दिल्ली में 16 दिसंबर को चलती बस में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना के मुख्य चश्मदीद यानी पीड़िता के मित्र ने दिल्ली पुलिस की ओर से दिए गए सुरक्षा मुहैया कराने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
हादसे के 13 दिन बाद मौत की शिकार हुई 23 वर्षीया फीजियोथेरेपिस्ट युवती के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मित्र के पिता ने सोमवार को आईएएनएस को गोरखपुर से फोन पर बताया कि दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर स्तर का एक अधिकारी मेरे बेटे के लिए सुरक्षा का प्रस्ताव लेकर आया लेकिन मेरे बेटे ने उसे यह कहकर लौटा दिया कि उसे इसकी जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि मेरा बेटा देश में हर जगह सुरक्षित है..लोग हमारे साथ हैं, इसलिए उसे पुलिस सुरक्षा की क्या जरूरत है। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने 28 वर्षीय युवक और उसके परिवार के सदस्यों को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित उसके घर पर पुलिस सुरक्षा की पेशकश दिल्ली के पुलिस आयुक्त नीरज कुमार के निर्देश पर की थी।
उल्लेखनीय है कि एक नाबालिग सहित पांच लोगों ने चलती बस में 23 वर्षीया युवती के साथ क्रूरतापूर्ण ढंग से सामूहिक दुष्कर्म किया था और पीड़िता तथा उसके मित्र को सड़क पर फेंक दिया था। सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं, जबकि नाबालिग आरोपी को किंग्सवे कैंप स्थित सुधार गृह में रखा गया है। आरोपियों को मृत्युदंड देने की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन जारी है।