महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व आईपीएस अधिकारी वाईपी सिंह ने लवासा प्रोजेक्ट मामले में कद्दावर नेता शरद पवार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। सिंह ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के लवासा प्रोजेक्ट में शरद पवार द्वारा बेटी सुप्रिया सुले को फायदा पहुंचाया गया।
वाईपी सिंह ने गुरुवार को अरविंद केजरीवाल पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने महाराष्ट्र सिंचाई घोटाले में हासिल जानकारी में से काफी बातें जनता से छिपाईं, ताकि व्यक्ति विशेष को निशाना बनाने के अपने लक्ष्य को हासिल कर सकें।
सिंह ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने जांच उनके साथ मिलकर ही की थी, परंतु जो तथ्य इनकी जानकारी में आए थे, केजरीवाल उन्हें मीडिया के सामने नहीं लाए। जिस घोटाले की जानकारी दी गई, उससे भी कहीं बड़ा सिंचाई घोटाला छिपा लिया गया।
सिंह ने कहा कि अब यह मेरा कर्तव्य था कि चूंकि एक बहुत बड़े नेता को बचाने की कोशिश की जा रही है, तो मैं मीडिया को असलियत बता दूं। केजरीवाल भी ऐसा कर सकते थे और उनके पास सारी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
सिंह ने दावा किया, भले ही मेरा विश्वास न कीजिए, परंतु जो सबूत मैं आपके सामने रख रहा हूं, उनकी जांच कीजिए। शरद पवार बहुत बड़ी राजनीतिक शख्सियत हैं और जांच के बाद आप तय करें कि क्या उन्हें केंद्र में मंत्री बने रहने का अधिकार है या नहीं।
पूर्व आईपीएस अधिकारी वाईपी सिंह और उनकी सहयोगी आभा ने लवासा प्रोजेक्ट पर खुलासा करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल को इस संबंध में 80 प्रतिशत तथ्य की जानकारी थी लेकिन उन्होंने इस संबंध में तथ्यहीन बातें कही।
वाईपी सिंह ने कहा कि सब जानकर भी शरद पवार पर केजरीवाल ने पूरा खुलासा नहीं किया। मैं केजरीवाल पर इस पर दोष नहीं देना चाहूंगा, लेकिन इस केस को गडकरी के खिलाफ इस्तेमाल करके एक बड़ा केस दबा लिया। हम केजरीवाल जैसे नहीं है कि आरोप लगाकर चुप बैठ जाएंगे। नितिन गडकरी पर लगाए गए आरोप के संदर्भ में वाईपी सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अपने आरोपों में कोई तथ्य नहीं बताए।
वाईपी सिंह ने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा कृष्णा वैली के लिए ली गई 348 एकड़ जमीन शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने लेक सिटी कॉर्पोरेशन को 30 साल की लीज पर 23 हजार रुपए प्रति महीने पर बेच दी। यह उन्होंने लेक सिटी कॉर्पोरेशन को बेची जिसमें शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और उनेक दामाद सदानंद सुले के शेयर थे।
दोनों ने लवासा कॉर्पोरेशन नामक कंपनी बनाई और फिर एक्सिस बैंक ने 250 करोड़ रुपए लगाकर लवासा प्रोजेक्ट शुरू किया। बाद में 2008 में एक्सिस बैंक ने 10 हजार करोड़ की कीमत लगाई।
2006 में सुप्रिया सुले और सदानंद सुले ने अपने 10 प्रतिशत शेयर बेच दिए। यह शेयर पांच हजार करोड़ रुपए के थे जबकि 2009 में सुप्रिया सुले ने संसद में प्रस्तुत अपने हलफनामे में अपने द्वारा अर्जित सम्पत्ति 15 करोड़ रुपए ही घोषित की।
शरद पवार ने आरोपों को नकारा : शरद पवार ने सिंह के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि मैंने किसी भी तरह नियमों का उल्लंघन नहीं किया है। इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार द्वारा जमीन आवंटित की गई है। यह मामला अभी अदालत में चल रहा है, इसलिए मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कह सकूंगा।
पवार ने कहा कि हमने एक ऐसा हिल स्टेशन बनाने का प्रयास किया है, जो दुनिया में शुमार हो। यहां पर कई लोग आते हैं। यहां तक कि अरुण शौरी जैसे पत्रकार भी आकर रहते हैं। कोई भी जाकर वहां देख सकता है कि किसी तरह नियमों की अनदेखी नहीं की गई है और वहां कोई गलत तरीके से काम नहीं किया गया है।