बिलासपुर के एसपी राहुल शर्मा की खुदकुशी मामले में नया मोड़ आ गया है। खुद को गोली से उड़ाने वाले आईपीएस अफसर पर चुनाव के लिए ‘फंड’ जुटाने का दबाव था। राहुल के एक करीबी दोस्त ने यह दावा किया है। उनका कहना है कि उनकी राहुल से खुदकुशी से एक हफ्ते पहले बात हुई थी जिसमें आईपीएस ने अपनी लाचारी बयां की थी।
एसपी राहुल शर्मा और उनके दोस्त हरिमोहन थकुरिया जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में साथ में पढ़े थे। उनके साथ कॉलेज की पढ़ाई किए हैं। प़ढ़ाई के बाद वह जयपुर में कोचिंग संस्थान चलाते हैं। हरिमोहन के मुताबिक, सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर उन्होंने राहुल से पांच मार्च को बात की थी।
उस बातचीत में उन्होंने कहा था, ''यार, यहां बहुत बेगार करवाते हैं। कोई सेल्फ रिस्पेक्ट ही नहीं है। इलेक्शन के खर्चों का टारगेट अभी से दे दिया है। क्या इसलिए इतनी पढ़ाई करके आईपीएस बना था?''
उनके मुताबिक, राहुल उनदिनों काफी दुखी थे। उन्होंने बड़े दुख से कहा था कि, ये लोग वर्दी वालों से ही उगाही करवा रहे हैं। इसलिए वह नौकरी छोड़ना चाहते थे। उनके लिए जयपुर में नौकरी खोज भी ली गई थी। उनको 12 मार्च को ही नई नौकरी के बारे में जानकारी दी जानी थी, इससे पहले ही उनके खुदकुशी की खबर मिल गई।
एसपी राहुल शर्मा और उनके दोस्त हरिमोहन थकुरिया जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में साथ में पढ़े थे। उनके साथ कॉलेज की पढ़ाई किए हैं। प़ढ़ाई के बाद वह जयपुर में कोचिंग संस्थान चलाते हैं। हरिमोहन के मुताबिक, सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर उन्होंने राहुल से पांच मार्च को बात की थी।
उस बातचीत में उन्होंने कहा था, ''यार, यहां बहुत बेगार करवाते हैं। कोई सेल्फ रिस्पेक्ट ही नहीं है। इलेक्शन के खर्चों का टारगेट अभी से दे दिया है। क्या इसलिए इतनी पढ़ाई करके आईपीएस बना था?''
उनके मुताबिक, राहुल उनदिनों काफी दुखी थे। उन्होंने बड़े दुख से कहा था कि, ये लोग वर्दी वालों से ही उगाही करवा रहे हैं। इसलिए वह नौकरी छोड़ना चाहते थे। उनके लिए जयपुर में नौकरी खोज भी ली गई थी। उनको 12 मार्च को ही नई नौकरी के बारे में जानकारी दी जानी थी, इससे पहले ही उनके खुदकुशी की खबर मिल गई।