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LACCFED scam |
लखनऊ: केंद्र की बीआरजीएफ योजना के बजट से लैकफेड को दिए गए काम में बड़ा घोटाला नेता और अधिकारियों ने किया जिसकी जाँच पुलिस को-ऑपरेटिव सेल कर रही है| अभीतक ये घोटाला कुछ करोड़ का माना जा रहा था लेकिन ये भी तक़रीबन 200 करोड़ का घोटाला है| जाँच अधिकारी इस घोटाले की परत दर परत उधेड़ रहे हैं, जिनसे एक से बढ़ कर एक राज बाहर निकल रहे हैं| जाँच दल ने जब इस योजना से जुड़े अधिकारियों से पूछताछ की तो पता चला कि पूर्व निदेशक पैसा जारी न करने पर कई तरह से धमकाते थे। वहीं कुछ ने बताया की नियम विरुद्ध लिखित आदेश भी दिए जाते रहे थे। इस के बाद जाँच अधिकारी एसपी ए.पी गंगवार ने इस बारे में पत्र लिखकर पंचायती राज विभाग से वह लिखित आदेश भी मांगा है।
जाँच अधिकारियों ने इस पूछताछ सत्र में बहराइच जिले के पूर्व अपर मुख्य अधिकारी आलोक सिंह, सोनभद्र के जिला विकास अधिकारी अरविंद कुमार जैन, बीडीओ बी.राम और बभनी के बीडीओ प्रेमचंद पटेल से सवाल जवाब किये। आलोक सिंह ने खुलसा किया है कि पूर्वनिदेशक मीटिंग में और दौरे पर आने पर धमकाते थे की पैसा जारी करो नहीं तो ऐसी जगह भेज दिया जाएगा कि परेशान हो जाओगे।
इसके बाद जाँच एजेंसी ने जल्द ही पंचायती राज विभाग के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की भी जांच का निर्णय लिया है। पी. डब्लू. डी के टेक्नीकल ऑडिट सेल की भी सहायता जाँच एजेंसी लेगी। बीआरजीएफ योजना के बजट से यह काम 49 जिलों में किया गया था अब सभी जिलों में जांच कराई जाएगी।
वहीँ लैकफेड घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री चंद्रदेव राम यादव और रंगनाथ मिश्रा की अंतरिम जमानत 25 जनवरी तक बढ़ा दी गई। दोनों आरोपी पूर्व मंत्रियों ने प्रभारी जिला न्यायाधीश एसएन अग्निहोत्री के सामने आत्मसमर्पण करके अंतरिम जमानत बढ़ाए जाने की अर्जी दी। आरोपियों की नियमित जमानत पर सुनवाई भी अब 25 जनवरी को होगी।