नई दिल्ली।। केंद्र सरकार ने टीम अन्ना को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और 14 कैबिनेट मंत्रियों पर लगाए गए करप्शन के आरोपों पर कड़ा जवाब दिया है। मनमोहन सिंह पर कोयला घोटाले के आरोपों को पीएमओ ने बेबुनियाद और मनगढ़ंत करार दिया है। कैबिनेट मंत्रियों पर लगाए गए करप्शन के आरोपों को भी मनमाना बताते हुए एसआईटी जांच की मांग को खारिज कर दिया गया है।
शनिवार को प्राइम मिनिस्टर ऑफिस (पीएमओ) ने टीम अन्ना को एक कड़ा जवाबी पत्र लिखा। पीएमओ के राज्य मंत्री नारायणसामी की अन्ना हजारे को लिखी इस चिट्ठी में कोयला आवंटन को लेकर लगाए गए आरोपों पर अफसोस जताया गया है। चिट्ठी में लिखा गया है कि इस तरह के मनमाने आरोप मंजूर नहीं किए जाएंगे। करप्शन रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सीबीआई, ईडी और सीएजी ठीक तरह से काम कर रहे हैं। टीम अन्ना से कहा गया है कि अगर वह कोयला आवंटन का पूरा ब्यौरा जानना चाहते हैं तो यह मंत्रालय की बेवसाइट पर मौजूद है।
गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने 14 कैबिनेट मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए थे। टीम अन्ना ने इस बारे में दस्तावेज के साथ एक लेटर प्रधानमंत्री को भेजा था। 24 जुलाई, 2012 तक इस पर कोई कार्रवाई न करने पर टीम अन्ना ने आंदोलन की चेतावनी दी थी।
79 पेज के दस्तावेज में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पी. चिदंबरम, प्रणव मुखर्जी, शरद पवार, एसएम कृष्णा, कमल नाथ, प्रफुल्ल पटेल, विलासराव देशमुख, वीरभद्र सिंह, कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद, जीके वासन, फारुख अब्दुल्ला, एमके अड़ागिरी और एसके शिंदे के खिलाफ आरोप शामिल थे। इस दस्तावेज में बताया गया है कि किसके खिलाफ, किस कार्यकाल में भ्रष्टाचार का कौन सा आरोप है।
शनिवार को प्राइम मिनिस्टर ऑफिस (पीएमओ) ने टीम अन्ना को एक कड़ा जवाबी पत्र लिखा। पीएमओ के राज्य मंत्री नारायणसामी की अन्ना हजारे को लिखी इस चिट्ठी में कोयला आवंटन को लेकर लगाए गए आरोपों पर अफसोस जताया गया है। चिट्ठी में लिखा गया है कि इस तरह के मनमाने आरोप मंजूर नहीं किए जाएंगे। करप्शन रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सीबीआई, ईडी और सीएजी ठीक तरह से काम कर रहे हैं। टीम अन्ना से कहा गया है कि अगर वह कोयला आवंटन का पूरा ब्यौरा जानना चाहते हैं तो यह मंत्रालय की बेवसाइट पर मौजूद है।
गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने 14 कैबिनेट मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए थे। टीम अन्ना ने इस बारे में दस्तावेज के साथ एक लेटर प्रधानमंत्री को भेजा था। 24 जुलाई, 2012 तक इस पर कोई कार्रवाई न करने पर टीम अन्ना ने आंदोलन की चेतावनी दी थी।
79 पेज के दस्तावेज में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पी. चिदंबरम, प्रणव मुखर्जी, शरद पवार, एसएम कृष्णा, कमल नाथ, प्रफुल्ल पटेल, विलासराव देशमुख, वीरभद्र सिंह, कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद, जीके वासन, फारुख अब्दुल्ला, एमके अड़ागिरी और एसके शिंदे के खिलाफ आरोप शामिल थे। इस दस्तावेज में बताया गया है कि किसके खिलाफ, किस कार्यकाल में भ्रष्टाचार का कौन सा आरोप है।