happy dussehra |
कानपुर: 'आतंक' व 'भ्रष्टाचार' के प्रतीक रावण के पुतले 150 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक में बाजार में उपलब्ध हैं। जीटी रोड पर गोल चौराहा के पास पुतलों के खरीदारों की भीड़ भी लगने लगी है।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना हजारे, बाबा रामदेव और कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों द्वारा मुहिम चलायी जा रही है। भ्रष्टाचार का दायरा भी बढ़ता जा रहा है और आतंक का रावण भी फन फैलाये हुए है। ऐसे में आतंक और भ्रष्टाचार के रावण का दहन कराने को कारीगर भी पीछे नहीं हैं। उन्होंने एक फीट से लेकर 20 फीट तक के पुतले बनाये हैं। इसके साथ ही कुंभकरण और मेघनाद के पुतले भी बनाये गये हैं। इन पुतलों पर स्लोगन भी लिखे गये हैं। किसी पुतले पर लिखा है कि 'भ्रष्टाचार के रावण का दहन करें' तो किसी पर 'भ्रष्टाचार मिटाने को रावण का पुतला जलायें'। ऐसे पुतलों की मांग भी बहुत है। पुतला बनाने वाले रईस अहमद और रमेश ने बताया कि आज भ्रष्टाचार के घुन ने देश को खोखला कर दिया है। कोई भी काम बिना घूस दिये नहीं होता है। भ्रष्टाचार की तरह ही आतंक का दानव भी लोगों को डरा रहा है। यही सोचकर इस तरह के पुतले बनाये हैं।
पुतलों का कद छोटा, कीमत बढ़ी
महंगाई के दौर में पुतलों की कीमत बढ़ी है और कद छोटा हुआ है। इस बार एक फीट का पुतला भी है। गोल चौराहा के पास पूर्व के वर्षो में 25 से 30 फीट तक के पुतले बनते थे, लेकिन इस बार बीस फीट तक के ही पुतले बने हैं और उनकी कीमत पांच हजार रुपये तक है।
छोटे पुतलों का आकार देते बच्चे
गोल चौराहा पर छोटे पुतलों को आकार देने का कार्य 10 से 13 साल तक के बच्चे करते हैं। यहां नीलू, आशीष और रहमान ने तो दो से पांच फीट तक के दशानन बनाये हैं। उनका कहना है कि बिक्री नहीं होने पर पुतले को मुफ्त में ही बांट देंगे।
इस कीमत में बिक रहे पुतले
कद कीमत (रुपये में)
दो फीट 100- 150
तीन फीट 200- 250
पांच फीट 300- 400
आठ फीट 900 - 950
10 फीट 1000- 1200
20 फीट 5000