महाराष्ट्र के सिंचाई घोटाले से एनसीपी और कांग्रेस के रिश्ते दांव पर लगे हैं लेकिन इस घोटाले के छींटों से बीजेपी का दामन भी अछूता नहीं रहा। जब सूरजकुंड में पार्टी यूपीए सरकार पर हमले के मंसूबे बांध रही है। उसी वक्त आरटीआईआई एक्टिविस्ट अंजली दमानिया ने ये खुलासा कर चौंका दिया कि सिंचाई घोटाले का सच सामने आने के बाद वो बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी से भी मिली थीं।
अंजली दमानिया का दावा है कि सिंचाई घोटाले का खुलासा उनकी जद्दोजहद का नतीजा है और उनका कहना है कि अजित पवार का नाम सामने आने के बाद उन्होंने गडकरी से मदद मांगी। उन्होंने इस मामले को जनहित में आगे बढ़ाने की अपील की लेकिन गडकरी ने न सिर्फ इनकार कर दिया बल्कि अपनी पार्टी के नेता किरीट सोमैया को भी रोक दिया।
अंजली के मुताबिक गडकरी ने कहा कि मेरे पवार परिवार के साथ करीबी संबध हैं। किरीट सनकी है वो नहीं जानता कि वो क्या कर रहा है। उन्होंने सोमैया को पीआईएल दाखिल करने से ये कह कर रोक दिया कि यह एक्टिविस्ट का काम है। बतौर पार्टी मेंबर हमें ये मामला सदन में या फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाना चाहिए। गडकरी ने ये भी संकेत दिया कि राजनीति में एनसीपी के साथ गठबंधन की भी नौबत आ सकती है। गडकरी के जवाब से मैं इतनी निराश हुई कि मैनें उन्हें एक लंबा टेक्स्ट मैसेज भी उनके व्यक्तिगत नंबर पर भेजा।
अजंली ने ये भी खुलासा किया इस घोटाले को दबाने के लिए गडकरी पर भय्यू जी महाराज ने भी दबाव बनाया था। ये वही भय्यू जी महाराज हैं जो अन्ना के आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे। अगस्त 2011 में जब अन्ना रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे थे तो भय्यू जी महाराज को बाकायदा महाराष्ट्र से दिल्ली लाया गया था। चर्चा थी कि सरकार अनशन खत्म कराने में बाकायदा उनकी मदद ले रही है।
अंजली का आरोप है कि उनकी मुलाकात से ठीक एक दिन पहले भय्यू जी महाराज ने गडकरी से मुलाकात की। भय्यू जी ने कहा कि इस मामले को बतौर विपक्ष बीजेपी तूल न दे। हालांकि चौंकाने वाली बात ये है कि अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंजली सीधे सीधे गडकरी का नाम लेने से बचती रहीं।
लेकिन अंजली के इस इकरार भरे इनकार ने संदेह बढ़ा दिया। उधर, जब पत्रकारों ने सूरजकुंड में गडकरी से ये सवाल पूछा तो वो इस बात से ही इनकार कर गए कि कभी अंजली से उनकी कोई मुलाकात हुई है। गडकरी के इस इनकार के बाद अंजली खुल कर सामने आ गईं।
अंजली के मुताबिक गडकरी से उनकी मुलाकात 14 अगस्त को दस बजे वर्ली स्थित गडकरी के घर पर हुई। इस सिलसिले में अब तक उनकी तीन मुलाकातें हुईं जिनमें दिल्ली में हुई एक मुलाकात भी शामिल है लेकिन अंजली के इस दावे का बीजेपी के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने खंडन किया है।
जाहिर है अंजली दमानिया का ये खुलासा बीजेपी के गुब्बारे की हवा निकालने वाला है। एक तरफ पार्टी टेलीकॉम घोटाले से लेकर कोयला आवंटन तक पर हंगामा खड़ा किए हुए है। सूरजकुंड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में यूपीए सरकार को हिलाने के मंसूबे बांधे जा रहे हैं। ठीक उसी वक्त पार्टी अध्यक्ष को लेकर ये खुलासा बीजेपी की मुश्किल बढ़ाने वाला है।
अंजली दमानिया का दावा है कि सिंचाई घोटाले का खुलासा उनकी जद्दोजहद का नतीजा है और उनका कहना है कि अजित पवार का नाम सामने आने के बाद उन्होंने गडकरी से मदद मांगी। उन्होंने इस मामले को जनहित में आगे बढ़ाने की अपील की लेकिन गडकरी ने न सिर्फ इनकार कर दिया बल्कि अपनी पार्टी के नेता किरीट सोमैया को भी रोक दिया।
अंजली के मुताबिक गडकरी ने कहा कि मेरे पवार परिवार के साथ करीबी संबध हैं। किरीट सनकी है वो नहीं जानता कि वो क्या कर रहा है। उन्होंने सोमैया को पीआईएल दाखिल करने से ये कह कर रोक दिया कि यह एक्टिविस्ट का काम है। बतौर पार्टी मेंबर हमें ये मामला सदन में या फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाना चाहिए। गडकरी ने ये भी संकेत दिया कि राजनीति में एनसीपी के साथ गठबंधन की भी नौबत आ सकती है। गडकरी के जवाब से मैं इतनी निराश हुई कि मैनें उन्हें एक लंबा टेक्स्ट मैसेज भी उनके व्यक्तिगत नंबर पर भेजा।
अजंली ने ये भी खुलासा किया इस घोटाले को दबाने के लिए गडकरी पर भय्यू जी महाराज ने भी दबाव बनाया था। ये वही भय्यू जी महाराज हैं जो अन्ना के आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे। अगस्त 2011 में जब अन्ना रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे थे तो भय्यू जी महाराज को बाकायदा महाराष्ट्र से दिल्ली लाया गया था। चर्चा थी कि सरकार अनशन खत्म कराने में बाकायदा उनकी मदद ले रही है।
अंजली का आरोप है कि उनकी मुलाकात से ठीक एक दिन पहले भय्यू जी महाराज ने गडकरी से मुलाकात की। भय्यू जी ने कहा कि इस मामले को बतौर विपक्ष बीजेपी तूल न दे। हालांकि चौंकाने वाली बात ये है कि अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंजली सीधे सीधे गडकरी का नाम लेने से बचती रहीं।
लेकिन अंजली के इस इकरार भरे इनकार ने संदेह बढ़ा दिया। उधर, जब पत्रकारों ने सूरजकुंड में गडकरी से ये सवाल पूछा तो वो इस बात से ही इनकार कर गए कि कभी अंजली से उनकी कोई मुलाकात हुई है। गडकरी के इस इनकार के बाद अंजली खुल कर सामने आ गईं।
अंजली के मुताबिक गडकरी से उनकी मुलाकात 14 अगस्त को दस बजे वर्ली स्थित गडकरी के घर पर हुई। इस सिलसिले में अब तक उनकी तीन मुलाकातें हुईं जिनमें दिल्ली में हुई एक मुलाकात भी शामिल है लेकिन अंजली के इस दावे का बीजेपी के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने खंडन किया है।
जाहिर है अंजली दमानिया का ये खुलासा बीजेपी के गुब्बारे की हवा निकालने वाला है। एक तरफ पार्टी टेलीकॉम घोटाले से लेकर कोयला आवंटन तक पर हंगामा खड़ा किए हुए है। सूरजकुंड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में यूपीए सरकार को हिलाने के मंसूबे बांधे जा रहे हैं। ठीक उसी वक्त पार्टी अध्यक्ष को लेकर ये खुलासा बीजेपी की मुश्किल बढ़ाने वाला है।