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नेता नहीं खिलाड़ी हूं, खिलाड़ी रहूंगाः सचिन तेंदुलकर

पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान बातचीत में यह सवाल पूछे जाने पर उन्होंने इसका विस्तार से उत्तर दिया.


उन्होंने कहा, ''ये बाउंसर है ...थोड़ा...सबसे पहले यही कहना चाहूंगा कि राष्ट्रपति आपका नाम मनोनीत करती है तो इस लिस्ट में काफी बड़े बड़े नाम आए हैं. लता दीदी, पृथ्वीराज कपूर भी थे, और भी बड़े नाम थे जिनको मनोनीत किया गया था. मनोनीत किया जाता है क्योंकि उनके क्षेत्र में उनके योगदान का रिफ्लेक्शन होता है. मैं साढ़े 22 साल क्रिकेट खेला हूं. मैं समझता हू कि इतने साल खेलने की वजह से मनोनीत किया गया है और ये एक सम्मान है मेरे लिए.''


सचिन का कहना था, ''मैं राजनेता नहीं हूं खिलाड़ी हूं और खिलाड़ी ही रहूंगा हमेशा.''


सचिन ने राज्यसभा में मनोनयन को गंभीरता से लेते हुए कहा, ''मुझे लगता है कि मुझे इस मनोनयन के साथ बहुत सारी ज़िम्मेदारियां भी आएंगी. अभी तक जो भी अवार्ड मिले हैं वो क्रिकेट की वजह से मिले हैं. मुझे नहीं लगता कि क्रिकेट बंद कर के राजनीति में जाऊंगा. क्रिकेट मेरी लाइफ है और लाइफ रहेगी. मुझे याद है दो साल पहले इंडियन एयरफोर्स ने कैप्टन बनाया था लेकिन मुझे प्लेन चलाना नहीं आता है.''


उनका कहना था कि खेल उनकी विशेषज्ञता है और वो चाहेंगे कि वो कुछ योगदान कर पाएं इस दिशा में. उन्होंने कहा, '' खेल के बारे में मुझे जानकारी है. मेरी विशेषज्ञता है. मैं इस दिशा में कुछ योगदान दे सकता हूं. इसके लिए आप लोगों का समर्थन चाहिए.''


उल्लेखनीय है कि सचिन के राज्यसभा में मनोनयन को लेकर अखबारों और मीडिया संस्थानों में काफी चर्चाएं चल रही थीं और कुछ लोगों ने इसके लिए सचिन की आलोचना भी की थी.
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