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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

गूंगी-बहरी सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगेः अन्ना

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर अपना एक दिवसीय अनशन रविवार को जंतर-मंतर पर सुबह लगभग 11.30 बजे शुरू कर दिया। अनशन स्थल पर पहुंचने से पहले अन्ना राजघाट गए और वहां उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर मत्था टेका। इसके पहले अन्ना ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वालों की सुरक्षा कर पाने में विफल रही है।


अन्ना ने राजघाट के लिए प्रस्थान करने से पहले संवाददाताओं से कहा, ''आज रविवार को हम जंतर-मंतर पर एक दिन का अनशन करने जा रहे हैं। जो लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं और जिन लोगों ने इस लड़ाई में अपनी जानें दी है, सरकार ऐसे लोगों की हिफाजत के लिए कुछ नहीं कर रही है।''

अन्ना (72) अपने एकदिवसीय अनशन के जरिए मांग कर रहे हैं कि सरकार उनके जन लोकपाल विधेयक को मंजूरी दे, जिसमें भ्रष्टाचार का खुलासा करने वालों की हिफाजत करने का मजबूत प्रावधान है।

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के शहीद अधिकारी नरेंद्र कुमार का जिक्र करते हुए अन्ना ने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी की लड़ाई की तरफ से आंखें बंद कर ली है। नरेंद्र कुमार की मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह अवैध खनन कर ले जाए जा रहे पत्थरों की एक ट्रैक्टर ट्राली को रोकने की कोशिश की थी।
अन्ना ने कहा, ''उनके परिजन बिलख रहे हैं, पीडिम्त हो रहे हैं, लेकिन सरकार बहरी बनी बैठी है और उसे उनके दुख की कोई परवाह नहीं है। हम सरकार किस लिए चाहते हैं।'' अन्ना ने पहले से बड़े आंदोलन का आह्वान करते हुए कहा कि उनके दल के लोग देश भर में जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि सरकारी लोकपाल विधेयक किसी काम का नहीं है।

अन्ना ने कहा, ''भ्रष्टाचार की खिलाफत करने वाले 25 लोगों की हत्या हो चुकी है। हम एक कानून बनाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले ऐसे लोगों की हिफाजत पर जोर दे रहे हैं, लेकिन सरकार ऐसा करने के लिए तैयार नहीं है।'' अन्ना का अनशन शुरू होने से पहले जंतर-मंतर पर उपस्थित सभी लोगों ने देश में भ्रष्टाचार का विरोध करने के दौरान अपनी जान गंवाने वाले अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए खड़े होकर दो मिनट का मौन रखा और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

अन्ना के आज के सांकेतिक अनशन की खास बात यह है कि भ्रष्टाचार का विरोध करने के दौरान मारे गए जांबाज अधिकारियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के परिजन भी मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। जंतर-मंतर पर अन्ना के साथ मंच पर उनके प्रमुख सहयोगी, सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश संतोष हेगड़े, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण, सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल आदि प्रमुख लोग मौजूद हैं।

अन्ना देश से भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए एक प्रभावी लोकपाल कानून की मांग को लेकर एक लम्बे समय से आंदोलन कर रहे हैं। उनके आंदोलन ने देशभर में लोगों का ध्यान अपनी ओर खीचा है। सरकार ने एक लोकपाल विधेयक संसद में पेश किया है और लोकसभा ने उसे अपनी मंजूरी भी दे दी है। लेकिन यह विधेयक अभी राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया है, क्योंकि राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है।
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