संसद में भले ही भाजपा ने टीम अन्ना की जितनी आलोचना की हो, लेकिन इसकी हिमाचल प्रदेश की सरकार अपना लोकायुक्त बिल सबसे पहले टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल को सौंपने जा रही है। इस तरह के कार्यक्रम को लेकर खुद केजरीवाल ने भी हैरानी जताई है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से सोमवार को राज्य के प्रमुख सचिव, गृह दिल्ली आकर केजरीवाल को इस बिल की प्रति सौंपेंगे। इसके लिए बकायदा राज्य सरकार की ओर से मीडिया को न्योता भी भेजा गया है। इसमें बताया गया है कि राज्य सरकार केजरीवाल को टीम अन्ना का सदस्य होने के नाते यह बिल सौंपेंगी।
अचानक मिल रही इस अहमियत से केजरीवाल खुद भी हैरान हैं। उन्होंने कहा कि बिल की प्रति तो उन्हें शुक्रवार की रात को ही ईमेल से मिल गई है। राज्य सरकार ने इस पर सुझाव मांगे थे और इस सिलसिले में सोमवार को चर्चा करने की इच्छा जताई थी। केजरीवाल ने कहा कि वे इस बिल का अध्ययन कर रहे हैं। अगर राज्य सरकार वाकई चर्चा कर अच्छा बिल बनाना चाहती है तो वे तैयार हैं।
माना जा रहा है कि राज्य में इसी साल होने वाले चुनाव से पहले प्रेम कुमार धूमल सरकार सख्त लोकायुक्त बिल लाने के बहाने अन्ना हजारे से नजदीकी दिखाना चाहती है। इससे पहले उत्तराखंड में बीसी खंडूरी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने सख्त लोकायुक्त बिल बनाया था। इसके लिए अन्ना हजारे और उनकी टीम ने उनकी जमकर तारीफ की थी। जानकारों का मानना है कि बेहद खराब दौर से गुजर रही भाजपा को उत्तराखंड में इसका काफी फायदा भी मिला। मगर लंबी चुप्पी के बाद ऐन चुनाव से पहले उठाए जा रहे हिमाचल सरकार के इस कदम पर उन्हें टीम अन्ना की तारीफ या चुनाव में ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद कम ही है।