नई दिल्ली।। स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों का कितना पैसा है, इस आंकड़े को जारी किया गया है। 2011 के अंत तक स्विस बैंकों में भारतीयों के कुल 12,740 करोड़ रुपए (218 करोड़ स्विस फ्रैंक) जमा हैं। पिछले 5 सालों में पहली बार भारतीयों के पैसे में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
गुरुवार को स्विस नैशनल बैंक द्वारा स्विस बैंकों पर जारी हुए सालाना हैंडबुक में यह कहा गया है। इसके मुताबिक 202 करोड़ स्विस फ्रैंक भारतीयों द्वारा सीधे जमा किए गए हैं। इसके अलावा 15.8 करोड़ स्विस फ्रैंक वेल्थ मैनेजरों के मार्फत जमा किए गए हैं।
स्विस नैशनल बैंक द्वारा यह खुलासा ऐसे वक्त पर हुआ है, जब भारत में विदेशों में जमा काले धन का मुद्दा गरमाया हुआ है।
स्विस नैशनल बैंक ने स्विस बैंकों में जमा इन पैसे को भारतीय जमाकर्ताओं की 'लायबिलिटी' के रूप में बताया है। इस फंड का खुलासा आधिकारिक रूप से स्विस अधिकारियों ने किया है और इसे ब्लैक मनी नहीं कहा है। स्विस नैशनल बैंक के इन आंकड़ों में भारतीयों और दूसरे देश के ऐसे लोगों, जो दूसरे के नाम पर पैसा जमा करते हैं, का जिक्र नहीं है। वैसे तो ऐसे ब्लैक मनी का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं दिया गया है, लेकिन कुछ अनुमानों के आधार पर यह 2000-2500 करोड़ डॉलर के आसपास हो सकता है।
स्विस नैशनल बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में जमा पैसा 2006 में 100 करोड़ स्विस फ्रैंक से बढ़कर 650 करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 40,000 करोड़ रुपये) हो गया था, लेकिन 2010 के अंत तक यह सिर्फ एक तिहाई रह गया। 2011 में इसमें करीब 3,500 करोड़ रुपए की बढ़त हुई है।
गौरतलब है कि पिछले महीने संसद में सरकार ने ब्लैक मनी पर श्वेत पत्र रखा था। उसमें सरकार ने भी कहा था कि स्विटजरलैंड में भारतीयों के पैसे में 2006 से गिरावट दर्ज की गई है। 2006 से 2010 बीच इसमें करीब 14,000 करोड़ रुपए की कमी आई। सरकार के मुताबिक 2010 के अंत तक यह रकम 9,259 करोड़ रुपए थी। 2006 में 23,373 करोड़ रुपए जमा थे।
गुरुवार को स्विस नैशनल बैंक द्वारा स्विस बैंकों पर जारी हुए सालाना हैंडबुक में यह कहा गया है। इसके मुताबिक 202 करोड़ स्विस फ्रैंक भारतीयों द्वारा सीधे जमा किए गए हैं। इसके अलावा 15.8 करोड़ स्विस फ्रैंक वेल्थ मैनेजरों के मार्फत जमा किए गए हैं।
स्विस नैशनल बैंक द्वारा यह खुलासा ऐसे वक्त पर हुआ है, जब भारत में विदेशों में जमा काले धन का मुद्दा गरमाया हुआ है।
स्विस नैशनल बैंक ने स्विस बैंकों में जमा इन पैसे को भारतीय जमाकर्ताओं की 'लायबिलिटी' के रूप में बताया है। इस फंड का खुलासा आधिकारिक रूप से स्विस अधिकारियों ने किया है और इसे ब्लैक मनी नहीं कहा है। स्विस नैशनल बैंक के इन आंकड़ों में भारतीयों और दूसरे देश के ऐसे लोगों, जो दूसरे के नाम पर पैसा जमा करते हैं, का जिक्र नहीं है। वैसे तो ऐसे ब्लैक मनी का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं दिया गया है, लेकिन कुछ अनुमानों के आधार पर यह 2000-2500 करोड़ डॉलर के आसपास हो सकता है।
स्विस नैशनल बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में जमा पैसा 2006 में 100 करोड़ स्विस फ्रैंक से बढ़कर 650 करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 40,000 करोड़ रुपये) हो गया था, लेकिन 2010 के अंत तक यह सिर्फ एक तिहाई रह गया। 2011 में इसमें करीब 3,500 करोड़ रुपए की बढ़त हुई है।
गौरतलब है कि पिछले महीने संसद में सरकार ने ब्लैक मनी पर श्वेत पत्र रखा था। उसमें सरकार ने भी कहा था कि स्विटजरलैंड में भारतीयों के पैसे में 2006 से गिरावट दर्ज की गई है। 2006 से 2010 बीच इसमें करीब 14,000 करोड़ रुपए की कमी आई। सरकार के मुताबिक 2010 के अंत तक यह रकम 9,259 करोड़ रुपए थी। 2006 में 23,373 करोड़ रुपए जमा थे।