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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

लोकपाल होता तो चिदंबरम जेल में होते : अन्ना

ठाणे। समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि लोकपाल न होने की वजह से ही इस देश के सभी भ्रष्ट नेता खुलेआम घूम रहे हैं और अगर लोकपाल विधेयक पारित हो गया होता तो केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम जेल की हवा खा रहे होते।


अन्ना हजारे ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर लोकपाल जैसी स्वायत संस्था होती तो इन भ्रष्ट मंत्रियों को खामियाजा भुगतना पड़ता। जिस तरह पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा 1.6 करोड़ रुपये का घोटाला करके जमानत पर बाहर घूम रहे हैं उससे यही पता चलता है कि इन्हें किसी बात का खौफ नहीं है। जब तक भ्रष्टाचार करके कमाई गयी राशि वसूलने का नियम नहीं बनाया जाता तब तक कुछ ठोस नहीं हो सकता।


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उन्होंने कहा कि पहले तो नेता नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देते थे जैसा कि रेल मंत्री के पद रहते हुए लाल बहादुर शास्त्री ने एक हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए दिया था लेकिन आजकल तो कोई नैतिकता को जानता भी नहीं है।


अन्ना हजारे ने कहा कि अब तो लोकतंत्र का नामोनिशान भी नहीं रहा है। जनता को विरोध जताने का कोई तरीका ही नहीं दिया गया है। सार्वजनिक धन का 75 प्रतिशत हिस्सा नेताओं और अधिकारियों पर खर्च किया जाता है। यहां तक की संसद में भी पहले लोकपाल विधेयक पर बात करने की आम सहमति बनी थी, लेकिन अब हमारे नेता अपनी आत से पीछे हट रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर देश के नेता लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक को जल्द ही पारित नहीं करते तो उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
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