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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

भ्रष्ट सरकार के मुखिया' हैं बेअसर मनमोहन सिंह : वाशिंगटन पोस्ट

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नई दिल्ली।। अपने सवा 8 साल के कार्यकाल में सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कार्यप्रणाली को लेकर घरेलू मोर्चे पर पहले से ही सवाल उठाए जा रहे थे, पिछले कुछ दिनों से वह विदेशी अखबारों के भी निशाने पर आ गए हैं। टाइम मैगजीन से अंडरअचिवर, द इंडिपेंडेंट से सोनिया गांधी की कठपुतली का तमगा मिलने के बाद अब अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने उन्हें दया का पात्र करार दिया है।

अखबार ने लिखा है कि मनमोहन सिंह ने कभी देश को आधुनिक, संपन्न और शक्तिशाली बनाने की राह बनाई थी, लेकिन आलोचक अब कहते हैं कि 79 वर्षीय प्रधानमंत्री अपनी असफलताओं के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज होंगे। अखबार लिखता है कि मनमोहन सिंह अपने देश में आर्थिक सुधार के सूत्रधार बने लेकिन अत्यंत ईमानदार, विनम्र और बुद्धिजीवी शख्स की छवि अब बदल चुकी है। अब उनकी छवि ऐसे निष्प्रभावी नौकरशाह की है जो एक भ्रष्ट सरकार को चला रहा है।

अमेरिकी अखबार ने लिखा है कि ईमानदारी और इकॉनमी के क्षेत्र में अनुभव उनकी ताकत मानी जाती थी लेकिन इन्हीं दो मोर्चे पर उनकी सरकार को आईना दिखाया जा रहा है। उनके नेतृत्व में आर्थिक सुधार रुक गए, इकॉनमी की ग्रोथ धीमी पड़ गई और रुपया मटियामेट हो गया। उनकी साख पर इस आरोप से भी बट्टा लगा कि वह अपनी कैबिनेट के सहयोगियों को जेब भरते चुपचाप देखते रहे।


प्रधानमंत्री के पहले कार्यकाल में उनके मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू ने कहा, 'कभी वह सम्मान के पात्र थे और अब उपहास का केंद्र बनकर जीवन के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं।' अखबार ने मनमोहन सिंह की चुप्पी का मज़ाक उड़ाते हुए कहा है कि अब लोग मीटिंग में कहते हैं कि फोन को मनमोहन सिंह मोड में रख दो। एक और जोक का जिक्र अखबार ने किया है, 'मनमोहन सिंह एक बार डेंटिस्ट के यहां गए तो उसने कहा कि क्लीनिक में तो मुंह खोलिए।'

केंद्रीय मंत्री अंबिका सोनी ने अमेरिकी अखबार की टिप्पणी पर नाराजगी जताई है। सोनी ने कहा कि प्रधानमंत्री पर ऐसे आरोप लगाना सरासर गलत है। सोनी ने कहा कि सरकार इस बारे में विरोध जताएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के बारे में पहले भी ऐसा कहा गया था और बाद में माफ़ी मांगी थी। 'द वॉशिंगटन पोस्ट' को हमारे प्रधानमंत्री के बारे में इस तरह की बात करने का उन्हें कोई हक नहीं है। दूसरी तरफ. बीजेपी ने अखबार की टिप्पणी को सही ठहराया है। बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि भ्रष्टाचार का सिंहासन कितना डोल रहा है इसकी जानकारी सबको हो गई है। नकवी ने कहा कि अब इसकी जानकारी पूरी दुनिया को हो गई है।

इससे पहले अमेरिकी मैगजीन 'टाइम' और ब्रिटेन के अखबार 'द इंडिपेंडेंट' भी प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पर सवालिया निशान लगा चुके हैं। 'द इंडिपेंडेंट' ने मनमोहन सिंह का मजाक उड़ाते हुए उन्‍हें कांग्रेस अध्यक्ष की कठपुतली करार दिया था।'द इंडिपेंडेंट' ने लिखा था कि मनमोहन सिंह के पास कोई राजनीतिक ताकत नहीं है और पीएम की कुर्सी पर वह सिर्फ सोनिया गांधी की वजह से बैठे हैं। टाइम मैगजीन ने पीएम के कामकाज के तरीके पर सख्त टिपणी की थी। मैगजीन ने अपने जुलाई अंक में मनमोहन सिंह के फैसला लेने की क्षमता पर भी सवाल उठाते हुए उन्हें 'अंडरअचिवर' करार दिया था।

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