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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

सता रही है बेटियों के भविष्य की चिंता


देश ने सादगी के साथ किया नए साल का स्वागत


देशसियों ने 2013 का स्वागत नयी उम्मीदों के साथ लेकिन हल्के फुल्के ढंग से किया क्योंकि शहर अब भी सामूहिक बलात्कार की 23 वर्षीय पीड़िता के निधन से सदमे में है.

सालों से नए साल के जश्न का केंद्र रहा कनॉट प्लेस (सीपी) मध्यरात्रि को लगभग वीरान रहा और यहां कुछ लोगों के एक छोटे से समूह को नव वर्ष के आगमन का जश्न मनाते देखा गया.

यहां जुटे लोगों को बाजारों और लोकप्रिय स्थलों में घूमते देखा गया जहां पुलिस निगरानी में लगी थी ताकि किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो. लेकिन पिछले साल की तुलना में बहुत कम लोगों के जुटने से पुलिस को कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ी.

सामूहिक बलात्कार पीड़िता के निधन और कल हुए दाह संस्कार को देखते हुए प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और दिल्ली जिमखाना समेत कई क्लबों एवं पांच सितारा होटलों ने नए साल के कार्यक्रम रद्द कर दिए.

जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन हुए और पीड़िता की याद में एक अस्थायी स्मारक बना दिया गया.

दिन में बहुत सारे छात्रों ने कनॉट प्लेस में विरोध प्रदर्शन रैली निकाली. पुलिस ने यहां के सेंट्रल पार्क को बंद कर दिया था. यहां कई रेस्तराओं और खाने पीने की जगहों को सजाया गया था.

पुलिस ने सीपी को जाने वाली सभी सड़कों भी को बंद कर दिया और महत्वपूर्ण इलाकों में भारी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात थे.

पुलिस कर्मी शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की जांच के लिए एल्कोमीटर के साथ तैनात थे. साथ ही रात में कानून व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए शहर भर में अतिरिक्त पुलिस कर्मी तैनात किए गए.

मॉल और होटलों जैसी जगहों पर वाहनों की जांच बढ़ा दी गयी, यातायात की निगरानी भी सजग रखी गयी ताकि दिल्ली वासियों को रात में दिक्कत न हो.

होटल, रेस्तरां, बाजारों और धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में लोगों के जुटने को ध्यान में रखते हुए पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था.

पब मालिकों को भी उपद्रवियों को लेकर अधिकारियों को तुरंत सूचना देने के निर्देश दिए गए थे.

गैंग रेप पीडिता जल्‍द करने वाली थी अपने दोस्‍त से शादी


दिल्ली में गैंग रेप का शिकार हुई युवती की जल्‍द शादी होने वाली थी, उसी युवक के साथ जो उस रात बस में उसके साथ था. लेकिन शादी से पहले ही दोनों की दुनिया उजड़ गई.

करीबी दोस्‍तों की मानें तो शादी की तैयारियां भी जोरों पर थी. लेकिन उस रात की दरिंदगी ने शादी से पहले ही उसकी जिंदगी को खाक कर दिया. शादी कुछ महीनों में थी और इसे लेकर सभी उत्‍साहित थे. घर परिवार के लोग इसकी तैयारियों में जुटे हुए थे. रविवार को सिंगापुर से उसका शव लाने के बाद जल्‍दी उसका अंतिम संस्‍कार कर दिया गया. परिवार के लोग भी सदमे में है किसी को अंदाजा भी नहीं था कि 16 दिसंबर को घर से निकली उनकी बेटी कभी लौटेगी ही नहीं.

उस रात वह साकेत से फिल्‍म देखकर घर लौट रही थी. रास्ते में एक बस में दरिंदों ने लड़की से गैंग रेप किया और लड़के को भी बहुत पीटा. इस घटना के बाद से लड़का भी सदमे में है.

गूगल की गैंगरेप पीड़ित को श्रद्धांजलि


नई दिल्ली: सर्च इंजन गूगल ने भी गैंगरेप की पीड़ित को श्रद्धांजलि दी है। गूगल ने अपने होम पेज पर एक मोमबत्ती लगाई है। मोमबत्ती पर कर्सर ले जाने पर लिखा आता है- 'इन मेमोरी ऑफ देल्ही ब्रेवहर्ट।' इससे पहले भी गूगल कई अवसर पर अपने होमपेज में बदलाव करता रहा है।

गौरतलब है कि दिल्ली में एक बस में मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा के साथ छह लोगों ने गैंगरेप किया और उसकी इतनी बुरी तरह पिटाई की कि वह इजाज के दौरान ही इस दुनिया को छोड़कर चली गई। लोगों में जनाक्रोश बरकरार है और लोग जंतर मंतर पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

गैंगरेप पीड़ित लड़की के नाम पर क्या राजनीति कर रही हैं पार्टियां?

सत्ताधारी पार्टी के बाद अब मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली और सुषमा स्वराज शोक में डूबे परिवार के घर गए। सवाल ये उठता है कि आखिर ये उस परिवार की निजता में खलल नहीं है?

मालूम हो कि इससे पहले रविवार को लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार भी पीड़ित परिवार के घर शोक जताने गई थीं। ऐसे में प्रश्न ये खड़ा हो जाता है कि क्या राजनीतिक पार्टियों द्वारा शोक जताने भर से इस समस्या का हल हो जाएगा या फिर देश को दूसरे उपायों की जरूरत है ताकि देश की बेटियां महफूज रहें। उन्हें इंसाफ मिल सके। समाज उन्हें इज्जत की नजरों से देखे।

जानकारों के मुताबिक ये सिवाय राजनीति के कुछ भी नही हैं। अपनी राजनीति को चमकाने के लिए राजनीतिक नेता मृतक लड़की के घर जा रहे हैं। इस हालात में जब देश की बेटी नहीं बची, परिवार यही चाहता होगा कि उसको कुछ दिन तक सुकून से रहने दिया जाए। लेकिन लगातार जिस तरह से नेता पीड़िता से मिलने जा रहे हैं, उससे उनका दुख बढ़ रहा है। जो लोग लड़की और उसके परिवार के बारे में नहीं जानते थे उनको भी इनके जाने से इसकी जानकारी हो जाएगी।

बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा कि सरकार कानून में बदलाव करने की सोच रही है जो स्वागत योग है। इस मसले को बीजेपी ने संसद के दोनों सदन में उठाया था। जहां तक बात रही प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा हैंडल करने की तो पुलिस को इस मामले में बताना चाहिए।

व्यवस्था परिवर्तन को 30 जनवरी को अन्ना हजारे करेंगे रैली


नई दिल्ली। पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने आज कहा है कि अन्ना हजारे 30 जनवरी को पटना में एक रैली करेंगे। इस रैली का मकसद व्यवस्था परिवर्तन की मांग है। सिंह ने मीडिया के माध्यम से लोगों से अनुरोध किया कि लोग पटना पहुंचे।

पूर्व जनरल सिंह ने कहा कि उन्होंने रैली के लिए मुख्यमंत्री बिहार से अनुरोध किया है कि वो वहां रैली करने की इजाजत दें। रैली में एक महीना बचा है और मुख्यमंत्री से रैली की इजाजत मिल जाएगी। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात की है। मुझे आशा है कि जो हालात हैं उनके मद्दे नजर मुख्यमंत्री रैली की इजाजत दे देंगे।

सिंह ने मीडिया को बताया कि अगर प्रशासन को कठिनाई है तो हमारे वॉलिंटियर्स जिला प्रशासन के साथ मिलकर स्थान को क्लियर करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आज जो दिल्ली की सड़कों पर एक रोष है। खासकर युवा वर्ग में जो रोष है तो उनका समर्थन युवाओं को है। जब जब ऐसे नवयुवक ने उन्हें निमंत्रण दिया है वो सहर्ष उनके साथ गये हैं।

क्या हुआ था पीड़ित लड़की के अंतिम संस्कार के दौरान???????

नई दिल्ली। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के अनुसार, पीड़ित लड़की के परिजन सरकार से नाराज हैं क्योंकि उन्हें बेटी का अंतिम संस्कार पूरे रीति रिवाज से नहीं करने दिया गया। हालांकि अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद रहे कांग्रेस सांसद महाबल मिश्रा का कहना है कि अंतिम संस्कार पूरी तरह शांति से हुआ और परिजनों को किसी से कोई शिकायत नहीं है। हमने रात में भी पूरी तैयारियां कर ली थी और सुबह साढ़े सात बजे सभी रीति रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार अंतिम संस्कार की इतनी जल्दी में थी कि भारी बंदोबस्त के बीच तड़के ही अंतिम संस्कार करना चाहा। लेकिन पीडि़त के परिजनों ने इसका विरोध किया और उस समय मुखाग्नि देने से इनकार कर दिया। गुप्ता के मुताबिक शव घंटों चिता में पड़ा रहा और सूरज निकलने के बाद ही परिजनों ने मुखाग्नि दी।

गुप्ता ने बताया कि लड़की के परिजन सरकार के इस रवैये से आहत हैं। गुप्ता ने सवाल किया कि सरकार ने अंतिम संस्कार में इतनी हड़बड़ी क्यों दिखाई। बीजेपी नेता ने बताया कि सोमवार को बीजेपी के प्रदेश ऑफिस में सुबह 11 बजे शोकसभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बीजेपी नेता सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, शहनवाज हुसैन भी मौजूद रहेंगे। इसके बाद बीजेपी नेता पीड़ित के घर जाकर परिजनों से मिलेंगे।

" यूथ यहां है, राहुल गांधी कहां हैं? "


नई दिल्ली। दिल्ली में मेडिकल की स्टूडेंट से गैंग रेप और बाद में उसकी मौत के विरोध में पूरे देश में उग्र प्रदर्शन हुए, लेकिन इस दौरान कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की मौजूदगी तक देखने को नहीं मिली। हर कोई हैरान था कि खुद को 'यूथ आइकॉन' के रूप में प्रॉजेक्ट करने वाले राहुल गांधी कहां हैं। युवाओं में राहुल गांधी को लेकर जबर्दस्त नाराजगी है। आंदोलन के दौरान लोग नारे भी लगा रहे थे, देश का युवा यहां है , राहुल गांधी कहां है ? अहम मसलों पर राहुल की गैरमौजूदगी को लेकर सियासी गलियारे के बाद समाजशास्त्री भी सवाल उठाने लगे हैं।

शनिवार को राहुल गांधी के ऑफिस ने एक स्टेटमेंट जारी कर दुष्कर्म की शिकार लड़की की मौत पर शोक जताया। पिछले सप्ताह कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी के साथ विरोध-प्रदर्शन करने वाले कुछ लोगों की बैठक में वह भी थे। हालांकि, इसे छोड़कर गांधी परिवार के इस उत्तराधिकारी की तरफ से इस मसले को लेकर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है। 2014 चुनावों में कांग्रेस के कैंपेन का दारोमदार उनके कंधों पर रहने की काफी उम्मीद है।


मामले से जुड़े कई लोगों ने कहा कि राहुल गांधी विदेश में थे। सिक्योरिटी मसलों को लेकर न तो उनके ऑफिस का कोई व्यक्ति और न ही कांग्रेस का कोई नेता उनकी लोकेशंस के बारे में इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत करने को तैयार था। एक रीजनल पार्टी के सीनियर नेता ने कहा कि गांधी की प्रॉब्लम की वजह यह है कि उनमें राजनीतिक कौशल का अभाव है। उन्होंने कहा, 'दिल्ली गैंग रेप की घटना का विरोध करने वालों में ज्यादातर कॉलेज स्टूडेंट्स और यंग थे। अक्सर यूथ आइकॉन कहे जाने वाले गांधी लीडरशिप दिखाने के लिए इस मौके का इस्तेमाल कर सकते थे।'

समाजशास्त्री दीपांकर गुप्ता ने कहा, 'राहुल गांधी ने मौका खो दिया। इंडिया के प्रेजिडेंट, सोनिया गांधी और प्राइम मिनिस्टर के मामले में भी ऐसा ही है। उन्होंने खुद को सुरक्षा घेरे में बनाए रखा। सरकार ने गैर-पार्टी आंदोलनों को लेकर बार-बार अकड़ और बेरुखी दिखाई है।'

उन्होंने कांग्रेस के उन कई युवा नेताओं की गैरमौजूदगी पर भी सवाल खड़े किए, जिन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। जब राजधानी के कई हिस्से विरोध के केंद्र बने हुए थे, तब इन युवा नेताओं का कहीं अता-पता नहीं था।

गुप्ता ने कहा, 'पक्का है कि कांग्रेस की ओर से ऐसा कोई विप इश्यू नहीं किया गया था कि कोई नेता इन प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकता। गांधी की तरह सचिन पायलट उन युवा नेताओं में शामिल हैं, जो इंडिया के यूथ के साथ कनेक्ट नहीं हो सकते।'

आम आदमी पार्टी के लीडर योगेंद्र यादव ने भी इसी तरह की राय व्यक्त की। हालांकि, उन्होंने खासकर राहुल गांधी पर टिप्पणी करने से मना कर दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि तथाकथित युवा नेता उन चीजों से दूर हैं, जिसे देश चाहता है।

बिना इंसाफ के दिल्ली के जंतर-मंतर से हटने को तैयार नहीं प्रदर्शनकारी


राजधानी दिल्‍ली में 16 दिसम्बर को मेडिकल की छात्रा के साथ गैंगरेप की वारदात के बाद इंसाफ दिलाने के लिए समूचा भारत जाग उठा है.

जंतर-मंतर पर रविवार रात भर प्रदर्शनकारी लोग जमा रहे और पीड़िता को तुरंत न्‍याय दिलाने की मांग करते रहे.यहां पर लोगों के आने का सिलसिला जारी है. वहीं, देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में पीड़िता को न्‍याय की गुहार के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे.

राजेश गंगवार आठ दिन से भूख हड़ताल पर
जंतर मंतर पर बरेली से आए राजेश गंगवार पिछले आठ दिन से भूख हड़ताल पर हैं. उनके साथ भूख हड़ताल पर उनके दोस्त मुरलीनाथ खुशवार भी बैठे हैं. साथ ही फर्रुखाबाद से बाबू सिंह भी पिछले तीन दिन से हड़ताल पर हैं.

ये लोग महिला उत्पीड़न के विरोध में भूख हड़ताल कर रहे हैं. जंतर मंतर पर कड़ाके की ठंड में कंबल ओढ़कर भूख हड़ताल कर रहे हैं.

अंतिम संस्कार के बाद भी गुस्‍सा कम नहीं
गैंगरेप की पीड़िता के अंतिम संस्कार के बाद भी लोगों का गुस्‍सा कम नहीं हुआ और दुष्कर्म कानूनों में बदलाव कर और कड़ा बनाने की मांग कर रहे हैं.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम दुष्कर्म मामले की तीव्र सुनवाई के साथ ही दोषियों को सजा देकर पीडि़ता को तुरंत न्‍याय दिलाना चाहते हैं.जब तक ये मांग पूरी नहीं होगी तब तक हम प्रदर्शन जारी रखेंगे.

पुलिस ने इंडिया गेट और रायसीना हिल के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दिया है और इन इलाकों की तरफ जाने वाली सड़कों को बंद कर दिया है.

गौरतलब है कि गैंगरेप की शिकार 23 वर्षीया युवती के शव को सिंगापुर से लाए जाने के तत्काल बाद रविवार तड़के परिजनों और सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति में बेहद गोपनीयता से उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. 

बीते 16 दिसंबर को युवती के साथ चलती बस में दुष्कर्म किया गया था और उसे और उसके पुरुष मित्र को बेरहमी से पीटने के बाद दोनों को सड़क किनारे फेंक दिया गया था.

पीड़िता को दस दिनों तक सफदरजंग अस्पताल में रखा गया था. हालत बिगड़ने के बाद उसे सिंगापुर ले जाया गया था, जहां शनिवार तड़के उसने दम तोड़ दिया.

बेटी की मौत के गम में मां भी बीमार
इस बीच पीडिता की मां बेटी की मौत के गम में बीमार पड़ गई. उसे इलाज के लिए डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि बाद में उसे छुट्टी दे दी गई.

रविवार जब सिंगापुर से पीडिता की पार्थिव देह दिल्ली पहुंची तो मां की आंखों से आंसू छलक आए. जैसे ही वह अपने घर पालम पहुंची,बेहोश हो गई. 

मृतका के छोटे भाई ने बताया कि इलाज के लिए हम मां को डीडीयू अस्पताल लेकर गए। अस्पताल के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एसपी बरूआ ने बताया कि पीडिता की मां का सीटी स्कैन,ब्लड जांच और ईसीजी किया गया.

सभी जांच रिपोर्ट नॉर्मल पाए जाने के बाद मनोचिकित्सक ने भी महिला की जांच की. कोई दिक्कत नहीं पाए जाने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. 

आमिर खान के दिल्ली गैंगरेप पीड़ित लड़की के लिए छलक पड़े आँसूं


आमिर खान के दिल्ली गैंगरेप पीड़ित लड़की के लिए छलक पड़े आँसूं

बदलाव की यह आग जलती रहनी चाहिए


नई दिल्ली । गैंगरेप पीड़ित लड़की का इलाज करने वाले देश सिंगापुर ने रविवार को कहा कि वह अपने यहां रेप केस में मौत की सजा को खत्म करने वाली मांगों के खिलाफ इस मामले को एक नजीर की तरह पेश करेगा।  

सिंगापुर के कानून और विदेश मामलों के मंत्री के . शनमुगम ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि बहुत सारे लोग सहमत होंगे कि इस तरह के मामलों में जहां मौत की वजह बनने वाली चोटें पहुंचाई गई हों , वहां दोषियों को मौत की सजा ही देनी चाहिए। मैं दिल्ली गैंगरेप जैसे मामलों को हमेशा उन लोगों के सामने उदाहरण के तौर पर उल्लेख करूंगा , जो सिंगापुर में मौत की सजा खत्म करने की मांग करते हैं। 


दिल्ली गैंगरेप मामले में दोषियों को जल्द से जल्द उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए उठ रही मांग के बीच दो महिला जजों ने ऐसे मामलों में तेज ट्रायल के लिए कुछ उपाय सुझाए हैं। 

साक्ष्य कानूनों में हो सुधार 
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा ने ऐसे मामलों में कई स्तर पर बयान दर्ज करने की प्रक्रिया को छोटा करने के लिए एविडेंस एक्ट ( साक्ष्य कानूनों ) में संशोधन करने का सुझाव दिया है। जस्टिस मिश्रा के मुताबिक , महिलाओं के साथ ऐसे जघन्य अपराधों के मामले पुलिस के जुटाए सबूतों पर निर्भर करते हंै। पुलिस अगर आरोपी और पीडि़त पक्ष का बयान एक जुडिशल ऑफिसर के सामने लेती है तो दूसरी बार फिर से कोर्ट में बयान दर्ज करने की जरूरत क्यों है ? कोर्ट में दूसरी बार बयान दर्ज करने की वर्तमान प्रक्रिया से गवाहों को प्रभावित करने , उनके मुकरने और बहुत सारे मामलों में प्रमुख गवाहों की हत्या तक को बढ़ावा मिलता है। 

आरोपियों को जल्द मिलें वकील 
दिल्ली गैंगरेप केस की जांच कर रहे आयोग की अध्यक्ष जस्टिस उषा मेहरा के मुताबिक , बहुत से मामलों में वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से इनकार कर दिया। वकीलों को आरोपियों का केस लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। हालांकि , ट्रायल जज को अधिकार है कि वह आरोपियांे को शुरू से ही कानूनी सहायता मुहैया कराएं या अमीकस क्यूरी तैनात करे ताकि मामले में तेज सुनवाई हो। 

कांग्रेस का कड़े कानूनों का सुझाव 
यौन अपराधों पर शिकंजा कसने के लिए कांगे्रस ने कड़े कानून पेश करने का फैसला किया है। कांग्रेस रेप मुजरिमों को 30 साल तक की कैद , 3 महीने के अंदर फैसला करने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना और रेप में दोषियों का केमिकल कैस्ट्रेशन ( रासायनिक तरीके से नपुंसक बनाना ) जैसे कानूनों पर विचार कर रही है। कांग्रेस इस प्रस्ताव से जुड़ा फाइनल बिल रेप कानूनों में संशोधन के लिए बनी जे . एस . वर्मा कमिटी के सामने रखेगी। सूत्रों का कहना है कि यह बिल अभी पूरी तरह तैयार नहीं है। 

रेप पीड़ितों की जांच में हो बेहतरी 
अमेरिका के ह्यूमन राइट्स वॉच ने सुझाव दिया है कि भारत में रेप सेे जुड़े मामलों में पीडि़तों की सम्मानित ढंग से जांच और इलाज के लिए स्टैंडर्ड प्रोसिजर बने और उसे लागू किया जाए। संगठन ने रेप मामलों में ' फिंगर टेस्ट ' को खत्म करने की पैरवी भी की है। 

आंख खोलते गृह मंत्रालय के आंकड़े 
635 रेप के मामले दर्ज हुए इस साल दिल्ली में लेकिन सिर्फ 1 आरोपी को ही सजा 
754 आरोपियों को अरेस्ट किया गया इन मामलों में ( पिछले 5 साल में सर्वाधिक ) 
403 के खिलाफ चल रहा है ट्रायल 
348 के खिलाफ जांच लंबित

गैंगरेप पीड़ित लड़की का दिल्ली में निधन हो गया था - मेनका गांधी


 गैंगरेप पीड़ित लड़की का दिल्ली में निधन हो गया था - मेनका गांधी




बलात्कारियों को नपुंसक बनाने वाले कानून की मांग कर सकती है कांग्रेस


राजधानी दिल्ली में सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मौत को लेकर आक्रोश के बीच कांग्रेस ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर रोक लगाने के लिए एक कड़े कानून का प्रस्ताव करने का निर्णय किया है जिसमें बलात्कार के दुलर्भ मामलों में दोषियों को रसायनिक प्रक्रिया से नपुंसक बनाने का प्रावधान शामिल हो सकता है.
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेसी विधेयक का अंतिम मसौदा न्यायमूर्ति जे एस वर्मा के नेतृत्व वाली उस समिति को सौंपा जाएगा जिसका गठन केंद्र सरकार ने 16 दिसंबर की दहला देने वाली घटना के बाद किया है. हालांकि कानून का मसौदा अभी तैयार नहीं हुआ है.

इस कड़े कानून के कुछ प्रावधानों में बलात्कार के दोषियों को 30 वर्ष तक की सजा और ऐसे मामलों में तीन महीने में निर्णय करने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन करना शामिल है.

कानून के प्रावधानों पर चर्चा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में गत 23 दिसंबर को हुई थी जब उन्होंने सामूहिक बलात्कार की घटना के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों के एक समूह के साथ बैठक की थी.

सोनिया गांधी नीत राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के इस पूरे प्रयास में शामिल रहने की संभावना है जिसने आरटीआई जैसे कई महत्वपूर्ण कानूनों का मसौदा तैयार किया है और उसे तैयार करने में मदद की है.

सूत्रों ने कहा कि कृष्णा तीरथ के नेतृत्व वाले महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने गत शुक्रवार को इस मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों से लंबी बैठक की थी जिसके दौरान कई सुझाव सामने आए.

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मिले सुझावों का सारांश तैयार करके न्यायमूर्ति वर्मा के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय समिति को सौंपेगे जिसका गठन वर्तमान कानूनों की समीक्षा करने के वास्ते सिफारिशें करने के लिए किया गया है ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर प्रभावी तरह से रोक लगायी जा सके.

सूत्रों ने कहा, ‘अभी तक कोई सरकारी मसौदा नहीं है. हम सारांश जो जे एस वर्मा समिति को सौंपेंगे वह पहला लिखित दस्तावेज होगा जिस पर नया कानून आधारित होगा.’

सोनिया ने 10 जनपथ स्थित अपने आवास पर प्रदर्शनकारियों से बैठक के दौरान बलात्कार के मामलों की सुनवायी के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें गठित करने का समर्थन किया था जिसमें 90 दिन में फैसला सुनाने की शर्त हो.

वहीं रेणुका चौधरी ने यह कहते हुए बलात्कार दोषियों को रसायनिक प्रक्रिया से नपुंसक बनाने का कड़ा समर्थन किया था कि ऐसी सजा विभिन्न देशों में पहले से लागू है और इससे इस तरह के अपराधों पर प्रभावी रोक लगाने में काफी हद तक सफलता मिली है.

इसके साथ ही किशोर को फिर से परिभाषित करने और उनकी आयु कम करने का सुझाव दिया गया. उल्लेखनीय है कि वीभत्स बलात्कार मामले का एक आरोपी एक किशोर है और उसकी आयु 18 वर्ष से कुछ महीने कम है. इस किशोर ने पीड़िता पर अधिकतम बर्बरता की थी. एक वर्ग का विचार है कि केवल 15 वर्ष से कम आयु को किशोर बताया जाना चाहिए.

महिला एवं बाल अधिकार मंत्रालय के प्रस्ताव की कानूनी समीक्षा होगी और प्रस्ताव को गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय द्वारा चुस्त दुरुस्त बनाये जाने के बाद एक अध्यादेश लाया जाएगा.

सूत्रों ने बताया कि चूंकि संसद का अगला सत्र दो महीने बाद है सरकार अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है. इस मुद्दे पर कांग्रेस कोर समूह की गत 24 और 29 दिसंबर को आयोजित होने वाली बैठकों में चर्चा हो चुकी है.


दरिंदगी का देश : 5 राज्यों में सात अबलाओं से बलात्कार


नई दिल्ली। आज पूरा देश जहां नई दिल्ली गैंग रेप की पीड़िता की मौत और पटियाला में बलात्कार पीड़िता की आत्महत्या के बाद आंसू बहा रहा है और दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई कि देश के कई अन्य हिस्सों से गैंग रेप और बलात्कार की सात वारदातों ने दरिंदगी का दंश उजागर कर दिया है। बिहार में इंटर की छात्र से गैंग रेप और हरियाणा में युवती से गैंग रेप की सूचना मिली है, वहीं पंजाब में तीन, राजस्थान, और मध्य प्रदेश में बलात्कार की एक-एक वारदातों के कारण  देश का सिर शर्म से एक बार फिर झुक गया है।

बिहार पुलिस से मिल जानकारी के अनुसार समस्तीपुर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र निवासी एक इंटर की छात्रा ने अपनी मां के साथ डीएसपी के समक्ष पहुंच कर स्थानीय निवासी दो युवकों पर बलात्कार करने का आरोप लगाया है और न्याय की गुहार की है। पीड़िता ने बताया कि वह रोजाना साइकिल से एक कोचिंग में पढ़ने जाती है। गत शुक्रवार शाम वह कोचिंग से घर लौट रही थी तो कमली चौरी के पास बाइक सवार दो युवकों ने उसे रोक लिया और चौर में ले जाकर उससे रातभर बलात्कार किया। बाद में आरोपियों ने उसे एक घर में ले जाकर बंद कर दिया। शनिवार को वह किसी तरह आरोपियों के चंगुल से भाग निकली और अपने घर पहुंच कर मां को सारी व्यथा सुनाई। इस पर मां उसे लेकर डीएसपी राजेश कुमार के आवास पर पहुंची और न्याय की गुहार की। पुलिस ने छात्रा के आरोप पर गांव के ही सुनील और गिरिंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। दूसरी ओर पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि पीड़िता के बयान ले लिए गए हैं। मेडिकल जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है।

गुड़गांव में युवती से गैंग रेप : मेवात के फिरोजपुर झिरका में एक युवती से गैंग रेप का मामला सामने आया है। पुलिस ने पीड़िता के बयान पर रविवार सुबह तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि तीनों ने युवती 15 जून, 2012 को पहली पर गैंग रेप कर मोबाइल से वीडियो क्लिप बना ली। उसके बाद उसे सार्वजनिक करने व जान से मारने की धमकी देकर लड़की का यौन शोषण करते रहे। पुलिस का कहना है कि पीड़िता ने डर के मारे किसी ने नहीं बताया, लेकिन दो दिन पहले आरोपियों ने बनाई उस अश्लील वीडियो क्लिप को इंटरनेट पर अपलोड कर दिया और यह मामला पुलिस के सामने आ गया।

पंजाब पुलिस के अनुसार मौड़ खुर्द निवासी पीड़िता ने आरोप लगाया कि गत 20 अक्टूबर को वह मादसरखना में मेला देखने गई थी। वहां से उसके पति के साथ पशुओं को बेचने का व्यवसाय करने वाला लीला सिंह उसे जबरन किसी अज्ञात स्थान पर ले गया, जहां लीला सिंह का साला और साले का बेटा पहले से ही मौजूद थे। बाद में तीनों आरोपियों उससे बलात्कार किया, साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। बाद में पति को उसने पूरी बात बताई और थाना मौड़ में मामले की शिकायत भी दर्ज कराई। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ गैंग रेप का मामला दर्ज कर लिया है। एएसआई का कहना है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

इसी प्रकार अमृतसर देहात पुलिस ने एक ही दिन में बलात्कार के दो अन्य मामले दर्ज किए हैं। इनमें पंजाब पुलिस के एक हैड कांस्टेबल सहित पांच लोगों को नामजद किया गया है। पंजाब के लक्खूवाल गांव निवासी एक युवती ने पुलिस को बताया कि थाना अजनाला में तैनात हैड कांस्टेबल कुलविंदर सिंह पुलिस में भर्ती के लिए इंटरव्यू की सूचना देने के लिए उनके घर आया था। कांस्टेबल कुलविंदर सिंह ने उसके माता-पिता से कहा कि उसकी भर्ती बोर्ड के अधिकारी से खासी जान-पहचान है। वह आसानी से उनकी बेटी को पुलिस में भर्ती करा देगा। कांस्टेबल की लुभावनी बातों में वे लोग आ गए।

बाद में 24 अक्टूबर को कुलविंदर की पत्नी रंजीत कौर ने युवती को फोन करके इंटर व्यू के बहाने अपने घर बुलाया, जब वह कांस्टेबल के घर पहुंची तो उसकी पत्नी रंजीत कौर ने उसे कोल्ड ड़िक पिलाई, जिसे पीने के बाद वह बेहोश हो गई और बेहोशी की हालत में ही कांस्टेबल के घर में मौजूद गुरचरण सिंह ने उससे बलात्कार किया। इसके बाद अरोपी उसे चंडीगढ़ ले आए और गुरुद्वारे में गुरचरण सिंह से उसकी शादी करा दी। 28 अक्टूबर को आरोपी उसे वापस अजनाला ले आए। एक दिन जब वह घर में अकेली थी तो हैड कांस्टेबल कुलविंदर सिंह आया और उससे बलात्कार किया।  बाद में उसने आरोपियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने शनिवार को थाना अजनाला में आरोपी हैड कांस्टेबल, कुलविंदर सिंह, उसकी पत्नी रंजीत कौर और गुरचरण सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

एक अन्य वादात में भिंडी सैदा निवासी युवती ने पुलिस को बताया कि दो महीने पहले उसकी शादी हुई थी। 23 दिसंबर को वह अपने पीहर आई थी। रात 9:00 बजे गांव के ही मंजीत सिंह और जसपाल सिंह ने घर के पास से उसका अपहरण कर लिया और गांव के बाहर सुनसान जगह ले जाकर उससे बलात्कार किया। बाद में आरोपी उसे कई जगह ले गए और उससे बलात्कार करते रहे। 27 दिसंबर को उसे आरोपियों ने वापस उसके घर पर छोड़ दिया और फरार हो गए। घर लौटने पर उसने परिजनों को सारी व्यथा सुनाई और थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस ने मंजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।

कोटा में रिश्तेदार ने मानसिक रूप से विक्षिप्त किशोरी से महीनों तक किया बलात्कार : राजस्थान के कोटा में एक 14 वर्षीया मानसिक विक्षिप्त किशोरी से  उसका एक रिश्तेदार छह महीने से बलात्कार करता रहा। पुलिस ने बताया कि यह घटना जवाहर नगर थाना क्षेत्र के दुर्गा झुग्गी इलाके की है। शुक्रवार को किशोरी के एक पड़ोसी ने उसके रिश्तेदार देव कुमार मंडल (45) को रंगेहाथों पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया। आरोपी नियमित रूप से किशोरी के घर तभी आया करता था, जब वह अकेली होती थी। किशोरी की मां भी मानसिक रूप से विक्षिप्त  है और उसका पिता बाहर काम पर जाता है। यह परिवार मूलत: पश्चिम बंगाल का है। आरोपी ने किशोरी को किसी से कुछ भी बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

बालाघाट में युवक ने किया चार साल की बच्ची से बलात्कार : मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के वीरनपुर गांव में एक युवक ने चार साल की मासूम बच्ची को जंगल में ले जाकर उससे बलात्कार किया। सोमेंद्र नाम का युवक शुक्रवार को बच्ची को अपने साथ जंगल में ले गया और बलात्कार कर डाला। घर लौटने पर बच्ची ने अपनी मां से सारी घटना बताई तो मां ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है।

दामिनी के अंतिम संस्कार पर IAC का सवाल


चोरो की सरकार हर चीज़ चोरी से करती है, यहाँ तक कि इस बहादुर लड़की का अंतिम संस्कार भी सुबह चुपके से किया गया।

सवाल है जब राजीव गाँधी, इंदिरा गाँधी और यहाँ तक की बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार में जनता को आने दिया जा सकता है तो यहाँ क्यूँ नहीं?



अन्ना और रामदेव ने दी दिल्ली पीड़िता को श्रद्धांजलि


नई दिल्ली। एक बार फिर देश के महान समाजसेवी और इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कर्ताधर्ता अन्ना हजारे ने देशवासियों की मांग में अपने सुर भी जोड़ दिए हैं। जहां पूरा देश दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार की पीड़िता की मौत के पहले से पकड़े गए आरोपियों को फांसी की सज़ा देने की मांग कर रहा है। वहीँ, अन्ना हजारे ने भी पीड़िता की मौत से सबक लेने की बात कहते हुए उन आरोपियों को फांसी की सज़ा देने की मांग की है जबकि योगगुरु बाबा रामदेव ने बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ कड़े क़ानून बनाने के साथ-साथ ऐसे मामलों में जल्द फैसले के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की मांग की। 

अन्ना हजारे ने पीड़िता की मौत पर शोक जताते हुए कहा कि इस घटना से सबक लेना चाहिए और दोषियों को फांसी या उम्र कैद की सजा दी जानी चाहिए। इसके साथ ही अन्ना ने देशवासियों से शान्ति की अपील भी की। अन्ना ने कहा कि सरकार को चाहिए रेप की घटना पर फांसी या आजीवन कारावास का कानून बनता तो ऐसी घटना ना होती। सरकार को जल्द से जल्द कठोर कानून बनाना चाहिए। साथ ही अन्ना ने लोगों से अपील करते हुए यह भी कहा कि वे शांति बनाए रखें। राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान न करें। 

वहीँ दूसरी तरफ हरिद्वार में प्रसिद्द योगगुरु बाबा रामदेव ने पीड़िता की मौत पर शोक प्रकट करते हुए बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ कड़े क़ानून बनाने के साथ-साथ ऐसे मामलों में जल्द फैसले के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की मांग की। रामदेव ने गैंगरेप से पीड़ित बच्ची की आत्मा की शांति की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि संयम औऱ शांति के साथ काम लेना है, जिससे इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो। सरकार औऱ समाज को ठोस कदम उठाना होगा जिससे समाज सुधरे।

लड़की को रेपिस्टों ने भी फेंका, सरकार ने भी : मलाला यूसुफजाई


नई दिल्ली। दिल्ली में गैंग रेप का शिकार हुई पीड़ित लड़की को सिंगापुर शिफ्ट करने के सरकार के फैसले पर पाकिस्तान की बहादुर लड़की मलाला यूसुफजाई ने भारत सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। मलाला ने भारत सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए उसकी तुलना रेपिस्टों से की है। 

तालिबानियों से लोहा लेने वाली पाकिस्तान की इस बहादुरी स्कूली लड़की ने ट्विटर पर लिखा है गैंग रेप की पीड़िता को सिंगापुर शिफ्ट किए जाने की कड़ी आलोचना की है। 15 वर्षीय मलाला ने ट्विटर पर लिखा, 'रेपिस्टों ने लड़की को सड़क पर फेंक दिया और भारत सरकार ने उसे सिंगापुर में। अंतर क्या है? ' 

गौरतलब है कि पीड़ित को सिंगापुर शिफ्ट करने के फैसले पर पहले ही काफी सवाल उठाए जा रहे हैं। दिल्ली के सफरदजंग अस्पताल, जहां लड़की का इलाज किया जा रहा था, वहां के डॉक्टर ने टीओआई को बताया कि लड़की को सिंगापुर भेजने का फैसला मेडिकल डिसिजन नहीं था बल्कि ऊपर (सरकार) से निर्देश आया था। उन्होंने बताया कि लड़की को सिंगापुर भेजने से करीब 22 घंटे पहले ही उसके ब्रेन डेमेज हो चुका था। ब्लड क्लॉट की वजह से लड़की का ब्रेन डेमेज हुआ, जिसके चलते उसे दो हार्ट अटैक भी आए थे। हालांकि उन्होंने बताया कि लड़की को हार्ट बीट डीसी शॉक देकर वापस लाई गई थी, लेकिन इस प्रोसेस के चलते उसके ब्रेन पर असर हुआ। इसके बाद न्यूरोलॉजिस्ट से भी कंसल्ट किया गया था। 

डॉक्टर ने बताया कि इस हालत में लड़की का कोई भी ट्रांसप्लांट कर पाना संभव नहीं था। सूत्रों ने यह भी बताया कि लड़की को सिंगापुर ले जाने के दौरान उसकी हार्ट बीट बनाए रखने के लिए उसे इनोटॉपिक ड्रग्स दी गईं।

दिल्‍ली में उग्र हुए प्रदर्शनकारी, पुलिस पर किया पथराव


दिल्ली। दामिनी का भले ही अंतिम संस्‍कार गुपचुप तरीके से कर दिया गया हो, लेकिन उसे इंसाफ दिलाने के लिए आम आदमी से लेकर बॉलीवुड हस्‍ती तक सड़क पर उतर आई है। दिल्‍ली में हजारों लोग शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन प्रदर्शनकारियों के एक तबके ने पुलिस पर पत्‍थरबाजी कर शांतिपूर्वक चल रहे प्रदर्शन को हिंसक करने पर तुल गए हैं। एबीवीपी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मांग है कि गैंग रेप के दोषियों को तत्‍काल फांसी की सजा दी जाए। प्रदर्शनकारी पुलिस के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए पत्‍थरबाजी करने लगे। जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हो गई। एक पत्‍थर वहां मौजूद हमारे संवाददाता को भी लगा। (111 तस्‍वीरों में देखें प्रदर्शन)

पुलिस ने आक्रोशित प्रदर्शनकारियों में से कुछ को पीटते हुए अपनी गाड़ी में भरकर वहां से दूर ले गई है। कुछ महिलाओं ने गाड़ी के सामने लेट कर पुलिस को रोकने का प्रयास किया तो उन्‍हें वहां से जबरन उठा दिया गया। दिल्‍ली पुलिस ऐसे प्रदर्शनकारियों को छांट छांट कर प्रदर्शन स्‍थल से दूर ले जा रहे हैं, जो अशांति पहुंचाने की कोशिश कर हैं। इसके अलावा, कुछ महिलाओं के साथ पुलिस के जवानों ने बदतमीजी भी की।वहीं, कुछ प्रदर्शनकारी वहां मौजूद अन्‍य प्रदर्शनकारियों से भीड़ गए। वहां मौजूद अधिकांश प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक प्रदर्शन के पक्ष में हैं। लेकिन एबीवीपी के कार्यकर्ता काफी उग्र हो गए हैं। पुलिस भी लगातार शांति बनाए रखने की अपील कर रही हैं।

दिल्ली पुलिस की चेतावनियों के बावजूद लोग इकट्ठा हुए हैं। दिल्‍ली के जंतर-मंतर पर सैकड़ों की तादाद में युवा सुबह से ही शातिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं। कई बार दिल्‍ली पुलिस मुर्दाबाद के नारे भी लगाए जा रहे हैं। इन सबके बीच, प्रदर्शनकारियों की सिर्फ यही मांग है कि दामिनी को जल्‍दी से जल्दी इंसाफ दिया जाए। मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, कोच्चि, चंडीगढ़, भोपाल, लुधियाना, जयपुर, हर जगह लोग दुष्कर्म पीड़िता की मौत के ग़म में संकल्प ले रहे हैं। (पीड़िता की आखिरी इच्छा)

वहीं, गैंगरेप पीड़िता का पार्थिव शरीर रविवार 03:30 बजे एयर इंडिया के विशेष विमान से दिल्ली पहुंचा। एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी भी मौजूद थे। दो हजार पुलिस बल के साथ दामिनी के शव को पालम स्थित उसके घर पर पहुंचा गया। जहां दो घंटे तक उसके शव को रखा गया। इसके बाद द्वारका के सेक्‍टर 22 स्थित श्‍मशान घाट पर उसका अंतिम संस्‍कार किया गया। इस गोपनीय ढंग से किए गए अंतिम संस्कार के समय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह मौजूद थे। 13 दिनों तक जिंदगी के लिए मौत से लड़ने वाली 23 वर्षीय छात्रा की सिंगापुर में शनिवार रात 02:15 बजे मौत हो गई थी। (तस्‍वीरों में देखिए, शनिवार को हुआ प्रदर्शन)। 
जिस गुपचुप ढंग से दामिनी का अंतिम संस्‍कार किया गया है, उससे प्रदर्शनकारी काफी नाराज हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार हर काम चोरी से करती है। दामिनी का अंतिम संस्‍कार भी इसी तरह किया गया। दूसरी ओर, केंद्र सरकार को इस बात का डर था कि यदि दामिनी का अंतिम संस्‍कार को सार्वजनिक रूप से किया जाता है तो भीड़ को काबू में करना मुश्किल हो जाता। ऐसे में शांति व्‍यवस्‍था बिगड़ सकती थी। 

गौरतलब है कि सिंगापुर में दामिनी के पोस्‍टमार्टम के बाद शव को लेकर विशेष विमान शनिवार को भारतीय समयानुसार रात लगभग 10:30 बजे भारत के लिए रवाना हुआ था। पीड़िता के अंतिम संस्कार को लेकर चल रही अटकलों के बीच कांग्रेस कोर ग्रुप की कल रात हुई बैठक में फैसला किया गया था कि अंतिम संस्कार परिवार की इच्छा के मुताबिक ही किया जायेगा, जबकि राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने और 29 दिसंबर को महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ राष्ट्रीय दिवस घोषित करने की मांग राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने की है। 

भारत का युवा इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक प्रदर्शन कर रहा है। कानून जब बनेगा, तब बनेगा। महिलाओं के खिलाफ अपराध तब रूकेंगे जब हम उनकी दिल से इज्जत करेंगे। इस बार इसी संकल्प को करने का मौका है, हमारे महाअभियान से जुड़कर। हमारे इस महाअभियान से जुड़िए और संकल्प लीजिए कि मैं महिलाओँ का सम्मान करूंगा।


अमेरिका में चर्चा का विषय 
अमेरिका में प्रवासी भारतीय चिकित्सकों के सवाल हैं कि क्या भारत में महिलाओं के मान सम्मान का कोई अर्थ नहीं रह गया है? पड़ोसी देश पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी घटना के 24 घंटे के अंदर मलाला यूसुफजई को विशेष विमान से लंदन के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में उपचार के लिए भेजकर दुनिया भर के लोगों को मलाला की जान की सलामती का संदेश दे सकते हैं तो फिर भारतीय हुक्मरान क्यों चूक गए? उसे सफदरजंग अस्पताल में दस दिन क्यों रखा गया। इस मरीज की हालत लाइलाज हो गई थी, तो फिर हमारे राजनीतिक आकाओं ने सिंगापुर को ही क्यों चुना? 

शार्ट बाउल सिंड्रोम का हब है अमेरिका  
यहां के चिकित्सकों का कहना है कि अमेरिका में नेब्रास्का, पिट्सबर्ग, न्यूयार्क, वाशिंगटन डीसी और अटलांटा में छोटी आंत का प्रत्यारोपण अर्थात शार्ट बाउल सिंड्रोम के उपचार के स्टेट ऑफ आर्ट अस्पताल हैं, जहां गंभीर से गंभीर मरीजों पर शोध होते रहते हैं।

नेब्रास्का स्थित शार्ट बाउल सिंड्रोम अस्पताल की विश्व में दो दशक से एक स्टेट ऑफ आर्ट अस्पताल के रूप में गणना होती है, जहां छोटी आंत प्रत्यारोपण के प्रतिवर्ष एक से डेढ़ सौ सफल ऑपरेशन होते हैं। न्यूयार्क स्थित छोटी आंत प्रत्यारोपण टीम विशेषज्ञ डा. विभा सूद अमेरिका के विभिन्न बड़े अस्पतालों में काम कर चुकी हैं। डा. सूद ने इस लड़की की मृत्यु पर गहरा अफसोस जाहिर करते हुए बताया कि इंफेक्शन के साथ शार्ट बाउल सिंड्रोम का मामला गंभीर तो है, पर ऐसा नहीं है कि अमेरिका में इसे पेंचीदा कहा जाए। 

डा.  सूद बताती हैं कि एक एडल्ट में करीब तीन मीटर से आठ मीटर तक की छोटी आंत होती है। छोटी आंत के रक्त प्रवाह के रुक जाने से छोटी आंत का गैंग्रीन हो जाता है। इस पर प्रत्यारोपण सर्जन की कोशिश रहती है कि वह रोगग्रस्त आंत से छोटा सा टुकड़ा बचा ले ताकि वह मरीज को बचाने में कामयाब हो सके। बची-खुची छोटी आंत के रिहैबिलिटेशन के लिए इंटेस्टनेल रिहैब्लिटेशन सेंटर में उपचार किया जाता है, जो सभी संसाधनों से परिपूर्ण होते हैं। डा. सूद ने दावा किया कि उनके अपने अस्पताल में जब 23 सप्ताह के प्रिमेच्योर बेबी की गैंग्रस छोटी आंत को रेहैबिलिटेट कर बचाया जा सकता है, तो फिर उस लड़की को क्यों नहीं। डा. सूद कहती हैं कि यह उनकी समझ से परे की बात है कि सामूहिक दुष्कर्म से पीड़ित लड़की को सफदरजंग अस्पताल में दस दिन तक रखकर उपचार करने का क्या औचित्य था? बेहतर यह होता कि इस रोग से संबंधित चिकित्सकों की एक टीम बनाई जाती जो अमेरिका अथवा इंग्लैंड के बड़े अस्पतालों से संपर्क रखते हुए घटना के पहले 48 घंटों में मरीज को उपचार के लिए अमेरिका रवाना कर देती। 


पटियाला / अमृतसर में रेप की दो घटनाएं सामने आने से हडकंप


पंजाब  - पंजाब में बलात्कार के दो मामले सामने आए हैं. पंजाब पुलिस ने पटियाला में रेप के बाद खुदकुशी केस में कार्रवाई की है. लापरवाही के जिम्मेदार एक ASI को गिरफ्तार किया गया है. अमृतसर में एक पुलिस वाले पर ही बलात्कार का आरोप लगा है.

पटियाला के बादशाहपुर गांव में दीपावली के दिन एक लड़की के साथ गैंग रेप, उसके बाद आरोपियों की लगातार धमकी और इस पर भी पुलिस की टालमटोल की कार्रवाई से तंग आकर एक लड़की ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली. 

मामले ने तूल पकड़ा तो पहले थानेदार को बर्खास्त किया गया और फरार चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया. अब नसीब सिंह नाम के इसी एएसआई को पटियाला के ही अर्बन एस्टेट इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया है. 

आपको बता दें कि ये वही मामला है लड़की ने परिवार की इज्जत की खातिर चुपचाप कर्रवाई की पुलिस सेअपील की थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. पुलिस सिर्फ एक ही आरोपी को गिरफ्तार कर पाई थी.

इसी बीच बलात्कार के एक और मामले में तो पंजाब पुलिस का मुलाजिम ही गिरफ्तार किया गया है. 

अमृतसर के अजनाला इलाके के इस केस में आरोप है कि पुलिस में भर्ती के दौरान ट्रायल में दो बार फेल होने के बाद भी नौकरी दिलवाने का झांसा देकर लड़की से बलात्कार किया गया और फिर वीडियो सार्वजनिक करने और ऊंची पहुंच का डर दिखाकर ये सिलसिला जारी रहा. 

इल्जाम तो यहां तक है कि इस षडयंत्र में कुलविंदर नाम के आरोपी पुलिसवाले ने अपनी पत्नी और भतीजे को भी शामिल कर लिया. कुलविंदर फरार है और अब उसी का महकमा उसे ढूंढ रहा है.

देश की बेटी का कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ अंतिम संस्‍कार


नई दिल्ली: देशभर में फैले आक्रोश और मातम के बीच गैंगरेप पीड़ित युवती के पार्थिव शरीर को विशेष विमान के जरिये दिल्ली लाए जाने के तुरंत बाद रविवार तड़के उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

एयर इंडिया का विशेष विमान पार्थिव शरीर को लेकर तड़के करीब साढ़े तीन बजे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। विमान को हवाई अड्डे के तकनीकी क्षेत्र में ले जाया गया, जहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी मौजूद थे।

मनमोहन सिंह और सोनिया ने लड़की के परिजनों से बात की और उन्हें ढांढस बंधाया। इसके बाद लड़की का पार्थिव शरीर उनके आवास ले जाया गया और धार्मिक रस्में पूरी की गईं। इसके बाद उसे शवदाह गृह ले जाया गया।

घर के आसपास से लेकर शवदाह गृह तक दिल्ली पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान बड़ी संख्या में तैनात थे। घने कोहरे के बीच ही लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया गया। गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह, दिल्ली बीजेपी प्रमुख विजेन्द्र गुप्ता भी अंतिम संस्कार के समय श्मशान घाट में मौजूद थे।

पीड़ित पीड़ित युवती ने शनिवार तड़के चार बजकर 45 मिनट पर (भारतीय समयानुसार तड़के सवा दो बजे) अंतिम सांस ली थी। भारत सरकार द्वारा भेजे गए चार्टर्ड विमान में पीड़ित के परिवार के सदस्य साथ थे, जो वहां युवती को इलाज के लिए भर्ती कराए जाने के समय से ही उसके साथ थे। युवती को बेहद गंभीर हालत में सिंगापुर ले जाया गया था।

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़ित युवती के तीन ऑपरेशन किए गए थे। हमले के कारण कई अंगों में बहुत चोटें आई थीं। उसे इलाज के दौरान दिल का दौरा भी पड़ा और उसके मस्तिष्क में भी चोट लगी हुई थी। सिंगापुर में पीड़ित के दम तोड़ने के बाद पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों के खिलाफ हत्या के आरोप लगाए हैं, जिसमें दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों में मौत की सजा का प्रावधान है। पुलिस 3 जनवरी को आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करेगी।

पीड़ित की मौत पर अन्ना बोले , 'दोषियों को हो फांसी'

नई दिल्ली। समाजसेवी अन्ना हजारे ने दिल्ली गैंगरेप की शिकार हुई लड़की की घटना पर सबक लेने की बात कहते हुए रेप के मामलों में फांसी की सजा की मांग की है। उन्होंने पीड़ित की मौत पर शोक जताते हुए कहा कि सभी को इस घटना से सबक लेना चाहिए और दोषियों को फांसी या उम्र कैद की सजा दी जानी चाहिए।

इस मौके पर अन्ना ने देश से शांति की अपील भी की। वहीं हरिद्वार में बाबा रामदेव ने पीड़ित को श्रद्धांजलि देते हुए कड़े कानून और फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की मांग की। अन्ना ने कहा कि सरकार को चाहिए रेप की घटना पर फांसी या आजीवन कारावास का कानून बननता तो ऐसी घटना ना होती। लड़की की मौत से पुरा देश दुखी है। आगे जल्दी जल्दी से कठोर कानून बनाना चाहिए।

अन्ना ने कहा कि वो लोगों से अपील करते हैं कि वो शांति बनाए रखें। राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान नहीं करना है। ऐसी दोबारा ना हो जागरुक होना है। जबकि बाबा रामदेव ने कहा कि गैंगरेप से पीड़ित बच्ची की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं। संयम औऱ शांति के साथ काम लेना है। वातावरण देश में बनाना होगा। जिससे इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो। सरकार औऱ समाज को कदम उठाना होगा जिससे समाज सुधरे।


गैंगरेप पीड़ित लड़की की मौत के बाद दिल्ली में सुरक्षा बढ़ी

नई दिल्ली। सिंगापुर में गैंगरेप पीड़ित लड़की की मौत के बाद राजधानी दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। लोगों के आक्रोश को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने जगह जगह मुस्तैदी बढ़ा दी है। इंडिया गेट के आसपास सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग लगा दी गई है। राजपथ, विजय चौक और इंडिया गेट तक पहुंचने वाले सभी रास्तों को आम ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया है।

इंडिया गेट के आसपास सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली के दस मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं। इनमें राजीव चौक, प्रगति मैदान, बाराखंबा रोड, मंडी हाउस, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय, रेस कोर्स, उद्योग भवन, जोरबाग, खान मार्केट मेट्रो स्टेशन शामिल हैं।

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वो शांत व्यवस्था बनाए रखें और इस रास्ते से न गुजरें। पुलिस का कहना है कि इस जघन्य अपराध में शामिल आरोपियों को जल्द से जल्द सख्त सजा दिलाई जाएगी।
मालूम हो कि गैंगरेप पीड़ित छात्रा को 27 दिसंबर की सुबह माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन तभी से उसकी हालत नाजुक थी। अस्पताल के 8 डॉक्टरों की टीम उसे जिंदा रखने की कोशिशें कर रहे थे लेकिन दो दिन तक चली उनकी कोशिशें भी लड़की की नहीं बचा सकीं।।


केजरीवाल का सवाल, क्या हम नहीं है जिम्मेदार?


दिल्ली में सामूहिक दरिंदगी की शिकार 23 वर्षीय छात्रा की मृत्यु पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि पीड़िता की मृत्यु हम सबके लिए दुख और शर्म की बात है।

केजरीवाल ने ट्विटर पर अपनी ट्वीट में कहा कि क्या हम सब उसकी मौत के जिम्मेदार नहीं है। क्या हम अब कुछ कर सकते हैं ताकि आधी मानवता हमारे बीच खुद को सुरक्षित महसूस करने लगे।

उन्होंने कहा कि लोगों को इस लडकी की मौत को खाली नहीं जाने देना चाहिएट उन्होंने जंतर-मंतर पर ग्यारह बजे शोकसभा के लिए लोगों के पहुंचने का न्यौता भी दिया।

आप नेता ने कहा कि उनकी पार्टी के सदस्य मुंह पर काला कपड़ा बांध कर मौन धरने पर बैठेंगे। (वार्ता)

दामिनी का आख़िरी खत आप सबके नाम......


मेरे देश के प्रबुद्ध लोगों,

सलाम !!!

मेरा मरना कोई नया नहीं है अपने देश में बस फर्क इतना है कि आज आप सब मेरे बाद मेरे साथ हो, मेरे बलात्कार के बाद, मेरी मौत का इंतज़ार करते, रायसीना की पहाडियों पर पुलिस की बर्बरता के बीच पानी के छींटों के और आंसू गैस के गोलों के बीच आप अब मेरे साथ हो. क्या यह सब भी एक इवेंट है इस देश में मुझे अब लगता है कि मेरे मरने से आप लोग चलो एक बार ही सही, इकठ्ठा तो हो गये हो, उस दिन ना सही पर आज तो हुए हो, चलो मुझे इसका संतोष है कि मरने से मै कुछ तो कर पाई. बस अब यही कहूंगी कि अपने इन बेशर्म सांसदों को, विधायको को और ब्यूरोक्रेट्स को सम्हाल लो, सम्हाल लो पुलिस को जो आजाद भारत में आजादी के इतने सालों बाद भी आजादी का अर्थ नहीं समझ पा रहे है, और देश को अपने बाप की बपौती मानकर जेब में रखकर चल रहे है.

मुझे अफसोस है कि जिस देश के मंत्री, नेता, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की बेटियाँ हो और ये इसका बखान भी मेरे बलात्कार के बाद कर रहे हो,  उस देश के उन जगहों का क्या होगा जहां किसी बेटी का बाप कोई रसूखदार पद नहीं रखता. थाने में जाकर बलात्कार की रपट दर्ज कराने वाली लडकी यदि छिनाल, रांड या चालू है तो पुलिस क्या है जो ऊँचे लोगों और नेताओं की रखैल है.

मीडिया क्या है जो मेरी मौत को बेच रहा है और देश भर के लोग लगे है ज्ञान देने में. जानना चाहते है मेरे घर के बारे में, मेरे माँ-बाप के बारे में, मेरे ब्यॉय फ्रेंड के बारे में, मेरे बचपन के बारे में, मेरे किस्से के बारे में , जानना चाहते है कि मैंने कब अपने दोस्त के साथ किस पार्क में चूमा चाटी की है, कैसा लगा था पहली बार सेक्स करते हुए, मै वर्जिन मरी हूँ या पहले ही निपट गई थी, बाद में कैसा लगा जब छः-छः लोग मेरे ऊपर चालू बस में चढ गये और चलती बस के मजे के बारे में ........हाय साली पहले ही मर गई सब बताने से पहले ....यह सब बताने के पहले क्यों मर गई मै यह मुझे भी लगता है. 

देश ने जब मुझे अपनी जिम्मेदारी छोड़कर सिंगापुर भेज दिया तो मुझे भी लगा था कि शायद मेरी सरकार मेरा भला ही चाहती होगी पर यह समझने के पहले ही मै गुजरती जा रही हूँ क्षणे-क्षणे .चेतना में कही दर्ज है बचपन से गाये हुए गीत- सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा, जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गात अपि गरियसी, याद आ रहे है मन्त्र तंत्र जो कहते है स्त्री तो माँ बहन और भार्या होती है, जहां नारी की पूजा होती है वहाँ देवता बसते है.........

मै तो पढने आई थी दिल्ली अपने माँ बाप के सपने पुरे करने, दिल्ली जो देश की राजधानी है, इस महादेश की प्रजा के रूप में मै वो थी जिसने वोट दिया था सरकार को कि वो अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी पूरा करेगी, और सबको समानता का अवसर देते हुए मुझे शिक्षा का अवसर देगी, यहाँ-वहाँ आने-जाने की छूट देगी, क्या प्यार करना पाप है, क्या कपडे पहनना पाप है क्या अपने दोस्त के साथ घूमना पाप है, मै तो इस देश में फिजियोथेरेपी पढकर लोगों की अपंगता को दूर करना चाहती थी पर मुझे पता नहीं था कि देश पूरा पागल है , मानसिक रूप से विकलांग है. देश के नेता, शीर्ष पदों पर बैठे लोग, पुलिस, कानूनविद, प्रशासन सब घोर बीमार है. सब लोग, सरकार भी  मेरे मरने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थी अब  यह बहुत सच  लगता है.

देश में महिलायें सत्ता के लिए कुछ भी करने को तैयार है समझौते और सब कुछ कि सत्ता में हमेशा बनी रहे, राज करें और देश संवारें पर ये महिलायें अब महिला होने से ऊपर हो गई  है चाहे वो सोनिया हो, सुषमा स्वराज हो, मायावती हो, जय ललिता हो, ममता हो, हेमा हो, मीरा कुमार हो, अम्बिका सोनी हो, स्मृति इरानी हो, किरण बेदी हो या कोई और बस ध्यान नहीं है तो अपने होने पर, अपने जैसी महिलाओं पर जो रोज दरिंदगी का शिकार होती है दिल्ली हो या दूर दराज के गाँव, सवर्ण हो या दलित, गरीब हो या अमीर. बस ये महिलायें पार्टी में एक शो पीस है और "बारगेन'करने का हथियार जिसे पुरुष इस्तेमाल करते है. जिस देश में इंदिरा गांधी और प्रतिभा पाटील जैसी महिलायें देश के वरिष्ठतम पदों पर आसीन रहकर कुछ ना कर सकी वहाँ अब मूक और कठपुतली बने प्रधानमंत्री क्या करेंगे, राष्ट्रपति जो महामहिम है क्या करेंगे जो अपने ही बेटे को काबू में नहीं रख सकते,  यह मेरे लिए सवाल है जो हमेशा मेरे साथ रहेगा.

देश की लडकियों जाओ, विरोध करो,  उखाड फेंको व्यवस्था को.... क्यों आत्महत्या कर रही हो तुम दोषी नहीं हो, इस व्यवस्था में सिर्फ पुरुष दोषी नहीं है, जाति और सामंतवादी व्यवस्था पर बने समाज में जब तक तुम आगे नहीं आओगी  तब तक कुछ नहीं होगा. छोड़ दो इन रीति रिवाजों को जो तुम्हें इंसान होने से रोकता है, जो तुम्हें दोयम दर्जे का मानता है, जो तुम्हें गैर बराबरी मूलक समाज में सिर्फ उपभोग की वस्तु मानता है और निरोध से लेकर दाढी बनाने के ब्रश के विज्ञापन में इस्तेमाल करता है. 

सिर्फ इस छः लोगों को सजा नहीं मुझे पुरे देश से बदला लेना है उन सबसे जो इरोम शर्मिला को बारह सालों तक भूखा रखते है, मणिपुर में नग्न प्रदर्शन कर रही महिलाओं के गुप्तांगों को जिज्ञासा से देखते है, नक्सलवाद के नाम पर महिलाओं को थानों में गिरफ्तार करके सामूहिक बलात्कार करते है, नर्मदा के विस्थापित परिवारों में सबसे पहले महिलाओं को निशाना बनाते है और जेलों में ठूंसकर जबरन पिटाई करते है, सोरा सोनी के गुप्तांग में पत्थर डालते है, जो विधायक बलात्कार के बाद अपनी सभाओं में बच्चे के साथ तुम्हें बुलाते है और तुम्हारी कहानी  प्रदर्शित करते है, जो अपनी हवस मिटाने के बाद तुम्हें रांड, छिनाल और चालू कहते है. जो अपनी पत्नी और माँ-बहनों को संपत्ति मानकर सुरक्षा के नित-नए उपाय खोजते है इसमे वो भी शामिल है इंदौर का शख्स जो अपनी पत्नी के गुप्तांग पर ताला लगा देता था रोज-रोज कई बरसो तक कि वो काम पर जाता है. क्या कहूँ और क्या ना कहूँ ....???

अच्छा हुआ मै मर गई और तुम सबको एक सूत्र में पिरो गई हूँ. बस अब मेरे नाम पर सियासत करना बंद करके कुछ ऐसा करो कि इस देश से ये पितृ सत्ता खत्म हो जाये जिसमे सब रंगे हुए है. यह खत लिखकर मै थोड़ा सुकून महसूस कर रही हूँ. बस देख रही हूँ कि मौत अपने आगोश में लेने के लिए आ रही हूँ, काश कि मै अपने देश में आख़िरी सांस ले पाती. भारत माता  की लाडली मै, सीता सावित्री और द्रोपदी के देश में जी पाती या जीना तो हो नहीं पाया कम-से-कम मर ही पाती, खैर.......

मेरे  जनक और मेरी माँ मै माफी चाहती हूँ कि मै तुम्हारे सपने पुरे नहीं कर पाई नहीं बन पाई एक फिजियोथेरेपिस्ट, एक कर्ज है मेरे सर पर पर मै वादा करती हूँ कि अगली बार इसी देश में सच में एक दुर्गा बनकर  जन्म लूंगी और फ़िर बताउंगी कि लडकी होना क्या होता है .......

आपकी अपने ही देश की जिम्मेदार नागरिक 

दामिनी

शीला दीक्षित को झेलनी पड़ी लोगों की नाराजगी

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नई दिल्ली। गैंगरेप पीड़ित लड़की को श्रद्धांजलि देने पहुंचीं दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का लोगों ने घेराव किया और नारेबाजी की। शीला दीक्षित के जंतर-मंतर पर पहुंचते ही वहां मौजूद भीड़ ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। नाराज लोगों ने उन्हें घेर लिया। लोगों का गुस्सा देखने के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री वापस लौटने को मजबूर हो गईं। हालांकि शीला दीक्षित ने जाने से पहले मोमबत्ती जलाकर पीड़ित लड़की को श्रद्धांजलि दी।

इससे पहले शीला दीक्षित ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से लोगों को इंडिया गेट जाने की इजाजत देने की मांग की। शीला दीक्षित ने गृह मंत्री से आग्रह किया कि आम लोगों को आज इंडिया गेट जाने की इजाजत दी जाए। लोग आज पीड़ित लड़की की मौत से बेहद सदमे में हैं और इंडिया गेट जाकर उसे श्रद्धांजलि देना चाहते हैं।

उधर यूपीए की चेयरपर्सन और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि आज देश ने अपनी एक बहन-बेटी को खो दिया है। हम पीड़ित परिवार के साथ हैं। एक औरत और मां होने के नाते में पीड़ित परिवार के दुख को समझती हूं।

पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी .के सिंह जी की देश के युवाओ से एक अपील...


देश के वर्तमान हालात पर कटाक्ष करते हुए पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल
वी.के सिंह ने कहा कि व्यवस्था काले अजगर की तरह है और हम इसे दूध पिला रहे हैं।

जनरल सिंह ने कहा कि हमारा देश युवा है। युवाओं की आबादी 71 फीसदी के लगभग है। जिस तरह पतझड़ के बाद वसंत आता है और पेड़ों पर नई कोंपले फूटती हैं, उसी तरह जब तक युवा आगे नहीं आएंगे, पुराने लोग नहीं जाएंगे। अत: युवा आगे बढ़कर देश के लिए काम करें।

अब प्रजातंत्र संविधान से हटकर दिखाई दे रहा है। संविधान 'बी द पीपल' (We the People) के लिए बना था, लेकिन अब संविधान का बी द पीपल खो गया है। उसे वापस लाना होगा।
उन्होंने कहा कि हम चिंतन करते रहेंगे और देश पीछे खिसकता रहेगा। ऐसा नहीं होना चाहिए। ऐसा न हो कि देश की बोली लगने लगे।

जनरल सिंह ने कहा कि सबके भीतर 'देश सर्वोपरि' की भावना होनी चाहिए। जब सबके भीतर यह भावना होगी तभी हम देश को आगे बढ़ा पाएंगे।

देश की आंतरिक स्थिति पर जनरल सिंह ने कहा कि इतिहास गवाह है, जब भी हमारा पतन हुआ या विदेशी आक्रांताओं को सफलता मिली वह सिर्फ हमारी वजह से और हमारे लोगों की मदद के कारण ही मिली। हमें सोचना होगा कि आज हमारी स्थिति क्या है? यह सोच-विचार का समय है।
कवि की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा- 'व्यवस्था काले अजगर की तरह है, हम उसे दूध पिला रहे हैं, समूचे राष्ट्र को कैंसर हो गया है, हम टाइफाइड की दवाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबको डॉक्टर बनना होगा और देश को बीमारी से उबारना होगा।

जनरल सिंह ने कहा देश में भ्रष्टाचार और सामाजिक असामनता सबसे बड़ी समस्या है। इसे दूर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में तत्कालीन गृहमंत्री ने कहा था कि नक्सली इलाकों में सेना तैनात करनी चाहिए तब मैंने कहा कि यह आपका मामला है। इसे आपको सुलझाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 1990 में 50 जिलों में नक्सलवाद की समस्या थी, लेकिन अब 272 से ज्यादा जिले नक्सलवाद की गिरफ्त में हैं। उन्होंने कहा कि इन जिलों की स्थिति वैसी ही है, जैसी 200 साल पहले थी। ऐसी स्थिति में क्या हम उम्मीद कर सकते हैं कि वहां के लोग देश के साथ चलेंगे?

जनरल सिंह ने कहा कि हम लेंगे तभी देश की विकृतियां और कुरीतियां दूर होंगी। जिस दिन हम संकल्प के साथ काम करेंगे, सभी चीजें ठीक हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि 'सपने शायद सच नहीं होते, लेकिन संकल्प कभी अधूरे नहीं रहते'।

दामिनी की मौत पर जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन


नई दिल्ली। सिंगापुर में गैंग रेप पीड़ित युवती की मौत के बाद दिल्ली में पुलिस के पहरे के बीच सैकड़ों लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। इन लोगों ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। जंतर-मंतर पर सुबह 10 बजे से ही लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। मृतक को श्रद्धांजलि देने के बाद सभी प्रदर्शनकारी शांति से बैठे हैं। प्रदर्शनकारियों ने इंडिया गेट और रायसीना हिल्स पर जबर्दस्त सुरक्षा इंतजामात के खिलाफ नारेबाजी की। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सरकार किसी के निधन पर शोक भी नहीं जताने दे रही है। यह संवेदनहीनता है। यह पूरी तरह नाकाबंदी है। मेट्रो स्टेशन तक बंद कर दिए गए हैं।

करीब सवा दो बजे दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी जंतर-मंतर पहुंच गई। लोगों ने जैसे ही शीला दीक्षित को देखा शांति से बैठे प्रदर्शनकारी उनकी तरफ बढ़े और घेरकर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद शीला दीक्षित वापस लौट गईं। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि शीला राजनीतिक फायदे के लिए जंतर-मंतर पहुंची हैं।

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कैंपस मुनिरका तक रैली निकाली। सैकड़ों छात्र मुनिरका में उस बस स्टॉप पर जमा हुए, जहां से रेप विक्टिम उस बस में चढ़ी थी। जेएनयू के छात्रों ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून में बदलवा की। इन छात्रों ने 31 दिसंबर को फिर जमा होने का आह्वान किया ताकि मामला ठंडा न पड़े।

इस बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से अपील की है कि प्रदर्शनकारियों को इंडिया गेट और उसके आसपास शांतिपूर्वक प्रदर्शन की इजाजत दी जाए। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री महसूस करती हैं कि इंडिया गेट और उसके आसपास शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अपने नजरिए के बारे में गृह मंत्री को बता दिया है।

जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और कुमार विश्वास भी प्रदर्शनकारियों के साथ धरने पर बैठे। उनके समर्थक मुंह पर काली पटटी बांधे हुए थे। केजरीवाल ने ट्वीट किया,'रेप विक्टिम की मौत हम सभी के लिए शर्म की बात है। आइए प्रण करें कि हम उसकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाने देंगे।' सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरन बेदी ने कहा कि हर पुलिसकर्मी को प्रार्थना करनी चाहिए और महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने में सामूहिक विफलता के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए। केजरीवाल ने सवाल किया कि क्या हम उस छात्रा की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं हैं ? क्या हम ऐसा कुछ कर सकते हैं कि देश की आधी आबादी हमारे बीच सुरक्षित महसूस कर सके?

नई दिल्ली छावनी में तब्दील, 10 मेट्रो स्टेशन बंद
इससे पहले पीड़ित युवती की मौत की खबर मिलते ही राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। नई दिल्ली में धारा-144 लगा दी गई है और विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए विजय चौक, इंडिया गेट और राजपथ पहुंचने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने कमाल अतातुर्क मार्ग भी बंद कर दिया है। जनता को सलाह दी गई है कि वह इन मार्गों से होकर न गुजरे। नई दिल्ली इलाके के 10 मेट्रो स्टेशनों को भी अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। ये स्टेशन हैं- प्रगति मैदान, मंडी हाउस , बाराखंभा रोड, राजीव चौक, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय, उद्योग भवन, रेसकोर्स रोड, जोरबाग और खान मार्केट। हालांकि, राजीव चौक और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशनों पर इंटरचेंज (रूट बदलने की सुविधा) की अनुमति है।

दिल्ली पुलिस ने जिन रास्तों को ब्लॉक किया है, उन पर सुरक्षा बलों का भारी जमावड़ा है। राजपथ पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है, क्योंकि यही रास्ता इंडिया गेट को रायसीना हिल्स से जोड़ता है। आज शनिवार है और अधिकांश ऑफिस बंद रहते हैं। पुलिस को आशंका है कि विरोध-प्रदर्शन के लिए लोग भारी संख्या में सड़कों पर निकल सकते हैं। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री निवास के आसपास भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस को आशंका है कि लोग गुस्से में वीवीआईपीज़ के घरों को निशाना बना सकते हैं।

इंडिया गेट के आसपास के इलाकों में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जिन स्टेशनों को बंद किया गया है, वे या तो इंडिया गेट या फिर रायसीना हिल्स के करीब हैं। इन्हीं दो जगहों पर पिछले सप्ताह उग्र प्रदर्शन हुआ था और पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था। अधिकारी ने कहा कि मेट्रो स्टेशन बंद करने का फैसला दिल्ली पुलिस ने किया है। पुलिस प्रदर्शनकारियों को किसी भी कीमत पर इंडिया गेट पहुंचने से रोकना चाहती है। पिछले सप्ताह भी पुलिस ने ऐसा ही कदम उठाते हुए जोरबाग को छोड़ बाकी नौ मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए थे।

गैंगरेप पीड़िता की मौत पर सभी नेता अपनी राजनातिक रोटियां सकते नज़र आये

गैंगरेप का शिकार हुई लड़की की सिंगापुर में मौत के बाद दुख का माहौल बन गया है. जैसे-जैसे लोगों को इसके बारे में पता चल रहा है, लोग दुख प्रकट कर रहे हैं. गैंगरेप पीड़िता की मौत पर विभिन्न लोगों के बयान अब तक आए हैं-

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह: पीएम ने दिल्ली में 16 दिसंबर की रात चलती बस में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई लड़की के निधन पर अफसोस व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई है कि भारत को रहने के लिए सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से सभी राजनीतिक वर्ग और समाज अपने संकीर्ण गुटीय हितों को दरकिनार करेंगे.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी: राष्ट्रपति ने सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मौत पर दुख जताया है. प्रणब मुखर्जी ने कहा कि पीड़िता की मौत को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं दोबारा कभी न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर सम्भव उपाय करेगी.
सोनिया गांधी: कांग्रेस अध्यक्ष और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने भी शोक जताया.

सुशील कुमार शिन्दे: सामूहिक बलात्कार की शिकार युवती की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने वादा किया कि कानून को और कड़ा किया जाएगा ताकि इस तरह की वारदात की पुनरावृत्ति को रोका जा सके.

नरेंद्र मोदी: गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड नेता नरेंद्र मोदी ने कहा,  देश की बहादुर बेटी चली गई.

मायावती: बीएसपी प्रमुख मायावती ने मांग की महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बने.

शीला दी‍क्षित: दिल्‍ली की मुख्‍यमंत्री शीला दी‍क्षित ने कहा, 'पीडि़ता के परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं हैं. वह लड़की बहुत बहादुरी के साथ लड़ी.' शीला दीक्षित ने लोगों से अपील की कि दुख की इस घड़ी में लोग शांति बनाए रखें. उन्‍होंने कहा कि इस तरह की घटना हमारे लिए शर्म की बात है.

शाहनवाज हुसैन: बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने भी शोक जताया.

मीरा कुमार: लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने भी दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की मौत पर दुख जताया.

अस्‍पताल प्रशासन: सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल के सीईओ ने प्रेस रिलीज जारी कर लड़की की मौत पर अफसोस जताया.

भारतीय उच्चायुक्त, सिंगापुर: उच्चायुक्त टीसीए राघवन ने कहा लड़की को बचाने की हर मुमकिन कोशिशें हुईं. उसे बहुत गहरी चोट आई थी. परिवार की प्राइवेसी का ध्यान रखें.

नितिन गडकरी: बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भी दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की मौत पर दुख जताया.

हेमा मालिनी: जानी मानी अभिनेत्री हेमा मालिनी ने कहा कि इस घटना ने हमारे सरकार और हम सबको संदेश दिया है. देश की महिलाएं इस तरह की स्थिति में डर के साये में जी रही हैं.

बीजेपी नेता अरुण जेटली: कानून-व्यवस्था की ओर चिंतन करने की आवश्यकता.

वी के सिंह: सेना के पूर्व प्रमुख जनरल वी के सिंह ने बलात्कार और बर्बरता की शिकार 23 वर्षीय छात्रा की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए जनता से अपील की कि दलगत भावना से उपर उठकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए साथ आना चाहिए.

जावेद अख्तर: हम सभी मौत के लिए जिम्मेदार.

अमिताभ बच्चन: गैंगरेप पीड़ित की मौत पर बॉलीवुड से संदेश आने शुरू हो गए हैं. अमिताभ बच्चन ने लड़की की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है.

कृष्णा तीरथ: महिला बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने कहा कि लड़की की मौत पर हमारे भीतर दुख है. उन्होंने कहा कि वे इस बारे में गृहमंत्री से बात करेंगी और इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग करूंगी. भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के‍ लिए कड़े कानून बनाने होंगे. तीरथ ने कहा कि पुरुषों को भी आगे आने की जरूरत है. पुरुषों को महिलाओं को मान-सम्मान देना चाहिए. जागरुकता के लिए हम एक नई स्कीम भी लाने जा रहे हैं.

मनीष सिसोदिया: आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह बहुत दुखद है. हमें उम्मीद थी कि वह बच जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता. वह सबके दिलों में जिंदा रहेगी, क्योंकि उसने पूरे देश को जगाने का काम किया है. यदि उसे सिंगापुर भेजने का फैसला राजनीतिक था तो यह बहुत गलत था.

ममता शर्मा: महिला आयोग की अध्यक्ष ने ममता शर्मा ने श्रद्धांजलि दी और कहा कि लड़की की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें. यह दिन इतिहास में काले शब्दों में लिखा जाएगा. हमें अब उग्र होने की जरूरत नहीं है, हमें शांति बनाए रखने की जरूरत है. कानून में बड़े बदलाव की जरूरत है. यही नहीं कानूनों को लागू करना भी जरूरी है.

कविता कृष्णन: AIPWA की सेक्रेटरी कविता कृष्णन ने कहा है कि अब पूरी तस्वीर बदलने की जरूरत है. पूरे देश में माहौल बदलना चाहिए. सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद गौर ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा और आजादी नहीं है. इस तरह की घटनाओं की जिम्मेदारी पूरे समाज की है. हमारा राजनीतिक और न्यायिक सिस्टम पूरा इसका जिम्मेदार है. हमारे पास न तो पॉलिटिकल विल है और न ही अंडरस्टैंडिंग है. गौर ने कहा कि मानसिकता बदलने की जरूरत है.

जावेद अख्तर: गीतकार जावेद अख्तर ने कहा हमें सरकार और पुलिस पर इल्जाम लगाकर पल्ला नहीं झाड़ लेना चाहिये. हर इंसान को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए. यह घटना पूरे समाज को सोचने पर मजबूर करे. बड़ी-बड़ी बातें करने से कुछ नहीं होगा, हमें खुद के गिरेबान में भी झांकना होगा.

गंगा राम अस्पताल की डॉक्टर सिमरन नंदी: इस मामले पर दिल्ली के गंगा राम अस्पताल की डॉक्टर सिमरन नंदी का कहना है कि लड़की को यदि सिंगापुर भेजने की बजाय यहीं रखा जाता तो वह कुछ दिन और हमारे बीच में रह सकती थी.

गैंगरेप पीड़ित लड़की की से मौत सरकार घबराई, 10 मेट्रो स्टेशन बंद, किले में तब्दील हुआ इंडिया गेट


नई दिल्ली : सिंगापुर में गैंगरेप पीड़ित लड़की की मौत के बाद राजधानी दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। लोगों के आक्रोश को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने जगह जगह मुस्तैदी बढ़ा दी है। इंडिया गेट के आसपास सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग लगा दी गई है। राजपथ, विजय चौक और इंडिया गेट तक पहुंचने वाले सभी रास्तों को आम ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया है।

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वो शांत व्यवस्था बनाए रखें और इस रास्ते से न गुजरें। पुलिस का कहना है कि इस जघन्य अपराध में शामिल आरोपियों को जल्द से जल्द सख्त सजा दिलाई जाएगी।

मालूम हो कि गैंगरेप पीड़ित छात्रा को 27 दिसंबर की सुबह माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन तभी से उसकी हालत नाजुक थी। अस्पताल के 8 डॉक्टरों की टीम उसे जिंदा रखने की कोशिशें कर रहे थे लेकिन दो दिन तक चली उनकी कोशिशें भी लड़की की नहीं बचा सकीं।



देश पीड़िता की मौत व्यर्थ न जाने दे :प्रणब मुखर्जी

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मौत पर दुख जताया. दिल्ली में इस घटना की शिकार बनी पीड़िता ने शनिवार तड़के सिंगापुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया.
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि पीड़िता की इस मौत को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं दोबारा कभी न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर सम्भव उपाय करेगी.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'सिंगापुर में तड़के 23 वर्षीया युवती की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर मैं व्यथित हूं.' उन्होंने कहा, 'वह एक बहादुर और साहसी लड़की थी, जो अंतिम समय तक अपनी गरिमा और जीवन के लिए लड़ती रही. वह सच्ची नायक और भारतीय युवाओं व महिलाओं में सर्वोत्तम प्रतीक है.'

प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'इन विपरीत परिस्थितियों का धैर्य व शालीनता के साथ सामना कर रहे लड़की के अभिभावकों के प्रति मैं गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. मैं प्रार्थना करता हूं कि उन्हें यह दुख सहने की ताकत मिले. भारत की बहादुर बेटी के निधन पर राष्ट्र शोकाकुल है.'

राष्ट्रपति ने हर किसी से शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने अधिकारियों से इस घृणित अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा.

दिल्ली गैंगरेप: पीडि़त की मौत के बाद बढ़ रहा लोगों का गुस्सा, सरकार ने लगाया पहरा


दिल्ली में गैंगरेप की शिकार लड़की की मौत हो गई है। सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ हॉस्पिटल में भारतीय समय के अनुसार आज सुबह करीब 2.15 बजे उसकी मौत हुई। हॉस्पिटल के डॉक्टरों के मुताबिक शरीर के कई अंगों के काम बंद करने यानि मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर के चलते पीड़िता की मौत हुई।

23 साल की मेडिकल छात्रा के साथ 16 दिसंबर को गैंगरेप हुआ था, जिसके बाद से ही उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई थी। 12 दिनों तक पीड़िता ने बहादुरी के साथ जीवन बचाने के लिए संघर्ष किया, लेकिन हालत बहुत ज्यादा बिगड़ जाने से डॉक्टर उसे बचा नहीं सके। उसकी मौत के वक्त परिवार के सदस्य और सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त मौजूद थे। पीड़िता के अंतिम संस्कार के लिए उसका मृत शरीर भारत लाया जाएगा।

सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ हॉस्पिटल ने गैंगरेप पीड़िता की मौत पर शोक जताया है। हॉस्पिटल ने बयान जारी कर कहा है कि मरीज को जिस दिन से लाया गया था, उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई थी। हॉस्पिटल के 8 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम के पूरे प्रयासों के बावजूद मरीज की हालत में सुधार नहीं आ सका।

सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त टी सी ए राघवन ने कहा है कि लड़की की चोट इतनी गंभीर थी कि डॉक्टरों के इलाज के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गैंगरेप पीड़िता की मौत पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि लड़की भले ही जिंदगी की लड़ाई हार गई हो, हमें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी मौत बेकार साबित ना हो। हमने देखा है कि इस घटना ने किस तरह से भावनाएं जगाई हैं और अगर हम नौजवानों की इन भावनाओं और ऊर्जा का इस्तेमाल सकारात्मक तरीके से कर सकें तो ये उसे सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर ये भी कहा कि सरकार ऐसे अपराधों को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने को प्राथमिकता दे रही है और उन्होंने सभी राजनीतिक दलों और सिविल सोसायची से इसमें मदद करने की अपील की।

दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी पीड़ित लड़की की मौत पर दुख जताया है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

गैंगरेप की शिकार लड़की की मौत के बाद दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस ने इंडिया गेट की तरफ जाने वाले तमाम रास्तों पर बेरिकेडिंग कर दी है। सीआरपीएफ की 28 कंपनियां समेत कुल 40 कंपनियों को दिल्ली की सुरक्षा में तैनात किया गया है।

साथ ही दिल्ली मेट्रो के 10 स्टेशनों को आज के लिए बंद कर दिया गया है। पुलिस ने आम जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही पुलिस ने लोगों से राजपथ, विजय चौक, रफी मार्ग, अशोक मार्ग से बचने की सलाह जारी की है।

गैंगरेप और उसके बाद हुए आन्दोलन को लेकर राजनीति कर रही है दिल्ली पुलिस : AAP


दिल्ली पुलिस के सिपाही सुभाष तोमर का निधन एक बेहद दुखद घटना है और अब कोई भी कार्रवाई उनके परिवार को हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती। फिर भी यह ज़रूरी है कि अगर कुछ लोग या कोई समूह उनकी मौत के लिए ज़िम्मेदार है तो उसकी जांच कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाय। 

साथ ही अब यह भी ज़रूरी है किस उस दिवंगत सिपाही की मौत को लेकर राजनीति न हो। अब जो घटनाक्रम सामने आ रहा है वह बताता है कि बलात्कार मामले, उसके बाद के आन्दोलन और अब सुभाष तोमरजी की मृत्यु पर राजनीति करने की कोशिश हो रही है। खास तौर पर दिल्ली पुलिस के बार-बार झूठ से यह बात सामने आ रही है कि कहीं कुछ छुपाने की कोशिश हो रही है या फिर जबरदस्ती कुछ साबित करने की कोशिश की जा रही है. 

ताज़ा मामले में दिल्ली पुलिस ने कांस्टेबल सुभाष तोमर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पेश करते हुए दावा किया है कि उनके सीने और गर्दन पर किसी भारी वस्तु से हमला किया गया जिससे उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिससे उनकी मौत हो गई. यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट अविश्वसनीय है क्योंकि-

इस मामले के दो चश्मदीद गवाह अब तक सामने आए हैं जिनकी रिकॉर्डिंग टेलीविजन चैनलों के पास है. उन्होंने साफ-साफ कहा है कि सुभाष तोमरजी भागते-भागते गिरे और उस वक्त उन पर न तो कोई हमला हुआ और न ही उन्हें कोई चोट लगी थी.

राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों ने भी सुबह साफ-साफ कह दिया था कि उन्हें सुभाषजी के सीने या गर्दन पर कोई चोट नहीं मिली. आश्चर्य है कि दो दिन तक सुभाषजी जिन डॉक्टरों के इलाज में रहे उनकी पकड़ में न तो सीने की चोट आई और न गर्दन की चोट और वह भी इतनी गहरी चोट कि जिसकी वजह से उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गई. यह बात किसी के भी गले नहीं उतर सकती.

अभी तक दिल्ली पुलिस एक भी ऐसा सबूत या गवाह पेश नहीं कर पाई है जो यह साबित करे कि प्रदर्शनकारियों ने सुभाषजी की पिटाई की थी. सैकड़ों टेलीविजन कैमरों, सीसीटीवी कैमरों और हजारों पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में ऐसा कोई गवाह न मिलना का सामने न आना.

इसके पहले भी दिल्ली पुलिस जांच को भटकाने के लिए कई कोशिशें कर चुकी है. पीडिता का बयान लेने गई दिल्ली सरकार की अधिकारी ने भी दिल्ली पुलिस पर जो आरोप लगाए हैं उससे भी संकेत मिलते हैं कि पुलिस के दिमाग में पहले से ही कोई कहानी चल रही है जिसे साबित करने के लिए वह एक के बाद एक चालें चल रही हैं। बयान लेने वाली अधिकारी ने अपने सीनियर से लिखित शिकायत की है कि दिल्ली पुलिस उन पर दबाव बना रही थी कि वह उनसे मनमाने तरीके से बयान दर्ज करवाना चाहती थी. यह अपने आप में एक गंभीर मामला है.  

दिल्ली पुलिस ने जिन 8 लोगों को गिरफ्तार किया उन्होंने जो बात कहीं हैं, उससे भी  पुलिस की नीयत पर शक पैदा होता है. जिन लोगों को सुभाषजी की मौत के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है वे सभी अलग-अलग जगह से और अलग अलग समय पर हिरासत में लिए गए. यह बात खुद पुलिस ने अदालत में मानी है. इन लोगों को व्यक्तिगत रूप से किस-किस मामले में पकड़ा गया था यह बात पुलिस ने अपनी एफ़आईआर तक में नहीं लिखा है. 

ये वैसे सवाल हैं जिनके संतोषजनक जवाब अगर दिल्ली पुलिस नहीं देती तो उसके किसी भी बयान और किसी भी जांच पर लोगों को भरोसा कायम नहीं हो सकेगा. पहली नजर में तो ऐसा ही लगता है कि दिल्ली पुलिस किसी जांच एजेंसी की तरह कार्य ही नहीं कर रही. क्यों? किसके इशारे पर?

फिलहाल देश में बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों से समाज को बचाने की दिशा में देश में आंदोलन हो रहा है. लोग बलात्कार के मामलों की त्वरित जांच और दोषियों के लिए सख्त सजा की मांग के साथ सड़क पर उतरे हैं लेकिन दिल्ली पुलिस उससे देश का ध्यान भटकाने में जुट गई है. कहीं यह सब इसलिए तो नहीं हो रहा कि देश की विधानसभाओं और संसद में ऐसे लोग बैठे हैं जिन पर भी इस तरह के आरोप हैं और अगर त्वरित जांच का कानून आ गया तो उन्हें दिक्कत हो जाएगी.

क्या वाकई "आप" के कार्यकर्ताओं ने ली सुभाष की जान ?


नई दिल्‍ली। दिल्ली पुलिस में सिपाही सुभाष तोमर की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। इंडिया गेट पर बीते रविवार को हुए विरोध प्रदर्शन के चश्मदीद 30 वर्षीय ठेकेदार सलीम अल्वी ने कहा कि उसने कुछ लोगों को तोमर पर हमला करते हुए देखा था। तोमर को एक पत्थर लगा था और वे गिर पड़े थे। बुलंदशहर के रहने वाले सलीम ने दिल्‍ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने अपना बयान दर्ज कराया। सलीम का बयान योगेंद्र और पाओलिन के बयान से अलग है। अल्वी के मुताबिक लाठीचार्ज के बाद जब पुलिस वाले लौट रहे थे। तब तोमर थोड़ा पीछे थे। तभी छह-सात लोगों के समूह ने उन पर हमला किया। उस समय वहां पर कुछ लोग थे। उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) की टोपी लगा रखी थी। दूसरी तरफ 'आप' ने कहा है कि सलीम फर्जी आदमी है। उसकी बातों का यकीन नहीं किया जा सकता। 

मीडिया और सोशल मीडिया में इनदिनों एक तस्‍वीर काफी तेजी से शेयर की जा रही है। जिसमें दिल्‍ली पुलिस के कुछ जवान और दो प्रदर्शनकारी सुभाष तोमर की मदद कर रहे हैं। इन दोनों प्रदर्शनकारियों के अनुसार, तोमर पर किसी ने हमला नहीं किया था। बल्कि वह दौड़ते दौड़ते गिर गए थे। उन्‍हें तुरंत अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन उनकी जान नहीं बच पाई। 

वहीं, सलीम अल्‍वी के  पास अपनी बात साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। उसका दावा है कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस वॉटर कैनन का इस्‍तेमाल कर रही थी। जिसके कारण उसने अपने मोबाइल फोन  को बंद कर प्‍लास्टिक की थैली में सुरक्षित रख लिया था। 

बुलंदशहर में ठेकेदारी करने वाले अल्‍वी कहते हैं कि कानून और पुलिस के कारण वह इतने दिनों तक खामोश रहे। सितंबर में ही अल्‍वी की शादी हुई है। जिसके कारण वह किसी विवाद में नहीं फंसना चाहते थे। अल्‍वी कहते हैं, 'मैं अपने परिवार को किसी मुसीबत में नहीं डालना चाहता था। इसलिए खामोश रहा। लेकिन एक बेगुनाह पुलिसवाले की मौत से मैं अंदर तक हिल गया और सीधे पुलिस के पास गया।' 

हालांकि, अल्‍वी के सभी दावों को आम आदमी पार्टी ने सिरे से नकार दिया है। पार्टी ने पूरे मामले की छानबीन के लिए जांच की मांग की है और साथ में अल्‍वी की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा किया है। सूत्रों का कहना है कि बाबा रामदेव और अन्‍ना हजारे से प्रश्‍न पूछने से रोकने पर एक बार अल्‍वी ने खुद को जलाने की भी कोशिश की है। 

सिपाही की मौत मामले में योगेंद्र के बयान दर्ज 
कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत का राज खंगालने में जुटी दिल्ली पुलिस को मामले के चश्मदीद पत्रकारिता के छात्र योगेंद्र्र ने अपना बयान क्राइम ब्रांच के दफ्तर में गुरुवार शाम को दर्ज कराया। दूसरी गवाह पाओलिन बयान दर्ज कराने नहीं पहुंची। पुलिस को उम्मीद है कि शनिवार को वह बयान दर्ज करवा देगी। वहीं, दूसरी और राम मनोहर लोहिया अस्पताल की तरफ से पुलिस को कांस्टेबल के ट्रीटमेंट पेपर भी मुहैया नहीं कराए गए हैं। 
गैंगरेप के विरोध में इंडिया गेट पर हुए हिंसक प्रदर्शन को काबू करने के लिए सुभाष की ड्यूटी लगाई गई थी, जहां संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई थी। घटना के दोनों चश्मदीद योगेंद्र और पाओलिन ने कांस्टेबल के खुद ब खुद बेहोश हो जाने की बात कही थी, वहीं राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट टीएस सिद्धू ने भी दोनों युवाओं की बात से सहमति जताते हुए कहा था कि सुभाष को कोई चोट नहीं लगी थी। वह हार्ट अटैक के चलते अचानक बेहोश हो गए थे और बाद में इलाज के दौरान उनकी अस्पताल में मृत्यु हुई। खुद को चौतरफा घिरा हुआ पाकर दिल्ली पुलिस ने भी बुधवार को अपने बचाव में सुभाष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का कुछ हिस्सा मीडिया में जारी किया था। जिसमें लिखा था कि गले और छाती में चोट के चलते सुभाष को दिल का दौरा पड़ा था। 
क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त एसबीएस त्यागी ने बताया कि योगेंद्र ने अपने बयान दर्ज करा दिए हैं। हालांकि यह पूछे जाने पर कि क्या जांच में कुछ न आने पर हत्या की धारा हटा दी जाएगी। उनका कहना था कि जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है। जांच पूरी होने पर ही इस बारे में जानकारी दी जाएगी। उक्त मामले में तिलक मार्ग थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने आठ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था। 
उधर, क्राइम ब्रांच के दफ्तर के बाहर मीडिया से मुखातिब होते हुए योगेंद्र ने कहा कि मुझ पर किसी तरह का दबाव नहीं है। मुझे नोटिस भेजकर बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया था। मै वही करुंगा जो मैं कह रहा हूं। 
देशभर के दुष्कर्मियों की पहचान आम होगी। सरकार ने दुष्कर्मियों का डाटाबेस तैयार करने का फैसला किया है। इसमें उनके नाम, फोटो और पता लिखा होगा, जिसे आम लोगों के लिए जारी किया जाएगा। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो को डायरेक्ट्री बनाने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही पूरी जानकारी ब्यूरो की वेबसाइट पर जारी कर दी जाएगी। राज्यों की पुलिस को भी दुष्कर्मियों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर जारी करने को कहा जाएगा। 
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को सलाह दी है कि वह व्यस्त रूटों पर, विशेषकर जिन इलाकों में महिलाओं की आवाजाही अधिक है, तैनात पीसीआर वैन में महिला पुलिसकर्मियों की उपस्थिति बढ़ाए। मंत्रालय ने कहा है कि महिला पुलिसकर्मी को देखकर महिलाओं के बीच हिम्मत बढ़ेगी और वे जरूरत होने पर मदद के लिए उनसे संपर्क करेंगी।



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गैंगरेप के दोषियों को जल्द सजा मिले : सोनिया


नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि दिल्ली गैंगरेप के जो भी कुसूरवार हैं उन्हें जल्द से जल्द सजा दी जाएगी.

इसके साथ ही सोनिया गांधी ने कहा कि वह पीड़ित छात्रा की अच्छी सेहत के लिए दुआ कर रही हैं. याद रहे है कि पीड़ित छात्रा सिंगापुर के माउंट एलिज़ाबेथ अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही है. अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि पीड़ित की हालत बहुत ही नाज़ुक है.

सोनिया ने शुक्रवार को कहा, "हमारी दुआएँ बहादुर लड़की के साथ है, जो इतने घिनौने हमले के बाद भी जिंदगी की जंग लड़ रही है. मैं प्रार्थना करती हूं कि वह जल्द से जल्द ठीक हो."

कांग्रेस अध्यक्ष ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बेहतर इंतज़ाम की बात करते हुए कहा, "हैवानियत को अंजाम देने वाले दोषियों को इंसाफ की चौखट पर लाने में किसी भी तरह से देरी नहीं होनी दी जाएगी."

सोनिया के साथ ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि रेप पीड़ित मामले में दोषी को जल्द से जल्द सजा दिलाई जाएगी.

उन्होंने कहा, "मेरा आप से वादा है कि मेरी सरकार दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है."

पीएम ने कहा कि सिंगापुर में पीड़ित को अच्छे से अच्छा इलाज दिया जा रहा है.

सोनिया और मनमोहन सिंह का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब सिंगापुर में अस्पताल ने अधिकारियों ने कहा कि पीड़ित की हालत अति गंभीर है.

याद रहे कि दिल्ली में 16 दिसंबर की रात चलती बस में एक 23 साल की छात्रा के साथ गैंगरेप का वाक़या पेश आया था. बलात्कारियों ने पीड़ित के साथ हैवानियत की हद पार करते हुए उसे बुरी तरह ज़ख़्मी कर दिया था.

पीड़ित का पहले दिल्ली के सफ़दरजंग में इलाज किया गया, लेकिन बेहतर मेडिकल सुविधा के लिए उसे सिंगापुर के माउंट एलिज़ाबेथ अस्पताल में गुरुवार की सुबह भर्ती कराया गया.  उसे दिल्ली से सिंगापुर एयरएंबुलेंस के जरिए बुधवार की रात भेजा गया.

ग़ौरतलब है कि गैंगरेप की इस घटना के बाद देश में आम जनता का गुस्सा फूट पड़ा था और देश के विभिन्न हिस्सों में और खासकर दिल्ली में बड़ी संख्या में आम लोगों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इन प्रदर्शनों को सरकार ने जिस तरह से हैंडल किया इसे लेकर सरकार को काफी फजीहत झेलनी पड़ी.

अगर पीडिता को बेहतर उपचार के लिए सिंगापुर भेजा जा सकता है तो बलात्कारी को बेहतर न्याय के लिए ईरान भी भेजा जा सकता है

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ईरान में 5 दुष्कर्मियों को सरेआम मौत की सजा


सरकार भले ही दिल्ली में चलती बस में मेडिकल छात्रा से गैंगरेप की घटना के बाद भड़के जनाक्रोश से डर गई हो, लेकिन आज भी यह सवाल बना हुआ है कि सरकार बलात्कारियों को कब सजा देगी। सरकार आरोंपीयों को फांसी देने पर वह अभी भी फैसला  नहीं ले रही है। दूसरी तरफ ईरान ने बलात्कार करने वाले आरोपियों को सरेआम फांसी देकर भारत के लिए उदाहरण पेश किया है। सबसे अहम बात यह है कि सजा-ए-मौत पाने वाले सभी दोषियों की आयु 30 वर्ष के आसपास है।

अब भारत की जनता यह सवाल उठा  रही है कि इसलामिक देशों में महिलाओं में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए सरेआम फांसी दी जा सकती है। तो भारत में बलात्कारियों को फांसी  देने में देरी क्यों। ईरान के दक्षिण पश्चिमी शहर यासोउज में सरकार ने बलात्कार के पांच दोषियों को एक पार्क में सब के सामने फांसी दे दी। पांचों में से चार आरोंपीयों ने उसके मंगेतर के सामने उठा लिया और महिला को हवस का शिकार बनाया और पांचवे शख्स ने अन्य महिला के साथ दुष्कर्म किया।

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