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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

चौ.अजित सिंह के मंच से अन्ना की बात

बात जब भ्रष्टाचार की शुरू हुई तो यूपीए सरकार में उड्डयन मंत्री चौ.अजित सिंह को भी चुनावी मंच पर अन्ना के आंदोलन की याद आ ही गई। यह मंच था आगरा के एत्मादपुर सीट से रालोद प्रत्याशी और पूर्व पीसीएस अफसर हरदेव सिंह के चुनाव क्षेत्र का। बाबा के नाम से विख्यात हरदेव सिंह किसी समय प्रदेश के ईमानदार अफसरों में शुमार थे।

मुढ़ी चौराहे पर आयोजित जनसभा में पहुंचे रालोद मुखिया चौ.अजित सिंह के सामने थी भूमि अधिग्रहण प्रभावित क्षेत्र की जनता। अजित ने मौका भांप वादा किया कि चिंता मत करो, पूरी प्रक्रिया की समीक्षा कराएंगे और उचित मुआवजा भी दिलाएंगे। तालियों ने उत्साह बढ़ाया तो बोले कि ऐसी नीति बनाएंगे, जिससे भविष्य में भूमि अधिग्रहण के नाम पर किसानों का शोषण न हो। जिस भूमि अधिग्रहण के चलते आपका उत्पीड़न हुआ, उसको बढ़ाने वाली तो माया सरकार थी, पर इसकी नींव पड़ी थी मुलायम सरकार में।

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रहते नोट कमाने में लगी रहने वाली मायावती ने अपनी मूर्तियां भी लगवाईं तो उनके हाथ में भी लेडीज पर्स। इस पर जनता का समवेत ठहाका। आगे जोड़ते हैं, मूर्ति जाने पर लगती हैं तो ये मान लो, मायावती तो गई। सत्ता में तो नहीं बचेंगी। जनता से प्रश्न, बचेंगी क्या? जनता से समवेत स्वर, नहीं बचेंगी।

..और मुलायम सिंह, वो तो बलात्कार पीड़ित महिलाओं को सरकारी नौकरी देने की बात करते हैं। क्या सोच है, क्या मानसिक दिवालियापन? चुनाव में जाति की बात करते हैं, लेकिन सिपाही भर्ती में यादव युवक से भी तीन लाख वसूल लेते हैं। तब कहां चला जाता है जातिवाद।

घोषणापत्र में प्रत्येक गरीब को एक गाय देने की बात भाजपा कर रही है। भैंस क्यों नहीं, ज्यादा दूध देती है। जनता का ठहाका। फिर खुद ही कहते हैं, गाय इसलिए क्योंकि राम की तरह हिंदुओं का गाय से भी भावनात्मक लगाव है। उन्हीं भावनाओं को उभार कर वोट चाहिए।

नई पीढ़ी को चाहिए रोजगार, विकास, बेहतर शिक्षा। बीती तीनों सरकारों को इससे कोई मतलब नहीं रहा। लिहाजा, युवाओं के भविष्य के लिए ईमानदारी से विकास करने वाली रालोद-कांग्रेस सरकार को वोट दें। कांग्रेस नेता सीपी राय ने भी सभा संबोधित की। संचालन डॉ. अनिल चौधरी ने किया।
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