लोकसेवकों पर मुकदमें की मंजूरी के लिए अधिकतम चार माह का समय तय करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब भ्रष्टाचारियों पर लगाम लग सकेगी। यह कहना है पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता एनपीएस कोहली का। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा। इसके के बाद सेक्शन 18 एट दी प्रीवेंशन आफ दी करप्शन एक्ट का संशोधन होने से कोई भी आम जनमानस भ्रष्ट लोकसेवकों की शिकायत सीधा सरकार को या कोर्ट में कर सकता है। इसके लिए सरकार से किसी भी तरह की कोई भी अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी। सरकार को अनुमति देना अनिवार्य हो जाएगा। फैसले के बाद सरकार किसी भी भ्रष्ट अधिकारी की शिकायत की फाइल को 4 महीने से ज्यादा नहीं रख पाएगी।एडवोकेट कोहली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद भ्रष्ट लोकसेवक अपने सही ठिकाने जेल में होंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी कार्यालय में चाहे काम छोटा हो या बड़ा बिना रिश्वत के कुछ नहीं होता। उन्होंने कहा कि आज हालात इस कदर बदतर हो चुके है कि अपने जायज कार्यो की फाइलों को भी एक टेबल से दूसरी टेबल तक पहुंचाने के लिए नोटों का सहारा देना पड़ता है। विजीलेंस विभाग कारवाई करते हुए कई बार कुछ रिश्वतखोरों को बेनकाब भी करता है लेकिन बड़ी मछलियां अपने रसूख के कारण जाल में आने से बच जाती है।