प्रेजिडेंट चुनाव में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के उम्मीदवार वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी पर टीम अन्ना हजारे के तीखे हमले बरकरार हैं। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि मुखर्जी को देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचने से पहले अपने खिलाफ लगे आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच से गुजरना चाहिए। वरना, उनके दामन पर हमेशा के लिए दाग बना रहेगा।
उन्होंने नेवी वॉर रूम लीक प्रकरण, चावल निर्यात घोटाला और स्कॉर्पियन पनडुब्बी सौदे का मामला उठाते हुए कहा, 'अगर मुखर्जी तीनों मामलों में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच से गुजरे बगैर प्रेजिडेंट की कुर्सी तक पहुंच गए, तो बाद में उनके खिलाफ जांच की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी क्योंकि देश का प्रथम नागरिक बनने पर उन्हें संविधान के तहत छूट हासिल हो जाएगी।'
केजरीवाल ने कहा, 'अगर मुखर्जी इन मामलों में जांच से गुजरने के बाद पाक-साफ साबित होकर प्रेजिडेंट बनें तो देश उन पर गर्व करेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा और उनके दामन पर हमेशा दाग बना रहेगा।'
उन्होंने बताया, 'हमें सोमवार की शाम मुखर्जी का एक लंबा पत्र मिला जिसमें उन्होंने हमारे सारे आरोपों को खारिज किया है। हम इस पत्र का विस्तृत जवाब शुक्रवार तक उन्हें भेज देंगे।'
बहरहाल, केजरीवाल का कहना है कि मुखर्जी ने अपने पत्र में इस आरोप का कोई जवाब नहीं दिया है कि उन्होंने रक्षा मंत्री रहते हुए नेवी वॉर रूम लीक प्रकरण में तीन आरोपियों को बचाने की कोशिश क्यों की।
उन्होंने नेवी वॉर रूम लीक प्रकरण, चावल निर्यात घोटाला और स्कॉर्पियन पनडुब्बी सौदे का मामला उठाते हुए कहा, 'अगर मुखर्जी तीनों मामलों में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच से गुजरे बगैर प्रेजिडेंट की कुर्सी तक पहुंच गए, तो बाद में उनके खिलाफ जांच की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी क्योंकि देश का प्रथम नागरिक बनने पर उन्हें संविधान के तहत छूट हासिल हो जाएगी।'
केजरीवाल ने कहा, 'अगर मुखर्जी इन मामलों में जांच से गुजरने के बाद पाक-साफ साबित होकर प्रेजिडेंट बनें तो देश उन पर गर्व करेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा और उनके दामन पर हमेशा दाग बना रहेगा।'
उन्होंने बताया, 'हमें सोमवार की शाम मुखर्जी का एक लंबा पत्र मिला जिसमें उन्होंने हमारे सारे आरोपों को खारिज किया है। हम इस पत्र का विस्तृत जवाब शुक्रवार तक उन्हें भेज देंगे।'
बहरहाल, केजरीवाल का कहना है कि मुखर्जी ने अपने पत्र में इस आरोप का कोई जवाब नहीं दिया है कि उन्होंने रक्षा मंत्री रहते हुए नेवी वॉर रूम लीक प्रकरण में तीन आरोपियों को बचाने की कोशिश क्यों की।