अपने पूर्व सहयोगी अरविंद केजरीवाल के समर्थन में आगे आए गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हज़ारे ने कहा है कि अगर अरविंद केजरीवाल कपिल सिब्बल के खिलाफ़ चुनाव मैदान में उतरते हैं तो वे उनका साथ देंगे.
इस मौके पर अन्ना ने राजनीतिक पार्टी बनाने का सुझाव देने की बात से भी इनकार किया.
अन्ना हज़ारे का ये बयान सोमवार को दिल्ली में उनके पूर्व सहयोगी और इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ हुई मुलाकात के बाद आया है.
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले अन्ना हज़ारे और अरविंद केजरीवाल अलग-अलग रास्ते पर चल निकले थे.
दोनों के बीच ये अलगाव अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक पार्टी बनाने के फैसले के बाद आया था.
अरविंद केजरीवाल दो अक्तूबर को दिल्ली में अपनी राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा करने वाले हैं.
मतभेद से इंकार
इस मुलाकात के दौरान अरविंद केजरीवाल और अन्ना हज़ारे दोनों ने ही एक-दूसरे के साथ किसी भी तरह के मतभेद से इनकार किया है.
अन्ना हज़ारे के अनुसार, ''मैंने कभी ये नहीं कहा था कि अरविंद गलत हैं. अगर वे चुनाव लड़ते हैं तो मैं उनका साथ दूंगा. वे समाज के लिए काम कर रहे हैं लेकिन मैं उनके द्वारा चुने गए हर उम्मीदवार का समर्थन नहीं करुंगा क्योंकि मैं उन्हें नहीं जानता.''
"अगर अरविंद चांदनी चौक के सांसद कपिल सिब्बल के खिलाफ़ चुनाव मैदान में उतरते हैं तो मैं उनके लिए प्रचार करुंगा. सिब्बल लोकपाल बिल के खिलाफ़ थे, वे ये भी नहीं चाहते थे कि हम संयुक्त समिति में भाग लें."
अन्ना हज़ारे, समाजसेवी
अन्ना ने आगे कहा, '' अगर अरविंद चांदनी चौक के सांसद कपिल सिब्बल के खिलाफ़ चुनाव मैदान में उतरते हैं तो मैं उनके लिए प्रचार करुंगा. सिब्बल लोकपाल बिल के खिलाफ़ थे, वे ये भी नहीं चाहते थे कि हम संयुक्त समिति में भाग लें.''
अन्ना से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''हमारे बीच कोई लड़ाई नहीं चल रही है बल्कि एक रिश्ता है. अन्ना ने खुद कहा है कि हमारे लक्ष्य एक हैं सिर्फ रास्ते अलग. हमने उनसे कहा है कि उन्हें जब भी हमारी ज़रुरत होगी हम उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहेंगे. उन्होंने हमसे कहा कि मीडिया ऐसा दिखाना चाह रही है जैसे हम दोनों के बीच कोई लड़ाई है.''
हालांकि अन्ना हजा़रे ने बाद में केजरीवाल के इन दावों को नकार दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वे ईमानदारी से काम करेंगे तो अन्ना दोबारा उनसे जुड़ जाएंगे.