अन्ना के नए 'केजरीवाल' और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह यूपीए सरकार पर प्रेशर बनाने के लिए अगली रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। सिंह के तेवर से लगता है कि वह अन्ना के आंदोलन से केजरीवाल के हटने के बाद आए खालीपन को भर देगे। आज सिंह 4 दिसंबर को पार्ल्यामेंट का घेराव करने का ऐलान किया।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi1JumnFUL1zB1MkKiTZO1ipMhX0ktQXhTj8bfpkD5ZhmQBzezk4bAAETNbxPxcAZyxBLMAs0tm-ZWZNUxwH-VHscd-mSONOh9mEvLQeCcv4vvLwslVN1BZWmmWXgcpT_SsZ_a-nxyeJxCP/s320/VKSingh_Anna.jpg)
सिंह यह घेराव गन्ना उत्पादकों पर पड़ने वाली मार पर सरकार के कानों में आवाज पहुंचाने के मकसद से करने जा रहे हैं। अभी तक गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया गया है जिसके चलते किसानों को औने-पौने दामों में फसल बेचनी पड़ रही है। गौरतलब है कि वह इस मुद्दे पर पीएम मनमोहन सिंह को पहले भी खत लिख चुके हैं।
हाल ही में अन्ना हजारे और जनरल वीके सिंह ने साथ मिलकर देश की संसद को भंग करने की मांग की थी। सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि मौजूदा संसद ने लोगों का विश्वास खो दिया है इसलिए उसे भंग किया जाना चाहिए और सत्ता और विपक्ष दोनों को जनता का सामना करना चाहिए।
कल यानी गुरुवार को वीके सिंह ने पहली बार एक राजनीतिक रैली में भाग लिया था। इस रैली में सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश नेतृत्व की कमी से जूझ रहा है।