नई दिल्ली। जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ संसद मार्ग पर एक दिन के सांकेतिक अनशन में कहा कि ये आंदोलन आजादी की दूसरी लड़ाई है और कहा कि देश की जनता जाग गई है। उन्होंने कहा कि घोटालेबाजों तथा भ्रष्टाचारियों की अब खैर नहीं है।
योग गुरू बाबा रामदेव के साथ पहली बार साझा मंच पर अनशन कर रहे अन्ना ने अपने संबोधन में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम का ही परिणाम है कि महाराष्ट्र में छह मंत्रियों और 400 से अधिक अधिकारियों को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की मुहिम अब पूरे देश में फैल चुकी है और अब जनता घोटालेबाजों को बख्शने के कतई मूड में नहीं है। इन्हें जेल में भेजकर ही जनता दम लेगी।
अन्ना ने देश के परिवर्तन के लिए विकास को अत्यंत जरूरी बताते हुए कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि विकास की गति बढ़ाने के साथ-साथ भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर कहीं भी बढ़ावा न मिले।
उन्होंने कहा कि गांव का विकास उपलब्ध संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करके किया जाना चाहिए। दोहन और शोषण से विकास का रास्ता सही नहीं है। अन्ना ने कहा कि अब केवल शब्दों से काम चलने वाला नहीं है। कथनी और करनी का अंतर पाटना होगा। उन्होंने कहा कि संसद में 163 दागी लोग बैठे हैं और भविष्य में ऐसे लोगों को संसद में नहीं पहुंचने से रोकने के लिए राइट टू रिजेक्ट कानून बहुत ही जरूरी है।
बाबा रामदेव के साथ अनशन को भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ एक मजबूती प्रदान करने वाली पहल करार देते हुए अन्ना ने कहा कि मैंने बाबा को अनशन में आने का वचन दिया था और मैं यहां इसीलिए आया हूं। उन्होंने कहा कि अगर मैं नहीं आता तो यह कहा जाता कि बाबा के साथ हमारे मतभेद हैं। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच कोई मतभेद नहीं है। उन दोनों के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश जरूर की जाती है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से सच्चाई का मार्ग अपनाने की अपील करते हुए कहा कि सच के रास्ते पर चलने से कठिनाई बहुत आती है। किंतु अंत में विजय सत्य की ही होती है।
अन्ना ने देश के युवकों को शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के बलिदान को याद रखने की नसीहत देते हुए कहा कि मरने का भय नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हृदय गति रुकने से मरने के बजाय देश की सेवा करते हुए मरना अच्छा है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर जागरूकता लाने के लिए देश के छह लाख गांवों में प्रत्येक में एक-एक नेता तैयार किये जाने की जरूरत है। जो अपने-अपने क्षेत्र से पूरे देश का मार्गदर्शन कर सकें। अन्ना ने कहा कि उनके और बाबा रामदेव के बीच कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने ये भी कहा है कि बाबा रामदेव का साथ मिलने से आंदोलन को मजबूती मिली है और अब दूसरों को झुकाएंगे। अन्ना की मानें तो अब आजादी की दूसरी लड़ाई का वक्त आ गया है।
