अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए नई टीम बनाने का संकेत दिया है। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के लिए अपनी रणनीति बदलने का भी ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि देश में परिवर्तन लाने के लिए राजनीति का रास्ता सही नहीं है, इसके लिए देश भर में आंदोलन करना होगा। अरविंद केजरीवाल से अलग होने के बाद रविवार को पहली बार दिल्ली पहुंचे अन्ना हजारे ने कहा कि देश में एक बड़े आंदोलन की जरूरत है। अन्ना दो दिन दिल्ली में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर, रिटायर्ड आईएस, आईपीएस अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
पुणे से दिल्ली रवाना होने से पहले अन्ना ने कहा कि वो लोकपाल के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हजारे ने अपने ब्लॉग पर अलगाव के लिए केजरीवाल के नेतृत्व वाले पार्टी समर्थक समूह पर आरोप लगाया था जिसके बाद उनकी बैठक हो रही है। सूत्रों ने कहा कि बैठक में कार्यकर्ता मेधा पाटेकर, डॉ. सुनीलम एवं अन्य हिस्सा ले सकते हैं। हजारे ने शनिवार को अपने ब्लॉग में कहा था 'राजनीति ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को बांट' दिया और पार्टी समर्थक समूह उनकी इच्छा के खिलाफ गए।
शनिवार को पुणे में अन्ना ने आगे से अनशन न करने की रणनीति का जिक्र करते हुए कहा कि अब वह आंदोलन करेंगे। साथ ही कहा कि वह संसद में अच्छे लोगों को भेजने के लिए काम करते रहेंगे। उन्होंने देश के युवाओं में विश्वास व्यक्त करते हुए उनसे देश के भविष्य के प्रति निराशावादी न होने की अपील की। उनके मुताबिक देशभर से तमाम लोग उनसे संपर्क कर रहे हैं। इनमें कई राज्यों के सेवानिवृत पुलिस महानिदेशक, आइएएस अधिकारी और सेना के पूर्व ब्रिगेडियर इत्यादि शामिल हैं।