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शिमला निकाय चुनाव : 26 साल बाद कांग्रेस की हार

शिमला। नगर निगम शिमला में महापौर व उपमहापौर के पदों के लिए पहली मर्तबा हुए सीधे चुनाव में मतदाताओं ने कांग्रेस व भाजपा को नकार दिया है। दोनों पदों पर मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी [माकपा] ने रिकार्ड जीत दर्ज की है।

मेयर पद पर संजय चौहान ने भाजपा के डॉ. एसएस मिन्हास को हराकर जीत दर्ज की, वहीं डिप्टी मेयर पद पर माकपा के ही टिकेंद्र सिंह पंवर ने भाजपा के दिग्विजय सिंह को हराकर यह पद जीता है। भाजपा को 12 वार्डो में जीत मिली तो कांग्रेस को 10 व माकपा को तीन वार्डो में विजय हासिल हुई। निगम चुनाव के लिए रविवार को हुए मतदान की सोमवार को उपायुक्त कार्यालय में मतगणना हुई। माकपा पोलित ब्यूरो ने इसे ऐतिहासिक जीत करार देते हुए पार्टी की प्रदेश इकाई को बधाई दी है। साथ ही शिमला की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया है।

नगर निगम चुनाव में भाजपा ने 12 वार्डो में जीत दर्ज की है। हालांकि उसे स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। कांग्रेस 10 वार्डो और माकपा तीन वार्डो में जीती है। भाजपा को भराडी, रूल्दूभट्ठा, टुटू, अनाडेल, फागली, लोअर बाजार, कृष्णानगर, जाखू, बैनमोर, संजौली चौक, ढली व कसुम्पटी वार्डो में जीत मिली है। कांग्रेस के खाते में बालूंगज, टूटकंडी, नाभा, रामबाजार, इंजनघर, मल्याणा, छोटा शिमला, पटियोगी, खलीनी व कनलोग वार्ड गए हैं।

माकपा ने कैथू, समरहिल व चमियाणा में जीत दर्ज की है। मेयर पद पर कुल सात उम्मीदवार मैदान में थे लेकिन मुख्य मुकाबला माकपा, भाजपा व कांग्रेस में ही हुआ। इस तिकोनी टक्करमें माकपा के संजय चौहान को 21903 मत मिले, जबकि भाजपा के डॉ. मिन्हास को 14035 और कांग्रेस की मधु सूद [निवर्तमान मेयर] को 13278 मत प्राप्त हुए। इसी प्रकार डिप्टी मेयर के पद पर माकपा के टिकेंद्र सिंह पंवर को 21196 मत मिले। भाजपा के दिग्विजय सिंह को 16418 और कांग्रेस के देवेंद्र चौहान को 13205 मत प्राप्त हुए। निगम के इतिहास में यह पहली बार है कि कांग्रेस के गढ़ रहे निगम पर लाल दुर्ग ने कब्जा किया है। इस चुनाव में भाजपा सरकार के लिए मेयर व डिप्टी मेयर के सीधे चुनाव करवाने का दाव उल्टा पड़ा है।

भाजपा भले ही निगम में सबसे बड़ी पार्टी उभरकर सामने आई है, लेकिन महापौर व उपमहापौर पदों पर माकपा ने कब्जा जमा लिया। कांग्रेस अब पहले से तीसरे स्थान पर खिसक गई है। निगम के इन चौंकाने वाले नतीजों से साफ हो गया है कि शिमला की जनता ने भाजपा व कांग्रेस के प्रति प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर रोष जताते हुए उनकी नीतियों पर भरोसा नहीं जताया है। निगम चुनाव में कुल 79956 मतों से 51235 मत पड़े। वर्ष 2007 में पड़े 58 फीसद की तुलना में इस बार 65 फीसद मतदान हुआ।

भाजपा मजबूत हुई है। लोगों ने कांग्रेस को नकार दिया है। नगर निगम चुनाव कभी भी विस चुनाव का रुझान नहीं रहे। सरकार विकास में सहयोग देगी। -प्रेम कुमार धूमल, मुख्यमंत्री

नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की हुई हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। पेट्रोल मूल्यवृद्धि व महंगाई भी पार्टी की हार का कारण रहे। -कौल सिंह, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष

चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया। पेट्रोल के दामों में की गई बढ़ोतरी व टिकट आवंटन हार के कारण रहे। -विद्या स्टोक्स, नेता प्रतिपक्ष

कांग्रेस का वोट माकपा की ओर शिफ्ट हो गया, जिस कारण कांग्रेस तीसरे नंबर पर चली गई। भाजपा का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है। वार्ड स्तर पर 12 पार्षद चुनाव जीतकर आए हैं। -सतपाल सत्ती, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष

नगर निगम के फैसले जनता से मिलकर लिए जाएंगे। ग्रामसभा की तर्ज पर हर वार्ड में तीन माह बाद वार्ड सभा होगी, जिसमें जनसमस्याओं के निराकरण का प्रयास किया जाएगा। -संजय चौहान, नवनिर्वाचित महापौर

लोगों ने हम पर विश्वास जताया है, जिसका उत्तर विकास से दिया जाएगा। हर वार्ड में मुलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। लोगों का पैसा उनके विकास पर खर्च किया जाएगा। -टिकेंद्र पंवर, नवनिर्वाचित उप महापौर
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