सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह ने कहा है कि सेना के भीतर कुछ लोगों ने उनके खिलाफ साजिश की क्योंकि इन लोगों को उन्होंने गलती करते हुए पकड़ा था।
जनरल सिंह का कहना है कि ऐसे लोगों की निशानदेही कर ली गई है और उनके खिलाफ सबूत भी हैं। उन्होंने कहा कि सेना के साथ विश्वासघात करने वाले ऐसे लोगों को सेना के नियमों के तहत सजा जरूर मिलेगी।
अपनी उम्र के विवाद को उच्चतम न्यायालय तक ले जाने वाले देश के पहले सेना प्रमुख ने अंग्रेजी पत्रिका ‘द वीक’ साप्ताहिक को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गलत काम कर रहे थे। हमने उन्हें रोका तो वे मेरे खिलाफ हो गए।
सेना प्रमुख ने यह भी दावा किया कि कुछ लोगों ने उनके खिलाफ मीडिया में अपमानजनक प्रचार करने के लिए भारी रकम खर्च की। उन्होंने कहा कि आपको यह जानकार अचरज होगा कि मेरा जाली जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कितनी बड़ी रकम खर्च की गई थी।
सेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री ए के एंटनी के साथ किसी प्रकार के मतभेद होने की संभावना से कतई इंकार किया। उन्होंने कहा कि मेरे और रक्षा मंत्री के बीच एक भी मतभेद कभी नहीं रहा। मैं उनके साथ बेलाग बातचीत करता रहा हूं और उन्होंने सदा इस बात की सराहना की।
सेना प्रमुख ने यह बात ऐसे समय कही है कि जब रक्षा मंत्री के कमरे में गुप्तचरी किए जाने से लेकर सेना के निगरानी उपकरणों का दुरुपयोग किए जाने तक की खबरें सामने आईं और जिन्हें सेना कपोल कल्पना और मनगढ़ंत करार दे चुकी है।
अपनी उम्र विवाद को न्यायालय में ले जाने को उन्होंने पूरी तरह जायज ठहराया। उन्होंने कहा कि वह एक सामान्य नागरिक की तरह अपनी उम्र के विवाद को हल कराने के लिए कानून की शरण में गए थे। उन्होंने कहा कि मैंने इस मामले में अपने स्टाफ के किसी सदस्य से कोई सहायता या राय नहीं ली। मैंने अपने इस निजी मामले से संगठन को अलग रखने का भरपूर प्रयास किया।
चीन के साथ जंग की पीड़ा दायक यादों के बारे में जनरल सिंह ने कहा कि सेना ने माउंटेन स्ट्राइक कोर बनाने का निर्णय उसी कड़वे अनुभव को देखते हुए लिया। उन्होंने कहा कि हमारे लोग बहुत बहादुरी से लड़े थे लेकिन हमारे पास हथियार नहीं थे। उन्होंने कहा कि हमें क्षमता निर्माण के लिए धन की जरूरत पड़ती है। सैन्य बल देश के लिए जीवन बीमा पॉलिसी की तरह होते हैं। अगर पॉलिसी लचर होगी तो नुकसान उठाना पड़ेगा।