बदलते भारत की अजब दास्तान
ठण्ड में आदमी बुत बना जा रहा है और
बुतों को कपड़े से ढकने का है फरमान
सही दिशा में जा रहा भारत निर्मान
जिनको न बैठने का सलीका है
और न खड़े होने का सऊर
ऐसों हांथों में दे दी देश की कमान
सही दिशा में जा रहा भारत निर्मान
आदमियत सस्ते दामो में बिक रही है
महंगा होता घर ग्रहस्ती का सामान
सही दिशा में जा रहा भारत निर्मान
बाज़ारों से करेंगे तरक्की, पेड़ पर लटका किसान
सही दिशा में जा रहा भारत निर्मान
हम कुछ कहें तो संसद की अवमानना
पर संसद रुपी मंदिर का उसी के पुजारी
आये दिन चाहे जितना करते रहें अपमान
वाह रे नेता और भारत का गजब निजाम
सही दिशा में जा रहा भारत निर्मान...
SHOW UNITY
Poem by: SOMESH KHARE
India is changing.. be a part
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बुतों को कपड़े से ढकने का है फरमान
सही दिशा में जा रहा भारत निर्मान
जिनको न बैठने का सलीका है
और न खड़े होने का सऊर
ऐसों हांथों में दे दी देश की कमान
सही दिशा में जा रहा भारत निर्मान
आदमियत सस्ते दामो में बिक रही है
महंगा होता घर ग्रहस्ती का सामान
सही दिशा में जा रहा भारत निर्मान
बाज़ारों से करेंगे तरक्की, पेड़ पर लटका किसान
सही दिशा में जा रहा भारत निर्मान
हम कुछ कहें तो संसद की अवमानना
पर संसद रुपी मंदिर का उसी के पुजारी
आये दिन चाहे जितना करते रहें अपमान
वाह रे नेता और भारत का गजब निजाम
सही दिशा में जा रहा भारत निर्मान...
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