
बेंगलुरु।। अन्ना हजारे के सहयोगी जस्टिस एन. संतोष हेगड़े सोमवार को अन्ना के टीम भंग करने के फैसले से असहमत दिखे। उन्होंने कहा कि टीम अनशन के मार्ग को अपनाए बिना भ्रष्टाचार और कुशासन के बारे में व्यापक जागरूकता फैलाने का काम कर सकती थी।
जस्टिस हेगड़े ने कहा, 'मैं टीम भंग करने के निर्णय से दुखी हूं क्योंकि अन्ना की ओर से मजबूत लोकपाल के लिए शुरू किया गया आंदोलन समय की जरूरत थी। टीम अन्ना को चुनाव में हिस्सा लेना चाहिए या नहीं, इस पर विवाद और विचारों में अंतर संबंधी चर्चा दुर्भाग्यपूर्ण है और इसी के कारण अन्ना को टीम भंग करना पड़ा होगा।'
हेगड़े ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि अन्ना अभी भी भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष का नेतृत्व करेंगे। इसे अन्य चीजों के बिना ही आगे बढ़ाया जाना चाहिए।'
हेगड़े ने कहा कि उन्होंने अन्ना को अलग-अलग स्थानों का दौरा करने और लोगों से भ्रष्टाचार और कुशासन के खिलाफ संघर्ष करने के लिए तैयार करने का सुझाव दिया है। यह पूछे जाने पर कि क्या टीम अन्ना के राजनीतिक विकल्प तैयार करने की बात कारगर होगी, हेगड़े ने कहा कि वह ऐसा नहीं समझते हैं।