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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

अन्ना ने पद्मभूषण लौटाने की धमकी दी

इससे पहले अन्ना हजारे ने पद्मभूषण सम्मान लौटाने की धमकी दी है। केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने मौजूदा राजनीति की तुलना गंदी नदी से कर डाली। हजारे ने समर्थकों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अनशन स्थल पर अब यदि शब्दों से भी हिंसा हुई तो आंदोलन वापस ले लिया जाएगा। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधियों, यहां तक कि प्रधानमंत्री से भी बात नहीं करने का ऐलान किया।

गांधीवादी नेता ने कहा कि सरकार से मिले सम्मानों पर बार-बार सवाल किया जाता है। लेकिन मैं मांगने नहीं गया था, उन्होंने दिया। पद्मश्री वापस किया, तब महाराष्ट्र में शरद पवार की कुर्सी गई थी। उन्होंने घोषणा की कि समय आने पर इसी मंच से पद्म भूषण भी वापस कर दूंगा। देशवासियों ने हमें जो पुरस्कार दिया है, वही अनमोल है।

आंदोलन के भविष्य पर उन्होंने कहा कि यह तभी थमेगा, जब राजनीति की गंदी नदी साफ हो जाएगी। बाढ़ आने का इंतजार कर रहा हूं। बाढ़ आई और नदी साफ होगी। जन लोकपाल भी तभी आएगा। इसके साथ ही अन्ना ने पिछले साल की अपनी गिरफ्तारी का षड्यंत्र रचने का आरोप तत्कालीन गृह मंत्री पर लगाया। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि लोक सभा व विधान सभा की जननी ग्राम सभा है, सत्ता इसे सौंपनी ही होगी। तभी किसानों के हित में कानून बनेगा।

इससे पहले सुबह अन्ना ने मीडिया के साथ हुए दुर्व्यवहार पर माफी मांगी। अफसोस जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि याद रखें, किसी तरह की हिंसा हुई तो सरकार आंदोलन को कुचल सकती है। ताकत और कानून दोनों सरकार के पास हैं। भविष्य में अगर ऐसी घटनाएं हुई तो मैं तत्काल अनशन समाप्त कर दूंगा। उन्हें अपना काम करने दीजिए, इनसे परेशान होने की जरूरत नहीं। अहिंसा कायम रखिए।

वहीं अरविंद केजरीवाल ने भी मीडिया के साथ दुर्व्यवहार पर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि जनतंत्र संवाद से चलता है। हालांकि उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि मीडिया को तय करना होगा कि वे देश के साथ है या भ्रष्ट लोगों के साथ। सोमवार की रात जंतर-मंतर पर अन्ना समर्थकों और मीडियाकर्मियों के बीच धक्कामुक्की भी हुई थी। शांति भूषण ने भी मीडिया पर आंदोलन को सही तरीके से पेश न करने का आरोप लगाया था।

सरकार भटक गयी है, आंदोलन नहीं:अन्ना हजारे

नई दिल्ली : आमरण अनशन पर बैठे अन्ना हजारे ने सरकार के खिलाफ अपने तेवर कडे करते हुए आज कहा जब तक राजनीति से भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होता, उनका आंदोलन जारी रहेगा.

जंतर मंतर पर अपने अनशन के तीसरे दिन हजारे ने सरकार की इस टिप्पणी पर कडी प्रतिक्रिया की जिसमें कथित तौर पर कहा गया है कि अनशन समाप्त करने का आग्रह करने के लिए सरकार की ओर से उनके पास कोई नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे जीवन में आज तक मुझ पर कोई दाग नहीं लगा है और आप आएंगे (सरकार) तो दाग लगेगा. मंत्रियों को मेरे पास आने की कोई जरुरत नहीं है. जब तक राजनीति की नदियां साफ नहीं हो जाती तब तक मेरा आंदोलन चलता रहेगा.’’

हजारे ने कहा, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि आंदोलन भटक गया है, जबकि सच यह है कि सरकार भटक गयी है, आंदोलन नहीं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पद्मश्री लौटा दिया और वक्त आने पर पद्म भूषण भी वापस कर दूंगा. मैं किसी पुरस्कार के लिए यह आंदोलन नहीं कर रहा हूं बल्कि देश के लिए कर रहा हूं. लोकपाल होता तो चिदंबरम जेल में होते. अनशन न न हो इसके लिए उन्होंने तमाम कोशिशें की.’’ उन्होंने एक बार फिर कहा कि ‘लोकपाल आएगा नहीं तो सरकार जाएगी’. अनशन स्थल पर आज भी अन्ना समर्थकों की आज अच्छी मौजूदगी रही.

-शिंदे पर टीम अन्ना ने साधा निशाना-

टीम अन्ना के सदस्य कुमार विश्वास ने आरोप लगाया कि दो दिन से देश को अंधेरे में रखने वाले बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे को अब सरकार ने गृह मंत्रालय का प्रभार सौंप दिया है. गौरतलब है कि कल उत्तरी ग्रिड में हुयी खराबी को टीम अन्ना ने सरकार की साजिश करार दिया था, जिससे लोग अन्ना के अनशन में शामिल न हो सके.

टीम अन्ना जिन 15 मंत्रियों के खिलाफ एसआईटी गठन की मांग कर रही है, उनमें एक शिंदे भी हैं. विश्वास ने कहा, ‘‘पिछले दो दिन से देश को अंधरे में रखने वाले बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे को अब पी चिदंबरम की जगह गृह मंत्रालय का प्रभार सौंप दिया गया है.’’

अगर हिंसा हुई तो खत्म कर दूंगा अनशन : अन्ना:

नई दिल्ली। जंतर-मंतर पर मीडियाकर्मियों के साथ हुई बदसलूकी पर आखिरकार टीम अन्ना ने माफी मांग ली। अन्ना हजारे और टीम के अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार सुबह मंच से इस मामले पर दुख जताते हुए माफी मांगी। अनशन के तीसरे दिन अन्ना हजारे ने कहा कि मीडिया पर हमले से उन्हें दुख हुआ है।

आंदोलन का जिक्र करते हुए अन्ना ने कहा कि हम अहिंसात्मक आंदोलन कर रहे हैं, ऐसे में कहीं भी किसी तरह की हिंसा नही होनी चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो दो दिन में आंदोलन खत्म हो जाएगा। अन्ना ने माना कि आंदोलन को घर-घर में मीडिया ने ही पहुंचाया है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आज बच्चे-बच्चे की जबां पर अगर जन लोकपाल का नाम है तो उसकी वजह मीडिया ही है। कहीं अगर कुछ कमी है तो हमें सोचना होगा। अन्ना ने समर्थकों को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर कहीं भी किसी तरह की हिंसा हुई तो वो आंदोलन खत्म कर देंगे। यहां तक की अन्ना ने शब्दों की हिंसा का भी विरोध किया।3

अन्ना का अनशन: निशाने पर मीडिया, हुई हाथापाई
अरविंद केजरीवालः मीडिया से बदसलूकी के लिए माफी मांगते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि घृणा पाप से करो पापी से नहीं। जनतत्र संवाद से चलता है, मारपीट से नहीं। अगर साथियों (मीडिया) से मतभेद है तो बातचीत करके, संवाद करके सुलझाना चाहिए। पिछले एक साल से आंदोलन का हिस्सा बनें तमाम चैनलों के मीडियाकर्मियों का नाम लेते हुए केजरीवाल ने कहा कि यह चैनल के मालिकों को तय करना होगा कि वो देश के साथ हैं या भ्रष्टाचारियों के साथ हैं। समर्थकों के हिंसात्मक रवैये पर केजरीवाल ने कहा कि समर्थक हाथ जोड़कर बात करें, बदसलूकी से नहीं।

संजय सिंहः टीम अन्ना के एक और अहम सदस्य संजय सिंह वे हमले की निंदा की। सिंह ने कहा कि मीडिया आंदोलन की खबर दिखाए या न दिखाए यह उस पर छोड़ दीजिए। कोई भी आपकी खबर दिखाए ऐसा नहीं होगा। किसी भी मीडियाकर्मी के खिलाफ अभद्रता करने की आवश्यकता नहीं है। सिंह ने कहा कि यदि कहीं भी ऐसा होता है तो उसे रोकिए, मना कीजिए। हम अन्ना की अहिंसक क्रांति में शामिल होने आए हैं।
अन्ना: सरकार को लोकपाल लाना होगा, या जाना होगा!

इससे पहले जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे के अनशन के तीसरे दिन आंदोलन समर्थकों ने मीडिया के खिलाफ स्लोगन लहराए। जनता ने ‘ना मीडिया से ना सरकार से, देश चलता है जनता से’ लिखे स्लोगन अनशन स्थल पर लहराए। बता दें कि टीम अन्ना के वरिष्ठ सदस्य शांति भूषण द्वारा मीडिया पर पक्षपात का आरोप लगाने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई ने एक नया मोड़ ले लिया था।

आंदोलन के समर्थकों ने सोमवार को जंतर-मंतर पर मीडिया के लोगों के साथ बदसलूकी भी की थी। इसपर ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (बीईए) ने टीम अन्ना को माफी मांगने के लिए कहा। वहीं, पुलिसकर्मियों के खिलाफ उकसाने वाला बयान देने पर दिल्ली पुलिस ने कुमार विश्वास के खिलाफ नोटिस जारी किया।

दरअसल जंतर मंतर पर सोमवार रात टीम अन्ना के सदस्य शांति भूषण लोगों को संबोधित कर रहे थे और शांति भूषण का कहना था कि न्यूज चैनल्स सही खबर नहीं दिखा रहे हैं। शांति भूषण ने अपने भाषण में कहा कि कुछ चैनल जानबूझकर ये दिखा रहे हैं कि अनशन में भीड़ नहीं हो रही है। मीडिया टीआरपी के लिए रिएलिटी से हेरफेर करती है।

शांति भूषण के इसी बयान के बाद वहां जमा भीड़ उतेजित हो गई और मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी करने लगी। वहां मौजूद अन्ना के समर्थकों ने मीडिया के खिलाफ नारे भी लगाए। टीम अन्ना के सदस्य कुमार विश्वास ने इस हमले की निंदा की है और कहा है कि इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए थी।

बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में लोग जंतर मंतर पहुंचे

गांधीवादी अण्णा हजारे अनशन के तीसरे दिन तबीयत बिगड़ने के बावजूद अपने मजबूत इरादों के साथ डटे हुए हैं। उन्होंने सरकार को कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि लोकपाल मुद्दे पर अगर सरकार नहीं सुनती है तो उसे जनता के रोष का सामना करना पडेÞगा। लोगों में विरोध की लहर बन रही है जिससे सरकार को जाना पड़ेगा। बारिश होने और मेट्रो रेल बंद होने के बावजूद दोपहर तक बड़ी संख्या में अण्णा समर्थक आंदोलन स्थल जंतर मंतर पहुंचे। फिल्मी सितारों ने भी धरना स्थल पहुंचने की बात कही। दूसरी ओर आंदोलन समर्थकों ने आटा-दाल लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के घर के बाहर प्रदर्शन किया।

आंदोलन में रविवार को आई भारी भीड़ के बाद सोमवार सुबह अनशन स्थल पर कम ही लोग थे। बारिश और मेट्रो सेवाओं में आई बाधा के कारण कम लोग आ पाए। लेकिन दिन चढ़ने के साथ लोगों की संख्या बढ़ने लगी। कुछ लोग ऐसे भी थे जो मेट्रो की लेटलतीफी का शिक ार होकर घंटों भटक कर आए। कुछ लोग बस और आॅटो से आए तो कुछ अपने वाहन से पहुंचे। जंतर-मंतर के आसपास कारों व दुपहियों की कतारें भी दिखीं।

हजारे 11 बजे मंच पर आए। उन्होंने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध की लहर बन रही है। मुझे ऐसा लग रहा है कि सरकार को एक सशक्त लोकपाल विधेयक लाना होगा या उसे जाना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को जनता के आगे झुकना होगा। जनप्रतिनिधियों को जनता को तवज्जो देनी ही होगी। भ्रष्टाचार पर लगाम लगानी ही होगी। कभी न कभी आक्रोश के स्वर


उठेंगे ही। हजारे ने कहा कि अपने आंदोलन की राह पर चलने की सबसे बड़ी ताकत उन्होंने अपने नैतिक बल से पाई। उन्होंने स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा पाई कि सेवा में ही असली आनंद है, इसलिए सेवा की राह ली। तन से जितना हुआ, किया। धन से भी मदद की। पेंशन से जितना पैसा मिलता है, जरूरतमंदों को दे देते हैं। उन्होंने ईमानदारी को अपना हथियार व ताकत बनाने की बात कही।

किरण बेदी ने इस लड़ाई को आर-पार की लड़ाई करार देते हुए कहा कि इस बार या तो समान समृद्धि यात्रा शुरू होगी या फिर साठगांठ वाली व्यवस्था चलती रहेगी। उन्होंने स्वामी रामदेव के बारे में चल रही बयानबाजी के बारे में कहा कि उनके रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन आंदोलन में वे साथ हैं।

फिल्मकार शेखर कपूर ने आंदोलन का समर्थन करते हुए जंतर मंतर पहुंचने की बात कही। उन्होंने सरकार नहीं, राजनीतिक व्यवस्था बदलने की जरूरत पर बल दिया। उधर अण्णा समर्थकों ने केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के घर के बाहर प्रदर्शन किया। इस पर टीम अण्णा ने कहा कि इस प्रदर्शन से उसका कोई लेना-देना नहीं है। लोग सीधे जाकर इस तरह से अपना रोष जाहिर कर रहे हैं। जंतर मंतर पहुंचे लोग अपने-अपने तरीके से भागीदारी कर रहे हैं। कोई पेंटिंग तो कोई गाने के जरिए अपने को अभिव्यक्त कर रहा था।

अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि यह सप्ताह देश को समर्पित करिए। आप अपने कार्यालय और कालेज से छुट्टी लीजिए। सड़कों पर आइए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारमुक्त भारत के लिए प्रार्थना कीजिए। मुझे पूरा विश्वास है कि भारत का समय आ गया है। भविष्य भारत का है।

अनशन के 7वां दिन, केजरीवाल, राय की तबीयत बिगड़ी

नई दिल्ली: अनशन के सातवें दिन आज टीम अन्ना के दो सदस्यों की तबीयत खराब बताई जा रही है। अनशनकारियों की जांच करने वाले सरकारी डॉक्टर ने अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय को अस्पताल ले जाने की सलाह दी है।

उधर, बीती रात जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे के करीब 100 समर्थकों ने मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी और नारेबाजी की। ये समर्थक शांति भूषण के भाषण के बाद उत्तेजित हो गए थे। आज टीम अन्ना मीडिया से इस घटना के लिए बिना शर्त माफी मांगी। अरविंद केजरीवाल की इस माफी के बाद अब इस बात का इंतजार हो रहा है कि मीडिया से स्वयं शांति भूषण कब माफी मांगते हैं।

अन्ना हजारे ने कहा कि उन्हें इस घटना से काफी दुख हुआ। उनका कहना है कि हाथापाई की नौबत नहीं आनी चाहिए। उनका कहना है कि पिछले 40 सालों में उन्होंने ने अनुभव किया है कि अहिंसा में बहुत शक्ति है। अन्ना हजारे ने अपने समर्थकों से कहा कि यदि ऐसा दोबारा होता तब वह इस आंदोलन को यहीं पर समाप्त कर देंगे।

दरअसल, शांति भूषण ने अपने भाषण में कहा कि कुछ चैनल जानबूझकर लोगों को गलत जानकारी दे रहे हैं कि अनशन में भीड़ नहीं जुट रही। इससे टीम अन्ना के समर्थक भड़क गए।


ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन ने मीडिया पर अन्ना समर्थकों के हमले की कड़ी निंदा की। एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह घटना मीडिया के काम में दखलअंदाजी है। एसोसिएशन ने टीम अन्ना से माफी की मांग की थी

कोंग्रेसीओ ने तिरंगे के टुकड़े टुकड़े कर तिरंगे का किया घोर अपमान !!!!

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कोंग्रेसीओ !!!! ने तिरंगे के टुकड़े टुकड़े कर तिरंगे का किया घोर अपमान !!!! घोर अपमान !!!!
क्या कॉंग्रेस एक मनोरंजन पार्टी है?? पड़े ये लेख




कांग्रेसियों ने इस देश की स्वतन्त्रता के लिए लड़ाई लड़ी है इस बात को आज के कांग्रेसी बोलते नहीं थकते ....लेकिन इस कथन में कितनी सच्चाई है इसकी गहराई में जाए तो नतीजा सिफर ही आएगा ...कांग्रेस के संस्थापक कोई भारतीय नहीं बल्कि एक विदेशी थे जिनका नाम था ..ऐ.ओ.ह्युम और क्या कोई विदेशी भला दुसरे देश की स्वतन्त्रता के लिए कोई पार्टी बनाएगा क्या... कांग्रेस पार्टी एक मनोरंजक पार्टी के रूप में बनी थी जिसमे मोतीलाल जैसे धनाड्य अपने मनोरंजन के लिए मिलते जुलते थे और कांग्रेस पार्टी के किसी भी बड़े लीडर से कभी भी अंग्रेजो को कोई भी खतरा नहीं था इसलिए कांग्रेस में रहने वाले नेताओ को कभी न काला पानी की सजा मिली और न ही फासी....अंग्रेजो के कोप के भाजन बने लाला लाजपत राय,चन्द्रशेखर आजाद,भगत सिंह,सुभाष चन्द्र बोस,सुखदेव,राजगुरु,और इसी तरह के कई अनाम स्वतन्त्रता सेनानी जो या तो कभी कांग्रेसी थे ही नहीं और थे तो उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी....देश के बटवारे के सूत्रधार कौन थे यह सभी जानते है...सिर्फ और सिर्फ पंडित नेहरु को प्रधानमन्त्री बनाने के लिए महात्मा गाँधी देश के बटवारे के लिए तैयार हो गये...यह भी कटु सत्य है की आजादी के बाद जिन आधारों पर देश का बटवारा हुआ उसके विपरीत कांग्रेस की निति के फलस्वरूप ही आज देश में कई राज्यों में जातीय संघर्ष की स्थिति बनी हुई है ....नेहरु की नीतियों के फलस्वरूप आज कश्मीर देश से अलग थलग अलगाव वादियों के हाथो जल रहा है ....देश में आजादी के नायक सुभाष चन्द्र बोस जो अंग्रेजो के समय सुरक्षित थे लेकिन कांग्रेसी राज्य में गायब कर दिए गये क्या इस बात का कोई भी जवाब है कांग्रेसियो के पास की कहा गये सुभाष बाबु ....गाँधी और नेहरु के लिए सबसे बड़ा रोड़ा सुभाष बाबु ही थे....भगत सिंह की फांसी को गाँधी जी टाल सकते थे गाँधी इरविन समझौते के समय सुभाष बाबु ने गाँधी जी से अनुरोध भी किया था लेकिन गाँधी जी सहमत नहीं हुए ....इंदिरा गाँधी इस देश में हिटलर शाही की सबसे बड़ी प्रतीक के रूप में उभरी जिन्होंने देश में आपात काल लगाकर और मिडिया तथा कोर्ट पर भी पाबंदी लगा कर देश में हिटलर राज की यादे ताजा कर दी थी...राजीव गांधी ने देश में 1984 में अब तक का सबसे बड़ा राजनयिक कत्लेआम करवाया था अपनी माँ की मौत का बदला उन्होंने लिया था उस समय उनके इशारे पर किये कत्लेआम पर उनका बयान था की जब भी कोई बड़ा वृक्ष गिरता है तो धरती में कम्पन होती है...फिर न. आया सोनिया गाँधी का जिनकी कार्यप्रणाली आप सभी के सामने है...इतने सब के बाद फिर भी कांग्रेस कहती है की.....अब इस पर क्या कहे की वे झूट कहती है... -Uday Kumar, Teerath Singh,

देश चलाने वाला PMO झूठ बोल रहा है: अन्ना हजारे

सामाजिक कार्यकर्ता अन्‍ना हजारे ने सरकार पर जमकर हमला बोला है. अन्‍ना ने यूपीए सरकार के दो केंद्रीय मंत्रियों, सलमान खुर्शीद और वी नारायणसामी, को झूठा करार दिया है.

जनलोकपाल कानून की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर अनशन कर रहे अन्‍ना ने आरोप लगाया कि जनलोकपाल कानून को लेकर सरकार शुरू से ही झूठ बोल रही है. अन्‍ना ने कहा कि मैंने कभी सरकार का ड्राफ्ट नहीं माना और नारायण सामी बोल रहे हैं कि मैंने उनका ड्राफ्ट माना है. ये लोग शुरु से ही झूठ बोल रहे हैं. अन्‍ना ने चुटकी लेते हुए कहा कि मेरे बाल धूप में नहीं सफेद हुए हैं.

अन्‍ना ने खुर्शीद और सामी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि यदि हिम्‍मत है तो ये लोग जनता के सामने आएं, फिर साबित हो जाएगा कि झूठा कौन है.



अन्ना हजारे ने दी सरकार को चेतावनी

गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अपने अनशन के दूसरे दिन सरकार को चेतावनी दी कि उसके विरोध प्रदर्शन की ‘लहर’ बन रही है और अगर वह सशक्त लोकपाल विधेयक नहीं लाई तो उसे सत्ता से जाना होगा।


रविवार की भारी भीड़ के बाद सोमवार को अनशन स्थल जंतर-मंतर पर सुबह लोग कम दिखे लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही समर्थकों की संख्या में वृद्धि हुई और दोपहर बाद संख्या 3,000 के करीब जा पहुंची।


हल्की बूंदा बांदी के बीच हजारे ने सुबह 11 बजे मंच संभाला और कहा, ‘देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की लहर बन रही है। मुझे ऐसा लग रहा है कि सरकार को एक सशक्त लोकपाल विधेयक लाना होगा या उसे जाना होगा।’


उल्लेखनीय है कि अन्ना के अनशन का यह दूसरा दिन है जबकि उनकी टीम के अन्य तीन लोग पिछले छह दिनों से अनशन पर बैठे हैं। टीम अन्ना ने कहा है मुद्दे के समाधान के लिए सरकार को गांधीवादी कार्यकर्ता के पास दूत भेजना होगा।


टीम अन्ना ने उत्तरी पावर ग्रिड में आई खराबी को भी साजिश करार दिया और आरोप लगाया कि ये सब इसलिए हो रहा है ताकि अन्ना के अनशन स्थल पर भीड नहीं जुट सके।


रामदेव के रविवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने पर कड़ा रुख अख्तियार करने वाली टीम अन्ना अपने रुख में नरमी लाई और कहा कि रामदेव और अन्ना दोनों भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ रहे हैं। उसके अनुसार रामदेव ने कालेधन के खिलाफ मोर्चा खोला है जबकि अन्ना जनलोकपाल कानून लाने के लिए लड़ रहे हैं।

अन्ना समर्थकों का पवार के घर के बाहर प्रदर्शन, घसीट कर ले गई पुलिस

नई दिल्‍ली। दो दिन पहले पीएम आवास के बाहर प्रदर्शन करने के बाद अन्‍ना हजारे के समर्थकों ने अब केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को निशाना बनाया है। 6, जनपथ स्थित शरद पवार के घर अन्‍ना समर्थकों का प्रदर्शन शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कृषि मंत्री पवार ने सबसे बड़ा खाद्य घोटाला किया है। उन्‍होंने उनके घर पर चावल और आटा की थैलियां फेंके। अन्‍ना समर्थकों में स्‍कूल-कॉलेज के स्‍टूडेंट और महिलाएं भी हैं। मौके पर पुलिस बल तैनात है। पुलिस प्रदर्शनकारियों को घसीट कर बस में बैठा कर ले जा रही है।

उधर, योग गुरु बाबा रामदेव ने टीम अन्‍ना के साथ संबंधों की हद तय करने की कोशिश की है। उन्‍होंने कहा है कि वह कहां जाते हैं, किससे मिलते हैं, इस बारे में टीम अन्‍ना को कोई सवाल नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही बाबा ने यह भी साफ किया उनके और अन्‍ना के विचार एक हैं।

रविवार से अनशन कर रहे अन्ना सोमवार को भी डटे हैं। उनके साथ मंच पर अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी डटे हैं। जबकि किरण बेदी ने ट्व‍िटर पर जंतर मंतर की कुछ तस्‍वीरें अपलोड की हैं और भीड़ जुटने पर उत्‍साह भर कमेंट ट्वीट किए हैं। टीम के सदस्‍य संजय सिंह और कुमार विश्‍वास ने सरकार पर हमला बोलते हुए जान-बूझ कर र्नार्दन ग्रिड फेल करवाने का आरोप लगाया, ताकि लोग जंतर मंतर नहीं पहुंच सकें।

लेकिन सेहत की चिंता इस उत्‍साह पर भारी पड़ सकती है। अनशन पर बैठे टीम अन्ना के सदस्य गोपाल राय का किटोन लेवल बढ़ने से उनकी तबीयत और अधिक खराब हो गई है। संभावना है कि खराब होती तबीयत के मद्देनजर गोपाल राय का अनशन सोमवार को तुड़वाया जा सकता है। अन्‍ना की भी तबीयत खराब हो गई है। डॉक्टरों के मुताबिक बार-बार अनशन करने की वजह से अन्ना का शरीर काफी कमजोर हो गया है। अन्ना का अनशन अगर सरकार के लिए खतरे की घंटी है, तो ये अनशन खुद उनके शरीर के लिए भी खतरनाक है।

जंतर-मंतर पर पिछले पांच दिन से टीम अन्ना के सदस्य-अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय अनशन कर रहे हैं। रविवार सुबह 10.30 बजे से अन्ना ने भी उनका साथ देना शुरू कर दिया। मंच पर आते ही उन्होंने कहा, 'मेरी टीम ने खराब स्वास्थ्य के चलते मुझे अनशन करने से मना किया था। लेकिन जो लोग यह अनशन रख रहे हैं मैं उन्हें नजरअंदाज कैसे कर सकता हूं। जब तक हमें जन लोकपाल नहीं मिल जाता जनता मुझे मरने नहीं देगी।'

किरण बेदी ने ट्विटर पर देश की नामी हस्तियों से आंदोलन से जुडऩे की अपील भी की। इनमें आमिर खान, पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह, नारायण मूर्ति, अमिताभ बच्चन, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और ई श्रीधरन शामिल हैं।
वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ट्विटर पर उस पत्र को सार्वजनिक किया गया है, जो 26 जून को टीम अन्‍ना को भेजा गया था। इसमें बताया गया था कि लोकपाल बिल को लेकर सरकार क्‍या कदम उठा रही है।

अन्ना के अनशन को तोड़ने के लिए गुल की बिजली : टीम अन्ना

दिल्ली, एनसीआई सहित छह राज्यों में रात से ही बिजली गुल होने से आम जनता के साथ ही टीम अन्ना भी नाराज है। टीम अन्ना के एक सदस्य संजय ने एक साथ इतने राज्यों खासकर दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में रात से बिजली गुल होने पर सरकार पर आरोप लगाया है कि अन्ना के अनशन में बढ़ते जन समर्थन को देख सरकार ने जानबूझ कर बिजली गुल की।


संजय का यह भी आरोप है कि रविवार को जब जंतर-मंतर पर लोगों का सैलाब अन्ना के पक्ष में उमड़ने लगा तो सरकार घबरा गई और लोगों को अनशन में आने से रोकने के लिए साजिश के तहत बिजली गुल कर दी गई। लोगों को परेशानी में डालने के लिए ही बिजली बंद की गई है जिससे ट्रेनें भी ठप्प हो जाए और लोग अन्ना के अनशन में भाग न ले सकें।


उल्लेखनीय है कि रविवार देर उत्तरी ग्रिड में सोमवार तड़के करीब दो बजकर तीस मिनट पर खराबी आ जाने से छह उत्तरी राज्यों में बिजली आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है। उत्तरी ग्रिड में समस्या की वजह से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में बिजली आपूर्ति प्रभावित है।


पॉवर सिस्टम ऑपरेटिंग कंपनी (पीएसओसी) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एस के सूनी ने कहा कि हां, उत्तरी ग्रिड में कुछ समस्याएं हैं। हम पुन: इसकी बहाली की कोशिश कर रहे हैं।

“अगला हफ्ता देश के नाम”


आज बात जंतर-मंतर पर उमड़े जनसैलाब की नहीं करुंगा. दिल्ली पुलिस के आंकड़े के मुताबिक दोपहर के करीब दो बजे तक जंतर-मंतर पर फुटफॉल एक लाख का था यानी दोपहर के दो बजे तक करीब एक लाख लोग जंतर-मंतर आ चुके थे. रात के नौ बजे तक जंतर-मंतर पर फुटफॉल का पुलिस का आंकड़ा डेढ़ लाख तक पहुंच गया. पुलिस के इस आंकड़े को कुछ चैनलों ने खबरों में एकाध-बार चला भी दिया लेकिन सरकारी डंडे के डर से उन्होंने इसे जल्द ही हटा लिया. अब जंतर-मंतर के जनसैलाब के बारे में कहने को क्या बच जाता है?
बात अन्ना के अनशन शुरू करने की भी नहीं करुंगा. अन्ना ने पांच दिन पहले ही ऐलान कर दिया था कि अगर चार दिनों में सरकार ने एसआईटी नहीं बनाई तो वह अनशन पर बैठ जाएंगे. अन्ना के अनशन पर बैठने की वजह से सरकार में पैदा हुई बौखलाहट की खबरें सारी मीडिया चला रही है. अन्ना के अनशन का असर पहले भी दुनिया देख चुकी है. इसलिए इस अनशन के बारे में कहने को क्या बच जाता है?
बात देशभर में अनशनकारियों पर हो रहे प्रशासनिक अत्याचारों की भी नहीं करुंगा. कोलकाता में अनशनकारियों को जेल में डाल दिया गया. वे जेल से छूटकर जंतर-मंतर तक आए थे और अपनी आपबीती मंच से सुनाई थी. उज्जैन में अनशनकारियों को कुछ अज्ञात लोगों ने पीट-पीटकर लहूलुहान कर दिया, पुणे में पुलिस ने जबरदस्ती अनशन तुड़वाया, रायबरेली में महिला अनशनकारियों के सर फोड़ दिए गए, मंच तोड़ दिया गया, अजमेर में अनशनकारियों को पुलिस रोज़ धमका रही है, चेन्नई में चिदंबरम के घर के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने अनशनकारियों पर पुलिस ने इस क्रूरता से लाठियां भांजी जैसे अनशनकारी नहीं अपराधी हों.
400 जिलों में लोग अनशन कर रहे हैं. क्या पूर्वी भारत, क्या पश्चिम क्या उत्तर, क्या दक्षिण, अन्ना के आह्वान पर अनशन पर बैठे अनशनकारी किसी भी प्रांत की सरकारों को फूटे आंख नहीं भा रहे. देश के इसलिए अन्ना हजारे, अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, गोपाल राय और उनके साथ जंतर-मंतर पर बैठे करीब 400 अनशनकारियों के बारे में बताने की क्या जरूरत रह जाती है?
बात आंदोलन को देश-दुनिया में मिल रहे समर्थन की भी नहीं करुंगा. मुंबई में अनुपम खेर और रणवीर शौरी के नेतृत्व में निकली 32 किलोमीटर लंबी रैली की भी नहीं करुंगा. मीडिया सेलेब्रिटी के बारे में जरूर बता देती है. बात इंडिया गेट पर अनशन के समर्थन में तिरंगे और मोमबत्तियां लिए सड़क पर उतरे 50 हजार से अधिक लोगों की बात भी नहीं करुंगा क्योंकि पहली बार मीडिया ने इसका लाइव कवरेज किया और माना कि आंदोलन को जनता का समर्थन कायम है.
बात आंदोलन को समर्थन देने को अरुणाचल प्रदेश से जंतर-मंतर तक चलकर आए करीब 300 बौद्ध भिक्षुओं की भी नहीं करुंगा क्योंकि लोकतंत्र में संख्या बल मायने रखता है, भाव नहीं. इसलिए हजारों किलोमीटर का सफर कर आए 300 बौद्ध भिक्षुओं का लोकतंत्र में कोई अस्तित्व ही नहीं है.
बात अमेरिका के न्यू जर्सी, फ्लोरिडा, डलास, ब्रिटेन, सिंगापुर, जापान, रूस और ऑस्ट्रेलिया में भारतवंशियों द्वारा शुरू किए गए आंदोलन की भी नहीं करुंगा क्योंकि सरकारों की खालें इतनी मोटी गई हैं कि वह जनसैलाब को ऐसी चींटिया बता देती हैं जिसे गांधी परिवार के लोग कभी भी मसल सकते हैं.
बात जंतर-मंतर पर देशभर से आए लोगों की भी नहीं करुंगा जो भ्रष्टाचार से त्रस्त हैं. कुछ खुशनसीब थे जिन्हें अपनी बातें व्यक्त करने के लिए मंच से मौका मिला, कुछ ने बैनरों, पोस्टरों और प्लेकॉर्डों के जरिए अपनी व्यथा व्यक्त की. बात उन भ्रष्ट मंत्रियों की भी नहीं करुंगा जिनके भ्रष्टाचार की पोल मंच से खोली गई. उन पर लगे आरोप अब जगजाहिर हैं.
बात उन दानदाताओं की भी नहीं करुंगा जिन्होंने अपने सामर्थ्य के मुताबिक दान करके आंदोलन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया क्योंकि दान की महत्ता उसके बखान से कम हो जाती है. और अगर हम मंत्रियों के भ्रष्टाचार की रकम को समंदर मान लें तो तो इस दानराशि की औकात वे उस समंदर में चुल्लु भर पानी से भी कम आंकेंगे.
मैं बात करुंगा मंच के सामने से गुजरे आज एक लाख से अधिक लोगों की जिन्होंने अन्ना को प्रणाम किया. अनशनकारियों को अपना समर्थन दिया. देश के लिए उनके द्वारा किए जा रहे त्याग को नमन किया.
मैं बात करुंगा उन लाखों लोगों की जिसके कंठ से दिनभर एक हफ्ता देश के नामअगला हफ्ता देश के नाममेरा हफ्ता देश के नामगूंजा. जिसने उन शक्तियों को मुंह चिढ़ाने की ठानी है जो कहते हैं कि आंदोलन को अब लोगों का समर्थन खत्म हो चुका है.
लेकिन मैं उनकी बात भी क्यों करूं. वे तो देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझ कर आ रहे हैं. इन्हें लाया नहीं गया, स्वतः आए हैं. आंदोलन में उनको अपनी और अपने देश के सुनहरे भविष्य की आशा दिखती है. ये भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतिम लड़ाई को कमर कस रहे हैं.
फिर मैं क्या बात करूं ? मैं आजादी की इस दूसरी लड़ाई में अपना योगदान दे रहे भारतवंशियों को नमन करने से ज्यादा क्या कह सकता हूं. शायद इससे ज्यादा कुछ कहने की जरूरत भी नहीं. मैं भी उनकी तरह आंदोलन का एक सिपाही हूं. इस नाते आंदोलन में मेरा साथ देने आए समस्त जन को साधुवाद कहता हूं.       

अन्ना अनशन पर सरकार घबराई, दिलाई पुरानी चिट्ठी की याद

नई दिल्ली। अनशन के पांचवें दिन रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर अन्ना हजारे भी अपनी टीम के साथ अनशन में शामिल हो गए। अन्ना के अनशन पर बैठते ही जंतर मंतर पर भीड़ काफी बढ़ गई। वहीं सरकार हकरत में दिख रही है।

रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर देश को ये जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से 9 जून को अन्ना हजारे को एक चिट्ठी लिखी गई थी जिसमें उन्हें कहा गया था कि जो मुद्दे आप उठा रहे हैं उन्हें पूरा करने की कोशिश की जा रही है।

सवाल पीएमओ के ट्वीट की टाइमिंग को लेकर उठ रहा है। क्या सरकार अन्ना के अनशन पर बैठने के बाद दबाव में आ गई है। आखिर अचानक इस तरह ट्वीट करने की जरूरत क्यों पड़ गई।

इंडिया गेट से जंतर मंतर तक कैंडल मार्च, अन्ना समर्थकों ने ली शपथ



नई दिल्ली. अन्ना हजारे ने एक बार फिर हुंकार भरी है। वे मजबूत लोकपाल की मांग लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर अनशन पर बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा है कि पहले लोकपाल पास होगा, तभी सरकार से बात होगी। अन्ना हजारे ने जंतर मंतर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'आज किसके सामने यह लक्ष्य है कि इस देश का भविष्य बदलना है। सत्ता से पैसा, पैसे से सत्ता के चक्कर में सभी पार्टियां लगी हुई हैं। सत्ता दिल्ली-मुंबई में है, जनता के हाथों में नहीं। सत्ता का विकेंद्रीकरण करना होगा। ग्राम सभा को सबसे ज़्यादा ताकत देनी होगी। सिर्फ लोकपाल नहीं, समग्र परिवर्तन लाना है। लोकपाल तो लाना ही है। लोकपाल आ गया तो भ्रष्टाचार में 60-65 फीसदी की कमी आएगी।'


अन्ना हजारे के समर्थक बड़ी तादाद में इंडिया गेट पर रविवार शाम को जुट गए। उन्होंने वंदे मातरम के नारे लगाते हुए लोकपाल की मांग की।


प्रशांत भूषण के नेतृत्व में अन्ना समर्थक इंडिया गेट पहुंचे। इंडिया गेट पर अन्ना समर्थकों ने सांकेतिक रूप में भ्रष्टाचार में शामिल न होने की प्रतिज्ञा भी ली। इंडिया गेट पर थोड़ी देर रुकने के बाद अन्ना समर्थकों ने जंतर मंतर तक कैंडल मार्च किया। दूसरी तरफ, सरकार भी अन्ना के अनशन से परेशान होने लगी है। अन्ना के अनशन पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा है, 'जब टीम अन्ना अनशन नहीं कर पा रही है तो अन्ना को तो उतरना ही पड़ेगा।'

अन्ना समर्थकों का चिदंबरम के आवास पर प्रदर्शन

टीम अन्ना के 70 से अधिक समर्थकों को रविवार को केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिंदंबरम के आवास के सामने प्रदर्शन करने पर हिरासत में ले लिया गया।

अन्ना समर्थक प्रदर्शनकारी चिदंबरम के खिलाफ नारे लगा रहे थे और उनके सहित 15 केन्द्रीय मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच विशेष दल से कराये जाने की मांग कर रहे थे।

पुलिस ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया लिया गया है। विरोध प्रदर्शन को देखते हुये क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है। उल्लेखनीय है कि अन्ना समर्थकों द्वारा राजधानी में कल प्रधानमंत्री आवास के सामने विरोध प्रदर्शन करने के बाद यहां भी प्रदर्शन किया जा रहा है।
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लोग मुझे मरने नहीं देंगेः अन्ना

रविवार सुबह एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना की जंग ने रंग पकड़ लिया. अन्ना की टीम तो पहले से ही भूख हड़ताल पर थी, रविवार सुबह अन्ना ने भी आमरण अनशन शुरू कर दिया. संसद में अटके पड़े कानून को जल्द लागू करने की मांग.

केंद्र सरकार को चार दिन पहले ही चेतावनी दे दी गई थी, लेकिन जब कोई जवाब नहीं आया तो अन्ना ने खराब स्वास्थ्य के बावजूद अपने समर्थकों की मांग ठुकरा दी और उनके साथ भूख हड़ताल पर बैठ गए. टीम अन्ना के सदस्य और ज्यादा समर्थक चार दिन पहले से ही भूख हड़ताल पर बैठे हैं. अन्ना हजारे ने भूख हड़ताल पर बैठने के साथ ही कहा कि लोग उनके साथ हैं. मशहूर समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा, "मुझे यकीन है कि मेरे देश के लोग मुझे मरने नहीं देंगे. मुझे आप लोगों से ताकत और विश्वास मिला है."

अन्ना अपने टीम के साथियों के साथ पहले से ही धरने पर बैठे हुए हैं. उनके टीम के सदस्यों में अरविंद केजरीवाल और दो दूसरे लोग चार दिन से भूख हड़ताल कर रहे हैं. अरविंद केजरीवाल ने अन्ना को स्वास्थ्य कारणों का हवाला दे कर उपवास न करने की अपील की थी, लेकिन अन्ना ने इसे अब मानने से इनकार कर दिया है. अन्ना ने कहा है, "जब 400 से ज्यादा लोग भूख हड़ताल कर रहे हैं, तो मैं कैसे उनकी अनदेखी कर उपवास किए बिना रह सकता हूं. कल उन्होंने फिर मुझसे कहा कि मैं ऐसा नहीं करूं, लेकिन मैं इसी वक्त से उपवास शुरू कर रहा हूं. मैं मानता हूं को मुझे आप लोगों की मंजूरी मिल गई है."

अन्ना हजारे औऱ उनकी टीम चाहती है कई महीनों से संसद में अटके पड़े भ्रष्टाचार निरोधक कानून को सख्त बनाया जाए. इसके साथ ही प्रधानमंत्री समेत 15 वरिष्ठ मंत्रियों के खिलाफ जांच के लिए एक अलग से टीम बनाई जाए.
रविवार को जंतर मंतर पर अन्ना के पहुंचने से पहले ही बड़ी संख्या में उनके समर्थकों का जमावड़ा लग गया. पिछले साल अप्रैल के बाद से चौथी बार अन्ना भूख हड़ताल पर बैठे हैं.अन्ना ने देश की मौजूदा स्थिति के लिए सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी और विपक्षी बीजेपी दोनों को समान रूप से दोषी माना है. अन्ना ने कहा है कि वह अगले आम चुनाव में देश के लोगों को एक राजनीतिक विकल्प देंगे. अन्ना के मुताबिक वह साफ छवि वाले लोगों को संसद में भेजने के लिए अभियान चलाएंगे और उनके समर्थन में प्रचार करेंगे.

अन्ना के आंदोलन को वैसे तो पूरे देश में समर्थन मिल रहा है, हालांकि कहीं कहीं उनके तौर तरीकों को लेकर आलोचना भी हुई है. खासतौर पर सरकार से दबाव बनाने के उनके तरीके को भारत का एक तबका ब्लैकमेलिंग का दर्जा देता है. प्रधानमंत्री पर सीधे हमले को भी लोग टीम अन्ना की राजनीतिक महत्वाकांछा से जोड़ कर देखते हैं.

चार दिन पहले शुरू हुए उनके ताजा आंदोलन का रंग अभी पूरी तरह से नहीं जमा है. समर्थकों की कोई खास भीड़ नहीं देखी गई, भारतीय मीडिया ने भी आंदोलन को ज्यादा तवज्जो नहीं दी है. लेकिन इसके लिए मीडिया की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. वैसे अन्ना के उपवास शुरू कर देने के बाद इसका असर तेज होने की बात कही जा रही है और इसका संकेत रविवार सुबह जंतर मंतर पर उमड़ी भीड़ से भी मिल गया है.

टीम के साथ अन्ना हजारे भी बैठे अनशन पर, बढ़ने लगी भीड़

नई दिल्ली। अन्ना हजारे ने एक बार फिर जंतर मंतर पर अनशन पर बैठ गए हैं। अन्ना ने कहा है कि पहले लोकपाल पास होगा, तभी सरकार से बात होगी। इस बीच अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय के अनशन का रविवार को पांचवां दिन शुरू हो गया।

जंतर मंतर पहुंचने से पहले महाराष्ट्र सदन से निकलते वक्त पत्रकारों से बातचीत में अन्ना ने कहा, 'सरकार कह रही है कि हमारा जनआंदोलन भटक रहा है लेकिन अब जनता को यह आभास हो गया है कि सरकार ही भटक रही है। सरकार कहती है कि हम संविधान से अलग जा रहे हैं। लेकिन क्या सरकार संविधान का पालन कर रही है? आजादी के इतने साल बीत जाने के बाद भी लाखों लोगों को खाने के लिए नहीं मिल रहा है और कई लोगों के पास बेशुमार दौलत है।'

प्रधानमंत्री के घर के बाहर चोर लिखे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए अन्ना ने कहा कि बुराई को सहन करते-करते कई लोगों को गुस्सा आ जाता है तो वो ऐसा कर देते हैं लेकिन मैं इसे सही नहीं मानता। समाज हमारी ओर देख रहा है इसलिए हमें थोड़ा सहज रहना चाहिए।

लोकपाल की मांग पर अन्ना ने कहा कि हमारी टीम हो या हम हों हमारी मुख्य मांग लोकपाल है लेकिन मंत्रियों के भ्रष्टाचार का मुद्दा इसलिए आया है क्योंकि पिछले ढेड़ साल से आंदोलन चल रहा है लेकिन सरकार बार बार धोखा दे रही है। अब हमें लगता है कि ये १५ भ्रष्ट मंत्री जब तक सरकार में रहेंगे तब तक लोकपाल नहीं आने देंगे। आज न वो एसआईटी बैठाना चाहते हैं और न ही इन भ्रष्ट मंत्रियों पर कार्रवाई करना चाहते हैं। अगर सरकार को लगता है कि हम भटक गए हैं तो पहले लोकपाल ले आए उसके बाद में मंत्रियों की जांच करवा ले।

पीएम के घर पर अन्ना समर्थकों का धावा
अन्ना के कथित समर्थकों ने शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 7 रेसकोर्स स्थित सरकारी निवास के बाहर प्रदर्शन किया। इनमें से कुछ लोगों ने घर में कोयले भी फेंके और दीवारों पर आपत्तिजनक बातें भी लिख दी। बाद में पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया।

इनमें 8 महिलाओं समेत करीब सौ लोग थे। प्रधानमंत्री के घर के सामने अचानक जमा हुई भीड़ अन्ना के समर्थन और प्रधानमंत्री के खिलाफ नारे लगा रही थी।

टीम अन्ना प्रधानमंत्री पर कोल आवंटन में गड़बड़ी का आरोप लगाते आ रही है। इस बीच इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के मीडिया संयोजक ए मुरलीधरन ने कहा कि संगठन की ओर से कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया था।

सरकार कोई बाधा नहीं डाल रही है : सामी
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणस्वामी ने कहा है कि सरकार अन्ना के आंदोलन की एकता तोड़ने की कोशिश नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि टीम अन्ना में खुद एकता की कमी है।
सामी ने कहा कि हजारे ईमानदार हैं लेकिन उनकी टीम के कुछ लोग भ्रष्ट हैं। ये वे लोग हैं, जिन्होंने अपनी पुत्रियों का मेडिकल में दाखिला कराने के लिये झूठे सामुदायिक प्रमाणपत्र हासिल किए और विदेश जाने के लिये भारी रिश्वत ली।

प्रधानमंत्री आवास तक पहुंचा अन्ना समर्थकों का विरोध

समाजसेवी अन्ना हजारे के समर्थकों का विरोध शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सात रेसकोर्स स्थित सरकारी आवास तक पहुंच गया। अन्ना समर्थकों के एक दल ने शनिवार शाम अचानक प्रधानमंत्री आवास के निकट पहुंच गया।

समर्थकों ने विभिन्न घोटालों में कथित रूप से लिप्त केन्द्रीय मंत्रियों के खिलाफ जांच की मांग करते हुए नारेबाजी की। इस मामले में पुलिस ने अनेक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है।

अन्ना समर्थकों के संगठन इंडिया अगेंस्ट करप्शन की प्रवक्ता ए. मुरलीधरन ने बताया कि 200 अन्ना समर्थकों ने प्रधानमंत्री आवास पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। ये लोग अपने हाथों में कोयला लिए हुए तथा प्रधानमंत्री को कोयला भेंट करना चाहते थे।

जंतर मंतर से जनलोकपाल आंदोलन का हाई क्वालिटी लाइव वेबकास्ट

जंतर मंतर से जनलोकपाल आंदोलन का हाई क्वालिटी लाइव वेबकास्ट 
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अनशन से पहले अन्ना हजारे की हुंकार, जिंदा बचा तो...

नई दिल्ली।। जंतर-मंतर पर टीम अन्ना के अनशन के चौथे दिन अन्ना हजारे ने एक बार फिर सरकार पर तीखा हमला बोला। रविवार से टीम के बाकी सदस्यों के साथ अनशन पर बैठने जा रहे अन्ना हजारे ने ऐलान किया कि अगर वह जिंदा बचे, तो देश भर में घूमेंगे।

अन्ना हजारे ने पॉलिटिकल पार्टी बनाने की बात से तो इनकार किया, लेकिन साथ ही चुनावों को लेकर अपने आगे की रणनीति साफ कर दी। अन्ना ने कहा कि वह चुनावों में जनता के उम्मीदवार को उतारेंगे। जनता के उम्मीदवार को चुनने के लिए अच्छे कैरक्टर वाले लोगों को खोजा जाएगा। अन्ना ने कहा कि जनता से इन उम्मीदवारों के बारे में राय मांगी जाएगी और चुने गए उम्मीदवार का चुनावों में समर्थन किया जाएगा।

शनिवार को सुहावने मौसम और वीकेंड के बावजूद जंतर-मंतर पर भीड़ नहीं बढ़ी। करीब एक बजे अन्ना हजारे मंच पर आए और उन्होंने सरकार पर एक बार फिर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्हें तीन बार धोखा दिया है। जब तक जन लोकपाल नहीं आएगा, तब तक वह लड़ते रहेंगे।

अन्ना ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि जंतर-मंतर पर भीड़ नहीं है। ऐसे लोगों के पास दरअसल 'नजर' ही नहीं है। उन्होंने जैसा चश्मा पहना है, चीजें भी वैसी ही दिख रही हैं। अन्ना ने कहा कि इस समय 400 जिलों में अनशन चल रहा है।

अनशन स्थल से शुक्रवार को गायब रहीं किरन बेदी भी शनिवार को मंच पर नजर आईं। सिक्किम में भूमि अधिग्रहण और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की अगुआई कर रहे वाई के लेप्चा भी अन्ना के समर्थन में आए। उन्होंने हजारे को वहां की पारंपरिक टोपी पहनाई।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एनडी तिवारी को नाजायज बाप बंनने पर टीम अन्ना ने दी बधाई

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एनडी तिवारी को डीएनए रिपोर्ट के बाद पिता घोषित किए जाने पर टीम अन्ना ने उन्हें बधाई दी।  

जंतर-मंतर पर अनशन कर रही टीम अन्ना के सदस्य कुमार विश्वास ने मंच से चुटकी लेते हुए कहा कि डीएनए जांच से दिल्ली निवासी युवक रोहित शेखर को वैधानिक रूप से उनका पिता मिल गया है जबकि रोहित शोखर के रूप में एनडी तिवारी को बेटा। इसलिए हम एनडी तिवारी को पिता बनने की बधाई देते हैं।

गौरतलब है कि हैदराबाद की प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट में तिवारी की डीएनए जांच के नतीजे की अदालत ने घोषणा करते हुए शुक्रवार को तिवारी को शेखर का पिता घोषित किया है।

अनशन का तीसरा दिन, जंतर-मंतर उफान पर....


अनशन का तीसरा दिन. अनशनकारियों के चेहरे पर थकान जरूर नजर आ रही थी लेकिन जोश में कोई कमी नहीं आई थी. करीब 400 अनशनकारी सुबह की दिनचर्या से फुर्सत पाकर कार्यक्रम शुरू होने के इंतजार में बैठे थे. मेडिकल जांच चल रही थी. अचानक सूचना केंद्र से डॉक्टरों के लिए एक खबर आई कि 50 नए अनशनकारियों ने अनशन के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया है. उनकी भी डॉक्टरी जांच की औपचारिकता चल रही थी. इसी बीच अरविंद केजरीवाल अनशनकारियों का हाल लेने आए. अनशनकारियों में जोश आ गया और उन्होंने जीवन के अंतिम सांस तक डटे रहने की शपथ ली. अरविंद ने सबका आभार व्यक्त किया.
भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतिम लड़ाई के लिए कमर कस जंतर-मंतर पर जुट रहे जनसैलाब का माखौल उड़ाते हुए मीडिया ने गुरुवार को दिनभर यह खबर दिखाई कि जंतर-मंतर पर बस मुठ्ठी भर लोग जमा हैं. बार-बार दिखाई जा रही इस झूठी खबर की जनता में जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई. शुक्रवार की सुबह से ही दिल्ली और देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग समूहों में आने लगे. सुबह के 11 बजे तक जंतर-मंतर पर पैर रखने की जगह नहीं बची थी. लोगों के आने का क्रम जारी रहा. उसका नतीजा हुआ कि दिल्ली पुलिस को कई नए इंट्री गेट और मेटल डिटेक्टर लगाने पड़े और हर गेट पर दिनभर लंबी कतार लगी रही. जब जंतर-मंतर पर तिल रखने की जगह नहीं बची. थोड़ी देर में जनसैलाब अशोक रोड के गोलचक्कर तक फैल गया.
क्या स्कूल के बच्चे, क्या जवान-क्या बूढ़े, सभी उस प्रचार को झूठा साबित करने जंतर-मंतर की ओर चले आ रहे थे जिसमें कहा जा रहा था कि आंदोलन को जनता का समर्थन नहीं मिल रहा. दान काउंटर पर आज माहौल भावुक हो गया. दोपहर के करीब डेढ़ बजे एक बुजुर्ग दान काउंटर पर आए. उन्हें देखकर नहीं लगता था कि वह आंदोलन के लिए  कुछ दान करने का सामर्थ्य रखते हों. उन्होंने बताया कि वह अनाज मंडी में दिहाड़ी मजदूरी करते हैं. अपने फटे-पुराने पायजामे में छुपाकर रखी गई एक पोटली निकाली औऱ उसमें से निकालकर 10 रुपए दिए. उनका कहना था कि आंदोलन के लिए इस छोटी सी रकम का कोई मूल्य नहीं लेकिन उनके पास देने के लिए इससे अधिक कुछ भी नहीं. उन्होंने बताया कि यह छोटा सा दान देने के लिए वह नई सड़क से पैदल चलकर आए हैं. आंदोलन के प्रति समर्थन के उनके जज्बे को देखकर दान काउंटर पर बैठा वॉलेंटियर जो कि सीए का विद्यार्थी है, काफी भावुक हो गया. वहां बैठे सभी लोगों ने दान की उनकी भावना को सलाम किया.    
आज दिनभर अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करने वाले समाजसेवी आए और अपने अनुभव और विचार लोगों के साथ साझा किया. दोपहर के करीब साढ़े तीन बजे स्वामी रामदेव समर्थकों के साथ अन्ना हजारे के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन को अपना नैतिक समर्थन देने आए. उन्होंने भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए अपने प्राण की बाजी लगाने वाले अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और गोपाल राय समेत समस्त अनशनकारियों के त्याग की सराहना की और शुभकामनाएं दीं. स्वामी रामदेव ने जंतर-मंतर के जनसैलाब को संबोधित करते हुए सरकार को चुनौती दी कि अगर वह जनता के दुख दर्द को समझना छोड़ देगी तो वह दिन दूर नहीं जब जनता उसे सत्ता से बेदखल कर दे. स्वामी रामदेव ने अपने संबोधन में कहा, जिस दिन सीबीआई, सीवीसी, मुख्य चुनाव आयुक्त और सीएजी के पद पर होने वाली नियुक्ति सरकार के नियंत्रण से मुक्त हो जाएगी, राजनीति का भ्रष्टाचार स्वतः कम हो जाएगा.
स्वामी रामदेव ने मजबूत लोकपाल बनाने के लिए चल रहे आंदोलन को अपना भरपूर समर्थन देने का संकल्प लिया. उन्होंने सांसदों के आचरण पर चुटकी लेते हुए कहा कि सांसद इस बात के लिए तो खूब लड़ते हैं कि संसद सर्वोच्च है लेकिन सांसदों का आचरण भी सर्वोच्च हो, इसकी उन्हें कोई चिंता नहीं.
जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर भी आज आंदोलन को समर्थन देने पहुंची. मेधा पाटेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में टीम अन्ना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ती रही है. मेधा ने देश के शोषितों और वंचितों की समस्या को जनता के सामने रखा और लोगों से उसके खिलाफ खड़ा होने की अपील की. मेधा पाटेकर ने कहा, देश के जल, जंगल और जमीन की लूट मची हुई है. लुटेरों को इस बात का जरा भी भय नहीं कि उनकी चोरी पकड़ी जाएगी और उन्हें दंड मिलेगा. जनलोकपाल देश के हर आम भारतीय की जरूरत है. मजबूत जनलोकपाल के बिना देश की तरक्की नहीं हो सकती.
आज के दिन के कार्यक्रम के समापन पर जंतर-मंतर पर उमड़े जनसमूह को संबोधित करने के लिए अन्ना हजारे ने माइक संभाली. लेकिन करीब 15 मिनट तक वह सुस्वागतम और धन्यवाद के अलावा कुछ नहीं बोल पाए. अन्ना तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं के नारे लगाता युवाओं के समूह का आगमन जारी रहाऔर अन्ना सुस्वागतम कहते सबका स्वागत करते रहे.
अन्ना ने युवाओं से आह्वान किया कि अब युवाओं को राष्ट्र परिवर्तन की कमान संभालनी होगी. सच्चा आनंद तन का आनंद नहीं, मन का आनंद है और मन का आनंद सेवा भाव से आता है, मेवा लेने के भाव से नहीं. युवाओं को उसी अद्भुत आनंद की तलाश के लिए देशसेवा को समर्पित होना पड़ेगा. अन्ना ने सरकार को एक बार फिर चेताया कि अगर 36 घंटे के अंदर अगर वह भ्रष्ट मंत्रियों की जांच कराने के लिए एसआईटी गठित करने और मजबूत लोकपाल बनाने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं करती तो 29 तारीख से वह खुद अनशन पर बैठेंगे.

टीम अन्ना का हौंसला बढ़ाने जंतर मंतर पहुंचे बाबा रामदेव


वो तस्वीर जो भ्रष्ट मंत्रियों को शायद सपने में भी डराएगी. भ्रष्टाचार के खिलाफ जनलोकपाल बिल की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठी टीम अन्ना का साथ देने के लिए बाबा रामदेव जंतर मंतर पहुंच गए हैं। रामदेव ने दोपहर करीब 3:30 बजे जंतर-मंतर पहुंचकर अन्ना के आंदोलन को समर्थन दिया।


इससे पहले अनशन के दौरान भीड़ न जुटने पर उठ रहे सवाल पर अन्‍ना हजारे का कहना है कि ऐसा नहीं है कि उनका आंदोलन प्रभाव खो रहा है।


हजारे ने कहा कि अभी और लोग इस आंदोलन से जुड़ेंगे। अन्ना ने दावा किया कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही देश को उज्ज्वल भविष्य नहीं दे सकतीं। अन्ना ने यह मानने से भी इंकार किया कि अरविंद केजरीवाल और योग गुरु रामदेव उन्हें अलग-अलग दिशा में खींच रहे हैं।


उन्होंने कहा कि मैं किसी लॉबी का हिस्सा नहीं हूं। जो भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेगा, मैं उसे समर्थन दूंगा। अगर वे स्वार्थी हो जाएंगे, तो मैं उनसे अलग हो जाऊंगा। टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री समेत देश के 14 मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। वह इनके खिलाफ जल्द से जल्द एसआईटी से जांच कराने की मांग पर अड़ी है।

टीम अन्ना के अनशन में आएंगे रामदेव, बढ़ाएंगे हौसला

भ्रष्टाचार के खिलाफ और जनलोकपाल के लिए जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठी टीम अन्ना का साथ देने के लिए बाबा रामदेव दिल्ली पहुंच गए हैं।


रामदेव दोपहर करीब 3 बजे जंतर-मंतर पहुंचकर अन्ना के आंदोलन को समर्थन देंगे। अगर रामदेव भीड़ जुटाते हैं, तो टीम अन्ना का हौसला कुछ बढ़ सकता है। अनशन के दौरान भीड़ न जुटने पर उठ रहे सवाल पर अन्‍ना हजारे का कहना है कि ऐसा नहीं है कि उनका आंदोलन प्रभाव खो रहा है।


हजारे ने कहा कि अभी और लोग इस आंदोलन से जुड़ेंगे। अन्ना ने दावा किया कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही देश को उज्ज्वल भविष्य नहीं दे सकतीं। अन्ना ने यह मानने से भी इंकार किया कि अरविंद केजरीवाल और योग गुरु रामदेव उन्हें अलग-अलग दिशा में खींच रहे हैं।


उन्होंने कहा कि मैं किसी लॉबी का हिस्सा नहीं हूं। जो भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेगा, मैं उसे समर्थन दूंगा। अगर वे स्वार्थी हो जाएंगे, तो मैं उनसे अलग हो जाऊंगा। टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री समेत देश के 14 मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। वह इनके खिलाफ जल्द से जल्द एसआईटी से जांच कराने की मांग पर अड़ी है।

सोनिया की मौजूदगी में पीटा अन्ना समर्थक को

रायबरेली। काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी के दौरे के समय रायबरेली में अन्ना हजारे के समर्थन में शहीद चौक पर धरना दे रहे इंडिया अंगेस्ट करप्शन के कार्यकर्ताओं पर बृहस्पतिवार को काग्रेसियों ने हमला बोल दिया। मंच पर तोड़फोड़ की।

अन्ना समर्थकों ने जब विरोध किया तो उनके साथ मारपीट की गई। पुलिस की मौजूदगी में करीब दस मिनट तक मारपीट होती रही। जानकारी के मुताबिक सुबह अन्ना समर्थकों का दल शहीद चौक पर धरने पर बैठा। अपराह्न जैसे ही सोनिया का काफिला पहुंचा। अन्ना समर्थक उन्हें रोककर जन लोकपाल बिल पास कराने की माग करने लगे। अन्ना समर्थकों को सड़क से हटाने के बाद सासद का काफिला फिरोज गाधी ऑडिटोरियम पहुंचा। पौने दो बजे सोनिया गाधी का काफिला ऑडिटोरियम से निकला तो अन्ना समर्थकों ने फिर जन लोकपाल बिल पास कराने के नारे लगाने शुरू कर दिए।

अरविंद केजरीवाल, 25 जुलाई के भाषण का वीडियो साझा करना न भूलें


अरविंद केजरीवाल, 25 जुलाई के भाषण का वीडियो साझा करना न भूलें

मंत्रियों के आरोपों पर झूठ बोल रहे हैं सलमान खुर्शीदः प्रशांत भूषण

यूपीए सरकार के मंत्रियों के खिलाफ लगे आरापों को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द नहीं किया है। टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण ने आज यह दावा किया। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के उस बयान को झूठा करार दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मंत्रियों के खिलाफ आरोपों को उच्चतम न्यायालय ने रद्द कर दिया है।

भूषण ने कहा कि खुर्शीद का यह कहना कि मंत्रियों के खिलाफ लगे आरोपों को न्यायालय ने रद्द कर दिया है यह झूठ है। किसी भी आरोप को उच्चतम न्यायालय ने देखा तक नहीं है और किसी भी स्वतंत्र जांच एजेंसी से इसकी जांच नहीं हुई है।

वहीं, भ्रष्टाचार के विरोध में जंतर मंतर का टीम अन्‍ना का अनशन जारी है। अनशन में अन्‍ना हजारे और उनकी टीम के कई सदस्य मौजूद हैं। अनशन में अरविंद केजरीवाल मौजूद नहीं हैं। सांसदों पर टिप्पणी और संसद की अवमानना करने के मामले में बुलंद शहर में जिला जज कोर्ट में उनकी पेशी है।

Video of 1st Day of Anshan at Jantar Mantar


1st Day of Anshan at Jantar Mantar

टीम अन्ना के आंदोलन में आया उबाल

भ्रष्‍टाचार के खिलाफ टीम अन्‍ना के आंदोलन में धीरे-धीरे और उबाल आता जा रहा है. लोकपाल पाने की लड़ाई में टीम अन्ना अनशन के दूसरे दिन सरकार पर हमले तेज करने जा रही है.
मनमोहन सरकार पर टीम अन्ना का दनादन वार करती जा रही है. टीम अन्‍ना गुरुवार को 5 और मंत्रियों पर निशाना साधेगी. पहले दिन भी 5 मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के इल्जाम लगाए गए थे.


वैसे, टीम अन्‍ना के अहम सदस्‍य अरविंद केजरीवाल गुरुवार को अदालत में पेश होने वाले हैं. सांसदों के खिलाफ आपत्तिजनक बयानों के मामले में बुलंदशहर जिला अदालत में है सुनवाई होने जा रही है.


देशभर में टीम अन्‍ना के समर्थन में आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है. कई शहरों में लोग अनशन पर बैठे हैं. रालेगण सिद्धि में रात में मशाल जुलूस निकाला गया.


आंदोलन के पहले दिन अन्ना हजारे ने भी हुंकार भरते हुए कहा कि जनता की तिजोरी से चोरी हो रही है. उन्‍होंने लोकपाल को लेकर प्रधानमंत्री पर हमला बालते हुए कहा कि मनमोहन सिर्फ आश्वासन ही देते रह गए और कुछ किया नहीं.


गौरतलब है कि टीम अन्‍ना की मांगों पर गौर करने की बजाए सरकार के मंत्रियों की फौज ने पलटवार किया था. सलमान खुर्शीद ने दो-टूक शब्‍दों में कहा कि मर्जी हो तो यूएन जा सकते हैं.

लोकपाल होता तो राष्ट्रपति न बनते प्रणब : केजरीवाल

नई दिल्ली। जंतर-मंतर पर अनशन कर रहे टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने सरकार पर हमला बोलते हुए दावा किया है कि अगर लोकपाल बिल होता तो प्रणब मुखर्जी कभी राष्ट्रपति न बनते। उन्होंने कहा कि हमने प्रणब के खिलाफ पांच मामलों में सुबूत दिए, लेकिन उनकी अनदेखी करके उन्हें राष्ट्रपति बनाया गया। उन्होंने कहा कि घाना सरकार ने भी प्रणब के खिलाफ जांच की मांग की थी। नेवी वार रूम लीक में भी प्रणब आरोपी हैं। नेवी वार रूम लीक में पेन ड्राइव की चोरी हुई थी। प्रणब ने कहा था कि पेन ड्राइव में कुछ खास नहीं था, जबकि इस पेन ड्राइव में सुरक्षा के दस्तावेज थे। केजरीवाल ने मांग की है कि प्रणब और नेवी वार रूम लीक मामले के मुख्यआरोपी अभिषेक वर्मा के संबंधों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री रहते हुए प्रणब पर 18 करोड़ रुपये के पनडुब्बी घोटाले के आरोप हैं। 2500 करोड़ रुपये के चावल घोटाले में भी प्रणब आरोपी हैं।

प्रणब मुखर्जी पर आरोप है कि उन्होंने घाना को चावल निर्यात करने में दो हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया। घाना की सरकार ने भारत को लिखा कि आप अपने विदेश मंत्री व वाणिज्य मंत्री की जाच करवाए। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी वजह से देश को दो लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कोयला आवंटन में हुई भारी हेरा-फेरी में इतना बड़ा घोटाला हुआ। वहीं केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने टीम अन्ना पर कांग्रेस को बदनाम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस बात का खंडन किया है कि कांग्रेस समर्थित छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने टीम अन्ना के सदस्यों पर हमले की साजिश रची थी। उन्होंने कहा कि जहां तक कांग्रेस या एनएसयूआई का सवाल है, हिंसा से हमारा कोई लेना-देना नहीं है और न ही हम अलोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देते हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन पर बैठी टीम अन्ना और केंद्र सरकार के बीच अनशन के पहले ही दिन से टकराव बढ़ गया है। टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने सरकार के समक्ष अपनी तीन मांगे रखी है। अरविंद ने अनशन के दौरान कहा कि सरकार प्रधानमंत्री तथा मंत्रियों पर लगे आरोपों की जांच फास्ट ट्रैक कोर्ट से कराएं तथा पार्टी अध्यक्षों पर लगने वाले आरोपों की जांच कराई जाए। टीम अन्ना की इन मांगों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री नारायणा सामी ने साफ शब्दों में कहा कै कि ये सारे आरोप कैग की रिपोर्ट और समाचारों की रिपोर्ट के आधार पर लगाया जा रहा है अत: इनकी जंाच संभव नहीं है। इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि यदि टीम अन्ना को सरकार से इतनी ही नाराजगी है तो वह संयुक्त राष्ट्र संघ में इस मामले को ले जाए।

इससे पहले आज सुबह जंतर-मंतर पर टीम अन्ना का अनशन हंगामे के साथ शुरू हुआ। अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों पर हमले की साजिश रची गई थी। जंतर-मंतर पर उनके अनशन स्थल पर कुछ युवकों को ऐसी योजना बनाते पाया गया। वहीं मौजूद एक अन्ना समर्थक ने इनकी ऑडियो रिकार्डिग बना कर आयोजकों को सावधान कर दिया। इसके बाद ये हमले में तो कामयाब नहीं हो पाए। मगर वहा हंगामा जरूर किया।

ये छात्र खुद को कांग्रेस समर्थित छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ता बता रहे थे।

जंतर-मंतर पर एक अन्ना समर्थक के मोबाइल से बनाई रिकार्डिग में कुछ युवक अन्ना के वहा पहुंचने से पहले ऐसी योजना बनाते सुने जा सकते हैं। इसमें से एक व्यक्ति अपने साथियों को निर्देश दे रहा है कि अन्ना, अरविंद केजरीवाल या मनीष सिसोदिया में जो पहले पहुंचे, उसे पीटना है। इसके बाद ये लोग वहा इंतजार करते हैं और किसी जमीन-जायदाद की बिक्री के संबंध में बात करने लगते हैं।

आदोलन के आयोजक 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' के बिभव के मुताबिक एक समर्थक ने जब उन्हें यह रिकार्डिंग दी है। बाद में इनमें से कुछ लोगों ने मंच पर पहुंच कर हमला करने की कोशिश भी की। लेकिन समर्थकों ने उन्हें रोक लिया।

इस बार अनशन पर अरविंद केजरीवाल बैठेंगे, लेकिन अन्ना ने कहा है कि सरकार ने चार दिन के अंदर मागें नहीं मानी तो वे भी आमरण अनशन शुरू कर देंगे। इस बार टीम अन्ना अपने आदोलन से पूरे राजनीतिक तंत्र का शुद्धीकरण करना चाहती है। इसके लिए उसने 14 कैबिनेट मंत्रियों के साथ ही राजनीतिक दलों के प्रमुखों के खिलाफ लंबित भ्रष्टाचार के सभी मामलों की जाच के लिए भी विशेष जाच दल गठित करने की माग की है।

अपनी टीम के साथ मतभेद और अनशन में खुद के शामिल होने पर उठ रहे सवालों के बीच अन्ना ने कहा है कि इस आदोलन में वह भी पूरी तरह शामिल हैं। अपने गाव से अनशन करने का इरादा कर निकले थे, मगर सहयोगियों ने उन्हें फिलहाल रोक दिया है। वे 28 जुलाई तक सरकार का इंतजार करेंगे। अगर मागें नहीं मानी गई तो 29 से खुद भी आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।

अनशन पर बैठ रहे केजरीवाल ने कहा, हालाकि उनका आदोलन जन लोकपाल के लिए ही है, लेकिन उन्हें लगा कि जब तक राजनीतिक तंत्र में भ्रष्ट लोग हावी रहेंगे, यह कानून किसी कीमत पर नहीं बन सकता। इसलिए उन्होंने पहले इस तंत्र के शुद्धीकरण की माग रखी है। इसके तहत 14 कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ एसआइटी की जाच होनी ही चाहिए, राजनीतिक दलों के जिन प्रमुखों के खिलाफ ऐसे आरोप हैं, उनके खिलाफ भी ऐसी ही एसआइटी बनाई जाए। इसी तरह संसद में बैठे दागी सासदों के खिलाफ लंबे समय से लटके मामलों की शीघ्र सुनवाई के लिए अलग से फास्ट ट्रैक अदालतें गठित की जाएं। आदोलन में बाबा रामदेव की भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर अन्ना ने कहा, बाबा बुधवार को ही आने वाले थे, मगर उन्होंने फोन कर कहा है कि वह पासपोर्ट मामले में गिरफ्तार अपने सहयोगी बालकृष्ण के मामले की व्यस्तता की वजह से दो दिन बाद ही आ पाएंगे।

तीन प्रमुख मागें :

1. भ्रष्ट कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ एसआइटी जाच हो

2. पार्टी प्रमुखों के खिलाफ सभी लंबित मामलों की जाच एसआइटी से

3. आरोपी सासदों के मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बने

सरकार ने गिनाए अपने कदम

भ्रष्टाचार के खिलाफ टीम अन्ना के अनशन के ठीक पहले पीएमओ ने सरकार की ओर से पिछले एक साल में इस दिशा में उठाए गए कदमों पर बयान जारी किया है। इसके मुताबिक कुछ प्रमुख कदम इस तरह हैं

1. लोकपाल बिल और व्हिसिल ब्लोअर प्रोटेक्शन बिल को लोकसभा में पास किया गया है।

2. अफसरों पर मुकदमे की मंजूरी तीन माह के भीतर देने को जरूरी कर दिया गया है

3. मंत्री अपने विवेकाधीन कोटे का इस्तेमाल कैसे करेंगे, इसके नियम तय कर उन्हें सार्वजनिक कर दिया गया है।

टीम अन्ना के समर्थन में भूख हड़ताल

टीम अन्ना के आंदोलन के समर्थन में बुधवार सुबह दस लोग क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) द्वारा किए जा रहे आंदोलन के समर्थन में सुबह से ही पचास से अधिक लोग कृष्णपुरा छत्री पर पहुंच गए। यहां पर चार लोग अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। वहीं हर दिन करीब दस लोग क्रमिक भूख हड़ताल पर रहेंगे।

आईएसी के संयोजक प्रह्लाद पाण्डेय ने बताया कि यह आंदोलन टीम अन्ना के साथियों द्वारा जंतर-मंतर पर आंदोलन शुरू किए जाने के समर्थन में हैं। आंदोलन 15 केंद्रीय मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर किए जाने व उनके खिलाफ स्पेशल कोर्ट में केस चलाने की मांग के लिए किया जा रहा है। इन 15 लोगों में नवनिर्वाचित महामहिम प्रणब मुखर्जी भी शामिल हैं। वहीं शहर के आजादी बचाओं आंदोलन, अभ्यास मंडल, इंडिया आर्ट लीविंग व भारत स्वाभिमान मंच द्वारा भी इस आंदोलन को समर्थन दिया जा रहा है।

टीम अन्ना के स्टेज पर कांग्रेसियों का हंगामा

नई दिल्ली। प्रणव मुखर्जी के देश के 13वें प्रेजिडेंट के रूप में शपथ लेने के बीच टीम अन्ना प्रणव व 14 कैबिनेट मंत्रियों पर करप्शन के आरोपों की जांच की मांग और जन लोकपाल बिल को लेकर जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठ गए हैं। अनशन शुरू होते ही कांग्रेस की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई के कुछ कार्यकर्ता वहां धमक गए और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेसियों ने मंच पर चढ़ने की कोशिश की, लेकन टीम अन्ना समर्थकों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। बाद में उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया।

इस बार अनशन पर टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय बैठे हैं। अन्ना का कहना है कि सरकार ने चार दिन के अंदर मागें नहीं मानीं, तो वह भी आमरण अनशन शुरू कर देंगे।

टीम अन्ना इस बार अपने आंदोलन से पूरे पॉलिटिकल सिस्टम का शुद्धिकरण चाहती है। इसके लिए उसने 14 कैबिनेट मंत्रियों के साथ ही राजनीतिक दलों के प्रमुखों के खिलाफ करप्शन के सभी मामलों की जांच के लिए भी विशेष जांच दल गठित करने की मांग की है।

गौरतलब है कि अन्ना ने पहले खराब सेहत का हवाला देते हुए अनशन पर न बैठने का निर्णय किया था। मंगलवार को दिल्ली पहुंचते ही अन्ना ने टीम के साथ अनशन पर बैठने का ऐलान कर दिया। बाद में टीम के समझाने पर उन्होंने फैसला किया कि वह चार दिन बाद अनशन पर बैठेंगे।

अन्ना हजारे ने कहा कि सुबह 10 बजे राजघाट जाने के बाद जंतर-मंतर पर अनशन शुरू होगा। जब तक मांगें नहीं मानी जातीं तब तक अनशन चलेगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बार हम सरकार के झूठे वादों पर यकीन नहीं करेंगे और समाधान लेकर ही जंतर-मंतर से उठेंगे।

अनिश्चितकालीन अनशन ​​पर अन्ना का संदेश: इसे साँझा करना न भूलें


अनिश्चितकालीन अनशन ​​पर अन्ना का संदेश: इसे साँझा करना न भूलें

अनशन के जरिए फिर सरकार को झकझोरेंगे अन्ना‎

अन्ना ने एक बार फिर सरकार को अल्टीमेटम दिया है. नए आंदोलन के लिए फिर अन्ना ने फिर कमर कस ली है. आज वो एयरपोर्ट पहुंचे तो उनके काफिले में कल से शुरु होने वाले आंदोलन की झलक दिखी. समर्थन से उत्साहित अन्ना ने भी ऐलान कर दिया कि अब वो भी अपनी टीम के साथ अनशन पर बैठेंगे.



सरकार ने गिनाए भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम

भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे और उनके साथियों के बुधवार से शुरू हो रहे अनिश्चितकालीन अनशन से पहले सरकार ने मंगलवार को भ्रष्टाचार से निपटने के लिए पिछले एक साल में उठाए गए कुछ कदम गिनाए, जिनमें मंत्रियों के विवेकाधिकारों पर लगाम लगाना आदि शामिल हैं।

इन कदमों में सरकार ने लोकसभा में लोकपाल विधेयक और व्हिसल ब्लोअर विधेयक पारित होने का भी उल्लेख किया, जो राज्यसभा में लंबित हैं। इनके अलावा सेवाएं प्रदान करने में पारदर्शिता का भी उल्लेख किया है।

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक कदमों पर संकलित किए गए आंकड़ों के अनुसार सरकार ने निर्देश दिया है कि सक्षम प्राधिकार द्वारा अभियोजन की अनुमति के लिए किए गए अनुरोधों पर फैसला तीन महीने की अवधि में किया जाना चाहिए।

जनवरी, 2011 में बनाए गए मंत्रीसमूह की सिफारिशों के आधार पर यह फैसला किया गया, जिसने दो रिपोर्ट जमा की थीं।

सरकार ने यह भी निर्णय लिया कि संयुक्त सचिव स्तर से ऊपर के केंद्र सरकार के समस्त अधिकारियों के लिए दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम की धारा 6 -ए के तहत जांच शुरू करने के लिहाज से सक्षम प्राधिकार प्रभारी मंत्री को माना जाएगा।

जीओएम की सिफारिश पर मंत्रियों के विवेकाधिकारों के लिए नियामक मानदंड भी तय किए गए और उन्हें सार्वजनिक करने की सिफारिश भी स्वीकार की गई।

सभी सरकारी सेवाओं को पारदर्शिता के साथ आम आदमी तक सुलभ बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ई-शासन योजना को मंजूर किया गया, जिसके तहत ग्रामीण इलाकों में नागरिकों को ऑनलाइन माध्यम से जन सेवाएं प्रदान करने के लिए एक लाख से अधिक सामान्य सेवा केंद्र बनाए गए हैं।

ई-जिला परियोजना के तहत सात राज्यों के 88 जिलों में ई-शासन योजनाओं के लिहाज से पायलट परियोजनाएं चलाई गईं।

सार्वजनिक खरीद प्रणाली में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत मंत्रिमंडल ने एक विधेयक को मंजूरी दी है, जिसमें सभी मंत्रियों और केंद्र सरकार के विभागों, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित इकाइयों की ओर से की जाने वाली सार्वजनिक खरीद के नियमन का प्रावधान है।

अन्ना खुद भी टीम के साथ बैठेंगे अनशन पर

नई दिल्ली। गांधीवादी और लोकपाल की लड़ाई लड़ रहे वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि वो 25 जुलाई से होने वाले अनशन में वो बैठ रहे हैं। उन्होंने ये घोषणा अपने गांव रालेगनसिद्धि में की। अन्ना ने कहा कि वो इस बार भी अनशन पर बैठेंगे। हालांकि टीम अन्ना की तरफ से कहा गया कि इस बार स्वास्थ्य कारणों के चलते अन्ना अनशन पर नहीं बैठेंगे। लेकिन अन्ना ने अपने गांव में इसकी घोषणा कर साफ कर दिया है कि वो इस बार भी अनशन पर बैठेंगे।

गौरतलब है कि मंगलवार को अन्ना दोपहर 2 बजे दिल्ली पहुंच गए हैं। अनशन की तैयारियां जोरों पर है और इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के कार्यकर्ता अब इसे अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। जंतर-मंतर पर होने वाले इस अनशन का नेतृत्व टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल करेंगे। टीम अन्ना बुधवार को जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेगी। इसी दिन प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। टीम अन्ना को आठ अगस्त तक जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठने की इजाजत दी गई है। इसी दिन संसद का मानसून सत्र भी आरम्भ हो रहा है।

टीम अन्ना सूत्रों के मुताबिक अब तक 4000 लोगों का ऑनलाइन पंजीयन मिल चुका है। ये सभी केजरीवाल, सिसौदिया और राय के साथ अनशन पर बैठेंगे। हमने पूरी टीम को भीड़ प्रबंधन, शौचालय, स्वास्थ्य, मीडिया, मेहमान और अनशनकारियों के अलग-अलग समूहों में बांट दिया है।

अन्ना हजारे ने "जेल भरो" आंदोलन की चेतावनी दी‎

नई दिल्ली: गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कल से शुरू होने जा रहे अनिश्चितकालीन अनशन से पहले आज एक बार फिर चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तीन या चार दिन में उनकी मांगे नहीं मानीं तो जेल भरो आंदोलन होगा ।

हजारे का यह वीडियो संदेश ऐसे समय पर आया है जब उनकी टीम कल से जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन अनशन करने जा रही है । टीम अन्ना ने मांग है कि केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ उनके द्वारा लगाये गये आरोपों की जांच के लिये एक विशेष दल बनाया जाये, एक त्वरित अदालत बनाई जाये जो सांसदों के खिलाफ चल रहे मामलों की सुनवाई करे और एक मजबूत लोकपाल विधेयक लाया जाये ।

टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और गोपाल राय अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेंगे जबकि हजारे स्वास्थ्य कारणों से इसमें हिस्सा नहीं लेंगे लेकिन धरने में शामिल रहेंगे ।

माँ भारती के सपूत को शत-शत नमन |

कौन भूल सकता है लोक मान्य तिलक जी का अमूल्य योगदान | जहाँ एक तरफ अंग्रेजों ने आतंक मचा रखा था और भारत माँ गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी हुयी थी, बाल गंगाधर तिलक ने स्वाधीनता के साथ साथ व्यक्ति निर्माण का काम आरम्भ कर दिया था |


इन्होने ही भारत में मनाये जानेवाले छोटे छोटे उत्सवों को बड़ा स्वरुप देने की योजना बनायीं थी | क्या आप जानते हैं हर वर्ष मनाये जानेवाले गणेशोत्सव और रथयात्रा की शुरुआत लोकमान्य ने करवाई थी | यह मीडियावाले आपको लालबाग के गणपति और पूरी की रथयात्रा बताते हैं पर इनके पीछे का सच कभी नहीं बताते |


उस समय गणेशोत्सव में राष्ट्र निर्माण के लिए योजनायें बनायीं जाती थी | इन उत्सवों को मनाने का उद्देश्य लोगों को एक जगह पर इकठ्ठा करना था | पर आज जब गणेश उत्सवों के पंडाल गली-गली देखता हूँ, तो लोकमान्य की कमी महसूस होती है |इस पर हम सब मिलकर सोचेंगे तो अच्छा रहेगा |


माँ भारती के सपूत को शत-शत नमन |

दिल्ली की सड़कों पर टीम अन्ना का शक्ति प्रदर्शन

नई दिल्ली। टीम अन्ना भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आम जनता को जोड़ने में जुटी है इसीलिए 25 जुलाई के प्रस्तावित अनशन को सफल बनाने के लिए टीम अन्ना ने रविवार को दिल्ली के राजघाट से जंतर मंतर तक विशाल कार रैली निकाली। इसके पहले एनसीआर के अलग अलग इलाकों से बाइक और कार पर सवार होकर लोग रैली के रूप में राजघाट पर इकट्ठा हुए। इन रैलियों का मकसद लोगों को 25 जुलाई से होने वाले अनशन के बारे में बताना था, उन्हें अनशन में आने की दावत देना।

महरौली, शाहदरा से भी टीम अन्ना की रैली निकाली गई। इसमें बाइक के अलावा ट्रक भी शामिल हुआ। जगह-जगह लोगों से जुड़ने और जनसभा के बाद रविवार को टीम अन्ना ने कार-बाइक रैली का आयोजन किया। दरअसल दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से निकाली गई ये छोटी छोटी रैलियां राजघाट पर जुटीं जहां से बड़ी रैली अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में जंतर मंतर पहुंची।



सुबह कुंडली से जनचेतना अभियान शुरू करने वाले केजरीवाल ने कहा कि 25 जुलाई से शुरू होने वाला उनका अनशन सफल होगा। केजरीवाल ने एक बार फिर सरकार और भ्रष्टाचार पर हमला बोला।

टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी ने राजघाट पर लोगों को 25 जुलाई से होने वाले अनशन में बड़ी संख्या में पहुंचने का आह्वान किया। इसके बाद रैली राजघाट से जंतर मंतर के लिए निकली। रैली में करीब सैंकड़ों कारों और मोटरसाइकिल पर सवार लोगों ने हिस्सा लिया।


भ्रष्टाचार विरोधी अभियान और सख्त जनलोकपाल की मांग को लेकर 25 जुलाई से अरविंद केजरीवाल अनशन करने वाले हैं।

Another 'poodle' in Rashtrapati Bhawan!...

‎'Aam Aadmi': Congratulations SoniaG!!!
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Dear SoniaG,


Let me first Congratulate you. You have “managed” to install yet another 'poodle' in Rashtrapati Bhawan!...how u must be laughing at us Indians!


All it takes is a few files, the CBI, one or two “midnight meetings” and you can “control” and “manage” everything…! Not much different from running the Mafia no?


Unlike the versatile Pratibha (cook, heist specialist cum rapist sympathizer, land grabber and tourist); Pranabda may not be your first choice for poodle…he might snap and bark occassionally!!...but on the face of it he IS your poodle!


That Shoma Chaudhury ( you don’t know who she is?...yeah well…neither did I till she started appearing on NDTV!) was also full of lots of admiration for you and ur “managers”. She was saying that when the “push comes to shove” you will not stop at anything to get what you want. I think SoniaG, you MUST give her the Padma Shri…...like Barkha Dutt and Shekhar Gupta and Teesta!


Frankly SoniaG, this Shoma Chaudhury and people like her confuse me….she sits there on TV and sanctimoniously lectures like a miss goody two shoes… and guess what she is sermonizing about? …Your wonderful 'ability' to twist our institutions and laws to suit ur family’s interests! .... Interest of the country?......silly question!...now where does 'Italy' come in here?!


No…..you must seriously consider her for RS at least. She does not even like Narendra Modiji. She KNOWS that he engineered the Guj 2002 riots; just like you KNOW that your husband engineered the Sikh genocide in 1984. Wonderful lady.


But SoniaG, I am just wondering a little bit ,how to put into practice in the elections where the silly “aam aadmi” votes. UP, Bihar, Punjab, UK, Goa, by-elections, civic polls all have shown u a thumbs down. Even Amethi and Rae Barielly were not “managed” well. You must do something…….WHAT?? Shoma and her ilk will tell you!


But my advice to you would be….Do Not listen to these channels…Remember they had promised Rahul babaji a clean sweep in UP?


Anyway congratulations again in ur successful shenanigans.
Regards to You, Rahul babaji, Priyanka Babyji, Vadraji and Chunnu, Munnu and pets
With all my money at your command to buy the votes (including mine!)


Faithfully and doggedly yours,
Aam Aadmi
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