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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

पार्टी बनाने की बात से अन्ना हजारे अब भी असहमत




अन्ना हजारे ने अपने भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम की दिशा राजनीति की ओर मुड़ने से असहमति होने का संकेत देते हुए शुक्रवार को कहा कि राजनीति से बदलाव नहीं आएगा और जनता काफी हद तक मानती है कि पार्टी बनाने की या चुनाव लड़ने की जरूरत नहीं है.
हजारे ने अपने उन समर्थकों से यह बात कही जिन्होंने उनके गांव रालेगण सिद्धी में जाकर उन्हें अपनी गत रविवार को हुई बैठक के बारे में जानकारी दी जिसमें तय हुआ था कि हजारे से एक नये आंदोलन के लिए नेतृत्व करने का अनुरोध किया जाएगा.

हजारे के करीबी सहयोगी सुरेश पठारे ने कहा कि राजनीतिक दल बनाने के विरोधी शिवेंद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने हजारे से मिलकर अपनी बात रखी. हजारे ने अपनी यही बात दोहराई कि राजनीतिक दल बनाने या चुनाव लड़ने में वह शामिल नहीं होंगे.

पूर्ववर्ती टीम अन्ना के सदस्य रहे और बाद में मतभेदों के चलते अलग हो गये चौहान और उनके साथी कार्यकर्ताओं ने सोशल नेटवार्किंग साइटों पर एक वीडियो डाला है जिसमें हजारे को यह कहते सुना जा सकता है कि संसद में अच्छे और ईमानदार लोगों को भेजने की और इसके लिए मतदान प्रतिशत 90 प्रतिशत तक बढ़ाने की जरूरत है.

उन्होंने वीडियो में कहा, ‘हम इसे कैसे हासिल करेंगे. हम पार्टी या समूहों में शामिल नहीं हैं. यह आंदोलन आंदोलन ही रहेगा. आंदोलन के सदस्य यथावत रहेंगे. आंदोलन से जो बदलाव आएगा वो राजनीति से नहीं आएगा. मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं.’ हजारे ने कहा, ‘कुछ लोग कह रहे हैं कि पार्टी बनानी चाहिए. लेकिन काफी हद तक ज्यादातर लोग कह रहे हैं कि पार्टी बनाना या चुनाव लड़ना सही नहीं है. इस बारे में बातचीत हो रही है.’

हजारे की यह टिप्पणी उस समय आई है जब उनके सहयोगी अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पूर्ववर्ती टीम अन्ना के कुछ सदस्य सर्वेक्षण करके राजनीतिक दल गठित करने को लेकर जनता की राय मांग रहे हैं. वैसे तो पार्टी के गठन की घोषणा गांधी जयंती के मौके पर दो अक्तूबर को करने की योजना थी लेकिन ऐसा संभव नहीं दिखाई दे रहा क्योंकि हजारे ने आपत्ति जताकर केजरीवाल से और अधिक लोगों की राय जानने को कहा है.

वीडियो में हजारे को कहते सुना जा सकता है कि जय प्रकाश नारायण या विनोबा भावे राजनीति में नहीं आये लेकिन उनके आंदोलनों से देश में बदलाव आया. उन्होंने देश में चल रहे अनेक आंदोलनों से एक बड़ी शक्ति बनाने के लिए हाथ मिलाने का आह्वान किया और कहा कि अच्छे लोग ही संसद में पहुंचने चाहिए. उन्होंने कहा, ‘इसके लिए किसी पार्टी या समूह को देखने की जरूरत नहीं है.’

चौहान ने कहा कि उन्होंने हजारे को गत रविवार को नई दिल्ली में हुई अपनी बैठक के बारे में अवगत कराया जहां तय हुआ था कि हजारे से अनुरोध किया जाएगा कि वह केजरीवाल से खुद को अलग कर लें और अपने भ्रष्टाचार विरोधी अराजनीतिक आंदोलन में नयी जान फूंकें. राजनीतिक पार्टी बनाने को लेकर अन्ना हजारे के साथियों में मतभेद है और किरण बेदी तथा संतोष हेगड़े जैसे अहम सदस्य भी पार्टी बनाने के फैसले से सहमत नहीं हैं.

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