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बाण सागर में 1286 करोड़ का घपला

1800 करोड़ रुपये की बाण सागर परियोजना में बीते पांच सालों के दौरान 1286 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है और गड़बड़ी करने वाले सिंचाई विभाग के नौ इंजीनियर निलंबित कर दिए गए हैं। इंजीनियरों पर परियोजना में भारी वित्तीय अनियमितता करने का आरोप हैं।

निलंबित इंजीनियरों में परियोजना के मुख्य अभियंता रहे मोतीलाल और अधीक्षण अभियंता सुरेश चंद्र आर्य, महेश्वरी प्रसाद, रामदास, निनुआ राम, आलोक कुमार, पी. बी. राम, आर. पी. भदौरिया और छोटे लाल शामिल हैं। सरकार ने इन सबके खिलाफ जांच की सिफारिश भी कर दी है। जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईडब्ल्यूओ) को सौंपी गई है। ये जानकारी बृहस्पतिवार को लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने पत्रकार वार्ता में दी।

सिंचाई भवन सभागार में पत्रकारों से रू-ब-रू शिवपाल ने बताया कि 2007 से 2012 के बीच पांच साल में परियोजना पर 1286 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए हैं। लेकिन मौके पर काम दिखाई नहीं दे रहा है।

ऐसे में जांच के बाद अनियमितता सामने आने पर गड़बड़ी में शामिल कोई भी नहीं बचेगा चाहे पूर्व विभागीय मंत्री ही क्यों न हों। शिवपाल ने कहा कि बाण सागर परियोजना से रिटायर हो चुके इंजीनियर्स ने भी जमकर गड़बड़ियां की हैं। ऐसे में रिटायर हो चुके पांच इंजीनियर्स के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

बकौल शिवपाल सेवानिवृत्त इंजीनियर्स में सी. बी. शर्मा, प्रकाश नारायण, सोहनवीर सिंह, मिठाईलाल और कन्हैयालाल के नाम शामिल हैं। इनके खिलाफ भी ईडब्ल्यूओ को जांच के आदेश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि तत्काल प्रभाव से रिटायर इंजीनियरों के पेंशन भी रोक दी गई है। महत्वपूर्ण बात यह है कि निलंबित मुख्य अभियंता मोतीलाल अलीगढ़ में बैठकर इलाहाबाद और मिर्जापुर स्थित बाण सागर परियोजना मुख्यालय की जिम्मेदारी संभालते थे।
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