शहीद हेमराज के परिजनों ने अनशन तोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार को शहीद के परिवार से मिलने मथुरा पहुंचे। उन्होंने शहीद हेमराज की मां और पत्नी को जूस पिलाकर अनशन खत्म करवाया। शहीद हेमराज के भाई का कहना है कि उनकी भाभी अनशन तोड़ने के हक में नहीं थीं, लेकिन परिवार के मनाने पर उन्होंने अनशन तोड़ने का फैसला किया।
परिवार के कहने पर तोड़ा अनशन
शहीद हेमराज की पत्नी धर्मवती देवी अनशन तोड़ने के लिए तैयार नहीं थीं। जूस पीने के कुछ देर बाद उन्होने कहा था कि उनका अनशन भले ही टूट गया हो, लेकिन विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा, 'मैं तब तक अन्न ग्रहण नहीं करूंगी, जब तक सेना प्रमुख नहीं आ जाते।' मगर कुछ ही देर बाद में शहीद हेमराज के छोटे भाई ने बताया कि दिन भर आए नेताओं और परिवार के सदस्यों के मनाने पर उनकी भाभी ने अपनी जिद छोड़ दी।
यूपी सरकार करेगी परिवार की मदद
सरकार के रवैये से नाराज शहीद हेमराज के परिजन अनशन पर बैठ गए थे। मीडिया में खबरें आने के बाद आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार जागी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार को मथुरा पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ अनशन तुड़वाया, बल्कि शहीद के परिवार की हर संभव मदद करने का वादा किया। उन्होंने शहीद के परिवार को 25 लाख रुपये देने और दोनों भाइयों को नौकरी देने का ऐलान किया। इसके साथ ही उन्होंने शहीद के घर तक सड़क बनाने समेत दूसरी मांगों को पूरा करने का भी वादा किया।
बीजेपी को भी आई शहीद की याद
सोमवार को बीजेपी के बड़े नेता भी शहीद के गांव शेरगढ़ में पहुंचे। पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज एक हफ्ते बाद शहीद के परिवार से मिले और उनकी लड़ाई का समर्थन किया। बीजेपी नेताओं ने शहीद सैनिक के प्रति सरकारी नजरिए को संवेदनहीन बताते हुए कड़ी आलोचना की।