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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

बूमरेंग के डर से लोकसभा ने नहीं की टीम अन्ना के खिलाफ कार्रवाई, हिदायत देकर छोड़ा

नई दिल्ली| आखिरकार अन्ना हजारे की टीम क्रुद्ध सांसदों के प्रकोप से बच गई और शायद संसद के सामूहिक विवेक में यह बात आई कि इतने लोकप्रिय आंदोलन के नेताओं के खिलाफ कोई भी कार्रवाई बमरैंग यानी उललवार साबित हो सकती है। इसीलिए संसद ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चला रहे गांधीवादी अन्ना हजारे और उनकी टीम के सदस्यों द्वारा संसद और संसद सदस्यों के खिलाफ की गई कथित आपत्तिजनक बयानबाजी की कड़ी निंदा करने सम्बंधी जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर मंगलवार को लोकसभा में चर्चा तो की पर, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। प्रस्ताव पर चर्चा के बाद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि संसद की गरिमा को बनाए रख जाना चाहिए क्योंकि लोग जनप्रतिनिधियों पर विश्वास करके उन्हें चुनते हैं।


उन्होंने कहा, "संसद देश का सामूहिक विचार प्रदर्शित करता है। ऐसी कोई भी टिप्पणी जो संसद की गरिमा को कम करती हो, अवांछित और अस्वीकार्य है।"


ज्ञात हो कि संसद और संसद सदस्यों के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी से नाराज शरद यादव उनके बयानों की कड़ी निंदा करने वाला प्रस्ताव लेकर आए थे, जिस पर बहस हुई और फिर लोकसभा अध्यक्ष ने उस पर अपनी टिप्पणी की।


चर्चा की शुरुआत करते हुए शरद यादव ने कहा कि सदन का सम्मान घटेगा तो देश कहां जाएगा। अन्ना हजारे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह भी किसी फकीर से कम नहीं हैं।


यादव ने कहा, "संसद सर्वोच्च संस्था है और जब इस पर लगातार हमले होते हैं तो हमें चिंता होती है। सदन का सम्मान घटेगा तो देश कहां जाएगा।"


उन्होंने कहा, "राम के राज में भी रावण हुए और कृष्ण के काल में भी कंस और दुर्योधन हुए। कई बार सदन में भी ऐसे लोग आए, जिन्हें नहीं आना चाहिए था। संसद सामथ्र्यवान संस्था है। इस पर हमला ठीक नहीं है।"


यादव ने कहा, "यह वही संसद है जिसने गलत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की। महज 13 दिनों में उन 11 सांसदों की सांसदी खत्म कर दी गई थी, जिन्होंने इस संसद को शर्मसार किया था।"


उन्होंने कहा, "आजकल एक ट्रेंड चला है कि राजनीतिक जमात पर हमला करो और उसे घेरो। ईमानदारों की बात नहीं हो रही है। बेईमानों की ओर इशारा कर अंधेरा फैलाने की कोशिश की जा रही है और अंधेरे की ओर ले जाकर निराशा फैलाई जा रही है। हम भी उस फकीर से कम नहीं है।"


यादव ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से आग्रह किया, "सदन की रक्षा और सुरक्षा आपके हाथ में है। जनता का इस संस्था पर से विश्वास न उठे, यह जिम्मेदारी आपको उठानी होगी। इस विश्वास को टूटने मत दीजिए।"


समाजवादी पार्टी (सपा) के मुलायम सिंह यादव ने कहा कि सिर्फ इससे काम नहीं चलेगा, बल्कि इस तरह के बयान देने वालों को संसद में खड़ा किया जाना चाहिए और मुजरिम की तरह पेश किया जाना चाहिए।


मुलायम ने कहा, "संसद सर्वोच्च संस्था है और सर्वोच्च सत्ता भी यही है। यदि कोई इस पर अनुचित हमला करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।"


उन्होंने कहा, "सिर्फ प्रस्ताव पारित कर न छोड़ा जाए। जनप्रतिनिधियों के खिलाफ बयान देने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्हें मुजरिम की तरह संसद में पेश किया जाना चाहिए। उनके खिलाफ सर्वसम्मति से विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जाना चाहिए।"


सोमवार को कई सांसदों ने दलगत भावना से ऊपर उठते हुए अन्ना हजारे के साथियों द्वारा सांसदों के लिए इस्तेमाल असंसदीय भाषा के खिलाफ प्रस्ताव पास करने की मांग की थी।
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