![]() |
Govt allows FDI in aviation, multi-brand retail |
सरकार ने मल्टीब्रैंड रिटेल सेक्टर, एविएशन सेक्टर और पावर एक्सचेंज में एफडीआई का रास्ता साफ कर दिया है।
कैबिनेट ने मल्टीब्रैंड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी है। सरकार का कहना है कि एफडीआई को लागू करना या ना करना राज्य सरकारों पर निर्भर करेगा।
आनंद शर्मा का कहना है कि जो राज्य कृषि पर ज्यादा निर्भर हैं, वो एफडीआई के पक्ष में हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल जैसे राज्य एफडीआई का विरोध कर रहे हैं।
मल्टीब्रैंड रिटेल एफडीआई नियमों के तहत 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में ही स्टोर शुरू करने की इजाजत होगी। कंपनियों को निवेश का 50 फीसदी हिस्सा बैक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर
में लगाना जरूरी होगा।
मल्टीब्रैंड रिटेल में आने वाली विदेशी कंपनियों को कम से कम 10 करोड़ डॉलर पूंजी लगानी होगी, जिसमें से 50 फीसदी हिस्सा ग्रामीण इलाकों में निवेश किया जाएगा।
मल्टीब्रैंड रिटेल में एफडीआई को मंजूरी मिलने से पैंटालून रिटेल, ट्रेंट, शॉपर्स स्टॉप जैसी कंपनियों को फायदा होगा। फिक्की का कहना है कि इस फैसले के लिए 3 साल से इंतजार किया जा रहा था और उम्मीद है कि आगे कोई अड़चने नहीं आएंगी।
अब घरेलू एयरलाइंस में विदेशी एविएशन कंपनियां 49 फीसदी हिस्सा खरीद पाएंगी। एविएशन कंपनियों के दो तिहाई बोर्ड मेंबर भारतीय होने चाहिए। एविएशन एफडीआई के नियम विमानन मंत्रालय बनाएगा।
वहीं, पावर एक्सचेंज में 49 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी है। इसके अलावा ब्रॉडकास्ट सर्विसेज में एफडीआई की सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी की गई है।
ब्रॉडकास्ट कैरिजेस में 49 फीसदी एफडीआई को मंजूरी ऑटोमैटिक रूट के तहत दी जाएगी। 49 फीसदी से ज्यादा एफडीआई के लिए सरकार से मंजूरी लेना जरूरी होगी।
सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी के मुताबिक कैबिनेट मे प्रसार भारती की फाइनेंशियल रीस्ट्रक्चरिंग को मंजूरी दी है। सरकार प्रसार भारती को वित्तीय सहायता करेगी।
सरकार के इस फैसले का सहयोगी पार्टियों और विपक्ष ने जोरदार विरोध करना शुरू कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने डीजल कीमतों में बढ़ोतरी और एफडीआई के फैसलो को वापस लेने के लिए सरकार को 3 दिन का वक्त दिया है।