14 फ़रवरी 1931 आज ही के दिन लाहौर में शहीदे आजम भगत सिहं,
सुखदेव,राजगुरु को अदालतमें फाँसी सज़ा सुनाई गई थी और
37 दिन बाद23 मार्च 1931 को हमारेवीरों को अंग्रेजों ने फाँसी पर चढ़ा दिया ।
भारत माता के ये 3 पुत्र जो भरी जवानी भारतमाता की रक्षा के लिये
हँसते -हँसते फाँसी के तख्तेपर चढ़ गए |
उन माताओ को नमन जिन्होंने इन वीरों को जन्म दिया
इन वीरो की शहादत को शत शत नमन!!!!!!!
हाय रे !!!!मानसिक गुलामी और ईसाईयतके फैलाव ने हमारे
युवाओं को वेलेंटाइन डे के भुलावे में डाल दिया...
सोचो ,, भारत के युवाओं सोचो जिन्होंने इस दिन बलिदान दिया क्या वो युवा नहीं थे ???
अगर वे भी आज के युवाओ की तरह इश्क और जवानी के मद में रहते तो ,,
क्या आज भारत ऐसा होता????
तुम आज कितनी बह्द्तर हालत में जीते इसका तुम्हे अंदाजा भी है ?????????
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