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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

अन्ना ने आखिर माना, केजरीवाल से दूरियां बढ़ी


समाजसेवी अन्ना हजारे ने माना है कि राजनीतिक विकल्प सहित कुछ मुद्दों पर उनका अरविंद केजरीवाल से मतभेद है। अन्ना ने पत्रकारों को बताया, 'हमारी मंजिल एक है, लेकिन रास्ते अलग-अलग हैं।'

इससे पहले लोकपाल और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को राजनीतिक विकल्प बनाने को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल के बीच मतभेद फिर खुलकर सामने आ गए। केजरीवाल के नेतृत्व वाली संस्था इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) ने अपने सर्वे के हवाले से दावा किया कि 76 फीसदी लोग राजनीतिक पार्टी बनाने के पक्ष में हैं। वहीं अन्ना राजनीतिक विकल्प के खिलाफ अपनी राय जाहिर कर चुके हैं।

अन्ना ने रविवार को राजनीतिक केजरीवाल के राजनीतिक अभियान से खुद को दूर करने का स्पष्ट संकेत दिया था। उन्होंने कहा था कि राजनीति के जरिए जनता को बेहतर भविष्य उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है। साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम में शामिल होने के इच्छुक लोगों से रालेगण सिद्धि आकर मिलने को कहा था। 

इसके अलावा टीम अन्ना के सदस्यों में भी राजनीतिक विकल्प के मसले को लेकर मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। जहां केजरीवाल और प्रशांत भूषण राजनीतिक दल के पक्ष में हैं, वहीं किरण बेदी और अन्य इसकी खिलाफत कर रहे हैं।
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