नई दिल्ली। समाजसेवी अन्ना हजारे के अनशन समाप्त करने के साथ ही टीम अन्न्ना को भंग करने के पीछे कुछ और ही नजर आ रहा है। यह भी माना जा रहा है कि टीम अन्न्ना ने यह घोषणा अरविन्द केजरीवाल की सलाह पर ही की होगी। केजरीवाल ही वह वयक्ति हैं जिन पर अन्न्ना सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं। टीम को भंग करने के पीछे चाहे जो भी हो पर इसका मकसद असल में कुछ सदस्यों से छुटकारा पाने का रहा है।
जंतर मंतर पर जैसे ही टीम अन्ना के इशारे पर अन्ना हजारे ने राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की तो पूर्व न्यायाधीश संतोष हेगड़े का बयान आ गया कि यह आंदोलन को खत्म करने की साजिश है। हालांकि खुद संतोष हेगड़े का इस आंदोलन से दूर से ही नाता था लेकिन क्योंकि वे खुद कर्नाटक में लोकायुक्त रह चुके हैं और लोकपाल के लिए बने प्रस्ताव का शुरूआती ड्राफ्ट तैयार करने में भी उनकी भूमिका थी, इसलिए वे टीम अन्ना के अहम सदस्य थे। उनके बयान को टीम अन्ना का अधिकृत बयान माना जाता था लेकिन हेगड़े को यह बात पसंद नहीं आई कि टीम अन्ना अब लोकपाल के आंदोलन को खत्म करके लोकतंत्र के लिए आंदोलन शुरू करे। हालांकि अन्ना की इस घोषणा के बाद हेगड़े ने कहा कि टीम अन्ना कायम रहेगी और लोकपाल के आंदोलन जारी रखेगी, लेकिन वह टीम अन्ना कौन सी होगी, और उसमें कौन कौन लोग बच जाएंगे यह हेगड़े को नहीं पता।
अब जबकि अरविन्द केजरीवाल की कोशिशों से अन्ना हजारे राजनीतिक दल को समर्थन देने के िलए तैयार हो गये हैं तो एक नयी कोर कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया है। जाहिर है, अब मामला राजनीतिक हो चला है इसलिए ऐसे लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा जो टीम अन्न्ना के करीबी हों।
जंतर मंतर पर जैसे ही टीम अन्ना के इशारे पर अन्ना हजारे ने राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की तो पूर्व न्यायाधीश संतोष हेगड़े का बयान आ गया कि यह आंदोलन को खत्म करने की साजिश है। हालांकि खुद संतोष हेगड़े का इस आंदोलन से दूर से ही नाता था लेकिन क्योंकि वे खुद कर्नाटक में लोकायुक्त रह चुके हैं और लोकपाल के लिए बने प्रस्ताव का शुरूआती ड्राफ्ट तैयार करने में भी उनकी भूमिका थी, इसलिए वे टीम अन्ना के अहम सदस्य थे। उनके बयान को टीम अन्ना का अधिकृत बयान माना जाता था लेकिन हेगड़े को यह बात पसंद नहीं आई कि टीम अन्ना अब लोकपाल के आंदोलन को खत्म करके लोकतंत्र के लिए आंदोलन शुरू करे। हालांकि अन्ना की इस घोषणा के बाद हेगड़े ने कहा कि टीम अन्ना कायम रहेगी और लोकपाल के आंदोलन जारी रखेगी, लेकिन वह टीम अन्ना कौन सी होगी, और उसमें कौन कौन लोग बच जाएंगे यह हेगड़े को नहीं पता।
अब जबकि अरविन्द केजरीवाल की कोशिशों से अन्ना हजारे राजनीतिक दल को समर्थन देने के िलए तैयार हो गये हैं तो एक नयी कोर कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया है। जाहिर है, अब मामला राजनीतिक हो चला है इसलिए ऐसे लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा जो टीम अन्न्ना के करीबी हों।