नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश चुनावों में चौंकाने वाले नतीजे आते लग रहे हैं। अब तक के रुझान के मुताबिक समाजवादी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिल रहा है, वहीं कांग्रेस के गढ़ अमेठी में कांग्रेस प्रत्याशी अमिता सिंह की हार हुई है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों के रुझान मिल गए हैं। समाजवादी पार्टी 28 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है और 170 पर आगे चल रही है। इस तरह सपा को कुल 101 सीटों का फायदा हो रहा है। सत्ताधारी बसपा को 104 सीटों का भारी नुकसान होता दिख रहा है। पार्टी को 6 सीटों पर जीत और 96 सीटों पर बढ़त मिली है। भाजपा पांच सीटों के नुकसान के साथ 41 सीटों पर आगे है जबकि 5 पर जीत दर्ज कर चुकी है। कांग्रेस को अच्छा फायदा होता दिख रहा है। पार्टी दो सीटों पर जीत गई है और 43 पर आगे चल रही है।
पंजाब में अभी तक 117 में से 36 सीटों के नतीजे आए हैं जिनमें 14 पर कांग्रेस, 17 पर अकाली दल और 5 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। कुल सीटों में से अकाली भाजपा गठबंधन 65, कांग्रेस 49 और अन्य दल तीन सीटें जीतते दिख रहे हैं। पंजाब में करीब पिछले पांच दशकों से कोई भी सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आ पाई है, लेकिन इस बार इतिहास दोहराए जाने के संकेत हैं। यह देख सत्ताधारी अकाली गठबंधन के कार्यकर्ताओं में काफी जोश आ गया है और वे अभी से जश्न मनाने लगे हैं।
उत्तराखंड की सभी 70 सीटों के रुझान आ गए हैं। भाजपा 30, कांग्रेस 29, बसपा ने 5 और अन्य दलों ने 6 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। राज्य में अभी एक ही सीट का नतीजा आया है जो भाजपा के खाते में गई है। अब एक बार फिरउत्तराखंड की सत्ता भाजपा के हाथों में जाती दिख रही है लेकिन टक्कर अभी कांटे की है। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि उनकी पार्टी उत्तराखंड की सत्ता में वापसी करने जा रही है।
गोवा में अभी 16 सीटों के रुझान आए हैं जिनमें तीन पर कांग्रेस और 9 पर भाजपा ने बढ़त बनाई है। वहीं मणिपुर में 60 में से 30 सीटों के रुझान आए हैं जिनमें 21 पर कांग्रेस आगे है। चुनावों का पहला नतीजा भी मणिपुर से आया है। यहां तिपईमुखा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ने तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी को एक हजार वोटों से हराया है।
उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा चौंकाने वाले रुझान रायबरेली से आ रहे हैं। यहां सभी पांच सीटों पर कांग्रेस पीछे चल रही है। कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी भी पीछे चल रही हैं।
कांग्रेस और भाजपा ने अपने संभावित बेहतर पक्ष और कमजोर कड़ी को ध्यान में रखकर आगे की तैयारियों पर होमवर्क किया है। दोनों पांच राज्यों के चुनाव परिणामों को लेकर सतर्क हैं। पंजाब, उत्तराखंड दोनों दलों की उम्मीदों के लिहाज से अहम राज्य है। जहां तक बात यूपी की है, दोनों दलों को तीसरे नंबर पर रहने में अपनी जीत नजर आ रही है।
वहीं यूपी की सियासत के अहम किरदार माने जा रहे सपा और बसपा के नेता लखनऊ में ईवीएम मशीन खुलने के बाद मुखर होकर अपनी जुबां खोल रहे हैं। सपा कार्यकर्ता जश्न मनाने लगे हैं और नेता कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री निवास में मुलायम सिंह यादव का प्रवेश अब कुछ ही दिनों की बात है। मायावती के खेमे में सन्नाटा है। उन्हें हर बार की तरह इस बार भी एक्जिट पोल के आंकड़ों में उलट पुलट होने की पूरी आस थी।
नतीजों के बाद बजट सत्र में नए सियासी समीकरण बनने की उम्मीद जाहिर की जा रही है। अगर भाजपा बढ़त बना पाती है तो उसके संसद में विपक्षी कुनबा ज्यादा मजबूत होगा। नए फ्रंट बन सकते हैं। कांग्रेस बढ़त में रही तो यूपीए का कुनबा मजबूत होगा। कांग्रेस और सपा नजदीक आए तो कांग्रेस की ममता पर निर्भरता कम होगी।
राष्ट्रपति चुनाव और राज्यसभा चुनाव पर असर
राष्ट्रपति चुनाव और राज्यसभा चुनाव के लिहाज से भी पांच राज्यों के नतीजे राजनीतिक दलों के लिए अहम हैं। यूपीए अपने पसंद के व्यक्ति को रायसीना हिल पर भेजने के लिए और राज्यसभा में अंकगणित सुधारने के लिए नतीजों पर काफी हद तक निर्भर है।
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उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों के रुझान मिल गए हैं। समाजवादी पार्टी 28 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है और 170 पर आगे चल रही है। इस तरह सपा को कुल 101 सीटों का फायदा हो रहा है। सत्ताधारी बसपा को 104 सीटों का भारी नुकसान होता दिख रहा है। पार्टी को 6 सीटों पर जीत और 96 सीटों पर बढ़त मिली है। भाजपा पांच सीटों के नुकसान के साथ 41 सीटों पर आगे है जबकि 5 पर जीत दर्ज कर चुकी है। कांग्रेस को अच्छा फायदा होता दिख रहा है। पार्टी दो सीटों पर जीत गई है और 43 पर आगे चल रही है।
पंजाब में अभी तक 117 में से 36 सीटों के नतीजे आए हैं जिनमें 14 पर कांग्रेस, 17 पर अकाली दल और 5 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। कुल सीटों में से अकाली भाजपा गठबंधन 65, कांग्रेस 49 और अन्य दल तीन सीटें जीतते दिख रहे हैं। पंजाब में करीब पिछले पांच दशकों से कोई भी सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आ पाई है, लेकिन इस बार इतिहास दोहराए जाने के संकेत हैं। यह देख सत्ताधारी अकाली गठबंधन के कार्यकर्ताओं में काफी जोश आ गया है और वे अभी से जश्न मनाने लगे हैं।
उत्तराखंड की सभी 70 सीटों के रुझान आ गए हैं। भाजपा 30, कांग्रेस 29, बसपा ने 5 और अन्य दलों ने 6 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। राज्य में अभी एक ही सीट का नतीजा आया है जो भाजपा के खाते में गई है। अब एक बार फिरउत्तराखंड की सत्ता भाजपा के हाथों में जाती दिख रही है लेकिन टक्कर अभी कांटे की है। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि उनकी पार्टी उत्तराखंड की सत्ता में वापसी करने जा रही है।
गोवा में अभी 16 सीटों के रुझान आए हैं जिनमें तीन पर कांग्रेस और 9 पर भाजपा ने बढ़त बनाई है। वहीं मणिपुर में 60 में से 30 सीटों के रुझान आए हैं जिनमें 21 पर कांग्रेस आगे है। चुनावों का पहला नतीजा भी मणिपुर से आया है। यहां तिपईमुखा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ने तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी को एक हजार वोटों से हराया है।
उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा चौंकाने वाले रुझान रायबरेली से आ रहे हैं। यहां सभी पांच सीटों पर कांग्रेस पीछे चल रही है। कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी भी पीछे चल रही हैं।
कांग्रेस और भाजपा ने अपने संभावित बेहतर पक्ष और कमजोर कड़ी को ध्यान में रखकर आगे की तैयारियों पर होमवर्क किया है। दोनों पांच राज्यों के चुनाव परिणामों को लेकर सतर्क हैं। पंजाब, उत्तराखंड दोनों दलों की उम्मीदों के लिहाज से अहम राज्य है। जहां तक बात यूपी की है, दोनों दलों को तीसरे नंबर पर रहने में अपनी जीत नजर आ रही है।
वहीं यूपी की सियासत के अहम किरदार माने जा रहे सपा और बसपा के नेता लखनऊ में ईवीएम मशीन खुलने के बाद मुखर होकर अपनी जुबां खोल रहे हैं। सपा कार्यकर्ता जश्न मनाने लगे हैं और नेता कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री निवास में मुलायम सिंह यादव का प्रवेश अब कुछ ही दिनों की बात है। मायावती के खेमे में सन्नाटा है। उन्हें हर बार की तरह इस बार भी एक्जिट पोल के आंकड़ों में उलट पुलट होने की पूरी आस थी।
नतीजों के बाद बजट सत्र में नए सियासी समीकरण बनने की उम्मीद जाहिर की जा रही है। अगर भाजपा बढ़त बना पाती है तो उसके संसद में विपक्षी कुनबा ज्यादा मजबूत होगा। नए फ्रंट बन सकते हैं। कांग्रेस बढ़त में रही तो यूपीए का कुनबा मजबूत होगा। कांग्रेस और सपा नजदीक आए तो कांग्रेस की ममता पर निर्भरता कम होगी।
राष्ट्रपति चुनाव और राज्यसभा चुनाव पर असर
राष्ट्रपति चुनाव और राज्यसभा चुनाव के लिहाज से भी पांच राज्यों के नतीजे राजनीतिक दलों के लिए अहम हैं। यूपीए अपने पसंद के व्यक्ति को रायसीना हिल पर भेजने के लिए और राज्यसभा में अंकगणित सुधारने के लिए नतीजों पर काफी हद तक निर्भर है।
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