नई दिल्ली। हाल में उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान न तो अन्ना हजारे दिखे और न उनकी टीम के सदस्य, अब जब सरकारें बन गई हैं, तो समाजसेवी अन्ना हजारे कह रहे हैं कि देश में वोटर अभी भी जागरूक नहीं है। यहां 100 के नोट और एक बोतल शराब में वोट बिक जाते हैं।
अन्ना से मीडिया ने पूछा कि क्या वो कभी चुनाव लड़ेंगे। तो उन्होंने जवाब दिया कि देश के मतदाता जागरूक नहीं हैं, इसलिए वो चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने आगे कहा कि देश में तमाम राजनीति पार्टियां हैं जो वोट के बदले में नोट बांटती हैं और लोगों को शराब की बोतलें देती हैं। खास बात यह है कि जनता भी उस शराब के बदले अपना कीमती वोट बेच देती है। ऐसे में चुनाव नहीं लड़ सकता। रही बात महिलाओं को कोई उन्हें महज एक साड़ी दे दे, बस वो कहीं भी मुहर लगाने को तैयार हो जाती हैं।
अन्ना ने आगे कहा "इन हालातों में अगर मैं चुनाव लड़ा तो मेरी तो जमानत जब्त हो जायेगी, क्योंकि न तो मेरे पास देने के लिए पैसा है और न शराब की बोतल या साड़ी।"
वहीं प्रशांत भूषण भी अन्ना की इस बात से इत्तेफाक रखते हैं। प्रशांत भूषण का कहना है कि चुनाव धन और बल पर ही लड़ा जा सकता है। और इस व्यवस्था को बदलने के लिए चुनाव आगोग को आगे आना होगा। जब तक आयोग कोई ठोस कदम नहीं उठाता तब तक ऐसे ही चुनाव होते रहेंगे, सरकारें बनती रहेंगी और भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहेंगे।
अन्ना से मीडिया ने पूछा कि क्या वो कभी चुनाव लड़ेंगे। तो उन्होंने जवाब दिया कि देश के मतदाता जागरूक नहीं हैं, इसलिए वो चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने आगे कहा कि देश में तमाम राजनीति पार्टियां हैं जो वोट के बदले में नोट बांटती हैं और लोगों को शराब की बोतलें देती हैं। खास बात यह है कि जनता भी उस शराब के बदले अपना कीमती वोट बेच देती है। ऐसे में चुनाव नहीं लड़ सकता। रही बात महिलाओं को कोई उन्हें महज एक साड़ी दे दे, बस वो कहीं भी मुहर लगाने को तैयार हो जाती हैं।
अन्ना ने आगे कहा "इन हालातों में अगर मैं चुनाव लड़ा तो मेरी तो जमानत जब्त हो जायेगी, क्योंकि न तो मेरे पास देने के लिए पैसा है और न शराब की बोतल या साड़ी।"
वहीं प्रशांत भूषण भी अन्ना की इस बात से इत्तेफाक रखते हैं। प्रशांत भूषण का कहना है कि चुनाव धन और बल पर ही लड़ा जा सकता है। और इस व्यवस्था को बदलने के लिए चुनाव आगोग को आगे आना होगा। जब तक आयोग कोई ठोस कदम नहीं उठाता तब तक ऐसे ही चुनाव होते रहेंगे, सरकारें बनती रहेंगी और भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहेंगे।