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चंडीगढ़। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच गुड़गांव में जमीन को लेकर हुए करार को रद्द करने वाले हरियाण के वरिष्ठ अधिकारी अशोक खेमका को अज्ञात लोगों की ओर से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। यह दावा खेमका के करीबी मित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम गुप्ता ने किया है। गुप्ता ने मंगलवार को बातचीत में कहा कि खेमका ने मुझे बताया कि उन्हें कुछ फोन आए हैं, जिनमें फोन करने वाले की ओर से कहा गया है कि अपनी गतिविधियों पर रोक लगा दो नहीं तो खत्म कर दिए जाओगे।
गुप्ता ने कहा कि धमकी देने वालों ने यह भी कहा है कि उन्होंने उन्हें (खेमका) मारने के लिए सुपारी दे रखी है। हरियाणा सरकार ने 11 अक्टूबर को लैंड कंसोलिडेशन एंड लैंड रिकॉर्डस-कम-इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन के महानिदेशक अशोक खेमका के स्थानांतरण का आदेश दिया था। वह 15 अक्टूबर तक कार्यालय में थे और उन्होंने उसी दिन वाड्रा व डीएलएफ के बीच सौदा रद्द करने का आदेश दिया।
खेमका ने आठ अक्टूबर को वाड्रा की कम्पनियों द्वारा दिल्ली से सटे हरियाणा के चार जिलों में किए गए भूमि सौदों की जांच करने के आदेश दिए थे। तीन दिन बाद 11 अक्टूबर को राज्य में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने उनका तबादला हरियाणा सीड्स डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन के प्रबंध अधिकारी के रूप में कर दिया था, जो कनिष्ठ एवं दरकिनार की गई तैनाती समझी जाती है।
खेमका ने 12 अक्टूबर को दिल्ली से सटे गुड़गांव, मेवात, फरीदाबाद और पलवल के उपायुक्तों को वाड्रा तथा उनकी कम्पनियों के वर्ष 2005 से अब तक के सौदों की जांच कर 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। आदेश में खेमका ने कहा है कि सौदे इसलिए रद्द किए जा रहे हैं, क्योंकि जिस अधिकारी को इसके लिए अधिकृत किया गया है, उसके पास कंसोलिडेशन अधिनियम के तहत ऐसा करने का अधिकार नहीं है।