पौने दो लाख करोड़ रुपए के टेलीकॉम घोटाले का सच तलाश रही सीबीआई को इस खेल में तीन चेहरे नजर आए हैं. इन तीनों ने सरकार की टेलीकॉम पॉलिसी के नाम पर जमकर चांदी काटी. इनमें तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि की बेटी कनिमोझी भी शामिल है.
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने नोएडा में गलत तरीके से भूखण्ड आवंटित करने का दोषी करार देते हुए उन्हें 4 साल कैद की सजा सुनाई थी. नीरा यादव उस समय नोएडा अथॉरिटी की प्रमुख थीं.
दूरसंचार विभाग की पूर्व उपमहानिदेशक रूनु घोष को आय से अधिक संपत्ति मामले में तीन वर्ष की सजा सुनाई गई.
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती भी 175 करोड़ के ताज कॉरिडोर मामले में घोटाले की मुख्य आरोपी हैं.
1996 में चारा घोटाला के उजागर होने के बाद पटना उच्च न्यायालय की निगरानी पीठ के आदेश से सीबीआई ने घोटाले ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी राबडी देवी के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के कई मामले दर्ज किए थे.
1992 में जयललिता पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहते हुए तमिलनाडु स्माल इंडस्ट्रीज कारपोरेशन की जमीन औने-पौने दामों में जया पब्लिकेशन को आवंटित कराने का आरोप लगा.