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खुद नहीं लड़ूंगा चुनाव, सहयोगी चाहें तो लड़ें : अन्ना हजारे


रालेगण सिद्धि। अन्ना हजारे ने साफ कर दिया है कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे। पार्टी बनाने के मुद्दे पर अन्ना का कहना है कि वो जनता से इस बारे में राय लेंगे। उन्होंने कहा कि 17 और 18 सितंबर पर मीटिंग होगी, उसके बाद फाइनल निर्णय लिया जाएगा की क्या पार्टी बनाना चाहिए या नहीं। इसी मुद्दे को लेकर रालेगन सिद्धि में अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल सहित कई सहयोगियों के बीच मीटिंग हुई।

मीटिंग के बाद अन्ना ने कहा कि खुद वो इलेक्शन नहीं लड़ेंगे। अन्ना का कहना है कि सख्त लोकपाल बिल बनवाने के लिए संसद में ईमानदार लोगों को भेजने की जरूरत है। इसके लिए वो जनता के बीच जाकर उन्हें जागरुक करेंगे।


वहीं अरविंद केजरीवाल का कहना है कि पार्टी बनाना चाहिए या नहीं इसके बारे में देश भर से लोगों से राय ली जाएगी। एक हफ्ते तक ईमेल, एसएमएस और फोन कॉल के जरिए लोगों से राय मांगी जाएगी।

अरविंद की मानें तो जो उम्मीदवार उनकी पार्टी से चुनाव लड़ेंगे उसकी अपराधिक छवि नहीं होनी चाहिए, ईमानदार हो, उसके अंदर समाज सेवा की भावना हो। इसके अलावा जीतने के बाद वो बिना लाल बत्ती की गाड़ी रखेंगे। सरकारी बंगले का इस्तेमाल नहीं करना होगा। और उसे 25 हजार रुपए हर महीने वेतन के रूप में मिलेगा। ये सब बातें चुनाव लड़ने पहले ही लागू कर दी जाएगी।


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