अखिलेश यादव ने आज यूपी के सबसे युवा मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली। नई सरकार के 19 कैबिनेट मंत्रियों में से सात मंत्री ऐसे हैं, जिन पर किसी न किसी प्रकार के आपराधिक मामले दर्ज हैं। लेकिन शपथ ग्रहण समारोह के बाद मीडिया से मुखातिब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साफ किया कि समाजवादी पार्टी के घोषणा पत्र में जो भी बातें लिखी गई हैं उन्हें प्राथमिकता मानते हुए पूरा किया जाएगा। प्रतापगढ़ के बाहुबली विधायक और मंत्री राजा भैया पर लगे आरोपों के बारे में अखिलेश ने कहा कि उनके खिलाफ सभी केस राजनीतिक साजिश हैं। अखिलेश ने बताया कि बेरोजगारी भत्ते पर निर्णय लेने के लिए आज शाम को बैठक होगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री के मुताबिक गुरुवार की शाम कैबिनेट की बैठक में कुछ अहम फैसले लिए जाएंगे।
सूबे में कानून व्यवस्था के बाबत अखिलेश ने कहा कि आज से कानून व्यवस्था हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने अपनी सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में कहा कि प्रदेश में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की जाएगी और भ्रष्ट और अन्यायी अफसरों को दंडित किया जाएगा। साथ ही जनता दरबार लगेगा। उत्तर प्रदेश में चिकित्सा समेत कई विभागों में फैले भ्रष्टाचार के बारे में अखिलेश ने कहा कि सभी विभागों में भ्रष्टाचार जांच में सामने आएगा।
इससे पहले अखिलेश यादव के साथ समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान, शिवपाल यादव और निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया समेत 19 लोगों ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। कई मामलों में आरोपी और प्रतापगढ़ में कुंडा से विधायक राजा भैया मुलायम सिंह की सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा 28 विधायकों ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में कई बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं।
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उद्योगपति अनिल अंबानी, सुब्रत रॉय सहारा और फिल्म अभिनेत्री जया बच्चन इस समारोह में शरीक हुईं।
इस बीच, कांग्रेस ने भी सपा से नजदीकियां बढ़ाने की तैयारी कर दी है। पार्टी ने सद्भावना के तौर पर मोतीलाल वोरा और संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल को अखिलेश के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए भेजा, वहीं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने सुलतान अहमद को बतौर प्रतिनिधि शपथ ग्रहण समारोह में भेजा है। स्वामी प्रसाद मौर्य, एबी वर्धन, करात सहित कई अन्य नेता भी इस समारोह में शरीक हुए।
स्थानीय ला मार्टिनियर मैदान में शपथ ग्रहण समारोह देखने के लिए हजारों लोग मौजूद रहे। समारोह खत्म होने के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने मंच पर ही जमकर हुड़दंगमचाया।
19 कैबिनेट मंत्री :आजम खान, शिवपाल यादव, अहमद हसन, वकार अहमद, राजा महेन्द्र सिंह, आनंद सिंह, अंबिका चौधरी, राजा भैया, बलराम यादव, अवधेश प्रसाद, ओमप्रकाश सिंह, पारसनाथ यादव, रामगोविंद, दुर्गा यादव, बी एस त्रिपाठी, कामेश्वर उपाध्याय, राजाराम पाण्डे, राजकिशोर सिंह, शिवकुमार बेरिया।
सूबे में कानून व्यवस्था के बाबत अखिलेश ने कहा कि आज से कानून व्यवस्था हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने अपनी सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में कहा कि प्रदेश में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की जाएगी और भ्रष्ट और अन्यायी अफसरों को दंडित किया जाएगा। साथ ही जनता दरबार लगेगा। उत्तर प्रदेश में चिकित्सा समेत कई विभागों में फैले भ्रष्टाचार के बारे में अखिलेश ने कहा कि सभी विभागों में भ्रष्टाचार जांच में सामने आएगा।
इससे पहले अखिलेश यादव के साथ समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान, शिवपाल यादव और निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया समेत 19 लोगों ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। कई मामलों में आरोपी और प्रतापगढ़ में कुंडा से विधायक राजा भैया मुलायम सिंह की सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा 28 विधायकों ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में कई बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं।
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उद्योगपति अनिल अंबानी, सुब्रत रॉय सहारा और फिल्म अभिनेत्री जया बच्चन इस समारोह में शरीक हुईं।
इस बीच, कांग्रेस ने भी सपा से नजदीकियां बढ़ाने की तैयारी कर दी है। पार्टी ने सद्भावना के तौर पर मोतीलाल वोरा और संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल को अखिलेश के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए भेजा, वहीं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने सुलतान अहमद को बतौर प्रतिनिधि शपथ ग्रहण समारोह में भेजा है। स्वामी प्रसाद मौर्य, एबी वर्धन, करात सहित कई अन्य नेता भी इस समारोह में शरीक हुए।
स्थानीय ला मार्टिनियर मैदान में शपथ ग्रहण समारोह देखने के लिए हजारों लोग मौजूद रहे। समारोह खत्म होने के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने मंच पर ही जमकर हुड़दंगमचाया।
19 कैबिनेट मंत्री :आजम खान, शिवपाल यादव, अहमद हसन, वकार अहमद, राजा महेन्द्र सिंह, आनंद सिंह, अंबिका चौधरी, राजा भैया, बलराम यादव, अवधेश प्रसाद, ओमप्रकाश सिंह, पारसनाथ यादव, रामगोविंद, दुर्गा यादव, बी एस त्रिपाठी, कामेश्वर उपाध्याय, राजाराम पाण्डे, राजकिशोर सिंह, शिवकुमार बेरिया।