नई दिल्ली। भारत में कुछ ऎसे लोग हैं जिन्हें पैसे देने के बावजूद रसोई गैस की किल्लत हो रही है। जबकि मंत्रियों और वीवीआईपी को ठाठ से घर बैठे सिलेंडर पर सिलेंडर मिल रहे हैं। राजधानी दिल्ली में एलपीजी खर्च करने वाले टॉप-100 लोगों में नेताओं की संख्या ज्यादा है। शुक्रवार को तीनों तेल कंपनियों ने रसोई गैस सिलिंडरों का हिसाब देखने के लिए ट्रांसपेरेंसी पोर्टल लॉन्च किया तो यह जानकारी मिली। पेट्रोलियम मंत्रालय अब हर परिवार को एक वर्ष में सब्सिडी वाले सिर्फ छह सिलेंडर देने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इसे मंत्रियों के अधिकारप्राप्त समूह के पास फैसले के लिए भेजा जाएगा। तेल कंपनियों का कहना है कि इस समय रसोई गैस के एक सिलेंडर पर उन्हें 390 रूपये घाटा हो रहा है। पिछले वर्ष सरकार व तेल कंपनियों ने रसोई गैस पर 30 हजार करो़ड रूपये का सब्सिडी बोझ उठाया था। यह इस वर्ष बढ़कर 43 हजार करो़ड रूपये का हो सकता है। सरकार रसोई गैस को महंगा करने पर भी विचार कर रही है। पेट्रोलियम मंत्रालय के ट्रांसपेरेंसी पोर्टल पर क्लिक करते ही देश के नेताओं द्वारा एक साल में प्रयोग किए गैस सिलेंडर का लेखा जोखा सामने आ गया।
अन्य सुर्खिया
अन्य सुर्खिया
- जयपाल रेड्डी को मिले एक साल में 26 गैस सिलेंडर
- नेता-मंत्रियों ने खूब लूटे सब्सिडी के मजे, हर 4 दिन पर लिया सिलेंडर
- पेट्रोलियम मंत्री ने एक साल में लिए 26 सिलेंडर
- मंत्री, अफसर सब्सिडी लेने में सबसे आगे
- उपराष्ट्रपति के घर हर दूसरे दिन एक रसोई गैस सिलेंडर
- वर्ष में 91 सिलेंडरों से खाना पकाती हैं मायावती
- माया- मुलायम-राजनाथ की रसोई में लगते हैं 264 सिलेंडर, भारत बदल रहा है
- मंत्री व नेता हर सात दिन में लेते है एक सिलेंडर