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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मानसून सत्र के दौरान संसद में विपक्ष के असहयोगात्मक रुख की कड़ी आलोचना की है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा है कि कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ी कैग रिपोर्ट पर संसद में चर्चा होनी चाहिए थी। विपक्ष के हंगामे के कारण मानसून सत्र बेकार चला गया। अगर ऐसा ही जारी रहा तो यह लोकतंत्र के लिए घातक होगा।
प्रधानमंत्री ने सवाल उठाया कि आखिर हम किस दिशा की ओर बढ़ रहे हैं? क्या यह लोकतंत्र के लिए सही रास्ता है? सरकार कैग और संसद का सम्मान करती है। कैग रिपोर्ट पर लोक लेखा समिति और संसद में चर्चा होनी चाहिए थी। साथ ही संसद में आर्थिक दिक्कतों पर भी चर्चा होनी चाहिए थी।
उल्लेखनीय है कि कोयला घोटाले को लेकर विपक्ष के हंगामे की वजह से लगातार 13वें दिन सदन में कोई कामकाज नहीं हो पाया। लगातार हंगामे होने की वजह से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। यहां तक कि राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने दुखी मन से कहा कि यह सत्र काम नहीं करने के लिए याद किया जाएगा।