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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

विश्‍वास की कमी के चलते छोड़ा अन्‍ना का साथ : अरविंद केजरीवाल


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नई दिल्‍ली - इंडिया अगेंस्‍ट करप्‍शन के पूर्व कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने अन्‍ना हजारे से अपने अलग होने के कारणों का खुलासा करते हुए कहा है कि हमारे बीच विश्‍वास की कमी हो गयी थी। जिसके कारण हम दोनों के रास्‍ते अलग हो गये। केजरीवाल ने हेडलाइन्‍स टुडे चैनल को दिये गये साक्षात्‍कार में कहा कि मैं नहीं जानता हूं कि अन्‍ना ने मुझे राजनीतिक रूप से महत्‍वाकांक्षी होने की बात क्‍यों‍ कही, जबकि उन्‍होने कुछ दिनों पहले ही मेरे लिए प्रचार करने की बात कही थी। गौरतलब है कि अन्‍ना हजारे ने कहा था कि अगर वह(अरविंद केजरीवाल) कपिल सिब्‍बल के खिलाफ चुनाव में खड़े होते हैं तो वह केजरीवाल के लिए खुद प्रचार करेंगे।

केजरीवाल का कहना है कि मैं अन्‍ना को समझ नहीं सका था कि वह क्‍या करना चाह रहे है। भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जनलोकपाल बिल लाने के लिए हुए आंदोलन में केजरीवाल पहले अन्‍ना के साथ ही थे। आंदोलन की शुरूआत अप्रैल 2011 में हुई थी।

केजरीवाल ने स्‍वामी अग्निवेश द्वारा लगाये गये आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह आरोप निराधार हैं कि मैं चाहता था 'अनशन के दौरान अन्‍ना की मृत्‍यु हो जाये।' अगर उन्‍हें (अग्निवेश) कभी ऐसा लगा हो तो उनको यह बात किरन बेदी से या प्रशांत भूषण से बतानी ही चाहिए थी। मैं अन्‍ना की बहुत इज्‍जत करता हूं।
अपनी 'आम आदमी पार्टी' के बारे में केजरीवाल ने कहा है कि हम दिल्‍ली चुनाव के लिए जल्‍द ही प्रचार करेंगे और देखना चाहते हैं कि लोग हमारी पार्टी को कितना समर्थन देते हैं। भ्रष्‍टाचार के खिलाफ हम पहले की तरह ही आंदोलन करते रहेंगे।

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