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Maharashtra irrigation scam |
सोमवार को विधानसभा में विपक्ष की मांग के आगे झुकते हुए सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन की घोषणा कर दी है। माधव चिखले इस एसआईटी के अध्यक्ष होंगे, जिनकी अगुवाई में विशेष जांच दल महाराष्ट्र में पिछले 10 सालों की सिंचाई परियोजनाओं की जांच करेगा। सरकार का ये फैसला क्या रंग लाता है, एसआईटी की जांच में किन-किन बड़े नेताओं का नाम आता है? यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन इस मामले में लिप्त नेता या अधिकारियों के लिए सरकार का ये फैसला बड़ी मुसीबतें ला सकता है।
इस घोटाले में महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार को आरोपी माना जा रहा हैं। पवार के ऊपर सिंचाई घोटाले में लिप्त रहने का कथित रूप से आरोप है। इसी के चलते महाराष्ट्र सरकार ने अजीत पवार को बचाने की पुरजोर कोशिश की थी। इसके लिए सरकार ने विधानसभा की कार्यवाही के दौरान श्वेतपत्र जारी किया था लेकिन विपक्ष ने पुरजोर विरोध कर इस श्वेतपत्र को खारिज कर दिया| साथ ही इस मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन के लिए सरकार पर दबाव बनाने लगी।
अभी भी सरकार ने यह साफ़ नहीं किया है कि एसआईटी कितनी परियोजनाओं की जांच करेगी। वहीँ सूत्रों ने बताया कि 1996 से लेकर अभी तक जारी सभी परियोजनाओं की जांच एसआईटी करेगी। साथ ही यह भी पता चला है कि इस परियोजनायों में कितने पहलुओं पर जांच होगी इस बात की रूपरेखा 31 दिसंबर को तय की जायेगी।