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हमारे देश के प्रधानमंत्री देश के बड़े से बड़े मुद्दों पर बयान तो देते हैं लेकिन इसमे थोड़ा समय लग जाता है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सीमा पर दो भारतीय जवानों की बर्बरता से हत्या मामले में आखिरकार मंगलवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि इस तरह से पड़ोसी मुल्क से रिश्ते सामान्य नहीं हो पाएंगे.
प्रधानमंत्री ने 9 दिन बाद ही सही कड़े तेवर दिखाए और कहा, 'इस घटना के बाद पाकिस्तान के साथ रिश्ते सामान्य नहीं रह सकते हैं. मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान को इस बात का एहसास जरूर होगा.'
इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 27 अगस्त 2012 को कोलगेट स्कैम पर भी अपनी इस चुप्पी की सफाई दे चुके हैं, उस समय मनमोहन सिंह ने कहा था, 'हजारों जवाबों से अच्छी मेरी खामोशी है, ना जाने कितने सवालों की आबरू रखे.'
इसके अलावा हमारे प्रधानमंत्री जहां देश के दो जांबाज जवानों की नृशंस हत्या पर 9 दिन बाद बोले वहीं दिल्ली में हुए गैंगरेप पर उनका बयान घटना के 9 दिन बाद ही आया था.
एफडीआई मुद्दे पर मनमोहन सिंह ने अपनी चुप्पी 82 दिन बाद तोड़ी तो लोकपाल पर उन्होंने बयान देने में 6 महीने का समय लगा दिया था. देश के इन गंभीर मुद्दों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी जनता को लंबे समय से सालती आ रही है.
2जी घोटाले में और कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले पर अपनी चुप्पी तोड़ने में हमारे प्रधानमंत्री को पूरे एक साल लग गए थे.