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अरविंद केजरीवाल ने जांच को लीपापोती बताते हुए कहा कि सरकार गडकरी को भी बचाने का प्रयास कर रही है। वाड्रा और गडकरी को अपने व्यापार का ब्योरा देना चाहिए।
गुड़गांव, फरीदाबाद, पलवल और मेवात जिलों के डीसी की ओर से जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि इन जिलों में खरीदी गई जमीनों में वाड्रा ने स्टाम्प ड्यूटी की भुगतान किया है।
जांच में पता चला है कि वाड्रा ने 2005 के बाद हरियाणा के इन चार जिलों में 200 एकड़ जमीन खीदी थी। उन्होंने पलवल में 74, फरीदाबाद में 52, गुड़गांव में 47 और मेवात में 27 एकड़ जमीन खरीदी थी।
सूत्रों के मुताबिक डीसी ने अपनी रिपोर्ट में वाड्रा की कंपनियों द्वारा तयशुदा से ज्यादा स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान की बात तो कही है, लेकिन वाड्रा ने अधिक स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान क्यों किया। इसकी वजह चारों जिलों के डीसी की रिपोर्ट में नहीं बताई गई है। जांच के बाद चार डिप्टी कमिश्नर के पैनल में वाड्रा को पूरी तरह से क्लीन चिट दी है।
बीते 12 अक्टूबर को आईएएस अफसर अशोक खेमका के आदेश के बाद चार डिप्टी कमिश्नरों को मामले की जांच सौंपी गई थी। आदेश के तुरंत बाद ही खेमका का तबादला कर दिया गया था जिस पर काफी हंगामा भी मचा था।