बदायूं : दिल्ली में दरिंदगी व महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में समाजसेवी अन्ना हजारे के अनुयायियों ने मंगलवार को मालवीय आवास पर धरना दिया। यहां शासन-प्रशासन की उदासीनता पर आक्रोश जताया गया।
अन्ना जन जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष संजय मिश्र ने कहा कि उलझन भरी ब्रिटिश विधि व्यवस्था का स्वाधीन भारत में अभी तक चलन बरकरार रहना दुर्भाग्य ही है। वर्ष 1861 के पुलिस एक्ट से न्याय के नाम पर फरियादों को दबाया जाता रहा है।
महासचिव भूराज सिंह ने कहा कि दिल्ली की घटना के बाद देश के गृहमंत्री व दिल्ली की मुख्यमंत्री का बयान हास्यास्पद व निंदनीय है। अनशनकारियों को माओवादी व उग्रवादी की संज्ञा देकर उन्होंने मानसिक असंतुलन का परिचय दिया है।
धरने पर मौजूद सभी अनशनकारियों ने मौजूदा व्यवस्था को कोसते हुए कठोर कानून बनाने की मांग की। यहां सुधीर मिश्र, राजवीर सिंह, लोटन सिंह, विनोद कुमार बिन्नी, कामेश पाठक, पवन शंखधार व षटवदन आदि मौजूद रहे।
अन्ना जन जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष संजय मिश्र ने कहा कि उलझन भरी ब्रिटिश विधि व्यवस्था का स्वाधीन भारत में अभी तक चलन बरकरार रहना दुर्भाग्य ही है। वर्ष 1861 के पुलिस एक्ट से न्याय के नाम पर फरियादों को दबाया जाता रहा है।
महासचिव भूराज सिंह ने कहा कि दिल्ली की घटना के बाद देश के गृहमंत्री व दिल्ली की मुख्यमंत्री का बयान हास्यास्पद व निंदनीय है। अनशनकारियों को माओवादी व उग्रवादी की संज्ञा देकर उन्होंने मानसिक असंतुलन का परिचय दिया है।
धरने पर मौजूद सभी अनशनकारियों ने मौजूदा व्यवस्था को कोसते हुए कठोर कानून बनाने की मांग की। यहां सुधीर मिश्र, राजवीर सिंह, लोटन सिंह, विनोद कुमार बिन्नी, कामेश पाठक, पवन शंखधार व षटवदन आदि मौजूद रहे।