें केजरीवाल पर पूरा भरोसा है, लेकिन उनके साथियों के बारे में वह कुछ नहीं कह सकते। गौरतलब है कि किसी समय में टीम अन्ना की सबसे अहम कड़ी रहे अरविंद अब अन्ना से अलग हो चुके हैं और अब वह राजनीति के जरिये अपना रास्ता बना रहे हैं।

अन्ना हजारे ने कहा कि अगली बार जब उनकी अरविंद से बात होगी तो वह पूछेंगे कि वह (केजरीवाल) किसी नेता पर आरोप लगाकर आगे क्यों बढ़ रहे हैं। अन्ना के मुताबिक भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए।

यदि केजरीवाल किसी भ्रष्ट नेता के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं, तो वह उनका समर्थन ज़रुर करेंगे: अन्ना


सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल का बचाव करने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहना है कि यदि केजरीवाल किसी भ्रष्ट नेता के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं, तो वह उनका समर्थन ज़रुर करेंगे।

कुछ समय पहले ही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने केजरीवाल पर आरोप लगाए थे। इस विषय पर अन्ना से जब पूछा गया कि दिग्विजय ने केजरीवाल पर आरोप लगाए है, उस पर क्या वे केजरिवाल का समर्थन करेंगे। अन्ना ने अपने गांव रालेगण सिद्धि में कहा कि मैं दिग्विजय द्वारा लगाए गए आरोपों पर केजरीवाल का बचाव नहीं करूंगा। लेकिन, अगर वे किसी भ्रष्ट व्यक्ति के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो मैं उनका समर्थन ज़रुर करूंगा।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने शनिवार को केजरीवाल के सामने 27 सवाल रखे थे। ये सवाल केजरीवाल से सम्बंधित गैर सरकारी संगठन को मिली विदेशी आर्थिक सहायता और भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी के रूप में सेवा नियमों के कथित उल्लंघन से सम्बंधित थे।

अन्ना ने कहा कि केजरीवाल से कहा गया है कि वह अपने राजनीतिक संगठन में मेरे नाम का इस्तेमाल न करें। अन्ना ने कहा केजरीवाल को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मेरे पास उनके लिए कोई सलाह नहीं है।

अन्ना ने कहा कि लोकपालबिल के लिए, वे अपने अभियान को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया में लगे हुए है। सामाजिक कार्यकर्ता ने कहना है कि हम लोकपाल और जनसमर्थक कानूनों के लिए काम कर रहे हैं और इसके लिए हम सदस्यों के चयन में जुटे हुए हैं।

अन्ना ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पहली बार तारीफ करते हुए कहा कि वे अच्छे व्यक्ति हैं, लेकिन वह रिमोट कंट्रोल से चलते हैं।

हम भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ बात करते हैं......

हम भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ बात करते हैं, तो कांग्रेस कहती है कि हम कांग्रेस के खिलाफ हैं......ऐसा क्यों ???.....क्या सारे भ्रष्टाचारी कांग्रेस में हैं ???......क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ बात करने का मतलब कांग्रेस के खिलाफ बात करना है ???.......क्या भ्रष्टाचार और कांग्रेस समानार्थक शब्द बन गये हैं ???.....इस पर अपनी राय जरूर दें !!!

केजरीवाल ने मांगी एनी कोहली से माफी



खुद को अन्ना हजारे की सहयोगी बताने वाली एनी कोहली आज फिर इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविंद केजरीवाल से भिड़ गईं.

इसके बाद केजरीवाल ने एनी से बात की और आईएसी के कार्यकर्ताओं की कथित बदसलूकी पर माफी मांगी.

एनी कोहली लगातार पिछले कुछ वक्त से अरविंद केजरीवाल का विरोध कर रही है.

एनी कोहली ने आज प्रशांत भूषण के घर के बाहर केजरीवाल से कहा कि केजरीवाल के संगठन के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदसलूकी की.

केजरीवाल एनी कोहली को अपने साथ ले गए, उनकी सारी बातें सुनी और मीडिया के सामने एनी से माफी मांगी.

अन्ना की मांग, कोयला घोटाले की हो न्यायिक जांच


वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले की तह तक जाने के लिए इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। अन्ना हजारे ने कहा कि कोयला घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कुछ नहीं कर सकती। घोटाले की तह तक जाने के लिए न्यायालय को इस मामले की जांच की करनी चाहिए।

अन्ना ने कहा कि यदि इस मामले की जांच एक न्यायिक समिति से कराई जाती है तो मुझे भरोसा है कि 2जी मामले में जितने लोग जेल में गए, उससे कहीं ज्यादा लोग इस कोयला घोटाले में जेल में जाएंगे।

राजनीतिज्ञों पर तीखा हमला बोलते हुए अन्ना ने कहा, कोयला घोटाले में नवीन जिंदल और विजय दर्डा जैसे कांग्रेसी नेताओं के नाम आ रहे हैं। मुझे नहीं पता कि यह देश कहां जाएगा। उन्होंने कहा कि लोग ताकत के बल पर चुन कर संसद में आ जाते हैं और अपने गलत कार्यों के लिए संसद का इस्तेमाल करते हैं।

अन्ना ने कहा कि सरकार चलाने वाले लोगों के पास सामाजिक एवं राष्ट्रीय दृष्टिकोण नहीं है। सत्ता से पैसा और पैसे से सत्ता बनाना इनका धर्म हो गया है। राजनीति को कई लोगों ने रैकेट बना लिया है।

अन्ना ने अफसोस जताया कि कोयला घोटाला में प्राथमिकी दर्ज होने और इतना हो-हल्ला मचने के बाद मामला शांत पड़ता जा रहा है। अन्ना को यकीन है कि कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितताएं हुई हैं।

केजरीवाल पहले एनी से करें बहसः दिग्विजय


कांग्रेस महासचिव एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अरविंद केजरीवाल से कहा है कि उनसे बहस करने से पहले वह खुद को अन्ना हजारे की सहयोगी बताने वाली एनी कोहली से ही बहस कर लें.

सिंह ने अपने गृह नगर राघौगढ़ में संवाददातों से बातचीत में कहा, ‘मुझसे बहस करने से पहले केजरीवाल को खुद को अन्ना की सहयोगी बताने वाल एनी कोहली से ही बहस कर लेना चाहिए.’

सिंह से पूछा गया था कि केजरीवाल ने उनसे (सिंह) बहस के लिए कुमार विश्वास का नाम आगे कर दिया है, इस पर उनका क्या कहना है. उन्होने कहा कि अन्ना हजारे की पुरानी टीम के बीच अब आपसी द्वंद्व शुरू हो गया है.

एक समाचार चैनल को केजरीवाल द्वारा दिए एक साक्षात्कार में उनके सवालों के जवाब देने को लेकर पूछने पर सिंह ने कहा कि पहले वह उन जवाबों को देखेंगे, फिर उस पर टिप्पणी करेंगे.

दूसरी ओर, सिंह के निकटवर्ती सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस महासचिव मंगलवार को जिला मुख्यालय गुना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने जा रहे हैं, जिसमें वह कोई विशेष खुलासा कर सकते हैं.

2014 से पहले लोकपाल आ जाएगा: अन्ना हजारे


अन्‍ना एक बार फिर आंदोलन की तैयारी में हैं. हालांकि इस बार उनके पूर्व सहयोगी अरविंद केजरीवाल उनके साथ नहीं हैं लेकिन अन्‍ना का कहना है कि हमारे रास्‍ते अलग जरूर हैं लेकिन मंजिल एक ही है. अन्‍ना अब जल्‍द ही अपनी नई टीम का गठन करने जा रहे हैं.

ग्राम स्‍तर तक जाएगा आंदोलन
अन्‍ना ने बताया कि अब तक आंदोलन दिल्‍ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में ही हो रहा था, लेकिन अब रणनीति में बदलाव के साथ आंदोलन राज्‍यों और छोटे शहरों तक ही नहीं बल्कि ब्‍लॉक और गांव के स्‍तर तक जाएगा. अन्‍ना का कहना है कि उनके पास देशभर से चिट्ठियां आ रही हैं और लोग उनके आंदोलन से जुड़ना चाहते हैं.

संविधान का अपमान हुआ
अन्‍ना का कहना है कि इस बार भी उनके आंदोलन का एजेंडा जनलोकपाल ही होगा. जनलोकपाल के अलावा इस बार राइट टू रिजेक्‍ट, ग्राम सभा, जनता की सनद जैसे कई मुद्दे होंगे और अगर यह कानून बन गए तो 90 प्रतिशत तक भ्रष्‍टाचार मिट जाएगा. उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आश्‍वासन दिया, संसद ने भी सर्वसम्‍मत्ति से पारित कर दिया फिर भी लोकपाल नहीं बना तो यह सीधे तौर पर संविधान का अपमान है.

मजबूरी में ही होगा अनशन
अन्‍ना ने उम्‍मीद जतायी की 2014 के आम चुनाव से पहले जनलोकपाल बिल पास हो जाएगा. अनशन की तैयारी की बात को अन्‍ना ने नकार दिया, लेकिन कहा कि बिल पास नहीं होगा तो मजबूरी में अनशन भी करना पड़ेगा.

अरविंद केजरीवाल के लिए होगा प्रचार
अन्‍ना ने बताया कि अरविंद केजरीवाल से उनकी बातचीत होती रहती है, लेकिन पिछले दिनों केजरीवाल ने जो नेताओं पर आरोप लगाते हुए सबूत पेश किए थे उनके बारे में पहले बात नहीं हुई. एक सवाल के जवाब में अन्‍ना ने कहा कि अगर केजरीवाल चुनाव में खड़े होते हैं और उनके खिलाफ बुरा व्‍यक्ति खड़ा होता है तो वे केजरीवाल के लिए प्रचार करेंगे और जनता से अपील करेंगे कि अरविंद जैसे लोगों को चुनकर भेजे.

कांग्रेस का कुछ नहीं बिगाड़ सकते केजरीवाल: खुर्शीद



सलमान खुर्शीद महसूस करते हैं कि अरविंद केजरीवाल अपने आरोपों के जरिये बडे दलों को नष्ट कर उनका स्थान ग्रहण करने का सपना पाले हुए हैं, जो कभी पूरा नहीं होगा। हाल ही एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि एक "चींटी" कांग्रेस जैसे हाथी के लिए चुनौती नहीं हो सकती है। 

खुर्शीद ने कहा कि> केजरीवाल स्वयं अपने एनजीओ को विदेशों से चंदा मिलने जैसे आरोपों का सामना कर रहे हैं, उन्हें दूसरों पर कीचड उछालने की बजाय इन सवालों का उत्तर देना चाहिए। ज्ञात रहे, केजरीवाल ने सलमान खुर्शीद एवं उनके परिवार द्वारा संचालित एनजीओ में कथित वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए निशाना बनाया है। खुर्शीद ने उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है कि उन्होंने केजरीवाल को फर्रूखाबाद की प्रस्तावित यात्रा करने पर धमकी दी थी। उन्होंने कहा कि मैं केजरीवाल को क्यों धमकी दूंगाक् किसलिए धमकी दूंगाक् इससे मुझे क्या हासिल होगाक् आप क्या समझते हैं कि उनका कद,स्तर और व्यक्तित्व ऎसा है कि मैं उन पर ध्यान दूंगा। 

केजरीवाल काफी छोटे हैं। एक चींटी किसी हाथी को नहीं समाप्त कर सकती। हाथी की सूंड में सैकडों की संख्या में घुसने पर भी चींटी उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकती। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऎसा सपना पाले हुए हैं कि वे अव्यावहारिक और बेतुके हमलों से सभी चीजों और वषोंü का इतिहास रखने वाले राजनीतिक दलों को नष्ट कर सकते हैं। उन लोगों का मानना है कि इससे ये दल समाप्त हो जाएंगे और उनके लिए रास्ता साफ हो जाएगा।

खुर्शीद ने कहा कि मैं समझता हूं कि इस तरह से "सभी को समाप्त करने", ऎसे सभी चीजों को जला देने का आचरण और ऎसा समझना कि इस राख पर नए भारत का निर्माण होगा और इस नए भारत में ऎसे छोटे समूहों और दलों को सत्ता में आने का मौका मिलेगा,ये सोचना केवल उनका सपना मात्र है।

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