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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

कोई राजनीतिक दल मजबूत लोकपाल नहीं चाहता: केजरीवाल

नई दिल्ली।अन्ना टीम के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि कोई भी राजनीतिक दल भ्रष्टाचार से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम मजबूत लोकपाल नहीं चाहता है। केजरीवाल ने संसद मार्ग पर योग गुरु बाबा रामदेव और जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के पहली बार मिलकर किए जा रहे अनशन को संबोधित करते हुए कहा कि यूपीए सरकार के 34 केन्द्रीय मंत्रियों में 15 के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। इसलिए लोकपाल विधेयक को पारित नहीं किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इन सभी के नेता हैं।


उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह के ऊपर कोल ब्लाक आवंटन घोटाले का आरोप हैं। उनके कोयला मंत्री रहते हुए 155 कोयला खानों को निजी कंपनियों को बिना निविदा के दे दिया गया था। केजरीवाल ने कहा कि कोई भी जांच एजेंसी तटस्थ नहीं है। सभी सरकार के अधीन आती है। सभी मामलों में सच्चाई तभी सामने आ सकती है जब विशेष जांच दल के जरिए इनकी छानबीन कराई जाए। प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया गया है कि सभी मामलों को जल्दी से निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों को सौंप दिए जाने चाहिए।


उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल मजबूत लोकपाल विधेयक नहीं चाहता है। केजरीवाल द्वारा मंच से कुछ लोगों के नाम लिए जाने पर योग गुरु रामदेव ने सफाई दी कि किसी का नाम लिया जाना सही नहीं है। इससे मुद्दा भटक जाता है। उन्होंने कहा कि यह तय किया गया था कि नाम नहीं लिया जाएगा। केजरीवाल ने अपने भाषण में लालू यादव, मुलायम सिंह यादव, जयललिता, प्रकाश सिंह बादल, ए राजा और कई केन्द्रीय मंत्रियों के नाम अपने भाषण में लिए और उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि नाम लेने में कोई बुराई नहीं है और इस संबंध में बाबा रामदेव की राय अलग है और हमारी भिन्न।
(एजेंसियों की जानकारी के साथ)
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